महावीर स्वामी का जीवन परिचय

  1. महावीर स्वामी का जीवन परिचय (जन्म, शिक्षा, उपदेश, माता
  2. महावीर स्वामी जी का जीवन परिचय
  3. तीर्थंकर महावीर स्वामी जी का जीवन परिचय


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महावीर स्वामी का जीवन परिचय (जन्म, शिक्षा, उपदेश, माता

Mahavir Swami Biography in Hindi: आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको भारत के एक ऐसे तीर्थंकर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका नाम आज के समय में अनेक तीर्थंकरों में से एक है। जी हां, आपने सही समझा आज के इस लेख में हम आपको संत महावीर स्वामी के जीवन परिचय (Mahaveer Swami ka Jivan Parichay) के बारे में जानकारी आप कराने वाले हैं। लोगों का मानना है कि संत महावीर स्वामी बहुत ही अनुकरणीय और माता पिता की सेवा करने वाले व्यक्ति थे। महावीर स्वामी ने लोगों को सत्य के मार्ग पर चलने का आदेश दिया और महावीर स्वामी कि इस कार्य में महावीर स्वामी को संपूर्ण विश्व में विख्यात कर दिया। Mahavir Swami Biography in Hindi उस समय समाज में हिंसा, पशुबली, जाती पाती जैसे भेदभाव और अंधविश्वास व्याप्त था, जिसे महावीर स्वामी ने कठोर तप से ज्ञान की प्राप्ति कर के उपदेश देकर खत्म करने की कोशिश की। यदि आप महावीर स्वामी के बारे में संपूर्ण जानकारी (Mahavir Swami Jivani in Hindi) प्राप्त करना चाहते हैं तो कृपया इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें। महावीर स्वामी का जीवन परिचय (जन्म, शिक्षा, उपदेश, माता-पिता, जयंती, धर्म) | Mahavir Swami Biography in Hindi विषय सूची • • • • • • • • • • • • • • • • महावीर स्वामी की जीवनी एक नज़र में नाम महावीर स्वामी अन्य नाम वर्धमान महावीर स्वामी के पिता का नाम राजा सिद्धार्थ महावीर स्वामी की माता का नाम त्रिशला जन्म तारीख 599 वर्ष पूर्व चेत्र शुक्ल की तेरस जन्म स्थान – महावीर स्वामी की पत्नी का नाम यशोधरा उम्र – पता – स्कूल – कॉलेज – शिक्षा मूल मंत्र मृत्यु ईसा मसीह के जन्म के 527 वर्ष पूर्व भाषा – नागरिकता – धर्म हिन्दू जाति क्षत्रिय परिवार Biography of Mahavir Swami in Hindi महावी...

महावीर स्वामी जी का जीवन परिचय

अनुक्रम • • • • • • • • • • • महावीर स्वामी जी का जीवन परिचय महावीर स्वामी जी का जीवन परिचय महावीर स्वामी जी का जीवन परिचय भगवान महावीर स्वामी जी का जन्म आज से लगभग ढाई हजार साल पहले 599 ईसा पूर्व में हुआ था। महावीर स्वामी जी का जन्म वैशाली के गणतंत्र राज्य क्षत्रिय कुंडलपुर में हुआ था। इनके पिता जी का नाम सिद्धार्थ और माताजी का त्रिशला देवी था। महावीर स्वामी जी के बचपन का नाम वर्धमान था। महावीर स्वामी जी के एक भाई और एक बहन थी भाई का नाम नंदिवर्धन और बहन सुदर्शना थी । महावीर स्वामी जी बचपन से ही साहसी ज्ञानी तेजस्वी और अति बलशाली थे। महावीर स्वामी जी बहुत ही शांत स्वभाव के व्यक्ति थे। महावीर स्वामी जी का जन्म एक साधारण बालक के रूप में हुआ था पर इन्होंने अपनी तपस्या के बल से अनूठा परिश्रम हासिल किया। और उन्होंने अपने तपस्या की ही दम से एक नए समाज की स्थापना की। महावीर स्वामी जी की शिक्षा पूरी होने के बाद उनका विवाह यशोदा के साथ कर दिया गया था। महावीर स्वामी जी की एक पुत्री थी जिसका नाम प्रियदर्शन था जिनका विवाह जमली के साथ हुआ था। भगवान महावीर स्वामी जी की जन्मतिथि पूरे भारतवर्ष में जैन समाज द्वारा बहुत ही उत्सव से मनाया जाता है। भगवान महावीर जयंती प्रति वर्ष चैत्र माह के 13 वे दिन मनाई जाती है। महावीर स्वामी जी का जन्मदिवस पूरे भारतवर्ष में पूरे उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है और इस दिन पूरे भारतवर्ष में सरकारी छुट्टी भी होती है। जैन धर्म के लोग इन्हें अपने भगवान के रूप में भी मानते हैं। उनके दर्शन को लोग गीता के सामान मानते थे। उपयोगी लिंक – महावीर स्वामी जी के जन्म और जीवन को लेकर कुछ कथाएं कहा जाता है कि जब महावीर स्वामी जी का जन्म हुआ था तब उनके जन्म की खुशी को लेकर...

तीर्थंकर महावीर स्वामी जी का जीवन परिचय

इनके माता-पिता रानी त्रिशला और राजा सिद्धार्थ थे। भगवान महावीर स्वामी के बचपन का नाम 'वर्धमान' था, जिसका अर्थ है "जो बढ़ता है"। महावीर" नाम मिला जिसका अर्थ संस्कृत भाषा में "महान योद्धा" होता हैं। जब रानी त्रिशला गर्भवती थी, तो उसे जैन धर्मग्रंथों में दर्शाए गए 14 सपने दिखाई दिए थे, जिससे उन्हें जन्म लेने वालेबच्चा महानता को प्राप्त था। उनके माता-पिता जैन तपस्वी परश्वनाथ के अनुयायी थे। अपने माता-पिता के निर्देशों का पालन करते हुए, उन्होंने बहुत कम उम्र में राजकुमारी यशोदा से शादी की और दंपति की एक बेटी, प्रियदर्शन थी। • भगवान महावीर ने अपने जीवन के30 साल की उम्र में हीअपने सभी सांसारिक संबंधों को त्याग दिया और आध्यात्मिक सत्य की खोज में लग गए, अगले साढ़े बारह वर्षों तक, उन्होंने गंभीर ध्यान और तपस्या की, जिसके बाद वे सर्वज्ञ हो गए। उन्होंने अपनी इच्छाओं और भावनाओं को जीतने के लिए बारह साल गहरी चुप्पी और ध्यान में बिताए। वह लंबे समय तक उपवास मेंरहें। वह जानवरों, पक्षियों और पौधों सहित अन्य जीवित प्राणियों को नुकसान नहीं पहुंचाने की कोशिश की। महावीर की आध्यात्मिक खोज बारह वर्षों तक चली। अंत में उन्होंने पूर्ण अनुभूति, ज्ञान, शक्ति और आनंद का एहसास किया। इस अहसास को " कैवल्य ज्ञान" के नाम से जाना जाता है, और भगवान महावीर को " केवलिन" की उपाधि दी गई। उन्होंने अगले तीस साल भारत में नंगे पांव घूमने में बिताए और लोगों को बताया कि उन्हें शाश्वत सत्य का एहसास है।महावीर की शिक्षाओं की आध्यात्मिक शक्ति और नैतिक भव्यता ने लोगों को प्रभावित किया। Mahavir Swami Motivational Quotes in Hindi महावीर स्वामी के अनमोल विचार (Loard Mahavir Quotes): 01). वाणी के अनुशासन में असत्य बोलने से बचना ...