महामृत्युंजय जाप ऑडियो

  1. Mahamrityunjaya Mantra:जानिए महामृत्युंजय मंत्र का महत्व, कब
  2. चमत्कारी है महामृत्युंजय मंत्र, लेकिन जरूरी हैं यह 16 सावधानियां, कब करें इस मंत्र का जाप...
  3. महामृत्युंजय मंत्र जाप विधी का अर्थ और लाभ
  4. महामृत्युंजय मंत्र का हिन्दी अर्थ, कब और कैसे किया जाता है इसका जप
  5. महामृत्युंजय मंत्र: जान लें मंत्र जाप विधि, अर्थ, महत्व और लघु मृत्युंजय मंत्र, मृत्यु को भी टाल देते हैं महाकाल
  6. Maha Mrityunjaya Mantra Hindi/महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ ,जप की सरल विधि और लाभ
  7. चमत्कारी है महामृत्युंजय मंत्र, लेकिन जरूरी हैं यह 16 सावधानियां, कब करें इस मंत्र का जाप...
  8. महामृत्युंजय मंत्र: जान लें मंत्र जाप विधि, अर्थ, महत्व और लघु मृत्युंजय मंत्र, मृत्यु को भी टाल देते हैं महाकाल
  9. महामृत्युंजय मंत्र जाप विधी का अर्थ और लाभ
  10. महामृत्युंजय मंत्र का हिन्दी अर्थ, कब और कैसे किया जाता है इसका जप


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Mahamrityunjaya Mantra:जानिए महामृत्युंजय मंत्र का महत्व, कब

Mahamrityunjaya Mantra: जानिए महामृत्युंजय मंत्र का महत्व, कब-कब करना चाहिए जाप और किन बातों का रखें ख्याल Lord Shiva Mahamrityunjaya Mantra Significance : हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा पाठ,आराधना और धार्मिक अनुष्ठानों में मंत्रों का विशेष महत्व बताया गया है। हिंदू मान्यताओं क अनुसार मंत्रों के जाप से भगवान को प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। हर देवी-देवताओं की उपासना के लिए अलग-अलग मंत्रों का जाप किया जाता है। इन्हीं मंत्रों में सबसे प्रभावी और ताकतवर मंत्र है महामृत्युंजय मंत्र। शिवपुराण और कई धार्मिक ग्रंथों में महामृत्युंजय मंत्र के बारे में इसके महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना सबसे अच्छा उपाय होता है। कई गंभीर बीमारियों, संकटों और रूकावटों को दूर करने के लिए इस मंत्र का जाप बहुत ही असरदार माना गया है। नियमित रूप से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है। इसके अलावा किसी व्यक्ति की कुंडली में मौजूद कई ग्रह दोषों का दूर करने लिए भी महामृत्युंजय का जाप उपयोगी होता है। इस शिव मंत्र में इतनी ऊर्जा होती है कि अकाल मृत्यु को भी टाला जा सकता है। महामृत्युंजय मंत्र का आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व महामृत्युंजय मंत्र का आध्यात्मिक महत्व के साथ-साथ इसका वैज्ञानिक महत्व भी काफी है। स्वर सिद्धांत में इस मंत्र के जाप की उपयोगिता के बारे में बताया गया है। ऊं के उच्चारण में व्यक्ति गहरी सांस का इस्तेमाल करता है जिस कारण से उसके शरीर के विशेष अंगों और नाड़ियों में खास तरह का कंपन पैदा होता है। इस कंपन से शरीर से उच्च स्तरीय व...

चमत्कारी है महामृत्युंजय मंत्र, लेकिन जरूरी हैं यह 16 सावधानियां, कब करें इस मंत्र का जाप...

दूध में निहारते हुए इस मंत्र का जप किया जाए और फिर वह दूध पी लिया जाए तो यौवन की सुरक्षा में भी सहायता मिलती है। साथ ही इस मंत्र का जप करने से बहुत सी बाधाएं दूर होती हैं, अतः इस मंत्र का यथासंभव जप करना चाहिए। महामृत्युंजय मंत्र से शिव पर अभिषेक करने से जीवन में कभी सेहत की समस्या नहीं आती। निम्नलिखित स्थितियों में इस मंत्र का जाप कराया जाता है- How to Care for Indoor Plants in Hindi : घर में हरेभरे पौधा के होने से मन प्रसन्न रहता है और सकारात्मकता फैलती है। क्या आपके गमले में पौधे पनप नहीं पा रहे हैं? जल्दी से मुरझा जाते हैं या पौधों की अच्छी ग्रोथ नहीं हो पा रही है? ऐसे में जानिए हमारे द्वारा बताए गए मात्र 3 टिप्स। इन टिप्स को आजमाएंगे तो आपके पौधे भी हरेभरे होकर महकने लगेंगे। How many shravan somvar in 2023 : आषाढ़ माह से वर्षा ऋ‍तु प्रारंभ हो जाती है। इसके बाद श्रावण माह आता है जिसमें भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। वैसे तो पूरे माह की व्रत रखते हैं परंतु इस माह में सोमवार के दिन व्रत रखने का खास महत्व होता है। आओ जानते हैं कि श्रावण मास कब से हो रहा है प्रारंभ, कितने सोमवार रहेंगे इस माह में? Lal kitab karj mukti ke upay : यदि आप कर्ज के तले दबे हुए हैं और इससे छुटकारा पाने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है तो घबराने की जरूरत नहीं है। हमारे द्वारा बताए गए उपाय करके आप ऋण मुक्त हो सकते हैं परंतु शर्त यह है कि आपके कर्म अच्छे होना चाहिए। उपाय तभी काम करते हैं जबकि आप सच्चे और अच्‍छे हैं। परिवार के प्रति जिम्मेदार हैं। Success in politics astrology : ऐसे भी कई लोग हैं जो सेना या पुलिस में नौकरी करना चाहते हैं। कई लोग हैं जो शासन-प्रशासन में काम करना चाहते है...

महामृत्युंजय मंत्र जाप विधी का अर्थ और लाभ

महामृत्युंजय मंत्र धार्मिक मंत्र है जिसके के अलग-अलग नाम और रूप हैं लेकिन इसे "रुद्र मंत्र" के रूप में भी जाना जाता है। रुद्र मंत्र मे "रूद्र" शब्द का अर्थ भगवान त्र्यंबकेश्वर (भगवान शिव) का उग्र स्वरूप में जाना जाता है। "महामृत्युंजय" शब्द मुख्यतः तीन शब्दों को मिलकर बना हुआ शब्द है जिसका अर्थ, महा (महान), मृत्युंजय (मृत्यु), और जया (मतलब विजय), जिसका संक्षिप्त अर्थ मृत्यु पर जीत हासिल करना है। ये धार्मिक मंत्र प्राचीन हिंदू पाठ ऋषि वशिष्ठ द्वारा लिखित ऋग्वेद में पाया गया है (ऋग्वेद से लेकर यजुर्वेद में इसका उल्लेख पाया गया है), जो भगवान शिव (त्र्यंबकेश्वर) को समर्पित है। बहुत से लोग इसे सबसे शक्तिशाली "त्र्यंबकम मंत्र" से भी जानते है, जिसमें भगवान शिव की तीन आंखों का जिक्र है। महामृत्युंजय का मुख्यतः अर्थ है, बुरी चीजों और आत्मा से अलग होने के भ्रम पर विजय पाना। महामृत्युंजय मंत्र ऋग्वेद (आर.वी. ७. ५९. १२) की एक पंक्ति है, जिसे भगवान त्र्यंबकेश्वर (भगवान शिव) को संबोधित किया जाता है। महामृत्युंजय जाप सभी मंत्रों में सबसे शक्तिशाली मंत्र है जिसके पठन से भक्तो को सर्वोच्च देवता श्री भगवान् त्र्यंबकेश्वर का आशिर्वाद प्राप्त होता है। महामृत्युंजय मंत्र की संस्कृत लिपि (उच्चारण: "ॐ त्र्यम्बकं यजामहे, सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्, मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥" महामृत्युंजय मंत्र का महत्वपूर्ण अर्थ यह है की, हम प्रमुख देवता भगवान त्र्यंबकेश्वर (शिव) की पूजा करते हैं, जो सभी जीवों और प्राणिमात्राओ को पोषण प्रदान करते हैं, उनकी प्रार्थना करते हुए, हम स्वस्थ जीवन और मृत्यु से मुक्ति पाने के लिए प्रार्थना करते हैं। महामृत्युंजय मंत्र का शाब्दिक अर्थ • ओम (ॐ ) - यहाँ ओ...

महामृत्युंजय मंत्र का हिन्दी अर्थ, कब और कैसे किया जाता है इसका जप

रिलिजन डेस्क. महामृत्युंजय मंत्र का उल्लेख ऋग्वेद से लेकर यजुर्वेद तक में मिलताहै। वहीं शिवपुराण सहित अन्य ग्रंथो में भीइसका महत्व बताया गया है। संस्कृत में महामृत्युंजय उस व्यक्ति को कहते हैं जो मृत्यु को जीतने वाला हो। इसलिए भगवान शिव की स्तुति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप किया जाता है। इसके जप से संसार के सभी कष्ट से मुक्ति मिलती हैं। ये मंत्र जीवन देने वाला है। इससे जीवनी शक्ति तो बढ़ती ही है साथ ही सकारात्मकता बढ़ती है। महामृत्युंजय मंत्र के प्रभाव से हर तरह का डर और टेंशन खत्म हो जाती है। शिवपुराण में उल्लेख किए गए इस मंत्र के जप से आदि शंकराचार्य को भी जीवन की प्राप्ती हुई थी। • महामृत्युंजय मंत्र ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्व: भुव: भू: ॐ स: जूं हौं ॐ !! • महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ त्रयंबकम- त्रि.नेत्रों वाला ;कर्मकारक। यजामहे- हम पूजते हैं, सम्मान करते हैं। हमारे श्रद्देय। सुगंधिम- मीठी महक वाला, सुगंधित। पुष्टि- एक सुपोषित स्थिति, फलने वाला व्यक्ति। जीवन की परिपूर्णता वर्धनम- वह जो पोषण करता है, शक्ति देता है। उर्वारुक- ककड़ी। इवत्र- जैसे, इस तरह। बंधनात्र- वास्तव में समाप्ति से अधिक लंबी है। मृत्यु- मृत्यु से मुक्षिया, हमें स्वतंत्र करें, मुक्ति दें। मात्र न अमृतात- अमरता, मोक्ष। • महामृत्युंजय मंत्र कासरल अनुवाद इस मंत्र का मतलब है कि हम भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो हर श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं और पूरे जगत का पालन-पोषण करते हैं। • महामृत्युंजय मंत्र का जप ऐसे किया जाता है रोज रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जप करने से अकाल मृत्यु...

महामृत्युंजय मंत्र: जान लें मंत्र जाप विधि, अर्थ, महत्व और लघु मृत्युंजय मंत्र, मृत्यु को भी टाल देते हैं महाकाल

Mahamrityunjaya Mantra: भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र तो अत्यंत ही प्रभावी है. जो इस मंत्र को सिद्ध कर लेता है, वह एक प्रकार से अकाल मृत्यु पर विजय प्राप्त कर सकता है. महामृत्युंजय मंत्र भी दो प्रकार का है. एक संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र और दूसरा लघु मृत्युंजय मंत्र. मार्कण्डेय जी ने महामृत्युंजय मंत्र की रचना की थी और सबसे पहले इसका जाप किया था. भगवान शिव आदि हैं और अंत भी. वे महाकाल हैं, जिनसे काल भी स्वयं भय खाता है. महादेव जिस भक्त पर कृपा कर देते हैं, उसकी मृत्यु भी टल जाती है. वे सभी मनोकामनाओं को पूर्ण कर देने वाले शिव शम्भू हैं. बेलपत्र से प्रसन्न होने वाले भोलेनाथ हैं. वे जितने ही सहज और सरल हैं, उतने ही उनके मंत्र प्रभावशाली हैं. काशी के पंडित शिवम शुक्ला से जानते हैं महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ, महामृत्युंजय मंत्र की जाप ​विधि और उसका महत्व. महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे • महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है. • मृत्यु तुल्य कष्ट या अकाल मृत्यु के योग को काट देने की क्षमता एक मात्र महामृत्युंजय मंत्र में है. • राज सत्ता से सजा मिलने का डर हो या शत्रुओं से हानि या बड़े धन हानि की आशंका हो, तब भी महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है. • धन संपत्ति, जमीन जायदाद के विवाद के निपटारे या सफलता के लिए भी महामृत्युंजय मंत्र का जाप होता है. • ग्रह दोष, तंत्र-मंत्र की नकारात्मकता को दूर करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप होता है. • शिव पुराण के अनुसार, महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के जीवन की समस्त बाधाओं का अंत होता है. • पुत्र प्राप्ति और परिवार की उन्नति के लिए भी महामृत्युंजय मंत्र का जाप होता है. पढ़ें: कब करें महामृत्‍यु...

Maha Mrityunjaya Mantra Hindi/महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ ,जप की सरल विधि और लाभ

Maha Mrityunjaya Mantra hindi / महामृत्युंजय मंत्र हिन्दू धरम में सर्वोच्च माने जाने वाले देवों के देव महादेव भगवान शिव की आराधना करने से मनुष्य सभी सांसारिक सुखों को प्राप्त कर अंत में मोक्ष को प्राप्त होता है | महामृत्युंजय मंत्र( Maha Mrityunjaya Mantra hindi) भगवान शिव का सबसे बड़ा मंत्र माना जाता है | ऋग्वेद में इस मंत्र का उल्लेख मिलता है | शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि ऋषि मार्कंडेय की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव द्वारा यह मंत्र ऋषि मार्कंडेय को दिया गया था | मोक्ष की इच्छा रखने वाले जातक के लिए महामृत्युंजय मंत्र( Maha Mrityunjaya Mantra hindi) सबसे उपयुक्त है | Maha Mrityunjaya Mantra hindi महा मृत्युंजय मंत्र के जप करने के लाभ :- महामृत्युंजय मंत्र के जप/ Jap करने से असाध्य रोग से पीड़ित व्यक्ति को रोग से छुटकारा मिलता है |यदि कोई ऐसा बीमार व्यक्ति जो असहनीय पीड़ा झेल रहा हो और जीवन और मृत्यु के बीच में दिखाई देने लगे | ऐसे में उस व्यक्ति के नाम से किसी विद्वान पंडित द्वारा महा मृत्युंजय मंत्र के सवा लाख जाप करवाने से सम्भावना है कि उसकी पीड़ा शांत हो जाये नहीं तो पीड़ित व्यक्ति अपनी पीड़ा से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त होता है| स्वस्थ व्यक्ति इस मंत्र/ Mantra के नियमित जाप से मृत्यु के भय से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त होता है | कुछ लोगों में ऐसी अवधारणा बनी हुई है कि महा मृत्युंजय मंत्र का जाप केवल विशेष परिस्थितियों में ही किया जाना चाहिए | किन्तु ऐसा नहीं है महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करना पूरी तरह से सुरक्षित है और किसी भी व्यक्ति द्वारा इस मंत्र का जाप किया जा सकता है | इस मंत्र के नियमित जाप और श्रवण मात्र से मनुष्य को सभी प्रकार से भय , रोग, दोष और पाप आ...

चमत्कारी है महामृत्युंजय मंत्र, लेकिन जरूरी हैं यह 16 सावधानियां, कब करें इस मंत्र का जाप...

दूध में निहारते हुए इस मंत्र का जप किया जाए और फिर वह दूध पी लिया जाए तो यौवन की सुरक्षा में भी सहायता मिलती है। साथ ही इस मंत्र का जप करने से बहुत सी बाधाएं दूर होती हैं, अतः इस मंत्र का यथासंभव जप करना चाहिए। महामृत्युंजय मंत्र से शिव पर अभिषेक करने से जीवन में कभी सेहत की समस्या नहीं आती। निम्नलिखित स्थितियों में इस मंत्र का जाप कराया जाता है- चाणक्य नीति आज भी प्रासंगिक है, जिन्होंने भी इस नीति का पालन किया वह सुखी हो गया है। आचार्य चाणक्य ने धर्म, राजनीति, अर्थ, राज्य, देश, जीवन, स्त्री, पुरुष सभी विषयों पर अपने विचार चाणक्य नीति में व्यक्त किए हैं। चाणक्य के अनुसार कुछ ऐसे लोग होते हैं जिनके साथ रहने से जीवन नरक के रहने जैसा बन जाता है। अत: तुरंत ही ऐसे लोग और स्थान को छोड़ देने में ही भलाई है। Yogini Ekadashi 2023 Date And Muhurat : आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार इस एकादशी का व्रत 14 जून को रखा जाएगा। कहते हैं कि योगिनी एकादशी का व्रत करना अठ्यासी हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर है। आओ जानते हैं इस दिन के शुभ योग संयोग और शुभ मुहूर्त। Budhaditya Yoga 2023: 15 मई को सूर्य ने वृषभ राशि में प्रवेश किया था जो 15 जून तक वहीं गोचर करेंगे। 7 जून को बुध ग्रह ने वृषभ राशि में गोचर किया है। दोनों के एक ही राशि में होने से बुधादित्य योग बना है। शुक्र की राशि वृषभ में इस योग का निर्माण शुभ माना जाता है। ऐसे में 4 राशियों को इससे बहुत लाभ होगा। Dakshin disha ke makan ka vastu : दक्षिण मुखी घर एक समय के बाद बुरा फल देना प्रारंभ करता है। दक्षिण दिशा पर मंगल का प्रभाव रहता है इसलिए मंगल हमारे शरीर में खून, रिश्‍...

महामृत्युंजय मंत्र: जान लें मंत्र जाप विधि, अर्थ, महत्व और लघु मृत्युंजय मंत्र, मृत्यु को भी टाल देते हैं महाकाल

Mahamrityunjaya Mantra: भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र तो अत्यंत ही प्रभावी है. जो इस मंत्र को सिद्ध कर लेता है, वह एक प्रकार से अकाल मृत्यु पर विजय प्राप्त कर सकता है. महामृत्युंजय मंत्र भी दो प्रकार का है. एक संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र और दूसरा लघु मृत्युंजय मंत्र. मार्कण्डेय जी ने महामृत्युंजय मंत्र की रचना की थी और सबसे पहले इसका जाप किया था. भगवान शिव आदि हैं और अंत भी. वे महाकाल हैं, जिनसे काल भी स्वयं भय खाता है. महादेव जिस भक्त पर कृपा कर देते हैं, उसकी मृत्यु भी टल जाती है. वे सभी मनोकामनाओं को पूर्ण कर देने वाले शिव शम्भू हैं. बेलपत्र से प्रसन्न होने वाले भोलेनाथ हैं. वे जितने ही सहज और सरल हैं, उतने ही उनके मंत्र प्रभावशाली हैं. काशी के पंडित शिवम शुक्ला से जानते हैं महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ, महामृत्युंजय मंत्र की जाप ​विधि और उसका महत्व. महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे • महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है. • मृत्यु तुल्य कष्ट या अकाल मृत्यु के योग को काट देने की क्षमता एक मात्र महामृत्युंजय मंत्र में है. • राज सत्ता से सजा मिलने का डर हो या शत्रुओं से हानि या बड़े धन हानि की आशंका हो, तब भी महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है. • धन संपत्ति, जमीन जायदाद के विवाद के निपटारे या सफलता के लिए भी महामृत्युंजय मंत्र का जाप होता है. • ग्रह दोष, तंत्र-मंत्र की नकारात्मकता को दूर करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप होता है. • शिव पुराण के अनुसार, महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के जीवन की समस्त बाधाओं का अंत होता है. • पुत्र प्राप्ति और परिवार की उन्नति के लिए भी महामृत्युंजय मंत्र का जाप होता है. पढ़ें: कब करें महामृत्‍यु...

महामृत्युंजय मंत्र जाप विधी का अर्थ और लाभ

महामृत्युंजय मंत्र धार्मिक मंत्र है जिसके के अलग-अलग नाम और रूप हैं लेकिन इसे "रुद्र मंत्र" के रूप में भी जाना जाता है। रुद्र मंत्र मे "रूद्र" शब्द का अर्थ भगवान त्र्यंबकेश्वर (भगवान शिव) का उग्र स्वरूप में जाना जाता है। "महामृत्युंजय" शब्द मुख्यतः तीन शब्दों को मिलकर बना हुआ शब्द है जिसका अर्थ, महा (महान), मृत्युंजय (मृत्यु), और जया (मतलब विजय), जिसका संक्षिप्त अर्थ मृत्यु पर जीत हासिल करना है। ये धार्मिक मंत्र प्राचीन हिंदू पाठ ऋषि वशिष्ठ द्वारा लिखित ऋग्वेद में पाया गया है (ऋग्वेद से लेकर यजुर्वेद में इसका उल्लेख पाया गया है), जो भगवान शिव (त्र्यंबकेश्वर) को समर्पित है। बहुत से लोग इसे सबसे शक्तिशाली "त्र्यंबकम मंत्र" से भी जानते है, जिसमें भगवान शिव की तीन आंखों का जिक्र है। महामृत्युंजय का मुख्यतः अर्थ है, बुरी चीजों और आत्मा से अलग होने के भ्रम पर विजय पाना। महामृत्युंजय मंत्र ऋग्वेद (आर.वी. ७. ५९. १२) की एक पंक्ति है, जिसे भगवान त्र्यंबकेश्वर (भगवान शिव) को संबोधित किया जाता है। महामृत्युंजय जाप सभी मंत्रों में सबसे शक्तिशाली मंत्र है जिसके पठन से भक्तो को सर्वोच्च देवता श्री भगवान् त्र्यंबकेश्वर का आशिर्वाद प्राप्त होता है। महामृत्युंजय मंत्र की संस्कृत लिपि (उच्चारण: "ॐ त्र्यम्बकं यजामहे, सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्, मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥" महामृत्युंजय मंत्र का महत्वपूर्ण अर्थ यह है की, हम प्रमुख देवता भगवान त्र्यंबकेश्वर (शिव) की पूजा करते हैं, जो सभी जीवों और प्राणिमात्राओ को पोषण प्रदान करते हैं, उनकी प्रार्थना करते हुए, हम स्वस्थ जीवन और मृत्यु से मुक्ति पाने के लिए प्रार्थना करते हैं। महामृत्युंजय मंत्र का शाब्दिक अर्थ • ओम (ॐ ) - यहाँ ओ...

महामृत्युंजय मंत्र का हिन्दी अर्थ, कब और कैसे किया जाता है इसका जप

रिलिजन डेस्क. महामृत्युंजय मंत्र का उल्लेख ऋग्वेद से लेकर यजुर्वेद तक में मिलताहै। वहीं शिवपुराण सहित अन्य ग्रंथो में भीइसका महत्व बताया गया है। संस्कृत में महामृत्युंजय उस व्यक्ति को कहते हैं जो मृत्यु को जीतने वाला हो। इसलिए भगवान शिव की स्तुति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप किया जाता है। इसके जप से संसार के सभी कष्ट से मुक्ति मिलती हैं। ये मंत्र जीवन देने वाला है। इससे जीवनी शक्ति तो बढ़ती ही है साथ ही सकारात्मकता बढ़ती है। महामृत्युंजय मंत्र के प्रभाव से हर तरह का डर और टेंशन खत्म हो जाती है। शिवपुराण में उल्लेख किए गए इस मंत्र के जप से आदि शंकराचार्य को भी जीवन की प्राप्ती हुई थी। • महामृत्युंजय मंत्र ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्व: भुव: भू: ॐ स: जूं हौं ॐ !! • महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ त्रयंबकम- त्रि.नेत्रों वाला ;कर्मकारक। यजामहे- हम पूजते हैं, सम्मान करते हैं। हमारे श्रद्देय। सुगंधिम- मीठी महक वाला, सुगंधित। पुष्टि- एक सुपोषित स्थिति, फलने वाला व्यक्ति। जीवन की परिपूर्णता वर्धनम- वह जो पोषण करता है, शक्ति देता है। उर्वारुक- ककड़ी। इवत्र- जैसे, इस तरह। बंधनात्र- वास्तव में समाप्ति से अधिक लंबी है। मृत्यु- मृत्यु से मुक्षिया, हमें स्वतंत्र करें, मुक्ति दें। मात्र न अमृतात- अमरता, मोक्ष। • महामृत्युंजय मंत्र कासरल अनुवाद इस मंत्र का मतलब है कि हम भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो हर श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं और पूरे जगत का पालन-पोषण करते हैं। • महामृत्युंजय मंत्र का जप ऐसे किया जाता है रोज रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जप करने से अकाल मृत्यु...