महावीर स्वामी का जीवन परिचय इन हिंदी

  1. महावीर स्वामी का जीवन परिचय: Mahavir swami ka jivan parichay
  2. महावीर स्वामी का जीवन परिचय। Mahavir Jain Biography in Hindi
  3. महावीर स्वामी का जीवन परिचय
  4. Mahavir Swami 24 Tirthankara
  5. भगवान महावीर का जीवन परिचय


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महावीर स्वामी का जीवन परिचय: Mahavir swami ka jivan parichay

Mahavir swami ka jivan parichay: महावीर स्वामी का जीवन परिचय, बायोग्राफी, जीवनी, निबंध,अनमोल विचार, राजनितिक विचार, जयंती, शिक्षा, धर्म, जाति, मृत्यु कब हुई थी, शायरी, आत्मकथा (Tulsidas Biography uotes, Biography in Hindi) Mahavir swami ka jivan parichay, (Jeevan Parichay, Jayanti, Speech, History, University, Quotes, Caste, Religion) Biography of Mahavir Swami: किस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे महावीर स्वामी का जीवन परिचय जो कि आपको बहुत ही आसान भाषा में समझ में आ जाएगा और आप जो भी जानकारी लेने के लिए आए हैं आपको सारी जानकारी इस आर्टिकल में मिल जाएगा इस आर्टिकल को आप पूरा जरूर पढ़ें प्रश्न पर क्लिक करें और उत्तर पर जाएं • • • • • • • • • • • • महावीर स्वामी का जीवन परिचय हिंदी में Mahavir swami ka jivan parichay: जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर के नाम है महावीर स्वामी इनके पिता का नाम सिद्धार्थ है और इनके माता का नाम त्रिफला है और इस के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जीवन परिचय नाम सन्मति, वीर, अतिवीर, महावीर। पिता का नाम सिद्धार्थ माता का नाम त्रिशला (प्रियकारिणी) वंश का नाम ज्ञातृ क्षत्रिय वंशीय नाथ गोत्र का नाम कश्यप चिह्न सिंह गर्भ तिथि आषाढ़ शुक्ल षष्ठी (शुक्रवार 17 ई.पू. 599) गर्भकाल 9 माह 7 दिन 12 घंटे। कुल उम्र योग 71 वर्ष 6 माह 23 दिन 12 घंटे। उनके समकालिन भगवान बुद्ध तत्व ज्ञान अनेकांतवाद, स्यादवाद उपदेश भाषा अर्धमगधी, पाली, प्राकृत मुख्‍य सिद्धांत पंच महाव्रत महावीर के भव भव अर्थात पूर्वजन्म जो 34 हैं। जन्मतिथि चैत्र शुक्ल-13 27 मार्च ई.पू. 598 महावीर स्वामी का जीवन परिचय: Mahavir swami ka jivan parichay Mahavir swami ka jivan parichay: छठी शताब्दी ईसा पूर्व मे...

महावीर स्वामी का जीवन परिचय। Mahavir Jain Biography in Hindi

महावीर स्वामी का जीवन परिचय। Mahavir Jain Biography in Hindi : महावीर स्वामी के बचपन का नाम वर्द्धमान था। उनका जन्म ईसा से 599 वर्ष पूर्व वैशाली (उत्तरी बिहार) के अन्तर्गत कुन्डग्राम में इक्ष्वाकु कुल में एक क्षत्रिय परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम सिद्धार्थ तथा माता का नाम त्रिशला देवी था। वर्द्धमान बाल्यकाल से ही बुद्धिमान, सदाचारी और विचारशील थे। युवा वर्द्धमान जीवन-मरण, कर्म, संयम आदि प्रसंगों पर सदैव सोचते तथा विचार-विमर्श करते रहते थे। वर्द्धमान का मन घर पर नहीं लगता था। वह बचपन से ही अत्यन्त गम्भीर रहते थे। नाना प्रकार के सांसारिक सुख होते हुए भी उनकी आत्मा में बेचैनी थी। छठीं शताब्दी ईसा पूर्व तक भारत के सामाजिक एवं धार्मिक जीवन में नाना प्रकार की बुराइयाँ उत्पन्न हो गयी थीं। भारतीय समाज में ऊँच-नीच की भावनाओं का बोलबाला था। समाज वर्णों, जातियों और उपजातियों में विभक्त हो गया था जिससे सामाजिक जीवन में पारस्परिक भेद-भाव बढ़ता जा रहा था। समाज में नाना प्रकार के धार्मिक अन्धविश्वास और कुरीतियाँ प्रचलित थीं। प्रचलित कर्मकाण्ड तथा जातिवाद की जकड़ के प्रति लोगों के मन में पर्याप्त असन्तोष था। जन साधारण ऐसे वातावरण की घुटन से छुटकारा पाने के लिए बेचैन था। इस समस्या को उस समय के कुछ युग-पुरुषों ने समझा और अपना सुधारवादी मत लोगों के सामने रखा। इन महापुरुषों की ओर जनसमुदाय आकर्षित हुआ। कुछ समय में इन मतों ने धार्मिक आन्दोलन का रूप ले लिया। इन्हीं मतों में से एक था-जैन मत। महावीर स्वामी अपने समय में जैन मत के सर्वश्रेष्ठ प्रचारक और प्रवर्तक थे। जीवन परिचय : महावीर स्वामी के बचपन का नाम वर्द्धमान था। उनका जन्म ईसा से 599 वर्ष पूर्व वैशाली (उत्तरी बिहार) के अन्तर्गत कुन्डग्...

महावीर स्वामी का जीवन परिचय

जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी अहिंसा के मूर्तिमान प्रतीक थे। उनका जीवन त्याग और तपस्या से ओतप्रोत था। एक लँगोटी तक का परिग्रह नहीं था उन्हें। हिंसा, पशुबलि, जाति-पाँति के भेदभाव जिस युग में बढ़ गए, उसी युग में पैदा हुए महावीर और बुद्ध। दोनों ने इन चीजों के खिलाफ आवाज उठाई। दोनों ने अहिंसा का भरपूर विकास किया। करीब ढाई हजार साल पुरानी बात है। ईसा से 599 वर्ष पहले वैशाली गणतंत्र के क्षत्रिय कुण्डलपुर में पिता सिद्धार्थ और माता त्रिशला के यहाँ तीसरी संतान के रूप में चैत्र शुक्ल तेरस को वर्द्धमान का जन्म हुआ। यही वर्द्धमान बाद में स्वामी महावीर बना। महावीर को 'वीर', 'अतिवीर' और 'सन्मति' भी कहा जाता है। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले का आज का जो बसाढ़ गाँव है वही उस समय का वैशाली था। वर्द्धमान को लोग सज्जंस (श्रेयांस) भी कहते थे और जसस (यशस्वी) भी। वे ज्ञातृ वंश के थे। गोत्र था कश्यप। वर्द्धमान के बड़े भाई का नाम था नंदिवर्धन व बहन का नाम सुदर्शना था। वर्द्धमान का बचपन राजमहल में बीता। वे बड़े निर्भीक थे। आठ बरस के हुए, तो उन्हें पढ़ाने, शिक्षा देने, धनुष आदि चलाना सिखाने के लिए शिल्प शाला में भेजा गया। राजकुमार वर्द्धमान के माता-पिता जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ, जो महावीर से 250 वर्ष पूर्व हुए थे, के अनुयायी थे। वर्द्धमान महावीर ने चातुर्याम धर्म में ब्रह्मचर्य जोड़कर पंच महाव्रत रूपी धर्म चलाया। वर्द्धमान सबसे प्रेम का व्यवहार करते थे। उन्हें इस बात का अनुभव हो गया था कि इन्द्रियों का सुख, विषय-वासनाओं का सुख, दूसरों को दुःख पहुँचा करके ही पाया जा सकता है। महावीरजी की 28 वर्ष की उम्र में इनके माता-पिता का देहान्त हो गया। ज्येष्ठ बंधु नंदिवर्धन के अनुरोध पर वे दो बरस ...

Mahavir Swami 24 Tirthankara

जैन धर्म के 24 वें तीर्थकर भगवान महावीर का जीवन परिचय – Mahavir Swami 24 Tirthankara भगवान महावीर का जीवन परिचय, Mahavir Swami in Hindi, महावीर स्वामी की जीवनी, महावीर स्वामी का उपदेश, जैन धर्म के 24 वें तीर्थकर भगवान महावीर, महावीर स्वामी के माता पिता के नाम, mahavir swami ऐसी ही महान् युग-प्रवर्तकों में अहिंसा के अवतार भगवान महावीर का नाम सुमार है। उन्होंने अपनी सारी उम्र दुनिया को सत्य और अहिंसा का पाठ से अवगत कराने में लगा दिया। महावीर स्वामी ने अहिंसा पर जोर देते हुए उसे उच्च नैतिक गुण की संज्ञा दी। Mahavir Swami 24 Tirthankara – भगवान महावीर जीवन परिचय उन्होंने केबल शारीरिक कष्ट नहीं पहुचाने को ही अहिंसा नहीं माना बल्कि मन, वचन कर्म से भी किसी को आहत नहीं करना, उनकी दृष्टि से सच्ची अहिंसा है। दुनिया को उन्होंने जैन धर्म के पंचशील सिद्धांत पर चलने की सलाह दी। महावीर स्वामी ने अपने उपदेशों के माध्यम से विश्व को सन्मार्ग पर चलने का मार्ग दिखाया। उनका विचार देश, काल और धर्म की सीमा से पड़े था। कहते हैं की धीरे-धीरे बड़े-बड़े राजा महाराजा उनके अनुआयी बन गये। उनके अनुयायी में मौर्य बंश के सम्राट बिम्बिसार भी शामिल थे। उनके निर्वाण तक उनके अनुयायी में चौदह हजार योगी, छतीस हजार मठ-वासिनी, डेढ़ लाख से ज्यादा श्रावक तथा तीन लाख से ज्यादा श्राविका की संख्या थी। अगर आप Mahavir swami history in Hindi यह Mahavir swami story के बारें में जानना चाहते हैं तो आपके सभी सवालों का जवाव इस इस लेख में मिल सकता है। महावीर स्वामी की जीवनी संक्षेप में – महावीर स्वामी के बचपन का नाम – वीर, अतिवीर, वर्धमान महावीर स्वामी का जन्म स्थान – कुण्डग्राम, वैशाली, बिहार महावीर स्वामी की माता का नाम – त्...

भगवान महावीर का जीवन परिचय

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • भगवान महावीर महावीर (599-527 ईसा पूर्व) अंतिम जैनवादी तीर्थंकर थे। लोग भगवान महावीर को अलग-अलग नामों से पुकारते हैं जैसे वीरा या विरप्रभु, सनमती, वर्धमान, अतिविरा और ज्ञानपुत्र। जब जैन धर्म के मूल्यों की बात आती है, तो भगवान महावीर एक विशेष उल्लेख के हकदार हैं, क्योंकि वे आज पूरे जैन समुदाय पर शासन करने वाले नैतिकता की स्थापना करने वाले थे। खैर, इस लेख में, हम आपको भगवान महावीर की जीवनी प्रदान करेंगे। महावीर स्वामी का संपूर्ण जीवन के इतिहास … उनकी शिक्षाएं और दर्शन आज भी कई लोगों को प्रेरित करते हैं। उनका जन्म एक शाही परिवार में हुआ था और उन्होंने बुद्ध की तरह आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए अपने शाही परिवार के जीवन का खंडन किया था। उन्हें वर्धमान महावीर नाम दिया गया था क्योंकि जब वे पैदा हुए थे, तो उनके पिता राजा सिद्धार्थ को बहुत समृद्धि प्राप्त हुई । वर्धमान का अर्थ है बढ़ता जाना और राजा ने अपनी बढ़ती सफलता और समृद्धि का श्रेय अपने बेटे के जन्म को दिया। स्वामी महावीर का जीवन बहुत ही रोचक है और एक छोटी कहानी के रूप में इसे बताते हैं । महावीर का जन्म भगवान महावीर का जन्म लगभग 599 ई.पू. उनका जन्म वैशाली के गणराज्य के एक भाग, क्षत्रियकुंड के शाही परिवार में हुआ था। उनके पिता राजा सिद्धार्थ थे और उनकी माता रानी त्रिशला थीं। ऐसा कहा जाता है कि जब रानी ने भगवान महावीर की कल्पना की, तो उनके चौदह शुभ स्वप्न थे जो उस बच्चे की महानता का एक मूलमंत्र थे जो उसे पैदा होना था। राजा की समृद्धि दिन-प्रतिदिन बढ़ती गई। राजा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने नए जन्मे बच्चे को दिया और उसका नाम वर्धमा...