महाराणा प्रताप हिस्ट्री इन हिंदी

  1. महाराणा प्रताप की कहानी (कथा)
  2. महाराणा प्रताप — महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 ई. को हुआ था।
  3. Maharana Pratap Biography In Hindi
  4. महाराणा प्रताप का जीवन परिचय
  5. Maharana Pratap Biography in Hindi


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महाराणा प्रताप की कहानी (कथा)

महाराणा प्रताप को राजपूत वीरता, शिष्टता और दृढ़ता की एक मिसाल माना जाता है। दुश्मनों के सामने सिर्फ महाराणा प्रताप का नाम लेने भर से सेना के पसीने छूट जाते थे। एक ऐसा राजा जो विषम से विषम परिस्थिति में किसी के आगे झुका नहीं। महाराणा प्रताप को जितना उनकी बहादुरी के लिए जाना जाता है, उतनी ही उनकी दरियादिली और प्रजा व राज्य से उनका प्रेम जगजाहिर है। कुछ इतिहासकार बताते हैं कि प्रताप निहत्थे दुश्मन के लिए भी एक तलवार रखते थे। महाराणा प्रताप (महाराणा प्रताप की कहानी इन हिंदी) पर बहुत सी फिल्में और धारावाहिक बने। कई शोध हुए और उन पर किताबें भी लिखी गई। आज भी प्रताप की गौरव गाथा बच्चों को पढ़ाई जाती है। ताकि उनकी भी रगों में महाराणा प्रताप की तरह देशभक्ति और बहादुरी का प्रवाह बना रहे। आइए नजर डालते हैं भारत का वीर पुत्र कहा जाने वाले महाराणा प्रताप की जीवन कथा हिंदी में (maharana pratap ki kahani)। तो चलिए जाने महाराणा प्रताप की कहानी इन हिंदी और उनकी शौर्य गाथा से जुड़ें विचारों के बारे में। Table of Contents • • • • • • • • • महाराणा प्रताप कौन थे महाराणा प्रताप (maharana pratap itihas) मेवाड़ के महान हिंदू शासक थे। वे उदयपुर, मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा थे। वे अकेले ऐसे वीर थे, जिसने मुग़ल बादशाह अकबर की अधीनता किसी भी प्रकार स्वीकार नहीं की। वे हिन्दू कुल के गौरव को सुरक्षित रखने में सदा तल्लीन रहे। वीरता और आजादी के लिए प्यार तो राणा के खून में समाया था क्योंकि वह राणा सांगा के पोते और उदय सिंह के पुत्र थे। राजस्थान के मध्यकालीन इतिहास का सबसे चर्चित युद्ध हल्दीघाटी का युद्ध था जो मुगल बादशाह अकबर और महराणा प्रताप के बीच हुआ था। अकबर और महाराणा प्रताप (maharana pratap ...

महाराणा प्रताप — महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 ई. को हुआ था।

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Maharana Pratap Biography In Hindi

आज के हमारे लेख में आपका स्वागत है। नमस्कार मित्रो आज हम Maharana Pratap Biography In Hindi बताने वाले है। जिनकी बहादुरी ओरे पराक्रम से दिल्ही बादशाह अकबर भी कांपने लगता था। मेवाड़ के महान राजपूत नरेश महाराणा प्रताप अपने पराक्रम और शौर्य के लिए पूरी दुनिया में मिसाल के तौर पर जाने जाते हैं। आज हम maharana pratap vs akbar के युद्ध ,maharana pratap family और maharana pratap ki story से जुडी सभी बातो से वाकिफ कराने वाले है। maharana pratap sword weight 80 किलोग्राम था। maharana pratap height in feet 2.26 m बताई जाती है। महाराणा प्रताप की कथा सदियों सदियों तक इतिहास के पन्नो पे। और भारत की शौर्य गाथाओ में गूजती रहेगी। क्योकि महाराणा प्रताप इतने बहादुर और प्रतापी शाशक थे। की उनके राज्य की और हमला तो ठीक लेकिन कोई आंख उठाके देखने बह नहीं चाहता था। उन्होंने कई वक्त युद्ध के मैदान में अकबर जैसे दिल्ही सल्तनज को करारी हर का सामना करवाया था। चलिए दोस्तों हम आपको maharana pratap ka jivan parichay बताते हे। Maharana Pratap Biography In Hindi – नाम महाराणा प्रताप जन्म 9 मई, 1540 पिता उदयसिंह माता महाराणी जयवंताबाई भाई शक्ति सिंह जन्मस्थान राजस्थान के कुंभलगढ़ राजवंश सिसोदिया कुल देवता एकलिंग महादेव घोड़ा चेतक दिल्ली की सल्तनज – Delhi Sultanaj Maharana Pratap महाराणा प्रताप के प्राचीन काल समय दिल्ली पर मुगल सम्राट अकबर का शासन था। दिल्ली के मुगल सम्राट अकबर जो भारत के सभी राजा-महाराजाओं को अपने अधीन कर मुगल साम्राज्य की स्थापना कर इस्लामिक परचम को पूरे हिन्दुस्तान में फहराना चाहता था। लेकिन मेवाड़ के महान राजपूत नरेश महाराणा प्रताप ने 30 वर्षों के लगातारअकबर के प्रयास के बावजूद महाराणा प्र...

महाराणा प्रताप का जीवन परिचय

“माई ऐडा पूत जण जैडा राणा प्रताप” राजस्थान में प्रचलित इस कहावत में हर जननी से महाराणा प्रताप जैसे पुत्रों को जन्म देने का आह्वान किया गया हैं, इसके पीछे राणा की वीरता और साहसी जीवन ही प्रेरणा का मुख्य स्त्रोत हैं, और मेवाड़ी हो या राजस्थानी या कोई भारतीय, सबको प्रताप जैसे वीरों पर गर्व हैं. प्रताप का जीवन राजस्थान के गौरवशाली इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिखा गया वो अध्याय हैं जिसकी आभा सदियों तक आम-जन को प्रेरित करती रहेगी. क्र. म. (s.No.) परिचय बिंदु ( Introduction Points) परिचय ( Introduction) 1. पूरा नाम ((Full Name) महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया 2. जन्म दिन (Birth Date) 9 मई 1540 3. जन्म स्थान (Birth Place) कुम्भलगढ़ किला,राजस्थान 4. पेशा (Profession) उदयपुर और पुरे मेवाड़ के राजा 5. राष्ट्रीयता (Nationality) भारतीय 6. उम्र (Age) 56 वर्ष 7. गृहनगर (Hometown) मेवाड़ 8. धर्म (Religion) हिन्दू 9. जाति (Caste) राजपूत 10. वैवाहिक स्थिति (Marital Status) विवाहित 11. राशि (Zodiac Sign) वृषभ 12. मृत्यु (Death) 19 जनवरी 1597 प्रारम्भिक जीवन और बचपन (Early Life and Childhood) • प्रताप का जन्म भारतीय तिथि के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल की तृतीय को हुआ था , इस कारण आज भी प्रतिवर्ष इस दिन महाराणा प्रताप का जन्म दिन मनाया जाता हैं. राणा उदय सिंह द्वितीय के 33 बच्चे थे, जिनमें प्रताप सिंह सबसे बड़े पुत्र थे, प्रताप बचपन से ही स्वाभिमानी और देशभक्त थे, साथ ही वो बहादुर और संवेदनशील भी थे. उन्हें खेलों और हथियार के प्रशिक्षण में रूचि थी. • वास्तव में प्रताप को मेवाड़ के प्रति अपनी जिम्मेदारी की समझ बहुत जल्द आ गयी थी, इस कारण बहुत कम उम्र में ही उन्होंने हथियार, घुड़सवारी, युद्ध का प्रशिक्षण लेना...

Maharana Pratap Biography in Hindi

1.2.1 महाराणा प्रताप महान का व्यक्तित्व| Maharan Pratap Mahan ka Vyktitva (the personality of Maharana Pratap Singh Sisodiya Maha) Maharana Pratap Biography History Jivani in Hindi| महाराणा प्रताप का जीवन परिचय Maharana Pratap Biography History Jivani in Hindi राजस्थान के राजपूत राज्यों ने भारत में आने वाली विदेशी आक्रमणकारियों का प्रारंभ से ही प्रतिरोध किया, पृथ्वीराज के बाद मेवाड़ के महाराणा सांगा, मारवाड़ के मालदेव, राव चंद्रसेन, सिरोही के देवड़ा सुरताण, इत्यादि ने इस संघर्ष को जारी रखा सन 1526 ईस्वी के पानीपत के प्रथम युद्ध में इब्राहिम लोदी को हराकर बाबर ने दिल्ली पर मुगल शेरशाह सूर से हार गया, दिल्ली पर शेर शाह सूर के वंशज अधिक समय तक शासन नहीं संभाल सके, 15 वर्ष के भीतर उसके एक प्रधान हरियाणा में रेवाड़ी के हेमचंद्र जो कि हेमू के नाम से प्रसिद्ध है उन्होंने दिल्ली की गद्दी पर अधिकार कर लिया, हेमचंद्र ‘विक्रमादित्य’ के नाम से दिल्ली की गद्दी पर बैठा वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बायोग्राफी इन हिंदी | Veer Shiromani Maharana Pratap Biography jivani Parichay Veer Shiromani Maharana Pratap Biography Jivani Kahani वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 ईसवी को कुंभलगढ़ में हुआ, इनके पिता का नाम महाराणा उदय सिंह व माता का नाम जयंताभाई सोनगरा था, महाराणा उदय सिंह की 28 फरवरी 1572 ईस्वी में मृत्यु हो गई और उसी दिन महाराणा प्रताप का 32 वर्ष की आयु में गोगुंदा में राज्यारोहण​ हुआ, यह शासन महाराणा प्रताप के लिए कांटो का मुकुट था, किंतु स्वतंत्रता प्रेमी महाराणा प्रताप ने इसे संघर्ष स्वीकार किया, वह तनिक भी विचलित नहीं हुए महाराणा प्रताप ने कुंभलगढ़ और गोगुंदा को केंद्र बनाक...