महाराणा प्रताप फोटो hd

  1. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड: सीएम गहलोत ने दी गठन की मंजूरी, जानें कैसा होगा पूरा स्वरूप?
  2. Maharana Pratap Punyatithi 2022 Images for Free Download Online: महाराणा प्रताप यांच्या पुण्यतिथी निमित्त अभिवादन करण्यासाठी फोटोज, Quotes!
  3. महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं
  4. Karauli News: भव्य शोभायात्रा के साथ मनाई गई महाराणा प्रताप की जयंती, देखिए तस्वीरें...
  5. Maharana Pratap Jayanti 2023 HD Images: महाराणा प्रताप जयंती निमित्त WhatsApp Messages, Greetings, Quotes, Wallpapers च्या माध्यमातून द्या खास शुभेच्छा!
  6. Maharana Kumbha Of Mewar Won Every Battle Of Hsi Life Built World Second Largest Wall In His Fort Ann
  7. Maharana Pratap Punyatithi 2023:महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि आज, पढ़ें हौसलों को बुलंद करने वाले सुविचार
  8. महाराणा प्रताप की तलवार की फोटो, महाराणा प्रताप की असली तलवार


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वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड: सीएम गहलोत ने दी गठन की मंजूरी, जानें कैसा होगा पूरा स्वरूप?

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड अपडेट बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और 7 अन्य सदस्य होंगे बोर्ड का उद्देश्य नई पीढ़ी को महाराणा प्रताप के महान चरित्र का अनुगामी बनाना है जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनावों (Rajasthan Assembly Election) से पहले विभिन्न बोर्डों के गठन की प्रक्रिया जारी है. सीएम अशोक गहलोत ने बीते 22 मई को उदयपुर में महाराणा प्रताप की 483वीं जयंती पर वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड (Veer Shiromani Maharana Pratap Board) के गठन की घोषणा की थी. महज 20 दिनों के भीतर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को बोर्ड के गठन को मंजूरी दे दी है. इस बोर्ड के गठन के पीछे गहलोत सरकार की मंशा है कि महाराणा प्रताप की प्रतिबद्धता, देशभक्ति, दानशीलता, जनसेवा और कर्तव्य परायणता का संदेश जन-जन तक पहुंचे. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड इस दिशा में काम करेगा. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड में सरकारी कर्मचारियों के अलावा नियुक्तियां होंगी. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और 7 अन्य सदस्य होंगे. इसके अलावा बोर्ड के कामकाज को करने के लिए सचिव एवं कार्यकारी स्टाफ अलग से होगा. इस बोर्ड के गठन का उद्देश्य नई पीढ़ी को महाराणा प्रताप के महान चरित्र का अनुगामी बनाना है. यह रहेगा मुख्य रूप से बोर्ड का कार्य बोर्ड का कार्य महाराणा प्रताप पर आधारित पुरातात्विक धरोहरों के संरक्षण, नव-निर्माण, भारत की विभिन्न भाषाओं में रचित प्राचीन साहित्य के संकलन, संरक्षण, शोध, प्रकाशन एवं प्रचार-प्रसार, संबंधित पाठ्यक्रम सामग्री का निर्धारण-समावेशन करना है. इसके साथ ही उनके नाम से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों की शुरूआत करना भी है. महाराणा प्रताप पर आधारित मेलों, प्...

Maharana Pratap Punyatithi 2022 Images for Free Download Online: महाराणा प्रताप यांच्या पुण्यतिथी निमित्त अभिवादन करण्यासाठी फोटोज, Quotes!

मेवाडचे राजे महाराणा प्रताप यांची आज (19 जानेवारी) पुण्यतिथी. भारतामध्ये मुघल साम्राज्याच्या विस्तारवादाविरुद्ध उभे ठाकलेले महाराणा प्रताप हे पहिले स्वातंत्र्यता सेनानी म्हणून देखील ओळखले जातात. त्यांचा जन्म 9 मे 1540 साली झाला. महाराणा प्रताप हे सिसोदिया कुळातील क्षत्रिय राजपूत राजे होते. 1572 साली महाराणा प्रताप हे मेवाडचे राजे झाले होते, उदय सिंह यांच्या मृत्यूनंतर त्यांच्यावर जबाबदारी आली आनि राजस्थानच्या मेवाड चे ते 13 वे राजपूत राजे बनले होते. 19 जानेवारी 1597 त्यांनी अखेरचा श्वास घेतला. आज त्यांच्या पुण्यतिथीनिमित्त त्यांना अभिवादन करण्यासाठी सोशल मीडीयामध्ये त्यांचे विचार, फोटोज शेअर करून तुम्ही नक्कीच आदरांजली अर्पण करू शकता. महाराणा प्रताप पुण्यतिथी Veer Shiromani Maharana Pratap (Photo Credits: Wikimedia Commons) ('सोशली' (SocialLY) हे आपल्यासाठी ट्विटर, इन्स्टाग्राम आणि यूट्यूब अशा सोशल मीडिया जगातील ताज्या ब्रेकिंग न्यूज, व्हायरल ट्रेंड व माहिती घेऊन येते. वृत्तात एम्बेड केलेली पोस्ट यूजर्सच्या सोशल मीडिया अकाऊंटमधून थेट एम्बेड करण्यात आली आहे. लेटेस्टलीच्या कर्मचाऱ्याने अथवा लेखकाने त्याचे संपादन किंवा त्यात सुधारणा केलेली नाही. सदर पोस्टमधील वस्तुस्थिती, प्रतिक्रियामधून लेटेस्टलीची मते प्रतिबिंबित होत नाहीत. तसेच या मजकूराची जबाबदारी अथवा उत्तरदायीत्व लेटेस्टली स्वीकारत नाही.) • Gwalior Shocker: शेजारच्या पुरुषाशी बोलण्यापासून पत्नीला रोखले; संतापलेल्या महिलेने रात्री पतीच्या गुप्तांगावर ओतले उकळलेले तेल • Hindu-American Summit: 'आत्म-जागरूक हिंदू-अमेरिकन लोकांकडे आहे अमेरिकेचा पुढचा राष्ट्राध्यक्ष निवडण्याचे सामर्थ्य'- US Congressman Rich McCormick (Watch) ...

महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं

महाराणा प्रताप जयंती 2022 – महाराणा प्रताप को पूरा भारत उनकी वीरता, शूरवीरता तथा पराक्रम के कारण जानता है| महाराणा प्रताप मेवाड़ के राजपूत संघ के हिंदू महाराजा थे|राणा उदय सिंह द्वितीय के सबसे बड़े बेटे, वह नामित ताज मूल्य थे जिन्होंने अपने पिता के शासनकाल में अपने बहादुरी को प्रदर्शित करना शुरू किया था। अपने क्षेत्र को जीतने के लिए मुगल सम्राट अकबर के प्रयासों का सफलतापूर्वक विरोध करने के लिए बहुत प्रसिद्ध, उन्हें राजस्थान में नायक के रूप में सम्मानित किया जाता है| आज के इस पोस्ट में हम आपको महाराणा प्रताप जयंती की शुभकामना, महाराणा प्रताप जयंती संस एंड विशेष, हिंदी विशेष ऑन महाराणा प्रताप जयंती, आदि की जानकारी देंगे| महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक बधाई Maharana Pratap jaise yodha sahstrabdiyon, me kewal ek baar hi janam lete hai, wo bhi rajputon ke maan samman or gaurav ko badhane ke liye. Happy Maharana Pratap Jayanti करता हुं नमन मै प्रताप को,जो वीरता का प्रतीक है। तु लोह-पुरुष तु मातॄ-भक्त,तु अखण्डता का प्रतीक है॥ महाराणा प्रताप जयंती की शुभकामना हे प्रताप मुझे तु शक्ती दे,दुश्मन को मै भी हराऊंगा। मै हु तेरा एक अनुयायी,दुश्मन को मार भगाऊंगा॥ महाराणा प्रताप जयंती की शुभकामना है धर्म हर हिन्दुस्तानी का,कि तेरे जैसा बनने का। चलना है अब तो उसी मार्ग,जो मार्ग दिखाया प्रताप ने॥ महाराणा प्रताप जयंती की शुभकामना महाराणा प्रताप जयंती बधाई सन्देश Tera Prakop sare Sansaar ka Mahapralay ho, Teri Prasannata hi Anand ka Vishay ho, wah bhakti de ki Bismil Sukh mai tujhe na bhule, wah sakti de ki dukh me kayar na ye dil ho. Happy Maharana Pratap Jayanti जब-जब तेरी तलवार उठी, तो दुश्म...

Karauli News: भव्य शोभायात्रा के साथ मनाई गई महाराणा प्रताप की जयंती, देखिए तस्वीरें...

मोहित शर्मा/ करौली. पूर्वी राजस्थान के करौली की मंडरायल तहसील में महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया. इस शोभायात्रा कि सबसे खास बात यह रही कि पहली बार इस शोभायात्रा का निमंत्रण सर्व समाज को ढोल नगाड़ों के द्वारा दिया गया था. महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर निकलने वाली इस शोभायात्रा में सैकड़ों युवाओं ने भाग लेकर वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के जीवन और उनके देश प्रेम के प्रति लगाव से प्रेरणा लेते हुए बिना डीजे के उनके जयकारों के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली. सिर पर केसरिया पगड़ी बांध युवाओं ने निकाली शोभायात्रा महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर निकाली गई भव्य शोभायात्रा में सैकड़ों की संख्या में युवा सिर पर केसरिया पगड़ी धारणकर और हाथ में केसरिया ध्वज लेकर हिंदूआ सूरज महाराणा प्रताप के जयकारों के साथ कड़कड़ाती धूप में एक विशेष उत्साह के साथ भव्य शोभायात्रा में नजर आएं पहली बार ढोल नगाड़ों से दिया गया था निमंत्रण युवा समाजसेवी जितेंद्र सिंह ने बताया कि इस भव्य और ऐतिहासिक कार्यक्रम की मुख्य विशेषता इस बार पहली बार दिया गया ढोल नगाड़ा का निमंत्रण रहा था. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर हुए इस कार्यक्रम क्षेत्र के सभी राजपूत सरदारों ने भाग लेकर इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई थी. उन्होंने बताया कि पहली बार हुए इस भव्य कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य सरकार के मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और विशेष अतिथि पराक्रम राठौड़ मौजूद रहे. . Tags: ,

Maharana Pratap Jayanti 2023 HD Images: महाराणा प्रताप जयंती निमित्त WhatsApp Messages, Greetings, Quotes, Wallpapers च्या माध्यमातून द्या खास शुभेच्छा!

Maharana Pratap Jayanti 2023 HD Images: महाराणा प्रताप जयंती निमित्त WhatsApp Messages, Greetings, Quotes, Wallpapers च्या माध्यमातून द्या खास शुभेच्छा! महाराणा प्रताप जयंतीनिमित्त WhatsApp Messages, Greetings, Quotes, Wallpapers च्या माध्यमातून खास शुभेच्छा देण्यासाठी तुम्ही खालील ईमेज डाऊनलोड करू शकता. Maharana Pratap Jayanti 2023 HD Images: महाराणा प्रताप हे एक महान योद्धा आणि पराक्रमी शासक होते. महाराणा प्रताप हे मेवाडचे सर्वात शक्तिशाली राजा होते. शिरोमणी महाराणा प्रताप हे 1540 ते 1587 पर्यंत सिसोदिया राजपूत घराण्याचे शासक होते. महाराणा प्रताप यांचा जन्म 9 मे 1540 रोजी राजस्थानमधील मेवाडच्या कुंभलगड किल्ल्यात झाला. महाराणा प्रताप यांच्या वडिलांचे नाव महाराणा उदय सिंह आणि आईचे नाव महाराणी जयवंताबाई होते. महाराणा प्रताप यांची गणना भारतातील त्या पराक्रमी आणि महान योद्ध्यांमध्ये केली जाते ज्यांनी आपल्या राज्य आणि देशातील लोकांसाठी सर्वस्व त्यागले. महाराणा प्रताप हे देशभक्ती आणि शौर्याने भरलेल्या मेवाड भूमीची शान आहेत. जी स्वातंत्र्य प्रेमी आणि महान वीर महाराणा प्रताप यांचे जन्मस्थान आहे. जिथे अनेक संतांनी देशातील जनमानसातील जडत्व दूर करण्यासाठी मानवतेत धर्माचा प्रकाश जागवला. महाराणा प्रताप हे देखील अशा शूर योद्ध्यांपैकी एक होते ज्यांनी अकबराच्या विरुद्धच्या युद्धात योगदान दिले. आज त्यांच्या जयंतीनिमित्त WhatsApp Messages, Greetings, Quotes, Wallpapers च्या माध्यमातून खास शुभेच्छा देण्यासाठी तुम्ही खालील ईमेज डाऊनलोड करू शकता. (हेही वाचा - जब-जब तेरी तलवार उठी, तो दुश्मन टोली डोल गयी. Maharana Pratap Jayanti Messages (PC - File Image) प्रतापच्या काळात दिल्लीवर मुघल सम्राट ...

Maharana Kumbha Of Mewar Won Every Battle Of Hsi Life Built World Second Largest Wall In His Fort Ann

Maharana Kumbha: मेवाड़ के ऐसे राणा जो किसी युद्ध में नहीं हारे, अपने किले में बनवाई दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी दीवार Kumbha of Mewar: मेवाड़ की धरती ने वीर राजाओं को जन्म दिया है इनमें से एक महाराणा कुम्भा भी हैं. महाराणा प्रताप की तरह इनका नाम भी राजस्थान के इतिहास में बेहद सम्मान के साथ लिया जाता है. Rajasthan News:राजस्थान में मेवाड़ (Mewar) के इतिहास को कौन नहीं जानता है. यहां बप्पा रावल से लेकर कई योद्धा हुए हैं जिन्होंने ने अपनी तलवार की धार से सभी को पानी पिलाया है. इनमें भी एक ऐसे योद्धा हुए जो कभी किसी युद्ध मे नहीं हारे. यहां तक कि उनके द्वारा बनाए गए किले के अंदर तक नहीं पहुंच पाए. उन्होंने अपने किले में इतनी बड़ी दीवार बनाई जो विश्व में चीन के बाद दूसरी सबसे बड़ी दीवार कही जाती है. वही एक मात्र शासक थे जिन्होंने मेवाड़ में कई किले बनवाए. उनका नाम है महाराणा कुम्भा (Maharana Kumbha). वैसे तो महाराणाओं के रूप में महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) को सभी याद करते हैं लेकिन महाराणा प्रताप के पहले महाराणा कुम्भा थे जिनकी वीरता के आगे विदेशी आक्रांता भी नतमस्तक थे.महाराणा कुम्भा ने सन 1433 में मेवाड़ की राजगद्दी संभाली. शासक बनने के बाद उन्होंने अपने पराक्रम से न केवल आंतरिक और बाहरी कठिनाइयों का सफलतापूर्वक सामना किया बल्कि अपनी युद्धकालीन और सांस्कृतिक उपलब्धियों द्वारा मेवाड़ के गौरव को बढ़ाया. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की कक्षा 12वीं की पुस्तक भारत का इतिहास और इतिहास के व्याख्याता अनिल जोशी बताते हैं कि मेवाड़ और मालवा दोनों एक-दूसरे के पड़ोसी राज्य थे. पिता मोकल के हत्यारे महपा पंवार ने मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी के पास शरण ले रखी थी. कुम्भा ने सुल्तान को चिट्ठी...

Maharana Pratap Punyatithi 2023:महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि आज, पढ़ें हौसलों को बुलंद करने वाले सुविचार

Maharana Pratap Punyatithi 2023: भारत के वीरों का जब भी जिक्र होगा, मेवाड़ी राजा महाराणा प्रताप का नाम जरूर याद किया जाएगा। महाराणा प्रताप की आज पुण्यतिथि है। महाराणा प्रताप का जन्म सोलहवीं शताब्दी में 9 मई, 1540 को कुंभलगढ़ में हुआ था। महाराणा प्रताप ने मुगल सम्राट अकबर को रणभूमि में कई बार टक्कर दी। मुगलों से लोहा लेने वाले महाराणा प्रताप अपने परिवार के साथ जंगलों में दर दर भटके। लेकिन उन्होंने न तो दुश्मनों के सामने हाल मानी और न ही विपरीत परिस्थितियों के समक्ष पराजय स्वीकार की। अकबर के सामने महाराणा प्रताप ने अपना शीश नहीं झुकने दिया। उनके शौर्य और वीरता की कहानी आज भी सुनाई जाती है। इतिहास के पन्नों में महाराणा प्रताप का नाम स्वर्णिम अक्षरों से दर्ज है। महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि के मौके पर उनकी शौर्यगाथा पढ़िए और युवाओं को महाराणा प्रताप के वीरतापूर्ण वॉलपेपर व्हाट्सएप या फेसबुक के जरिए भेजिए। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें लाइफ़स्टाइल जगत (Lifestylesection) की अन्य खबरें जैसे हेल्थ एंड फिटनेस न्यूज़(Health and fitness news), लाइव फैशन न्यूज़, (live fashion news) लेटेस्ट फूड न्यूज़ इन हिंदी , (latest food news) रिलेशनशिप न्यूज़(relationship news in Hindi) और यात्रा(travel news in Hindi) आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़ ( रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android

महाराणा प्रताप की तलवार की फोटो, महाराणा प्रताप की असली तलवार

महाराणा प्रताप की तलवार की फोटो – राजस्थान की भूमि हमेशा से महापुरुषों और वीरों की भूमि रही है। इस भूमि को हमेशा ही अपने वीर सपूतों पर गर्व रहा है। 1576 में हल्दीघाटी में महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुआ युद्ध, आज भी पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल है। शक्तिशाली मुगल सम्राट अकबर की 85,000 सैनिकों की विशाल सेना के सामने महाराणा प्रताप अपने 20,000 सैनिकों और कुछ संसाधनों के साथ स्वतंत्रता के लिए वर्षों तक लड़ते रहे। 30 वर्षों के निरंतर प्रयासों के बावजूद महाराणा प्रताप को अकबर बंदी नहीं बना सका। महाराणा प्रताप की वीरता ऐसी थी कि उनके शत्रु भी उनके युद्ध कौशल के कायल थे। माना जाता है कि इस योद्धा की मौत पर अकबर की भी आंखें नम हो गई थीं। उदारता ऐसी थी कि दूसरों द्वारा पकड़ी गई रानियों को सम्मानपूर्वक उनके पास वापस भेज दिया जाता था। इस योद्धा ने सीमित साधन होते हुए भी दुश्मन के सामने सिर नहीं झुकाया। इतना ही नहीं उनका घोड़ा चेतक भी किसी से कम नहीं है। महाराणा प्रताप को जीत दिलाने के लिए वह आखिरी वक्त तक लड़ता रहा। जब मुगल सेना महाराणा प्रताप का पीछा कर रही थी, तब महाराणा प्रताप को पीठ पर लिए चेतक ने 26 फीट का नाला पार कर लिया, जिसे मुगल पार नहीं कर सके। आज के इस लेख में हम आपको महाराणा प्रताप की असली तलवार, महाराणा प्रताप की तलवार की फोटो, महाराणा प्रताप की तलवार का वजन कितना था, महाराणा प्रताप के भाले का वजन कितना था के बारे में जानकारी देने वाले है। अगर आप यह सभी जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो हमारे आज के इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े, तो आइये जानते है – महाराणा प्रताप के भाले का वजन कितना था इन हिंदी (Maharana Pratap Ke Bhale Ka Wajan Kitna Tha) कई रिपोर्ट्स में कहा गया है की महा...