महाराणा प्रताप की हाइट कितनी थी

  1. Maharana Pratap Death Anniversary: किन हालात में मौत हुई थी महाराणा प्रताप की?
  2. महाराणा प्रताप का इतिहास
  3. महाराणा प्रताप की मृत्यु कैसे हुई
  4. महाराणा प्रताप की कहानी
  5. महाराणा प्रताप की बाजू कितने इंच की थी? » Maharana Pratap Ki Baju Kitne Inch Ki Thi
  6. महाराणा प्रताप की पत्नियां कितनी थी?
  7. महाराणा प्रताप का इतिहास, जयंती और पुण्यतिथि
  8. Maharana Pratap Jayanti 2022: महाराणा प्रताप की जयंती, जानें मेवाड़ के 13वें राजपूत राजा के जीवन से जुड़ी अनसुनी रोचक बातें


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Maharana Pratap Death Anniversary: किन हालात में मौत हुई थी महाराणा प्रताप की?

महाराणा प्रताप की वीरता भारतीय इतिहास में बेमिसाल है. उन्होंने कभी अकबर के सामने सिर नहीं झुकाया और ना कभी उसे जीतने दिया. अंतिम समय में तक उन्होंने मेवाड़ की मुगलों से रक्षा की थी. भारत में राजपूतों के वीरताओं के यूं तो कई किस्से मिलते हैं. लेकिन महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) की वीरता के आगे किसी की भी कहानी नहीं टिकती है. उन्होंने राजस्थान ही नहीं भारत की शान को भी एक खास मुकाम दिया था. मेवाड़ (Mewar) के राजा रहे महाराणा ने जिंदगी में कभी किसी गुलामी स्वीकार नहीं की और अपनी सेना से कई गुना ज्यादा ताकतवर अकबर (Akbar) की सेना से लोहा लेकर दिखा दिया कि वे ही सही मायनों में महाराणा थे. अकबर ने बहुत कोशिश की और आखिरकार उसे उन्हें पकड़ने का ख्याल दिल से निकलना पड़ा. महाराणा प्रताप का निधन 19 जनवरी 1597 को हुआ था और तब तक वे अपने मेवाड़ को बहुत सुरक्षित भी कर चुके थे. महावीर और युद्ध रणनीति कौशल महाराणा प्रताप का मेवाड़ के कुंभलगढ़ में जन्म 9 मई 1540 को हुआ था. वे उदय सिंह द्वितीय और महारानी जयवंता बाई के सबसे बड़े बेटे थे. वे एक महावीर और युद्ध रणनीति कौशल में दक्ष थे. उन्होंने मेवाड़ की मुगलों के बार बार हुए हमलों से रक्षा की और अपने आन बान के लिए कभी समझौता नहीं किया और कितनी ही विपरीत परिस्थितियां क्यों ना हों उन्होंने कभी हार नहीं मानी. हल्दी घाटी का युद्ध उनकी वीरता की पुष्टि उनके युद्ध की घटनाएं करती हैं जिनमें सबसे प्रमुख 8 जून 1576 ईस्वी में हुए हल्दी घाटी के युद्ध का युद्ध था जिसमें महाराणा प्रताप की लगभग 3,000 घुड़सवारों और 400 भील धनुर्धारियों की सेना ने आमेर के राजा मान सिंह के नेतृत्व में लगभग 5,000-10,000 लोगों की सेना को लोहे के चने चबवा दिए थे. असंतुलित युद्...

महाराणा प्रताप का इतिहास

महाराणा प्रताप का इतिहास की जानकारी | Maharana Pratap History In Hindi: वो आजादी का रखवाला महाराणा प्रताप ही थे जिन्होंने अपनी मायड धरा मेवाड़ की स्वतंत्रता की खातिर जीवनभर संघर्ष करते रहे, मगर कभी मुगलों की गुलामी को स्वीकार नही किया. राजस्थान के महान सपूतों में महाराणा प्रताप का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है. राजीय एशो आराम की बजाय जंगल में भूखे प्यासे भटकने वाले महाराणा प्रताप अपने और मेवाड़ धरा के स्वाभिमान के रखवाले थे. इनका पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह था. Maharana Pratap History In Hindi इतिहास बिंदु महाराणा प्रताप इतिहास पिता राणा उदयसिंह माता जैवन्ता बाई सोनगरा पत्नी अजब दे जन्म 9 मई 1540 मृत्यु 29 जनवरी 1597 पुत्र अमर सिंह घोड़ा चेतक समाधि चावंड Story Biography Jivani History Of Maharana Pratap In Hindi: महाराणा प्रताप का इतिहास, जीवन परिचय, जीवनी, कहानी, फोटो, वीडियो, जयंती, मेवाड़ का इतिहास जानने के लिए हमे यह पूरा लेख पढ़ना पड़ेगा. अनूठी आन बान और शान वाला या राजस्थान प्रान्त शक्ति, भक्ति और अनुरक्ति की त्रिवेणी माना जाता हैं. यहाँ का इतिहास और शौर्य एवं औदार्य के लिए विश्वविख्यात हैं. ऐसी देशभक्ति और वीरता से कुटकुट भरी मेवाड़ धरा पर स्वतन्त्रता प्रेमी और महान नायकमहाराणा प्रताप का जन्म भूमि रही हैं. इस प्रदेश में जान तथा प्राण से बढ़कर प्रण की शाश्वत परम्परा रही हैं. राजस्थान की इसी तपोभूमि कुछ ऐसी विशेषताएं रही हैं, जो अन्यत्र दुर्लभ हैं. यहाँ के वीरो ने धरती, धर्म, स्त्री और असहायों की रक्षार्थ मरने को मंगल माना, यहाँ की विरागनाओ ने अपनी कंचन जैसी काया का मोह त्यागते हुए अपने हाथों अपना शीश काटकर अपने पतियों का प्रण पालन किया हैं. Telegram Group यहाँ के संतो ...

महाराणा प्रताप की मृत्यु कैसे हुई

By May 28, 2018 हममेंसेज्यादातरलोगबचपनमेंहीमहाराणाप्रतापकेबारेमें, उनकीवीरताऔरपराक्रमकेबारेमेपढ़चुकेहोंगे।लेकिनउनकीजिंदगीकीपूरीकहानीबहुतकमलोगहीजानतेहोंगे, तोचलिएहमआपकोबतातेहैंमहाराणाप्रतापकीजिंदगीसेजुड़ाएक-एकतथ्यऔरशुरुआतकरतेहैंउनकेबचपनसे: बचपनमेंकीकाकेनामसेबुलाएजानेवालेमहाराणाप्रतापकाजन्म 9 मई 1540 कोहुआथा।इनकेपितामहाराणाउदयसिंहराजस्थानकेमेवाड़मेंसिसोदियाराजवंशकेमहाराजथे, औरमेवाड़केकुंभलगढ़मेंहीमहाराणाप्रतापकाजन्महुआथा। उनकीमाताकानामजीवंताबाईथा।भलेहीमहाराणाप्रतापनेराजारहतेहुएकईलड़ाइयाँलड़ीऔरअपनेपराक्रमसेमुगलोंकोनाकोंचनेचबवाया।लेकिनमेवाड़कीगद्दीपरउनकेकाबिजहोनेमेंभीएकबड़ारोड़ाथा।औरवोरोड़ाकोईऔरनहीबल्किमहाराणाप्रतापकीसौतेलीमाँधीरबाईथीं। दरअसलइनकेपितामहाराणाउदयसिंहकीकुल 15 से 18 रानियाँथींऔरउनसबकामिलाकरकुल 24 बच्चेथे।उनरानियोंमेंसेधीरबाईमहाराणाउदयकीचहेतीरानीथी।औरधीरबाईअपनेबेटेजगमलसिंहकोमहाराणाउदयकाउत्तराधिकारीबनानाचाहतीथीं। चूंकिमहाराणाउदयसिंहकीपहलीपत्नीजीवंताबाईकेपुत्रमहाराणाप्रतापथे।इसलिएउससमयकेनियमकेअनुसारसेअंततः 3 मार्च 1572 कोगोलकुंडामेंमहाराणाप्रतापकाराज्याभिषेकहोगया। कहाजाताहैकिमहाराणाप्रतापनेकुल 11 शादियांकीथी, जिनसेमहाराणाप्रतापके 17 बेटेऔर 5 बेटियाँपैदाहुईथी।महाराणाप्रतापकेबारेमेंएकचीजजोकाफीअचम्भितकरनेवालीहै- उनकेभाले, तलवारऔरकवचकावजन। कहाजाताहैकिमहाराणाप्रतापकाभाला 81 किलोवजनकाथाऔरउनकेछातीकाकवच 72 किलोकाथा।उनकेभाला, कवच, ढालऔरसाथमेंदोतलवारोंकावजनमिलाकर 208 किलोथा। महाराणाप्रताप येवोदौरथाजबमुगलशासकअकबरपूरेभारतपरकब्जाकरनेमेंलगाहुआथा।वोदिल्लीकीगद्दीपरतोकाबिज़थाही, लेकिनइसकोगुजरातभीजीतनाथा।औरगुजराततकपहुँचनेकेलिएउसेबीचमेंपड़नेवालेमेवाड़ (राजस्थानकाकुछभाग) कोअपनेकब्जेमेंलेनाथा।अभीम...

महाराणा प्रताप की कहानी

3/5 - (2 votes) Maharana Pratap In Hindi : महाराणा प्रताप उत्तर-पश्चिमी भारत के एक प्रसिद्ध राजपूत योद्धा (Rajput Warrior) और राजस्थान में स्थित मेवाड़ (Mewar) के राजा थे। वे सबसे महान राजपूत योद्धाओं में से एक थे जो अपने क्षेत्र को जीतने के लिए मुगल शासक अकबर के प्रयासों को असफल करने के लिए पहचाने जाते हैं। अन्य पड़ोसी राजपूत शासकों के विपरीत, महाराणा प्रताप ने बार-बार शक्तिशाली मुगलों से संधि करने से मना कर दिया और अंतिम सांस तक (Last Breath) वे साहसपूर्वक लड़ते रहे। वे परिश्रम और राजपूत वीरता (Rajput Gallantry) के प्रतीक माने जाने वाले एकमात्र राजपूत योद्धा थे, जिन्होंने मुगल सम्राट अकबर से लोहा लिया। उन्हें राजस्थान में एक नायक के रूप में सम्मानित किया जाता है। Tabel Content • • • • • • • 1. महाराणा प्रताप का बचपन और प्रारंभिक जीवन – Childhood And Early Life Of Maharana Pratap In Hindi महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को कुंभलगढ़ किले (Kumbhalgarh Fort) में जयवंता बाई और उदय सिंह द्वितीय के यहाँ हुआ था। उनके तीन छोटे भाई और दो सौतेले भाई थे। उनके पिता, उदय सिंह द्वितीय, मेवाड़ के राजा (King Of Mewar) थे और उनकी राजधानी (Capital) चित्तौड़ थी। 1567 में, मुगल सेनाओं ने मेवाड़ की राजधानी चित्तौड़ को घेर लिया। मुगल सेनाओं से लड़ने के बजाय, उदय सिंह ने राजधानी छोड़ दी और अपने परिवार को गोगुंडा (Gogunda) स्थानांतरित कर दिया। हालाँकि प्रताप ने इस फैसले का विरोध (Resist) किया और वापस आने पर जोर दिया, लेकिन उनके बुजुर्गों ने उन्हें समझाया कि वह जगह छोड़ना सही निर्णय था। 1572 में, उदय सिंह के निधन (Demise) के बाद, रानी धीर बाई (Rani Dheer Bai) ने जोर देकर कहा कि उदय सिंह के बड़े ...

महाराणा प्रताप की बाजू कितने इंच की थी? » Maharana Pratap Ki Baju Kitne Inch Ki Thi

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। चंद्रमा महाराणा प्रताप की बाजू जो हकीकत है वह कितनी तारीख को है कहीं भी नहीं मिलेगा बस स्टैंड से बात करें तो बहुत ही अच्छी है बहुत ही अच्छे होते हैं और उनका वाला जो है वह 16 केजी का था और जो का कवच होगा कम 60 से 80 के लिए बीच का अंदाजा लगा सकते हैं कितना तगड़ा होगा कि वह लोग ₹1 किलो का अपना कवच वाला 16 किलो का भाला और लगभग उतनी हरिद्वार तलवार लेकर कि वह लड़ाई करते थे जो बात मान लेंगे वो काफी अच्छे बड़े वैलेंटाइन के थे chandrama maharana pratap ki baju jo haqiqat hai wah kitni tarikh ko hai kahin bhi nahi milega bus stand se baat karein toh bahut hi acchi hai bahut hi acche hote hain aur unka vala jo hai wah 16 KG ka tha aur jo ka kavach hoga kam 60 se 80 ke liye beech ka andaja laga sakte hain kitna tagada hoga ki wah log Rs kilo ka apna kavach vala 16 kilo ka bhala aur lagbhag utani haridwar talwar lekar ki wah ladai karte the jo baat maan lenge vo kaafi acche bade valentine ke the चंद्रमा महाराणा प्रताप की बाजू जो हकीकत है वह कितनी तारीख को है कहीं भी नहीं मिलेगा बस स्ट

महाराणा प्रताप की पत्नियां कितनी थी?

Explanation : महाराणा प्रताप कुल 11 पत्नियां थी। महाराणा प्रताप ऐसे योद्धा थे, जो कभी मुगलों के आगे नहीं झुके। उनका संघर्ष इतिहास में अमर है। महाराणा, उदय सिंह द्वितीय और महारानी जयवंता बाई के बेटे थे। कहा जाता है कि उन्होंने कई शादियां राजनैतिक कारणों से की थीं। कुवँर प्रताप की पहली शादी 1557 में बिजौलिया के सावँत राम राख पनवर की पुत्री अजबदे से हुई थी। शादी के समय प्रताप 17 साल के और अजबदे 15 साल की थी। इतिहास और इतिहासकारों के अनुसार अजबदे प्रताप की पहली पत्नी थी। अजबदे के अलावा कुवँर प्रताप ने 10 और विवाह किये। वही महाराणा प्रताप पर पहली बार रिसर्च करने वाले डॉक्टर चन्द्रशेखर शर्मा ने अपने रिसर्च में महाराणा प्रताप की 16 पत्नियां बताई है। पत्नियां- अजबदे परमार, रानी सोलंकीनी पुबाई, फूल कंवर राठौड़ प्रथम, चंपा कंवर झाला, रानी जसोबाई चौहान, रानी फूल बाई राठौड़ (द्वितीय), रानी शहमाती बाई हाड़ा, रानी खीचर अशबाई, रानी, आलमदेबाई चौहान, रानी अमरबाई राठौड़, लखाबाई राठौड़, रतनावती परमार, रत्नावत्ति पूरबियां, ईडानी रानी, भगवत कंवर राठौड़, प्यार कंवर सोलंकी बेटे- अमरसिंह, भगवानदास, गोपाल, साहस माले, चंदा, शिखा, कचरों सिंह, सनवालदास, दुर्जन सिंह, कुंवर कल्याण दास, पुरा सिंह, हत्थी, राम सिंह, जसवंत सिंह, रायभाना, माल, गज, क्लिंगु। Tags : Explanation : कालिदास चंद्रगुप्त II के शासनकाल में थे। चंद्रगुप्त द्वितीय अथवा चंद्रगुप्त विक्रमादित्य का शासनकाल 380-412 ईसवी तक रहा। चंद्रगुप्त द्वितीय ने अपना साम्राज्य विस्तार वैवाहिक सम्बन्ध व विजय दोनों से किया जिसमें नाग राजकुमारी कुबेर • मुगल साम्राज्य में नील उत्पादन का सर्वाधिक प्रसिद्ध क्षेत्र कौन था? Explanation : मुगल साम्राज्य में नील उत्...

महाराणा प्रताप का इतिहास, जयंती और पुण्यतिथि

3.4/5 - (9 votes) महाराणा प्रताप का जीवन परिचय, इतिहास, जयंती, हिस्ट्री, पूरा नाम, पत्नियां, जन्म, कहानी, पुत्र, पुण्यतिथि, जयंती, मृत्यु, तलवार, पिता, भाई, युद्ध, भाला, लड़ाई, हाथी, शारीरिक शक्ति, वीरता के दोहे, हाइट (Maharana Pratap History in Hindi, Spouse, Children, Sword Weight, Bhala Weight, Father, Died, Horse, Birth Date) देश में जब मुग़ल का प्रभाव बढ़ रहा था और बड़े से बड़े राजपूत राजा मुगलों की अधीनता स्वीकार कर रहे थे, उस बीच महाराणा प्रताप सिंह एक ऐसे राजपूत राजा बन कर उभरे जिन्होंने ना सिर्फ कभी मुगल की अधीनता स्वीकार की, बल्कि उनके साथ एक कड़ा संघर्ष किया। ये मेवाड़ के महाराणा थे जिन्होंने 35 साल तक राज किया। मुगल बादशाह अकबर से इनकी प्रतिद्वंद्विता जगजाहिर थी। अकबर ने कई बार इन्हें पकड़ने की कोशिश की लेकिन हर बार महाराणा प्रताप वीरता और साहस का परिचय देते हुए बचने में कामयाब हुए। इन्होंने अपने जीवन काल में कई ऐतिहासिक युद्ध लड़े हैं, जिन्होंने भारत देश के भविष्य को दिशा देने में एक अहम भूमिका निभाई है। महाराणा प्रताप सिंह मां भारती के एक ऐसे वीर सपूत थे, जिन्होंने अपना बलिदान दे दिया, लेकिन कभी अधीनता स्वीकार नहीं की। आज के आर्टिकल में हम आपको भारत का वीर पुत्र महाराणा प्रताप का इतिहास ( Maharana Pratap History in Hindi) और उनकी शौर्य की कहानी बताने वाले है। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • महाराणा प्रताप का जीवन परिचय (Maharana Pratap History in Hindi) नाम (Name) महाराणा प्रताप पूरा नाम (Full Name) महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया जन्म तारीख (Date Of Birth) 9 मई 1540 जन्म स्थान (Place) कुंभलगढ़ दुर्ग, राजस्थान उम्र (Age) 56 साल (मृत्यु तक) निधन की तार...

Maharana Pratap Jayanti 2022: महाराणा प्रताप की जयंती, जानें मेवाड़ के 13वें राजपूत राजा के जीवन से जुड़ी अनसुनी रोचक बातें

Maharana Pratap Jayanti 2022: महाराणा प्रताप की जयंती, जानें मेवाड़ के 13वें राजपूत राजा के जीवन से जुड़ी अनसुनी रोचक बातें हर साल 9 मई को मेवाड़ के 13वें राजपूत राजा महाराणा प्रताप की जयंती मनाई जाती है. अपनी वीरता, बहादूरी और हल्दीघाटी की लड़ाई के लिए इतिहास के पन्नों पर अपना नाम दर्ज कराने वाले महाराणा प्रताप की इस साल 482वीं जयंती मनाई जा रही है. प्रताप सिंह प्रथम यानी महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 एक हिंदू राजपूत परिवार में हुआ था. उनके जीवन से जुड़े ये अनसुने किस्से क्या आप जानते हैं. Maharana Pratap Jayanti 2022: मेवाड़ के 13वें राजपूत राजा (13th Rajpur King of Mewar) महाराणा प्रताप की जयंती (Maharana Pratap Jayanti) हर साल 9 मई को मनाई जाती है. अपनी वीरता, बहादूरी और हल्दीघाटी की लड़ाई के लिए इतिहास के पन्नों पर अपना नाम दर्ज कराने वाले महाराणा प्रताप की इस साल 482वीं जयंती मनाई जा रही है. प्रताप सिंह प्रथम (Pratap Singh I) यानी महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) का जन्म 9 मई 1540 एक हिंदू राजपूत परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम उदय सिंह द्वितीय (Udai Singh II) और माता का नाम जयवंता बाई (Jaiwanta Bai) था. वे उदयपुर के संस्थापक उदय सिंह द्वितीय के सबसे बड़े पुत्र थे. महाराणा प्रताप एक ऐसे राजपूत वीर योद्धा थे, जिन्होंने सीमित संसाधनों के बल पर मुगलों को नाकों चने चबाने पर मजबूर कर दिया था. इसके अलावा इतिहास के पन्नों में महाराणा प्रताप के शौर्य और जांबाजी के कई किस्से दर्ज हैं. महाराणा प्रताप एक वीर योद्धा और उत्कृष्ट युद्ध रणनीतिकार थे, जिन्होंने मुगलों द्वारा बार-बार किए जाने वाले हमलों का मुंहतोड़ जवाब देते हुए मेवाड़ की रक्षा की. वे मेवाड के 13वें राजा थे, ज...