महाराणा प्रताप जयंती फोटो

  1. Maharana Pratap Jayanti 2022: 7.5 फीट लंबे थे महाराणा प्रताप, साथ में लेकर चलते थे 80 किलो का भाला, जानें उनसे जुड़ी रोचक बातें
  2. Maharana Pratap Jayanti 2022 Wishes, Quotes, Images, Whatsapp Status, Messages
  3. महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं
  4. महाराणा प्रताप की 479 जयंती आज, पीएम मोदी ने ट्वीट कर किया नमन
  5. महाराणा प्रताप जयंती 2024, 2025 और 2026
  6. महाराणा प्रताप की 479 जयंती आज, पीएम मोदी ने ट्वीट कर किया नमन
  7. महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं
  8. Maharana Pratap Jayanti 2022: 7.5 फीट लंबे थे महाराणा प्रताप, साथ में लेकर चलते थे 80 किलो का भाला, जानें उनसे जुड़ी रोचक बातें


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गोधा, संवाददाता। वीर महाराणा प्रताप राजपूत सेना के पदाधिकारियों ने वीर शिरोमण महाराणा प्रताप की जयंती मनाई। अध्यक्ष धर्मवीर सिंह चौहान, विवेक चौहान ने महापुरुषों के दिखाए मार्ग पर चलने का प्रण लेने को कहा। कार्यक्रम में राजपूत सभा के बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। गवेन्द्र सिंह चौहान निशांत चौहान, कौशलेंद्र चौहान, विवेक चौहान, टिंकू चौहान, अरुण चौहान, हिरदेश चौहान, रिंकू चौहान, द्रोणा चौहान, शेरा राघव, संजीव चौहान, रोहित ठाकुर, सोनू चौहान, मोहित चौहान, डॉक्टर हितेश चौहान, विक्रम चौहान, मोनू चौहान, हिमांशु चौहान, विनय तोमर आदि मौजूद थे।

Maharana Pratap Jayanti 2022: 7.5 फीट लंबे थे महाराणा प्रताप, साथ में लेकर चलते थे 80 किलो का भाला, जानें उनसे जुड़ी रोचक बातें

महाराणा प्रताप भारत के सबसे बहादुर 09 मई 1540 को प्रताप का जन्म मेवाड़ के कुंभलगढ़ में सिसोदिया वंश में हुआ था. उनके पिता का नाम उदय सिंह द्वितीय और माता का नाम महारानी जयवंता बाई था. महाराणा प्रताप का नाम भारत माता के सच्चे सपूत के रूप में लिया जाता है जिन्होंने कभी घास से बनी रोटी खाने का विकल्प चुना लेकिन कभी भी दुश्मन के आगे घुटने नहीं टेके. अपनी मातृभूमि के लिए आखिरी सांस तक बहादुरी से लड़ते रहे. आज Maharana Pratap Jayanti 2022 के मौके पर जानिए उनसे संबंधित कुछ दिलचस्प बातें. 1. इतिहासकारों के अनुसार, महान राजपूत शासक प्रताप सिंह की लंबाई सात फीट और पांच इंच थी जबकि उनका वजन लगभग 110 किलोग्राम था. 2. बताया जाता है कि महाराणा प्रताप 104 किलोग्राम वजन वाली दो तलवारें उठाकर चल सकते थे. कहा जाता है कि उनके कवच का वजन करीब 72 किलोग्राम था जबकि वह 80 किलोग्राम का भाला लेकर चलते थे. 3. ज्यादातर राजपूत शासकों ने मुगलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था और अकबर के साथ संधि कर ली थी. पर महाराणा प्रताप पश्चिमी भारत में एकमात्र राजा थे जो उनके खिलाफ खड़े रहे. अपनी आखिरी सांस तक वह मुगलों के खिलाफ लड़े. 4. अपने साहस के लिए जाने जाने वाले, महाराणा प्रताप को भारत का पहला "मूल स्वतंत्रता सेनानी" कहा जाता है क्योंकि वह मुगलों के खिलाफ खड़े हुए और अकबर की सेनाओं से बहादुरी से लड़े. 5. महाराणा प्रताप भले ही हल्दीघाटी की लड़ाई हार गए पर इस बहादुर राजपूत शासक ने आत्मसमर्पण करने से इनकार कर दिया था. कहा जाता है कि महाराणा प्रताप को बंदी बनाना अकबर का सपना था लेकिन वह अपने जीवनकाल में ऐसा करने में सफल नहीं हो सके. गोगुन्दा और बूंदी सहित सभी राजपूत राजवंशों ने अकबर के सामने आत्मसमर्पण कर दिया थ...

Maharana Pratap Jayanti 2022 Wishes, Quotes, Images, Whatsapp Status, Messages

आज यानि 9 मई को महाराणा प्रताप की जयंती है। साल 1540 में इसी दिन मेवाड़ के महान राजपूत शासक महाराणा प्रताप का जन्म हुआ था, हर साल इस दिन को देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। राजस्थान के कुंभलगढ़ में जन्में महाराणा प्रताप भारत के महान राजाओं में से एक थे जिन्होंने कई मुगल शासकों को बुरी तरह पछाड़ा था। महाराणा प्रताप ने अपनी मां से युद्ध कौशल सीखा था। महाराणा प्रताप उदयपुर, मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा थे जिन्होंने मुग़ल बादशाह अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की थी। वे हिन्दू कुल के गौरव को सुरक्षित रखने में सदा तल्लीन रहे। 9 मई को इस वीर योद्धा की जयंती मनाई जाती है और उनकी वीरता और साहस को याद किया जाता है। आप भी इस खास मौके पर महाराणा प्रताप के विचारों के साथ कुछ संदेशों के माध्यम से एक-दूसरे को शुभकामनाएं दें। जब राणा ने प्राण गवाएं, तब भारत मां ने अपना वीर सुपुत्र खोया। चला गया वो वीर, लड़ता हुआ अपनी आखिरी सांस तक और भर गया हममें उमंग भारत मां के लिए जीने की। Happy Maharana Pratap Jayanti जब-जब तेरी तलवार उठी, तो दुश्मन टोली डोल गई, फीकी पड़ी दहाड़ शेर की, जब-जब तूने हुंकार भरी। Happy Maharana Pratap Jayanti चेतक पर चढ़ जिसने, भाला से दुश्मन संघारे थे, मातृ भूमि के खातिर , जंगल में कई साल गुजारे थे। Happy Maharana Pratap Jayanti हे प्रताप मुझे तू शक्ति दे, दुश्मन को मैं भी हराऊंगा, मैं हूं तेरा एक अनुयायी, दुश्मन को मार भगाऊंगा। Happy Maharana Pratap Jayanti मुझे उस देश में जन्म लेने पर गर्व महसूस होता है जो महाराणा प्रताप का भी है…. महाराणा प्रताप जयंती की बहुत बहुत बधाई। Happy Maharana Pratap Jayanti आओ साथ मिलकर ऐसा देश बनाएं जिसकी कामना महाराणा प्रताप ने की ...

महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं

महाराणा प्रताप जयंती 2022 – महाराणा प्रताप को पूरा भारत उनकी वीरता, शूरवीरता तथा पराक्रम के कारण जानता है| महाराणा प्रताप मेवाड़ के राजपूत संघ के हिंदू महाराजा थे|राणा उदय सिंह द्वितीय के सबसे बड़े बेटे, वह नामित ताज मूल्य थे जिन्होंने अपने पिता के शासनकाल में अपने बहादुरी को प्रदर्शित करना शुरू किया था। अपने क्षेत्र को जीतने के लिए मुगल सम्राट अकबर के प्रयासों का सफलतापूर्वक विरोध करने के लिए बहुत प्रसिद्ध, उन्हें राजस्थान में नायक के रूप में सम्मानित किया जाता है| आज के इस पोस्ट में हम आपको महाराणा प्रताप जयंती की शुभकामना, महाराणा प्रताप जयंती संस एंड विशेष, हिंदी विशेष ऑन महाराणा प्रताप जयंती, आदि की जानकारी देंगे| महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक बधाई Maharana Pratap jaise yodha sahstrabdiyon, me kewal ek baar hi janam lete hai, wo bhi rajputon ke maan samman or gaurav ko badhane ke liye. Happy Maharana Pratap Jayanti करता हुं नमन मै प्रताप को,जो वीरता का प्रतीक है। तु लोह-पुरुष तु मातॄ-भक्त,तु अखण्डता का प्रतीक है॥ महाराणा प्रताप जयंती की शुभकामना हे प्रताप मुझे तु शक्ती दे,दुश्मन को मै भी हराऊंगा। मै हु तेरा एक अनुयायी,दुश्मन को मार भगाऊंगा॥ महाराणा प्रताप जयंती की शुभकामना है धर्म हर हिन्दुस्तानी का,कि तेरे जैसा बनने का। चलना है अब तो उसी मार्ग,जो मार्ग दिखाया प्रताप ने॥ महाराणा प्रताप जयंती की शुभकामना महाराणा प्रताप जयंती बधाई सन्देश Tera Prakop sare Sansaar ka Mahapralay ho, Teri Prasannata hi Anand ka Vishay ho, wah bhakti de ki Bismil Sukh mai tujhe na bhule, wah sakti de ki dukh me kayar na ye dil ho. Happy Maharana Pratap Jayanti जब-जब तेरी तलवार उठी, तो दुश्म...

महाराणा प्रताप की 479 जयंती आज, पीएम मोदी ने ट्वीट कर किया नमन

वीर शिरोमणि बलिदान और साहस की प्रतिमूर्ति थे प्रताप पीएम मोदी समेत प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे तथा कई अन्य नेताओं ने महाराणा प्रताप को यादकर आमजन से उनके बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया है. सीएम अशोक गहलोत ने अपने ट्वीट में कहा कि महाराणा प्रताप त्याग, बलिदान और साहस की प्रतिमूर्ति थे. उनके त्याग को सदैव याद किया जाएगा और वे प्रेरणा देते रहेंगे. वहीं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जैसे प्रखर विचारक के आदर्शों को जीवन में आत्मसात कर राष्ट्र कल्याण में सम्पूर्ण भागीदारी निभाने का संकल्प लें. प्रताप को सिर्फ एक दिन याद करके नहीं भूलना चाहिए प्रताप जयंती के अवसर पर गुरुवार को प्रदेश के कोने-कोने में समारोहों का आयोजन कर उनको याद किया जा रहा है. उदयपुर में महाराणा प्रताप के वंशज और मेवाड़ के पूर्व राजघराने के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने मोती मगरी स्थित महाराणा प्रताप स्मारक पर पुष्पांजली अर्पित की और विधि विधान से पूजा की. इस दौरान शाही परंपराओं का निर्वहन करते हुए पूजा करवाई गई. पूजन और पुष्पांजली कार्यक्रम के दौरान शाही बैंड शाही धुन बजाते रहे. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि महाराणा प्रताप को सिर्फ एक दिन याद करके नहीं भूलना चाहिए, बल्कि उन्हें पूरे वर्ष याद करते हुए उनके मूल्यों और आदर्शों पर चलने का प्रयास किया जाना चाहिए. देश के महान सपूत और वीर योद्धा महाराणा प्रताप को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। उनकी जीवन-गाथा साहस, शौर्य, स्वाभिमान और पराक्रम का प्रतीक है, जिससे देशवासियों को सदा राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा मिलती रहेगी। — Narendra Modi (@narendramodi) My humble tributes to vir shiromani — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51...

महाराणा प्रताप जयंती 2024, 2025 और 2026

पूरे भारत में रहने वाले सभी धर्म और जाति के लोग प्रताप सिंह को सम्मान देते हैं और उनकी पूजा करते हैं। यह गाथा तब शुरू हुई जब महान मुग़ल बादशाह अकबर ने महाराणा प्रताप के पिता के शासन के दायरे पर हमला बोला। इसके बाद, प्रताप नए राजा बनें, और जब उन्होंने अकबर से मिले कई प्रस्तावों पर गठबंधन करना स्वीकार नहीं किया तो युद्ध छिड गया। यहाँ ध्यान दीजियेगा कि “गठबंधन” का असल मतलब केवल एक सहायक, और आज्ञाकारी राज्य बनना था। हालाँकि अंततः प्रताप मुग़लों को मात दे कर उन्हें खदेड़ तो नहीं पाए, लेकिन उन्होंने हल्दीघाटी में हुए पहले मुख्य युद्ध में उन्हें मात दी थी। युद्ध में दो बार हार और एक बार जीत प्राप्त करने के उपरांत भी उन्होंने अपने क्षेत्र और रणनीति का उपयोग करके दुश्मनों को हराया और मार गिराया। इस युद्ध में मुख्य रूप से घुड़सवारों की सेना और हाथियों का उपयोग किया गया था। आज, कई लोग उनके जन्मदिन के अवसर पर उदयपुर के प्रसिद्ध स्मारक पर जाते हैं, जहाँ उन्हें अपने युद्ध के घोड़े पर बैठा दिखाया गया है। इस दिन उनकी याद और सम्मान में कई धार्मिक प्रथाओं का पालन किया जाता है और रंग बिरंगे जुलूस निकले जाते हैं। आज के दिन आप कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देख सकते हैं और प्रताप के सम्मान में लगे चित्रों को भी देख सकते हैं। पिछले कुछ वर्ष साल तारीख दिन छुट्टियां राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश 2023 22 मई सोमवार महाराणा प्रताप जयंती HP, HR & RJ 2022 2 जून गुरूवार महाराणा प्रताप जयंती HP, HR & RJ 2021 13 जून रविवार महाराणा प्रताप जयंती HP, HR & RJ 2020 25 मई सोमवार महाराणा प्रताप जयंती HP, HR & RJ 2019 6 जून गुरूवार महाराणा प्रताप जयंती HP, HR & RJ 2018 16 जून शनिवार महाराणा प्रताप जयंती HP, HR & RJ 2017...

महाराणा प्रताप की 479 जयंती आज, पीएम मोदी ने ट्वीट कर किया नमन

वीर शिरोमणि बलिदान और साहस की प्रतिमूर्ति थे प्रताप पीएम मोदी समेत प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे तथा कई अन्य नेताओं ने महाराणा प्रताप को यादकर आमजन से उनके बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया है. सीएम अशोक गहलोत ने अपने ट्वीट में कहा कि महाराणा प्रताप त्याग, बलिदान और साहस की प्रतिमूर्ति थे. उनके त्याग को सदैव याद किया जाएगा और वे प्रेरणा देते रहेंगे. वहीं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जैसे प्रखर विचारक के आदर्शों को जीवन में आत्मसात कर राष्ट्र कल्याण में सम्पूर्ण भागीदारी निभाने का संकल्प लें. प्रताप को सिर्फ एक दिन याद करके नहीं भूलना चाहिए प्रताप जयंती के अवसर पर गुरुवार को प्रदेश के कोने-कोने में समारोहों का आयोजन कर उनको याद किया जा रहा है. उदयपुर में महाराणा प्रताप के वंशज और मेवाड़ के पूर्व राजघराने के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने मोती मगरी स्थित महाराणा प्रताप स्मारक पर पुष्पांजली अर्पित की और विधि विधान से पूजा की. इस दौरान शाही परंपराओं का निर्वहन करते हुए पूजा करवाई गई. पूजन और पुष्पांजली कार्यक्रम के दौरान शाही बैंड शाही धुन बजाते रहे. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि महाराणा प्रताप को सिर्फ एक दिन याद करके नहीं भूलना चाहिए, बल्कि उन्हें पूरे वर्ष याद करते हुए उनके मूल्यों और आदर्शों पर चलने का प्रयास किया जाना चाहिए. देश के महान सपूत और वीर योद्धा महाराणा प्रताप को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। उनकी जीवन-गाथा साहस, शौर्य, स्वाभिमान और पराक्रम का प्रतीक है, जिससे देशवासियों को सदा राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा मिलती रहेगी। — Narendra Modi (@narendramodi) My humble tributes to vir shiromani — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51...

महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं

महाराणा प्रताप जयंती 2022 – महाराणा प्रताप को पूरा भारत उनकी वीरता, शूरवीरता तथा पराक्रम के कारण जानता है| महाराणा प्रताप मेवाड़ के राजपूत संघ के हिंदू महाराजा थे|राणा उदय सिंह द्वितीय के सबसे बड़े बेटे, वह नामित ताज मूल्य थे जिन्होंने अपने पिता के शासनकाल में अपने बहादुरी को प्रदर्शित करना शुरू किया था। अपने क्षेत्र को जीतने के लिए मुगल सम्राट अकबर के प्रयासों का सफलतापूर्वक विरोध करने के लिए बहुत प्रसिद्ध, उन्हें राजस्थान में नायक के रूप में सम्मानित किया जाता है| आज के इस पोस्ट में हम आपको महाराणा प्रताप जयंती की शुभकामना, महाराणा प्रताप जयंती संस एंड विशेष, हिंदी विशेष ऑन महाराणा प्रताप जयंती, आदि की जानकारी देंगे| महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक बधाई Maharana Pratap jaise yodha sahstrabdiyon, me kewal ek baar hi janam lete hai, wo bhi rajputon ke maan samman or gaurav ko badhane ke liye. Happy Maharana Pratap Jayanti करता हुं नमन मै प्रताप को,जो वीरता का प्रतीक है। तु लोह-पुरुष तु मातॄ-भक्त,तु अखण्डता का प्रतीक है॥ महाराणा प्रताप जयंती की शुभकामना हे प्रताप मुझे तु शक्ती दे,दुश्मन को मै भी हराऊंगा। मै हु तेरा एक अनुयायी,दुश्मन को मार भगाऊंगा॥ महाराणा प्रताप जयंती की शुभकामना है धर्म हर हिन्दुस्तानी का,कि तेरे जैसा बनने का। चलना है अब तो उसी मार्ग,जो मार्ग दिखाया प्रताप ने॥ महाराणा प्रताप जयंती की शुभकामना महाराणा प्रताप जयंती बधाई सन्देश Tera Prakop sare Sansaar ka Mahapralay ho, Teri Prasannata hi Anand ka Vishay ho, wah bhakti de ki Bismil Sukh mai tujhe na bhule, wah sakti de ki dukh me kayar na ye dil ho. Happy Maharana Pratap Jayanti जब-जब तेरी तलवार उठी, तो दुश्म...

Maharana Pratap Jayanti 2022: 7.5 फीट लंबे थे महाराणा प्रताप, साथ में लेकर चलते थे 80 किलो का भाला, जानें उनसे जुड़ी रोचक बातें

महाराणा प्रताप भारत के सबसे बहादुर 09 मई 1540 को प्रताप का जन्म मेवाड़ के कुंभलगढ़ में सिसोदिया वंश में हुआ था. उनके पिता का नाम उदय सिंह द्वितीय और माता का नाम महारानी जयवंता बाई था. महाराणा प्रताप का नाम भारत माता के सच्चे सपूत के रूप में लिया जाता है जिन्होंने कभी घास से बनी रोटी खाने का विकल्प चुना लेकिन कभी भी दुश्मन के आगे घुटने नहीं टेके. अपनी मातृभूमि के लिए आखिरी सांस तक बहादुरी से लड़ते रहे. आज Maharana Pratap Jayanti 2022 के मौके पर जानिए उनसे संबंधित कुछ दिलचस्प बातें. 1. इतिहासकारों के अनुसार, महान राजपूत शासक प्रताप सिंह की लंबाई सात फीट और पांच इंच थी जबकि उनका वजन लगभग 110 किलोग्राम था. 2. बताया जाता है कि महाराणा प्रताप 104 किलोग्राम वजन वाली दो तलवारें उठाकर चल सकते थे. कहा जाता है कि उनके कवच का वजन करीब 72 किलोग्राम था जबकि वह 80 किलोग्राम का भाला लेकर चलते थे. 3. ज्यादातर राजपूत शासकों ने मुगलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था और अकबर के साथ संधि कर ली थी. पर महाराणा प्रताप पश्चिमी भारत में एकमात्र राजा थे जो उनके खिलाफ खड़े रहे. अपनी आखिरी सांस तक वह मुगलों के खिलाफ लड़े. 4. अपने साहस के लिए जाने जाने वाले, महाराणा प्रताप को भारत का पहला "मूल स्वतंत्रता सेनानी" कहा जाता है क्योंकि वह मुगलों के खिलाफ खड़े हुए और अकबर की सेनाओं से बहादुरी से लड़े. 5. महाराणा प्रताप भले ही हल्दीघाटी की लड़ाई हार गए पर इस बहादुर राजपूत शासक ने आत्मसमर्पण करने से इनकार कर दिया था. कहा जाता है कि महाराणा प्रताप को बंदी बनाना अकबर का सपना था लेकिन वह अपने जीवनकाल में ऐसा करने में सफल नहीं हो सके. गोगुन्दा और बूंदी सहित सभी राजपूत राजवंशों ने अकबर के सामने आत्मसमर्पण कर दिया थ...

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गोधा, संवाददाता। वीर महाराणा प्रताप राजपूत सेना के पदाधिकारियों ने वीर शिरोमण महाराणा प्रताप की जयंती मनाई। अध्यक्ष धर्मवीर सिंह चौहान, विवेक चौहान ने महापुरुषों के दिखाए मार्ग पर चलने का प्रण लेने को कहा। कार्यक्रम में राजपूत सभा के बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। गवेन्द्र सिंह चौहान निशांत चौहान, कौशलेंद्र चौहान, विवेक चौहान, टिंकू चौहान, अरुण चौहान, हिरदेश चौहान, रिंकू चौहान, द्रोणा चौहान, शेरा राघव, संजीव चौहान, रोहित ठाकुर, सोनू चौहान, मोहित चौहान, डॉक्टर हितेश चौहान, विक्रम चौहान, मोनू चौहान, हिमांशु चौहान, विनय तोमर आदि मौजूद थे।