महाराणा प्रताप का भाला कितने किलो का था

  1. पढ़िए महाराणा प्रताप के उस भाले की कहानी, जिसके बारे में काफी गलत जानकारी फैलाई गई है
  2. महाराणा प्रताप का असली भाला और कुछ अन्य अनसुनी बाते । Maharana Pratap Bhala
  3. पढ़िए महाराणा प्रताप के उस भाले की कहानी, जिसके बारे में काफी गलत जानकारी फैलाई गई है
  4. महाराणा प्रताप
  5. महाराणा प्रताप का असली भाला और कुछ अन्य अनसुनी बाते । Maharana Pratap Bhala
  6. महाराणा प्रताप का असली भाला और कुछ अन्य अनसुनी बाते । Maharana Pratap Bhala
  7. पढ़िए महाराणा प्रताप के उस भाले की कहानी, जिसके बारे में काफी गलत जानकारी फैलाई गई है
  8. महाराणा प्रताप


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पढ़िए महाराणा प्रताप के उस भाले की कहानी, जिसके बारे में काफी गलत जानकारी फैलाई गई है

आज मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले अदम्य साहस और स्वाभिमान के प्रतीक महाराणा प्रताप (Maharana Pratap Death Anniversary) की पुण्यतिथि है. इस मौके पर सोशल मीडिया के जरिए लोग महाराणा को याद कर रहे हैं. हर कोई उनकी वीरता, पराक्रम, त्याग और बलिदान की बात कर रहा है. वैसे जब भी (Maharana Pratap Sword), कवच आदि की बात जरूर होती है, क्योंकि कहा जाता है कि महाराणा प्रताप के इन हथियारों (Maharana Pratap Weapons) में काफी वजन था. साथ ही बताया जाता है कि वो इतना वजन लेकर युद्ध में लड़ाई करते थे, जो वाकई हैरान कर देने वाला है. लेकिन, महाराणा के हथियारों को लेकर कुछ गलत तथ्य भी इंटरनेट पर शेयर किए जाते रहे हैं, जिनमें भाले का वजन, कवच का वजन आदि से जुड़ी कहानियां शामिल हैं. ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि आखिर महाराणा प्रताप के हथियारों की क्या सच्चाई है, जिससे आपको भी महाराणा के हथियार से जुड़े वजन के बारे में हकीकत पता चल जाएगी. हथियारों के लिए क्या कहा जाता है? सोशल मीडिया और इंटरनेट पर मौजूद कई रिपोर्ट्स में भाले के वजन को लेकर चर्चा की जाती है. कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि महाराणा प्रताप के भाले का वजन 81 किलो था और उनके छाती का कवच 72 किलो का था. वहीं, उनके भाला, कवच, ढाल और साथ में दो तलवारों का वजन मिलाकर 208 किलो था. जबकि, कई रिपोर्ट्स में कहा जाता है कि उनका वजन 110 किलो था और लम्बाई 7 फीट 5 इंच थी. साथ ही कई जगह तो इस 208 किलो को 500 किलो तक भी बताया गया है और कहा गया है कि प्रताप अपने वजन से कई किलो ज्यादा वजन लेकर जंग के मैदान में उतरते थे. मगर सच्चाई क्या है? वैसे बहुत से लोग ये ही जानते हैं कि महाराणा प्रताप के भाले का वजन 81 किलो था. लेकिन, हकीक...

महाराणा प्रताप का असली भाला और कुछ अन्य अनसुनी बाते । Maharana Pratap Bhala

महाराणा प्रताप का असली भाला। महाराणा प्रताप के बारे में अनसुनी बातें Maharana Pratap real Bhala (Spear) । Unknown facts about Maharana Pratap इस पोस्ट में आप महाराणा प्रताप के भाले, कवच तथा तलवारों के बारे में जान पाएंगे इसके अतिरिक्त महाराणा प्रताप के बारे में कुछ ऐसी बातें जो बहुत ही कम लोगों को पता है वह भी इस पोस्ट में सम्मिलित की गई है। महाराणा प्रताप का असली भाला 2) महाराणा प्रताप के भाले और छाती के कवच का भार कितना था? महाराणा प्रताप का भाला 80 किलो का था तथा छाती के कवच का भार 71 किलो था। महाराणा प्रताप का वजन 110 किलो था तथा महाराणा प्रताप की ऊंचाई 7 फीट 5 इंच थी। इसके अलावा एक महान योद्धा में जो शारीरिक योग्यताएं होती है वह सभी महाराणा प्रताप के अंदर समाहित थी। $ads= महाराणा प्रताप के बाण,ढाल और तलवार, कवच (Left to Right) 3) महाराणा प्रताप का जन्म किस स्थान पर हुआ था? महाराणा प्रताप का जन्म कुंभलगढ़ अभ्यारण में स्थित कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था। महाराणा प्रताप का बचपन भी इसी दुर्ग में खेलते हुए बीता था। इसके अतिरिक्त महाराणा प्रताप के पिता महाराणा उदय सिंह की जान को जब खतरा था तो पन्नाधाय ने उदय सिंह को चित्तौड़ के दुर्ग से सुरक्षित निकालकर कुंभलगढ़ में ही पहुंचाया था और कुंभलगढ़ दुर्ग में ही 1537 ईस्वी में महाराणा उदय सिंह का राज्याभिषेक किया गया था। 4)महाराणा प्रताप ने घास की रोटियां किस जगह पर खायी थी? महाराणा प्रताप ने घास की रोटियां मायरा के गुफाओं में खायी थी। हल्दीघाटी युद्ध के समय महाराणा प्रताप ने इसी गुफा में हथियारों को छुपाया था। मायरा की गुफाएं जों कि महाराणा प्रताप का शस्त्रागार भी था 5) महाराणा प्रताप को बचपन में किस नाम से बुलाया जाता था? महाराणा प्...

पढ़िए महाराणा प्रताप के उस भाले की कहानी, जिसके बारे में काफी गलत जानकारी फैलाई गई है

आज मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले अदम्य साहस और स्वाभिमान के प्रतीक महाराणा प्रताप (Maharana Pratap Death Anniversary) की पुण्यतिथि है. इस मौके पर सोशल मीडिया के जरिए लोग महाराणा को याद कर रहे हैं. हर कोई उनकी वीरता, पराक्रम, त्याग और बलिदान की बात कर रहा है. वैसे जब भी (Maharana Pratap Sword), कवच आदि की बात जरूर होती है, क्योंकि कहा जाता है कि महाराणा प्रताप के इन हथियारों (Maharana Pratap Weapons) में काफी वजन था. साथ ही बताया जाता है कि वो इतना वजन लेकर युद्ध में लड़ाई करते थे, जो वाकई हैरान कर देने वाला है. लेकिन, महाराणा के हथियारों को लेकर कुछ गलत तथ्य भी इंटरनेट पर शेयर किए जाते रहे हैं, जिनमें भाले का वजन, कवच का वजन आदि से जुड़ी कहानियां शामिल हैं. ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि आखिर महाराणा प्रताप के हथियारों की क्या सच्चाई है, जिससे आपको भी महाराणा के हथियार से जुड़े वजन के बारे में हकीकत पता चल जाएगी. हथियारों के लिए क्या कहा जाता है? सोशल मीडिया और इंटरनेट पर मौजूद कई रिपोर्ट्स में भाले के वजन को लेकर चर्चा की जाती है. कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि महाराणा प्रताप के भाले का वजन 81 किलो था और उनके छाती का कवच 72 किलो का था. वहीं, उनके भाला, कवच, ढाल और साथ में दो तलवारों का वजन मिलाकर 208 किलो था. जबकि, कई रिपोर्ट्स में कहा जाता है कि उनका वजन 110 किलो था और लम्बाई 7 फीट 5 इंच थी. साथ ही कई जगह तो इस 208 किलो को 500 किलो तक भी बताया गया है और कहा गया है कि प्रताप अपने वजन से कई किलो ज्यादा वजन लेकर जंग के मैदान में उतरते थे. मगर सच्चाई क्या है? वैसे बहुत से लोग ये ही जानते हैं कि महाराणा प्रताप के भाले का वजन 81 किलो था. लेकिन, हकीक...

महाराणा प्रताप

पूर्ववर्ती उत्तरवर्ती जन्म (वर्तमान में:कुम्भलगढ़ दुर्ग, निधन 19 जनवरी 1597 ( 1597-01-19) (उम्र56) (वर्तमान में:चावंड, जीवनसंगी महारानी संतान भगवान दास (17 पुत्र) पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया पिता माता धर्म महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया ( ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया रविवार विक्रम संवत 1597 तदनुसार 9 मई 1540 – 19 जनवरी 1597) उनका जन्म वर्तमान महाराणा प्रताप का जन्म पाली जिले में हुआ था और उनका ननिहाल पाली में था मुंशी देवी प्रसाद द्वारा रचित सरस्वती के भाग 18 में सात पंक्तियां में ताम्र पत्र उल्लेखित है और सोमानी रचित पुस्तक में महाराणा प्रताप द्वारा ब्राह्मणों को दान की गई भूमि का उल्लेख है इन स्रोतों से सत्य है की महाराणा प्रताप के ननिहाल की भूमि का उल्लेख पाली का करना उचित हैु अनुक्रम • 1 जन्म स्थान • 2 जीवन • 2.1 हल्दीघाटी का युद्ध • 2.2 समर्पण विचार • 2.3 पृथ्वीराज राठौर का पत्र • 2.4 दिवेर-छापली का युुद्ध • 2.5 सफलता और अवसान • 3 मृत्यु पर अकबर की प्रतिक्रिया • 4 फिल्म एवं साहित्य में • 5 कुछ महत्वपूर्ण तथ्य • 6 इसे भी देखें • 7 सन्दर्भ • 8 बाहरी कडियाँ जन्म स्थान महाराणा प्रताप के जन्मस्थान के प्रश्न पर दो धारणाएँ है। पहली महाराणा प्रताप का जन्म महाराणा प्रताप की माता का नाम जयवंता बाई था, जो पाली के सोनगरा अखैराज की बेटी थी। महाराणा प्रताप का बचपन भील समुदाय के साथ बिता , भीलों के साथ ही वे युद्ध कला सीखते थे , भील अपने पुत्र को कीका कहकर पुकारते है, इसलिए भील महाराणा को कीका नाम से पुकारते थे। हिन्दुवा सूर्य महाराणा प्रताप के अनुसार जब प्रताप का जन्म हुआ था उस समय उदयसिंह युद्व और असुरक्षा से घिरे हुए थे। इस कारण पाली और मारवाड़ हर तरह से सुरक्षित था और रणबंका राठ...

महाराणा प्रताप का असली भाला और कुछ अन्य अनसुनी बाते । Maharana Pratap Bhala

महाराणा प्रताप का असली भाला। महाराणा प्रताप के बारे में अनसुनी बातें Maharana Pratap real Bhala (Spear) । Unknown facts about Maharana Pratap इस पोस्ट में आप महाराणा प्रताप के भाले, कवच तथा तलवारों के बारे में जान पाएंगे इसके अतिरिक्त महाराणा प्रताप के बारे में कुछ ऐसी बातें जो बहुत ही कम लोगों को पता है वह भी इस पोस्ट में सम्मिलित की गई है। महाराणा प्रताप का असली भाला 2) महाराणा प्रताप के भाले और छाती के कवच का भार कितना था? महाराणा प्रताप का भाला 80 किलो का था तथा छाती के कवच का भार 71 किलो था। महाराणा प्रताप का वजन 110 किलो था तथा महाराणा प्रताप की ऊंचाई 7 फीट 5 इंच थी। इसके अलावा एक महान योद्धा में जो शारीरिक योग्यताएं होती है वह सभी महाराणा प्रताप के अंदर समाहित थी। $ads= महाराणा प्रताप के बाण,ढाल और तलवार, कवच (Left to Right) 3) महाराणा प्रताप का जन्म किस स्थान पर हुआ था? महाराणा प्रताप का जन्म कुंभलगढ़ अभ्यारण में स्थित कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था। महाराणा प्रताप का बचपन भी इसी दुर्ग में खेलते हुए बीता था। इसके अतिरिक्त महाराणा प्रताप के पिता महाराणा उदय सिंह की जान को जब खतरा था तो पन्नाधाय ने उदय सिंह को चित्तौड़ के दुर्ग से सुरक्षित निकालकर कुंभलगढ़ में ही पहुंचाया था और कुंभलगढ़ दुर्ग में ही 1537 ईस्वी में महाराणा उदय सिंह का राज्याभिषेक किया गया था। 4)महाराणा प्रताप ने घास की रोटियां किस जगह पर खायी थी? महाराणा प्रताप ने घास की रोटियां मायरा के गुफाओं में खायी थी। हल्दीघाटी युद्ध के समय महाराणा प्रताप ने इसी गुफा में हथियारों को छुपाया था। मायरा की गुफाएं जों कि महाराणा प्रताप का शस्त्रागार भी था 5) महाराणा प्रताप को बचपन में किस नाम से बुलाया जाता था? महाराणा प्...

महाराणा प्रताप का असली भाला और कुछ अन्य अनसुनी बाते । Maharana Pratap Bhala

महाराणा प्रताप का असली भाला। महाराणा प्रताप के बारे में अनसुनी बातें Maharana Pratap real Bhala (Spear) । Unknown facts about Maharana Pratap इस पोस्ट में आप महाराणा प्रताप के भाले, कवच तथा तलवारों के बारे में जान पाएंगे इसके अतिरिक्त महाराणा प्रताप के बारे में कुछ ऐसी बातें जो बहुत ही कम लोगों को पता है वह भी इस पोस्ट में सम्मिलित की गई है। महाराणा प्रताप का असली भाला 2) महाराणा प्रताप के भाले और छाती के कवच का भार कितना था? महाराणा प्रताप का भाला 80 किलो का था तथा छाती के कवच का भार 71 किलो था। महाराणा प्रताप का वजन 110 किलो था तथा महाराणा प्रताप की ऊंचाई 7 फीट 5 इंच थी। इसके अलावा एक महान योद्धा में जो शारीरिक योग्यताएं होती है वह सभी महाराणा प्रताप के अंदर समाहित थी। $ads= महाराणा प्रताप के बाण,ढाल और तलवार, कवच (Left to Right) 3) महाराणा प्रताप का जन्म किस स्थान पर हुआ था? महाराणा प्रताप का जन्म कुंभलगढ़ अभ्यारण में स्थित कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था। महाराणा प्रताप का बचपन भी इसी दुर्ग में खेलते हुए बीता था। इसके अतिरिक्त महाराणा प्रताप के पिता महाराणा उदय सिंह की जान को जब खतरा था तो पन्नाधाय ने उदय सिंह को चित्तौड़ के दुर्ग से सुरक्षित निकालकर कुंभलगढ़ में ही पहुंचाया था और कुंभलगढ़ दुर्ग में ही 1537 ईस्वी में महाराणा उदय सिंह का राज्याभिषेक किया गया था। 4)महाराणा प्रताप ने घास की रोटियां किस जगह पर खायी थी? महाराणा प्रताप ने घास की रोटियां मायरा के गुफाओं में खायी थी। हल्दीघाटी युद्ध के समय महाराणा प्रताप ने इसी गुफा में हथियारों को छुपाया था। मायरा की गुफाएं जों कि महाराणा प्रताप का शस्त्रागार भी था 5) महाराणा प्रताप को बचपन में किस नाम से बुलाया जाता था? महाराणा प्...

पढ़िए महाराणा प्रताप के उस भाले की कहानी, जिसके बारे में काफी गलत जानकारी फैलाई गई है

आज मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले अदम्य साहस और स्वाभिमान के प्रतीक महाराणा प्रताप (Maharana Pratap Death Anniversary) की पुण्यतिथि है. इस मौके पर सोशल मीडिया के जरिए लोग महाराणा को याद कर रहे हैं. हर कोई उनकी वीरता, पराक्रम, त्याग और बलिदान की बात कर रहा है. वैसे जब भी (Maharana Pratap Sword), कवच आदि की बात जरूर होती है, क्योंकि कहा जाता है कि महाराणा प्रताप के इन हथियारों (Maharana Pratap Weapons) में काफी वजन था. साथ ही बताया जाता है कि वो इतना वजन लेकर युद्ध में लड़ाई करते थे, जो वाकई हैरान कर देने वाला है. लेकिन, महाराणा के हथियारों को लेकर कुछ गलत तथ्य भी इंटरनेट पर शेयर किए जाते रहे हैं, जिनमें भाले का वजन, कवच का वजन आदि से जुड़ी कहानियां शामिल हैं. ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि आखिर महाराणा प्रताप के हथियारों की क्या सच्चाई है, जिससे आपको भी महाराणा के हथियार से जुड़े वजन के बारे में हकीकत पता चल जाएगी. हथियारों के लिए क्या कहा जाता है? सोशल मीडिया और इंटरनेट पर मौजूद कई रिपोर्ट्स में भाले के वजन को लेकर चर्चा की जाती है. कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि महाराणा प्रताप के भाले का वजन 81 किलो था और उनके छाती का कवच 72 किलो का था. वहीं, उनके भाला, कवच, ढाल और साथ में दो तलवारों का वजन मिलाकर 208 किलो था. जबकि, कई रिपोर्ट्स में कहा जाता है कि उनका वजन 110 किलो था और लम्बाई 7 फीट 5 इंच थी. साथ ही कई जगह तो इस 208 किलो को 500 किलो तक भी बताया गया है और कहा गया है कि प्रताप अपने वजन से कई किलो ज्यादा वजन लेकर जंग के मैदान में उतरते थे. मगर सच्चाई क्या है? वैसे बहुत से लोग ये ही जानते हैं कि महाराणा प्रताप के भाले का वजन 81 किलो था. लेकिन, हकीक...

महाराणा प्रताप

पूर्ववर्ती उत्तरवर्ती जन्म (वर्तमान में:कुम्भलगढ़ दुर्ग, निधन 19 जनवरी 1597 ( 1597-01-19) (उम्र56) (वर्तमान में:चावंड, जीवनसंगी महारानी संतान भगवान दास (17 पुत्र) पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया पिता माता धर्म महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया ( ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया रविवार विक्रम संवत 1597 तदनुसार 9 मई 1540 – 19 जनवरी 1597) उनका जन्म वर्तमान महाराणा प्रताप का जन्म पाली जिले में हुआ था और उनका ननिहाल पाली में था मुंशी देवी प्रसाद द्वारा रचित सरस्वती के भाग 18 में सात पंक्तियां में ताम्र पत्र उल्लेखित है और सोमानी रचित पुस्तक में महाराणा प्रताप द्वारा ब्राह्मणों को दान की गई भूमि का उल्लेख है इन स्रोतों से सत्य है की महाराणा प्रताप के ननिहाल की भूमि का उल्लेख पाली का करना उचित हैु अनुक्रम • 1 जन्म स्थान • 2 जीवन • 2.1 हल्दीघाटी का युद्ध • 2.2 समर्पण विचार • 2.3 पृथ्वीराज राठौर का पत्र • 2.4 दिवेर-छापली का युुद्ध • 2.5 सफलता और अवसान • 3 मृत्यु पर अकबर की प्रतिक्रिया • 4 फिल्म एवं साहित्य में • 5 कुछ महत्वपूर्ण तथ्य • 6 इसे भी देखें • 7 सन्दर्भ • 8 बाहरी कडियाँ जन्म स्थान महाराणा प्रताप के जन्मस्थान के प्रश्न पर दो धारणाएँ है। पहली महाराणा प्रताप का जन्म महाराणा प्रताप की माता का नाम जयवंता बाई था, जो पाली के सोनगरा अखैराज की बेटी थी। महाराणा प्रताप का बचपन भील समुदाय के साथ बिता , भीलों के साथ ही वे युद्ध कला सीखते थे , भील अपने पुत्र को कीका कहकर पुकारते है, इसलिए भील महाराणा को कीका नाम से पुकारते थे। हिन्दुवा सूर्य महाराणा प्रताप के अनुसार जब प्रताप का जन्म हुआ था उस समय उदयसिंह युद्व और असुरक्षा से घिरे हुए थे। इस कारण पाली और मारवाड़ हर तरह से सुरक्षित था और रणबंका राठ...