महात्मा गांधी

  1. दिल्ली की नृत्यांगना ने महात्मा गांधी के पंसदीदा भजन पर प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया – ThePrint Hindi
  2. Welcome To MGAHV
  3. गांधी जयंती
  4. महात्मा गांधी पेंशन योजना 2023 अभी करें आवेदन और पाए ₹1000 रुपया प्रतिमाह की पेंशन
  5. Mahatma Gandhi


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दिल्ली की नृत्यांगना ने महात्मा गांधी के पंसदीदा भजन पर प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया – ThePrint Hindi

नयी दिल्ली स्थित राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय के निदेशक अलागन अन्नामलाई की बेटी वल्लभी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पसंदीदा भजन ‘वैष्णव जन तो…’ पर भरतनाट्यम प्रस्तुति दी। वल्लभी ने कहा कि उनके लिए इस भजन पर नृत्य तैयार करना मुश्किल नहीं था, क्योंकि उनके माता-पिता गांधीवादी विचारधारा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध से हैं और वह उनकी विचारधाराओं के साथ पली-बढ़ी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘गांधीवादी विचारधारा बहुत कम समय में मेरे भीतर घर कर गई थी। मैं पिछले दो दशक से प्रशिक्षित भरतनाट्यम नृत्यांगना हूं और बीते 15 साल से बड़े स्तर पर प्रस्तुतियां दे रही हूं।’’ वल्लभी ने कहा, ‘‘मुझे जब यहां प्रस्तुति देने का निमंत्रण मिला, तब मैंने सोचा कि यदि मैं दोनों कला प्रारूपों को मिलाकर पेश करूं, तो यह बहुत प्रासंगिक रहेगा। इसलिए मैंने इस गीत पर प्रस्तुति तैयार की।’’ युवा वकील मोहनदास गांधी को 1893 में पीटरमारित्जबर्ग स्टेशन पर एक ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया था, क्योंकि वह केवल श्वेत यात्रियों के लिए आरक्षित डिब्बे में बैठे थे। इस घटना के 130 साल पूरे होने पर गांधी-किंग-मंडेला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। ट्रेन से बाहर फेंके जाने की घटना के बाद गांधी ने सत्याग्रह शुरू किया था। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका एवं भारत में दमन के खिलाफ संघर्ष किया और अंतत: महात्मा का दर्जा हासिल किया। भाषा सिम्मी पारुल पारुल यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

Welcome To MGAHV

भारतीय अनुवाद संघ में पंजीकरण हेतु महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय द्वारा सहयोजित "भारतीय अनुवाद संघ" में पंजीकरण हेतु परिपत्र एवं प्रपत्र विश्‍वविद्यालय के गांधी हिल परिसर स्थित कैंटीन के आबंटन की निविदा संबंधी सूचना। नजीर हाट स्थित दुकानों के आबंटन के संबंध में निविदा। क्षेत्रीय केंद्र प्रयागराज : एम.ए. फिल्म अध्ययन (सत्र : 2022-24) प्रथम सेमेस्टर क्षेत्रीय केंद्र प्रयागराज : समाजकार्य में स्नातक (सत्र : 2022-26) प्रथम सेमेस्टर रिद्धपुर केंद्र : एम.ए. मराठी (सत्र : 2021-23) द्वितीय सेमेस्टर (पूरक) क्षेत्रीय केंद्र प्रयागराज : एम.ए. हिंदी साहित्य (सत्र : 2021-23) तृतीय सेमेस्टर क्षेत्रीय केंद्र प्रयागराज : बी.ए. राजनीति विज्ञान (सत्र : 2022-26) प्रथम सेमेस्टर क्षेत्रीय केंद्र प्रयागराज : एम.ए. जनसंचार (सत्र : 2022-24) प्रथम सेमेस्टर क्षेत्रीय केंद्र प्रयागराज : स्नातक कार्यक्रम फिल्म अध्ययन (सत्र : 2022-26) प्रथम सेमेस्टर पी-एच.डी. प्रवेश परीक्षा (सत्र : 2022-23) पी-एच.डी. कार्यक्रमों में प्रवेश (सत्र : 2022-23) के लिए यहाँ क्लिक करें! पी-एच.डी. कार्यक्रमों में प्रवेश (सत्र : 2022-23) के लिए यहाँ क्लिक करें! NIAS-AKAM Project Collaboration 2023 क्षेत्रीय केंद्र प्रयागराज : एम.एस.डब्ल्यू. (सत्र : 2021-23) तृतीय सेमेस्टर क्षेत्रीय केंद्र प्रयागराज : मास्टर ऑफ सोशल वर्क (सत्र : 2019-21) प्रथम सेमेस्टर (पूरक) क्षेत्रीय केंद्र कोलकाता : एम.ए. हिंदी साहित्य (सत्र : 2021-23) तृतीय सेमेस्टर क्षेत्रीय केंद्र कोलकाता : एम.ए. हिंदी साहित्य (सत्र : 2021-23) प्रथम सेमेस्टर (पार्ट-I) शैक्षणिक रोस्टर गैर-शैक्षणिक रोस्टर

गांधी जयंती

भारत के राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी जिन्हें बापू या मनाने का कारण [ ] राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने भारत की स्वतंत्रता के लिए लम्बी लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने सत्य और अहिंसा के आदर्शों पर चलकर भारत को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराया था। गांधी जयंती के रूप में उनके जन्मदिन मनाकर देश राष्ट्रपिता को श्रद्धासुमन अर्पित करतें हैं। आज के विद्यार्थियों एवं युवा पीढ़ी बापू के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाए तथा देश हित के लिए अपना योगदान दे। इसी उद्देश्य से गांधी जयंती का आयोजन किया जाता हैं। गांधी जयंती को हर भारतवासी को उल्लास से मनाना चाहीए. सन्दर्भ [ ]

महात्मा गांधी पेंशन योजना 2023 अभी करें आवेदन और पाए ₹1000 रुपया प्रतिमाह की पेंशन

महात्मा गांधी पेंशन योजना 2023 अभी करें आवेदन और पाए सरकार द्वारा ₹1000 रुपया प्रतिमाह की पेंशन सीधे अपने बैंक अकाउंट में। उत्तर प्रदेश के श्रमिकों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा महात्मा गांधी पेंशन योजना का संचालन किया जा रहा है। अगर आप उत्तर प्रदेश के पंजीकृत मजदूर या श्रमिक है तो आपको सरकार की तरफ से प्रतिमाह ₹1000 का पेंशन मिल सकता है। 1.7 महात्मागांधी पेंशन योजना 2023 FAQs महात्मा गांधी पेंशन योजना 2023 [Mahatma Gandhi Pension Scheme 2023] महात्मा गांधी पेंशन योजना के लिए केवल उत्तर प्रदेश के श्रमिक वर्ग के व्यक्ति आवेदन कर सकते है। आवेदन करने की प्रक्रिया ऑफलाइन रखी गई है श्रमिक सीएमएस सेंटर या श्रमिक कार्यालय में जाकर आवेदन कर सकता है। इस योजना के लिए केवल वही श्रमिक आवेदन कर सकते हैं जिन्होंने स्वयं को पंजीकृत करवाया है। इस वजह से महात्मा गांधी पेंशन योजना का लाभ प्राप्त करने से पहले आप स्वयं को राज्य श्रम कार्यालय से पंजीकृत जरूर करवाएं। उत्तर प्रदेश महात्मा गांधी पेंशन योजना क्या हैं? उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के सभी श्रमिकों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए महात्मा गांधी पेंशन योजना को शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री जी के द्वारा इस योजना के सभी लाभार्थियों को हर महीने ₹1000 की राशि परिवार के भरण-पोषण के लिए दी जाएगी। अगर किसी परिस्थिति में श्रमिक को कुछ हो जाता है या उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसकी पत्नी को यह राशि पेंशन के रूप में हर महीने सरकार की तरफ से दी जाएगी। Mahatma Gandhi Pension Yojana महात्मा गांधी योजना के अंतर्गत पेंशन की राशि को हर 2 साल में बढ़ाया जाएगा जिससे श्रमिक को मदद मिल सके...

Mahatma Gandhi

Initially, Gandhi’s campaigns sought to combat the second-class status Indians received at the hands of the British regime. Eventually, however, they turned their focus to bucking the British regime altogether, a goal that was attained in the years directly after World War II. The victory was marred by the fact that sectarian violence within India between Hindus and Muslims necessitated the creation of two independent states—India and Pakistan—as opposed to a single unified India. untouchableRead more about the Dalits. Mahatma Gandhi, byname of Mohandas Karamchand Gandhi, (born October 2, 1869, Porbandar, India—died January 30, 1948, Delhi), In the eyes of millions of his fellow Indians, Gandhi was the Mahatma (“Great Soul”). The unthinking adoration of the huge crowds that gathered to see him all along the route of his tours made them a severe ordeal; he could hardly work during the day or rest at night. “The woes of the Mahatmas,” he wrote, “are known only to the Mahatmas.” His fame spread worldwide during his lifetime and only increased after his death. The name Mahatma Gandhi is now one of the most universally recognized on earth. Youth Gandhi was the youngest child of his father’s fourth wife. His father—Karamchand Gandhi, who was the dewan (chief minister) of Gandhi’s mother, Putlibai, was completely absorbed in Gandhi and Indian History The educational facilities at Porbandar were rudimentary; in the dewan of He had learned, in his words, “to carry out the orders of...