महाराणा प्रताप की मृत्यु कब हुई

  1. महाराणा प्रताप की मृत्यु कैसे हुई Maharana pratap ki mrityu kaise hui
  2. महाराणा प्रताप जीवन परिचय
  3. महाराणा प्रताप की पत्नियां कितनी थी?
  4. महाराणा प्रताप का जीवन परिचय, इतिहास, कहानी और उनकी मृत्यु
  5. महाराणा प्रताप का जीवन परिचय, इतिहास, कहानी और उनकी मृत्यु
  6. महाराणा प्रताप जीवन परिचय
  7. महाराणा प्रताप की पत्नियां कितनी थी?
  8. महाराणा प्रताप की मृत्यु कैसे हुई Maharana pratap ki mrityu kaise hui
  9. महाराणा प्रताप का जीवन परिचय, इतिहास, कहानी और उनकी मृत्यु
  10. महाराणा प्रताप जीवन परिचय


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महाराणा प्रताप की मृत्यु कैसे हुई Maharana pratap ki mrityu kaise hui

Maharana pratap ki mrityu kaise hui दोस्तों आज हम एक महान प्रतापी राजा महाराणा प्रताप की मृत्यु के बारे में जानेंगे. महाराणा प्रताप जिन पर कहीं सीरियल भी बन चुके हैं जिनके कौशल और पराक्रम की हर कोई तारीफ करता है हल्दीघाटी में होने वाले युद्ध में महाराणा प्रताप थे इस युद्ध में भी हमें महाराणा प्रताप के पराक्रम के बारे में जानकारी मिलती है महाराणा प्रताप ने सिर्फ अपने कुछ सैनिकों के दम युद्ध किया. Maharana pratap ki mrityu kaise hui हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप के पीछे कुछ सैनिक पड़ रहे थे महाराणा प्रताप अपने प्रिय घोड़े चेतक के ऊपर बैठे हुए थे जो कि हवा की रफ्तार से दौड़ता था इनके घोड़े चेतक ने लगभग 26 फुट की छलांग लगाई जिसे सैनिक पार नहीं कर पाए और उसने अपने राजा को सुरक्षित बचाया लेकिन कुछ समय बाद की घटना है कि एक बार महाराणा प्रताप जंगल में शिकार करने के लिए जा रहे थे जंगल में एक दुर्घटना घटी जिसके कारण महाराणा प्रताप घायल हो गए और 57 साल की उम्र में 29 जनवरी 1597 को महाराणा प्रताप की मृत्यु हो गई. इससे पहले सभी ने ये शपथ ली कि जब तक हम जीवित रहेंगे तब तक इस राज्य में अकबर को कब्जा नहीं करने देंगे जब ये खबर अकबर को पता लगी की महाराणा प्रताप की मृत्यु हो गई है तो उसको बहुत दुख हुआ क्योंकि अकबर चाहता था कि महाराणा प्रताप को बंधक बनाए लेकिन अकबर अपने पूरे जीवन में महाराणा प्रताप का सामना नहीं कर पाया. वह उसके सामने भी नहीं आ पाया क्योंकि अकबर महाराणा प्रताप से भयभीत होता था वास्तव में महाराणा प्रताप एक तेजस्वी वीर साहसी थे जिन्हें इतिहास के पन्नों में हमेशा हमेशा के लिए याद किया जाएगा. • अगर आपको हमारी कहानी Maharana pratap ki mrityu kaise hui पसंद आई हो तो इसे शेयर...

महाराणा प्रताप जीवन परिचय

महाराणा प्रताप (जन्म 1545, मेवाड़ [भारत] – मृत्यु जनवरी 19, 1597, मेवाड़), मेवाड़ के राजपूत संघ के हिंदू महाराजा (1572–97), जो अब उत्तर-पश्चिमी भारत और पूर्वी पाकिस्तान में है। उन्होंने अपने क्षेत्र को जीतने के लिए मुगल सम्राट अकबर के प्रयासों का सफलतापूर्वक विरोध किया और उन्हें राजस्थान में एक नायक के रूप में सम्मानित किया गया। महा महाराणा प्रताप सिंह बारे में पूरा नाम ‌‌‌‌‌‌‌महाराणा प्रताप जन्म जन्म भूमि मृत्यु तिथि पिता/माता राज्य सीमा शासन काल 1568–1597 ई. शा. अवधि 29 वर्ष धार्मिक मान्यता युद्ध राजधानी पूर्वाधिकारी उत्तराधिकारी राजघराना वंश संबंधित लेख अन्य जानकारी महाराणा प्रताप ने एक प्रतिष्ठित कुल के मान-सम्मान और उसकी उपाधि को प्राप्त किया था, परन्तु उनके पास न तो राजधानी थी और न ही वित्तीय साधन। बार-बार की पराजयों ने उनके स्वबन्धुओं और जाति के लोगों को निरुत्साहित कर दिया था। फिर भी उनके पास अपना जातीय स्वाभिमान था। टीका टिप्पणी और संदर्भ • • (हिन्दी)वेब दुनिया। अभिगमन तिथि: 11 मई, 2015। • (हिन्दी)उगता भारत। अभिगमन तिथि: 17 मई, 2015। बाहरी कड़ियाँ • • महाराणा प्रताप के उपनाम है:- राणा प्रताप को अबुल फजल नलियाकति कहा है। राणा प्रताप को जेम्स टॉड में गजकेसरी कहा है। और साहित्य में प्रताप को पाथल (सूर्य) कहा गया है। महाराणा प्रताप जयंती: अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार महाराणा प्रताप जयंती हर साल 9 मई को पड़ती है। हालाँकि, हिंदू कैलेंडर ज्येष्ठ के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को योद्धा राजा की जयंती दिखाता है, और इसलिए इस बार 13 जून को मनाया जा रहा है। महाराणा प्रताप जयंती 2021: हिंदू कैलेंडर ज्येष्ठ के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को योद्धा राजा की जयंती दिखाता है, और इसलिए इस...

महाराणा प्रताप की पत्नियां कितनी थी?

Maharana Pratap Ki Kitni Patniyan Thi : महाराणा प्रताप की गौरव गाथा कौन नहीं जानता? महाराणा प्रताप भारत के इतिहास के सबसे प्रसिद्ध और पराक्रमी योद्धा माने जाते हैं क्योंकि महाराणा प्रताप केवल एक छोटी सी रियासत मेवाड़ के शासक थे, जिन्होंने दिल्ली के मुगल शासक अकबर से लोहा लिया था। महाराणा प्रताप ने अकबर के द्वारा भेजे गए विभिन्न प्रस्ताव को ठुकरा कर हमेशा अपनी राजपूती शान के साथ स्वतंत्रता और स्वाभिमान ता के साथ खड़े रहे। अकबर ने हर संभव प्रयास किए लेकिन वहां महाराणा प्रताप को नहीं झुका सका। Image: Maharana Pratap Ki Kitni Patniyan Thi जब महाराणा प्रताप की मृत्यु हुई तब अकबर के भी आंसू बहे थें। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महाराणा प्रताप ने अकबर के द्वारा भेजे गए विभिन्न प्रकार के योद्धाओं को हरा दिया और अकबर के सभी प्रस्तावों को ठुकरा दिया था। अकबर ने महाराणा प्रताप को आखिर में केवल उनकी अधीनता स्वीकार करने के लिए कहा था। फिर भी महाराणा प्रताप ने स्वाधीनता तथा स्वतंत्रता के लिए कभी भी अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की। इसी के चलते मुगल सेना ने कई बार आक्रमण किया और आखिर में हल्दीघाटी का युद्ध हुआ। विषय सूची • • • • • महाराणा प्रताप की पत्नियां कितनी थी? | Maharana Pratap Ki Kitni Patniyan Thi मेवाड़ रियासत के राजा महाराणा प्रताप महाराणा प्रताप का जन्म राजस्थान के मेवाड़ रियासत में हुआ था। उनके पिता 1520 सदी के दौरान मेवाड़ के शासक थे। मेवाड़ के शासक राणा उदय सिंह ने अपनी पसंदीदा पत्नी के पुत्र जयमल को मेवाड़ की सत्ता सौंप दी थी। सभी सामंतों ने मेवाड़ का शासक महाराणा प्रताप को बनाने की पेशकश की। इसीलिए महाराणा प्रताप ने मेवाड़ की गति संभाली। लेकिन उन्होंने मुगलों की अधीनता स...

महाराणा प्रताप का जीवन परिचय, इतिहास, कहानी और उनकी मृत्यु

महाराणा प्रताप की कथा पढ़ने में आपको बेहद आनंद आयेगा| महाराणा प्रताप और मुगलों के बिच हुए घमासान युद्ध की कहानी में महाराणा प्रताप जी ने मुगलों को धुल चटाई थी जिसे आज पूरा भारतवर्ष अच्छी तरह जानता है. मेवाड़ के वीर योद्धा महाराणा प्रताप की बात ही निराली है| महाराणा प्रताप का जीवन परिचय हिंदी में महाराणा प्रताप का नाम इतना प्रसिद्ध है की हर जगह जब वीर योधाओं की बात होती है तो महाराणा प्रताप जी का भी नाम सामने आता है, महाराणा प्रताप की वीरता की कहानी से भारत की भूमि गर्व से हरी भरी है| महाराणा प्रताप मेवाड़ के प्रजा के राजा थे. महाराणा प्रताप एक ऐसे वीर योद्धा थे जो हमेशा अपनी प्रजा के हित के लिए सोचते थे और अपनी प्रजा की रक्षा के लिए हमेशा दुश्मनों से युद्ध करने लिए हमेशा तत्पर रहते थे. प्रजा उनके शाशन में हमेशा खुश रहती थी| महाराणा प्रताप ने मुगलों से कई बार युद्ध करा है| महाराणा प्रताप राजपूतों में सिसोदिया वंश के वशंज थे. महाराणा प्रताप बहादुर राजपूत थे जिनकी वीरता को पूरा देश भी सलाम करते थे| महाराणा प्रताप युद्ध कौशल में निपूर्ण थे ही लेकिन वे एक भावुक और धर्म की रक्षा करने के लिए हमेशा तैयार रहते थे| महाराणा प्रताप की सबसे पहली गुरु उनकी माता जयवंता बाई जी थीं. महाराणा प्रताप का इतिहास – महाराणा प्रताप जयंती पूरा नाम : महाराणा प्रताप सिंह (राजपूत) महाराणा प्रताप के पिता का नाम : श्री राणा उदय सिंह जी महाराणा प्रताप की माता का नाम : श्रीमती जयवंता बाई जी महाराणा प्रताप की पत्नी का नाम : श्रीमती अजब्देह महाराणा प्रताप का जन्म : 09 मई 1540 को महाराणा प्रताप की मृत्यु : 29 जनवरी 1597 महाराणा प्रताप का पुत्र : श्री अमर सिंह और भगवान दास महाराणा प्रताप के घोडे का नाम : चेतक मह...

महाराणा प्रताप का जीवन परिचय, इतिहास, कहानी और उनकी मृत्यु

महाराणा प्रताप की कथा पढ़ने में आपको बेहद आनंद आयेगा| महाराणा प्रताप और मुगलों के बिच हुए घमासान युद्ध की कहानी में महाराणा प्रताप जी ने मुगलों को धुल चटाई थी जिसे आज पूरा भारतवर्ष अच्छी तरह जानता है. मेवाड़ के वीर योद्धा महाराणा प्रताप की बात ही निराली है| महाराणा प्रताप का जीवन परिचय हिंदी में महाराणा प्रताप का नाम इतना प्रसिद्ध है की हर जगह जब वीर योधाओं की बात होती है तो महाराणा प्रताप जी का भी नाम सामने आता है, महाराणा प्रताप की वीरता की कहानी से भारत की भूमि गर्व से हरी भरी है| महाराणा प्रताप मेवाड़ के प्रजा के राजा थे. महाराणा प्रताप एक ऐसे वीर योद्धा थे जो हमेशा अपनी प्रजा के हित के लिए सोचते थे और अपनी प्रजा की रक्षा के लिए हमेशा दुश्मनों से युद्ध करने लिए हमेशा तत्पर रहते थे. प्रजा उनके शाशन में हमेशा खुश रहती थी| महाराणा प्रताप ने मुगलों से कई बार युद्ध करा है| महाराणा प्रताप राजपूतों में सिसोदिया वंश के वशंज थे. महाराणा प्रताप बहादुर राजपूत थे जिनकी वीरता को पूरा देश भी सलाम करते थे| महाराणा प्रताप युद्ध कौशल में निपूर्ण थे ही लेकिन वे एक भावुक और धर्म की रक्षा करने के लिए हमेशा तैयार रहते थे| महाराणा प्रताप की सबसे पहली गुरु उनकी माता जयवंता बाई जी थीं. महाराणा प्रताप का इतिहास – महाराणा प्रताप जयंती पूरा नाम : महाराणा प्रताप सिंह (राजपूत) महाराणा प्रताप के पिता का नाम : श्री राणा उदय सिंह जी महाराणा प्रताप की माता का नाम : श्रीमती जयवंता बाई जी महाराणा प्रताप की पत्नी का नाम : श्रीमती अजब्देह महाराणा प्रताप का जन्म : 09 मई 1540 को महाराणा प्रताप की मृत्यु : 29 जनवरी 1597 महाराणा प्रताप का पुत्र : श्री अमर सिंह और भगवान दास महाराणा प्रताप के घोडे का नाम : चेतक मह...

महाराणा प्रताप जीवन परिचय

महाराणा प्रताप (जन्म 1545, मेवाड़ [भारत] – मृत्यु जनवरी 19, 1597, मेवाड़), मेवाड़ के राजपूत संघ के हिंदू महाराजा (1572–97), जो अब उत्तर-पश्चिमी भारत और पूर्वी पाकिस्तान में है। उन्होंने अपने क्षेत्र को जीतने के लिए मुगल सम्राट अकबर के प्रयासों का सफलतापूर्वक विरोध किया और उन्हें राजस्थान में एक नायक के रूप में सम्मानित किया गया। महा महाराणा प्रताप सिंह बारे में पूरा नाम ‌‌‌‌‌‌‌महाराणा प्रताप जन्म जन्म भूमि मृत्यु तिथि पिता/माता राज्य सीमा शासन काल 1568–1597 ई. शा. अवधि 29 वर्ष धार्मिक मान्यता युद्ध राजधानी पूर्वाधिकारी उत्तराधिकारी राजघराना वंश संबंधित लेख अन्य जानकारी महाराणा प्रताप ने एक प्रतिष्ठित कुल के मान-सम्मान और उसकी उपाधि को प्राप्त किया था, परन्तु उनके पास न तो राजधानी थी और न ही वित्तीय साधन। बार-बार की पराजयों ने उनके स्वबन्धुओं और जाति के लोगों को निरुत्साहित कर दिया था। फिर भी उनके पास अपना जातीय स्वाभिमान था। टीका टिप्पणी और संदर्भ • • (हिन्दी)वेब दुनिया। अभिगमन तिथि: 11 मई, 2015। • (हिन्दी)उगता भारत। अभिगमन तिथि: 17 मई, 2015। बाहरी कड़ियाँ • • महाराणा प्रताप के उपनाम है:- राणा प्रताप को अबुल फजल नलियाकति कहा है। राणा प्रताप को जेम्स टॉड में गजकेसरी कहा है। और साहित्य में प्रताप को पाथल (सूर्य) कहा गया है। महाराणा प्रताप जयंती: अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार महाराणा प्रताप जयंती हर साल 9 मई को पड़ती है। हालाँकि, हिंदू कैलेंडर ज्येष्ठ के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को योद्धा राजा की जयंती दिखाता है, और इसलिए इस बार 13 जून को मनाया जा रहा है। महाराणा प्रताप जयंती 2021: हिंदू कैलेंडर ज्येष्ठ के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को योद्धा राजा की जयंती दिखाता है, और इसलिए इस...

महाराणा प्रताप की पत्नियां कितनी थी?

Maharana Pratap Ki Kitni Patniyan Thi : महाराणा प्रताप की गौरव गाथा कौन नहीं जानता? महाराणा प्रताप भारत के इतिहास के सबसे प्रसिद्ध और पराक्रमी योद्धा माने जाते हैं क्योंकि महाराणा प्रताप केवल एक छोटी सी रियासत मेवाड़ के शासक थे, जिन्होंने दिल्ली के मुगल शासक अकबर से लोहा लिया था। महाराणा प्रताप ने अकबर के द्वारा भेजे गए विभिन्न प्रस्ताव को ठुकरा कर हमेशा अपनी राजपूती शान के साथ स्वतंत्रता और स्वाभिमान ता के साथ खड़े रहे। अकबर ने हर संभव प्रयास किए लेकिन वहां महाराणा प्रताप को नहीं झुका सका। Image: Maharana Pratap Ki Kitni Patniyan Thi जब महाराणा प्रताप की मृत्यु हुई तब अकबर के भी आंसू बहे थें। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महाराणा प्रताप ने अकबर के द्वारा भेजे गए विभिन्न प्रकार के योद्धाओं को हरा दिया और अकबर के सभी प्रस्तावों को ठुकरा दिया था। अकबर ने महाराणा प्रताप को आखिर में केवल उनकी अधीनता स्वीकार करने के लिए कहा था। फिर भी महाराणा प्रताप ने स्वाधीनता तथा स्वतंत्रता के लिए कभी भी अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की। इसी के चलते मुगल सेना ने कई बार आक्रमण किया और आखिर में हल्दीघाटी का युद्ध हुआ। विषय सूची • • • • • महाराणा प्रताप की पत्नियां कितनी थी? | Maharana Pratap Ki Kitni Patniyan Thi मेवाड़ रियासत के राजा महाराणा प्रताप महाराणा प्रताप का जन्म राजस्थान के मेवाड़ रियासत में हुआ था। उनके पिता 1520 सदी के दौरान मेवाड़ के शासक थे। मेवाड़ के शासक राणा उदय सिंह ने अपनी पसंदीदा पत्नी के पुत्र जयमल को मेवाड़ की सत्ता सौंप दी थी। सभी सामंतों ने मेवाड़ का शासक महाराणा प्रताप को बनाने की पेशकश की। इसीलिए महाराणा प्रताप ने मेवाड़ की गति संभाली। लेकिन उन्होंने मुगलों की अधीनता स...

महाराणा प्रताप की मृत्यु कैसे हुई Maharana pratap ki mrityu kaise hui

Maharana pratap ki mrityu kaise hui दोस्तों आज हम एक महान प्रतापी राजा महाराणा प्रताप की मृत्यु के बारे में जानेंगे. महाराणा प्रताप जिन पर कहीं सीरियल भी बन चुके हैं जिनके कौशल और पराक्रम की हर कोई तारीफ करता है हल्दीघाटी में होने वाले युद्ध में महाराणा प्रताप थे इस युद्ध में भी हमें महाराणा प्रताप के पराक्रम के बारे में जानकारी मिलती है महाराणा प्रताप ने सिर्फ अपने कुछ सैनिकों के दम युद्ध किया. Maharana pratap ki mrityu kaise hui हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप के पीछे कुछ सैनिक पड़ रहे थे महाराणा प्रताप अपने प्रिय घोड़े चेतक के ऊपर बैठे हुए थे जो कि हवा की रफ्तार से दौड़ता था इनके घोड़े चेतक ने लगभग 26 फुट की छलांग लगाई जिसे सैनिक पार नहीं कर पाए और उसने अपने राजा को सुरक्षित बचाया लेकिन कुछ समय बाद की घटना है कि एक बार महाराणा प्रताप जंगल में शिकार करने के लिए जा रहे थे जंगल में एक दुर्घटना घटी जिसके कारण महाराणा प्रताप घायल हो गए और 57 साल की उम्र में 29 जनवरी 1597 को महाराणा प्रताप की मृत्यु हो गई. इससे पहले सभी ने ये शपथ ली कि जब तक हम जीवित रहेंगे तब तक इस राज्य में अकबर को कब्जा नहीं करने देंगे जब ये खबर अकबर को पता लगी की महाराणा प्रताप की मृत्यु हो गई है तो उसको बहुत दुख हुआ क्योंकि अकबर चाहता था कि महाराणा प्रताप को बंधक बनाए लेकिन अकबर अपने पूरे जीवन में महाराणा प्रताप का सामना नहीं कर पाया. वह उसके सामने भी नहीं आ पाया क्योंकि अकबर महाराणा प्रताप से भयभीत होता था वास्तव में महाराणा प्रताप एक तेजस्वी वीर साहसी थे जिन्हें इतिहास के पन्नों में हमेशा हमेशा के लिए याद किया जाएगा. • अगर आपको हमारी कहानी Maharana pratap ki mrityu kaise hui पसंद आई हो तो इसे शेयर...

महाराणा प्रताप का जीवन परिचय, इतिहास, कहानी और उनकी मृत्यु

महाराणा प्रताप की कथा पढ़ने में आपको बेहद आनंद आयेगा| महाराणा प्रताप और मुगलों के बिच हुए घमासान युद्ध की कहानी में महाराणा प्रताप जी ने मुगलों को धुल चटाई थी जिसे आज पूरा भारतवर्ष अच्छी तरह जानता है. मेवाड़ के वीर योद्धा महाराणा प्रताप की बात ही निराली है| महाराणा प्रताप का जीवन परिचय हिंदी में महाराणा प्रताप का नाम इतना प्रसिद्ध है की हर जगह जब वीर योधाओं की बात होती है तो महाराणा प्रताप जी का भी नाम सामने आता है, महाराणा प्रताप की वीरता की कहानी से भारत की भूमि गर्व से हरी भरी है| महाराणा प्रताप मेवाड़ के प्रजा के राजा थे. महाराणा प्रताप एक ऐसे वीर योद्धा थे जो हमेशा अपनी प्रजा के हित के लिए सोचते थे और अपनी प्रजा की रक्षा के लिए हमेशा दुश्मनों से युद्ध करने लिए हमेशा तत्पर रहते थे. प्रजा उनके शाशन में हमेशा खुश रहती थी| महाराणा प्रताप ने मुगलों से कई बार युद्ध करा है| महाराणा प्रताप राजपूतों में सिसोदिया वंश के वशंज थे. महाराणा प्रताप बहादुर राजपूत थे जिनकी वीरता को पूरा देश भी सलाम करते थे| महाराणा प्रताप युद्ध कौशल में निपूर्ण थे ही लेकिन वे एक भावुक और धर्म की रक्षा करने के लिए हमेशा तैयार रहते थे| महाराणा प्रताप की सबसे पहली गुरु उनकी माता जयवंता बाई जी थीं. महाराणा प्रताप का इतिहास – महाराणा प्रताप जयंती पूरा नाम : महाराणा प्रताप सिंह (राजपूत) महाराणा प्रताप के पिता का नाम : श्री राणा उदय सिंह जी महाराणा प्रताप की माता का नाम : श्रीमती जयवंता बाई जी महाराणा प्रताप की पत्नी का नाम : श्रीमती अजब्देह महाराणा प्रताप का जन्म : 09 मई 1540 को महाराणा प्रताप की मृत्यु : 29 जनवरी 1597 महाराणा प्रताप का पुत्र : श्री अमर सिंह और भगवान दास महाराणा प्रताप के घोडे का नाम : चेतक मह...

महाराणा प्रताप जीवन परिचय

महाराणा प्रताप (जन्म 1545, मेवाड़ [भारत] – मृत्यु जनवरी 19, 1597, मेवाड़), मेवाड़ के राजपूत संघ के हिंदू महाराजा (1572–97), जो अब उत्तर-पश्चिमी भारत और पूर्वी पाकिस्तान में है। उन्होंने अपने क्षेत्र को जीतने के लिए मुगल सम्राट अकबर के प्रयासों का सफलतापूर्वक विरोध किया और उन्हें राजस्थान में एक नायक के रूप में सम्मानित किया गया। महा महाराणा प्रताप सिंह बारे में पूरा नाम ‌‌‌‌‌‌‌महाराणा प्रताप जन्म जन्म भूमि मृत्यु तिथि पिता/माता राज्य सीमा शासन काल 1568–1597 ई. शा. अवधि 29 वर्ष धार्मिक मान्यता युद्ध राजधानी पूर्वाधिकारी उत्तराधिकारी राजघराना वंश संबंधित लेख अन्य जानकारी महाराणा प्रताप ने एक प्रतिष्ठित कुल के मान-सम्मान और उसकी उपाधि को प्राप्त किया था, परन्तु उनके पास न तो राजधानी थी और न ही वित्तीय साधन। बार-बार की पराजयों ने उनके स्वबन्धुओं और जाति के लोगों को निरुत्साहित कर दिया था। फिर भी उनके पास अपना जातीय स्वाभिमान था। टीका टिप्पणी और संदर्भ • • (हिन्दी)वेब दुनिया। अभिगमन तिथि: 11 मई, 2015। • (हिन्दी)उगता भारत। अभिगमन तिथि: 17 मई, 2015। बाहरी कड़ियाँ • • महाराणा प्रताप के उपनाम है:- राणा प्रताप को अबुल फजल नलियाकति कहा है। राणा प्रताप को जेम्स टॉड में गजकेसरी कहा है। और साहित्य में प्रताप को पाथल (सूर्य) कहा गया है। महाराणा प्रताप जयंती: अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार महाराणा प्रताप जयंती हर साल 9 मई को पड़ती है। हालाँकि, हिंदू कैलेंडर ज्येष्ठ के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को योद्धा राजा की जयंती दिखाता है, और इसलिए इस बार 13 जून को मनाया जा रहा है। महाराणा प्रताप जयंती 2021: हिंदू कैलेंडर ज्येष्ठ के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को योद्धा राजा की जयंती दिखाता है, और इसलिए इस...