महात्मा गांधी के योगदान का वर्णन कीजिए

  1. भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में महात्मा गाँधी के योगदान का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  2. महात्मा गांधी जी की जीवनी
  3. भारतीय संविधान आंदोलन में महात्मा गांधी के योगदान का वर्णन करें? » Bharatiya Samvidhan Aandolan Mein Mahatma Gandhi Ke Yogdan Ka Varnan Karen
  4. निबंध : महात्मा गाँधी
  5. महात्मा गांधी के योगदान का वर्णन कीजिए? Mahatma gandhi ke yogdaan ka varnan kijiye


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भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में महात्मा गाँधी के योगदान का विस्तार से वर्णन कीजिए।

भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में महात्मा गाँधीजी का योगदान– भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में महात्मा गाँधीजी ने बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया जिसका वर्णन निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत किया जा सकता है- (i) अहिंसात्मक आन्दोलनों का नेतृत्व- महात्मा गाँधी ने अंग्रेजों की औपनिवेशिक सरकार के विरुद्ध अनेक अहिंसात्मक आन्दोलनों का नेतृत्व किया जिनमें असहयोग आन्दोलन, सविनय अवज्ञा आन्दोलन, स्वदेशी आन्दोलन, भारत छोड़ो आन्दोलन आदि प्रमुख हैं। महात्मा गाँधी ने अपने आन्दोलनों के माध्यम से भारतीय जनता को जागृत किया कि वे अंग्रेजों का साथ नहीं दें। यदि वे अंग्रेजों का साथ नहीं देंगे तो शीघ्र ही अंग्रेज भारत से बाहर होंगे। उन्होंने विदेशी माल का बहिष्कार करने का भी आह्वान किया तथा विदेशी वस्त्रों की होली जलवाई। जनता के हित में उन्होंने अंग्रेजों द्वारा बनाया गया नमक कानून तोड़ा। अगस्त, 1942 में उन्होंने अंग्रेजों से आर-पार की लड़ाई छेड़ी तथा ‘करो या मरो’ का नारा दिया। अंग्रेजों ने इस आन्दोलन को दबाना चाहा लेकिन वे जनता की आवाज को न दबा सके। अन्त में अंग्रेज सरकार घबरा गयी और उसे देश को आजाद करना पड़ा। (ii) देश को सत्याग्रह एवं अहिंसारूपी हथियार प्रदान करना— गाँधीजी के दो प्रमुख हथियार थे—सत्याग्रह एवं अहिंसा। अपनी बात को मनवाने के लिए गाँधीजी धरना देते थे या कुछ दिनों का उपवास रख लेते थे अथवा अपना विरोध प्रकट करने के लिए अन्य कोई भी तरीका अपना लेते थे। उन्होंने कई बार आमरण अनशन भी किया। गाँधीजी को सम्पूर्ण विश्व के ध्यान को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता सत्याग्रह से मिलती थी। इनके सत्याग्रह रूपी हथियार से अंग्रेज सरकार भी काँपती थी। इसके अतिरिक्त गाँधीजी अपनी बात को मनवाने के लिए कोई लड़ाई-झगड...

महात्मा गांधी जी की जीवनी

महात्मा गांधी जी की जीवनी: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का व्यक्तित्व और चिंतन धारा आरंभ से ही भारतीयों के लिए प्रेरणास्त्रोत रहा है। जिन्होंने एक धनी परिवार में जन्म लेने के बावजूद अपनी सुख भरी जिंदगी को त्याग देश सेवा में खुद को लगा दिया । उन्होंने अपने असाधारण कार्यों तथा अहिंसावादी रीतियों से समूचे विश्व की सोंच को बदलकर रख दिया । वे इस देश के प्रमुख राष्ट्र निर्माताओं में से एक थे । उनके विचारों का प्रभाव भारत सहित विश्व के कई देशों की नीतियों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है ।भारत की अंग्रेजों से मुक्ति और भारत की स्वर्णिम भविष्य की आरंभिक योजना उन्हीं के नेतृत्व में निर्धारित हुई। उन्हें राष्ट्रपिता के नाम से भी संबोधित किया जाता है । ऐसे में गांधी जी से संबंधित जानकारियां -( Mahatma Gandhi Information Hindi) एक सामान्य व्यक्ति अथवा एक विद्यार्थी के रूप में आपके लिए निश्चय ही उपयोगी और महत्वपूर्ण हो सकतीं हैं । 7. गांधी जी की मृत्यु महात्मा गांधी का विशेष योगदान आजादी के बाद नए भारत के निर्माण में गांधी जी के प्रभाव को स्पष्ट रूप से अनुभव किया जा सकता है । वे 20 वीं सदी के विश्व के सबसे महानतम नेताओं में से थे । उन्होंने सत्य असहयोग और अहिंसा का अनुसरण करके क्रांति और मानव मुक्ति के संग्राम को एक नई परिभाषा दी । गांधी जी हिन्दू धर्म की मूल भावना वसुधैव कुटुम्बकम’ और सर्वे भवन्तु सुखिनः के साथ ही सर्वधर्म समभाव के प्रबल पक्षधर थे। यह उन्हीं का प्रभाव माना जा सकता है कि विभाजन का दंश झेलने के बावजूद भी भारत एक धर्म निरपेक्ष देश बना रहा । Advt.-ez इस देश में जो भी सरकार आए सभी गांधी के सपनों को साकार करने का ही दंभ भरती है । स्वच्छ सुंदर सक्षम और स्वस्थ भारत की कल्पना गा...

भारतीय संविधान आंदोलन में महात्मा गांधी के योगदान का वर्णन करें? » Bharatiya Samvidhan Aandolan Mein Mahatma Gandhi Ke Yogdan Ka Varnan Karen

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। प्रश्न है भारतीय संविधान आंदोलन में महात्मा गांधी के योगदान का वर्णन करें आंसर होगा गांधी जी ने पहली बार देश में सन 1917 में बिहार के चंपारण सत्याग्रह आंदोलन किया था उनका आंदोलन जन आंदोलन होता था चंपारण में नील किसानों के तीन कठिया विधि से मुक्ति दिलाई और अंग्रेज से अपनी बात मनवा ए मनाने में कायम हुए prashna hai bharatiya samvidhan andolan me mahatma gandhi ke yogdan ka varnan kare answer hoga gandhi ji ne pehli baar desh me san 1917 me bihar ke champaran satyagrah andolan kiya tha unka andolan jan andolan hota tha champaran me neel kisano ke teen kathiya vidhi se mukti dilai aur angrej se apni baat manva a manane me kayam hue प्रश्न है भारतीय संविधान आंदोलन में महात्मा गांधी के योगदान का वर्णन करें आंसर होगा गांधी

निबंध : महात्मा गाँधी

महात्मा गाँधी भारत के महान् नेताओं में से थे। उन्होंने अहिंसा और सत्याग्रह के बल से अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर विवश कर दिया। दुनिया के इतिहास में उनका नाम हमेशा अमर रहेगा। इनका जन्म 2 अक्तूबर, सन् 1869 को पोरबन्दर (गुजरात) में हुआ। आप मोहनदास कर्मचन्द गाँधी के नाम से प्रख्यात हुए। आपके पिता राजकोट राजा के दीवान थे। माता पुतली बाई बहुत धार्मिक प्रवृत्ति की एवं सती-साध्वी स्त्री थीं जिनका प्रभाव गाँधी जी पर आजीवन रहा। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा पोरबन्दर में हुई। मैट्रिक तक की शिक्षा आपने स्थानीय स्कूलों से ही प्राप्त की। तेरह वर्ष की आयु में कस्तूरबा के साथ आपका विवाह हुआ। आप कानून पढ़ने विलायत गए। वहाँ से बैरिस्टर बनकर स्वदेश लौटे। मुम्बई में आकर वकालत का कार्य आरम्भ किया। किसी विशेष मुकद्दमे की पैरवी करने के लिए वे दक्षिणी अफ्रीका गए। वहाँ भारतीयों के साथ अंग्रेज़ों का दुर्व्यवहार देखकर उनमें राष्ट्रीय भावना जागृत हुई। जब सन् 1915 में भारत वापस लौट आए तो अंग्रेजों का दमन-चक्र ज़ोरों पर था। रौलेट एक्ट जैसे काले कानून लागू थे। सन् 1919 की जलियाँवाला बाग के नर-संहार से देश बेचैन था। गांधी जी ने देश वासियों को अंग्रेज़ों की गुलामी से आजाद करवाने का प्रण लिया और इसके लिए अहिंसा का मार्ग अपनाते हुए सन् 1920 में असहयोग आन्दोलन चलाया। इसके बाद सन् 1928 में जब ‘साइमन कमीशन’ भारत आया तो गाँधी जी ने उसका पूर्ण रूप से बहिष्कार किया। सन् 1930 में नमक आन्दोलन तथा डाण्डी यात्रा की। सन् 1942 के अन्त में द्वितीय महायुद्ध के साथ ‘अंग्रेज़ो! भारत छोड़ो’ आन्दोलन का बिगुल बजाया और कहा, “यह मेरी अन्तिम लड़ाई है।” वे अपने अनुयायियों के साथ गिरफ्तार हुए। इस प्रकार अन्त में 15 अगस्त, सन् 1947 को अंग्...

महात्मा गांधी के योगदान का वर्णन कीजिए? Mahatma gandhi ke yogdaan ka varnan kijiye

सवाल: महात्मा गांधी के योगदान का वर्णन कीजिए? महात्मा गांधी भारत में एक राजनीतिक और आध्यात्मिक नेता थे जिन्होंने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके अहिंसा और सविनय अवज्ञा के दर्शन ने दुनिया भर में नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए आंदोलनों को प्रेरित किया। गांधी के सबसे उल्लेखनीय योगदान में शामिल हैं: - अहिंसक प्रतिरोध: गांधी ने सत्याग्रह के अपने दर्शन के माध्यम से अहिंसक प्रतिरोध की अवधारणा को लोकप्रिय बनाया, जिसने राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन प्राप्त करने के लिए शांतिपूर्ण विरोध और सविनय अवज्ञा के उपयोग पर जोर दिया।स्वतंत्रता आंदोलन: गांधी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक केंद्रीय व्यक्ति थे और उन्होंने 1930 में नमक मार्च सहित कई सफल अभियानों का नेतृत्व किया, जिसने ब्रिटिश सरकार को भारत के प्रति अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया। नागरिक अधिकार: गांधी के अहिंसा के दर्शन ने दुनिया भर में नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता आंदोलनों को प्रभावित किया, जिसमें मार्टिन लूथर किंग जूनियर के नेतृत्व में अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन भी शामिल है। धार्मिक सहिष्णुता: गांधी धार्मिक सहिष्णुता में दृढ़ विश्वास रखते थे और जीवन भर विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच समझ को बढ़ावा देने के लिए काम करते रहे। सामाजिक सुधार: गांधी भारत में सामाजिक सुधार के भी प्रबल समर्थक थे और उन्होंने अस्पृश्यता जैसी प्रथाओं के खिलाफ अभियान चलाया, जो निम्न सामाजिक स्थिति के माने जाने वाले लोगों के खिलाफ जाति आधारित भेदभाव था। कुल मिलाकर, गांधी की विरासत दुनिया भर के लोगों को अहिंसक तरीकों से न्याय, समानता और शांति के लिए काम करने के लिए प्रेरित करती है।