महर्षि वाल्मीकि का आश्रम किस नदी के किनारे था

  1. महर्षि वाल्मीकि का जीवन परिचय। Maharshi Valmiki ki Jivani
  2. बिहार के बगहा और नेपाल सीमा के पास है वाल्मीकि आश्रम, माता सीता भी यहीं धरती में समा गईं थीं; 3 नदियों ने बढ़ाई खूबसूरती
  3. रामायण सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी Ramayan General Knowledge GK in Hindi
  4. महर्षि वाल्मीकि का जीवन परिचय और जयंती (2023)
  5. वनदेवी मंदिर


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महर्षि वाल्मीकि का जीवन परिचय। Maharshi Valmiki ki Jivani

महर्षि वाल्मीकि का जीवन परिचय। Maharshi Valmiki ki Jivani : वाल्मीकि को संस्कृत साहित्य का आदि कवि माना जाता है। महर्षि वाल्मीकि का जन्म सहस्रों वर्ष पूर्व हुआ था। वह कब और कहाँ जन्में इस बारे में कुछ भी निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है। बचपन में महर्षि वाल्मीकि का नाम ‘रत्नाकर’ था। ईश्वरीय प्रेरणा से वह सांसारिक जीवन (मोह) को त्याग कर परमात्मा के ध्यान में लग गए। उन्होंने कठोर तपस्या की। तपस्या में वह इतने लीन हो गए कि उनके शरीर पर दीमक नेे अपनी बाँबी (वल्मीक) बना लिया। इसी कारण उनका नाम वाल्मीकि पड़ा। अयोध्या के समीप तमसा नदी के किनारे वाल्मीकि तपस्या करते थे। वह प्रतिदिन प्रातः स्नान के लिये नदी जाया करते थे। एक दिन जब वह स्नान करके लौट रहे थे, तो उन्होंने एक क्रौंच पक्षी के जोडे़ को क्रीड़ा करते देखा। वाल्मीकि मुग्ध होकर देख ही रहे थे कि एक व्याद्द ने तीर चला कर जोड़े में से एक पक्षी को मार दिया। दूसरा पक्षी पास के वृक्ष पर बैठकर अपने मरे हुये साथी को देखकर विलाप करने लगा। इस करुण दृश्य को देखकर वाल्मीकि के मुख से स्वतः कविता का स्रोत फूट पड़ा। वाल्मीकि ने आगे चलकर रामायण की रचना की। महर्षि वाल्मीकि का जन्म सहस्रों वर्ष पूर्व हुआ था। वह कब और कहाँ जन्में इस बारे में कुछ भी निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है। बचपन में महर्षि वाल्मीकि का नाम ‘रत्नाकर’ था। ईश्वरीय प्रेरणा से वह सांसारिक जीवन (मोह) को त्याग कर परमात्मा के ध्यान में लग गए। उन्होंने कठोर तपस्या की। तपस्या में वह इतने लीन हो गए कि उनके शरीर पर दीमक नेे अपनी बाँबी (वल्मीक) बना लिया। इसी कारण उनका नाम वाल्मीकि पड़ा। तमसा नदी के किनारे स्थित आश्रम में रहकर उन्होंने कई रचनाएँ की। प्रसिद्ध ग्रंथ ‘रामायण’ की भी र...

बिहार के बगहा और नेपाल सीमा के पास है वाल्मीकि आश्रम, माता सीता भी यहीं धरती में समा गईं थीं; 3 नदियों ने बढ़ाई खूबसूरती

तीन नदियों के किनारे स्थित इस स्थान पर रामायण काल में महर्षि वाल्मिकी का आश्रम था। बिहार के बगहा और नेपाल सीमा के पास स्थित वाल्मीकि आश्रम की खूबसूरती गजब की है। वाल्मीकि रामायण के उत्तर कांड के अनुसार, भगवान राम और सीता के आदेश के चलते लक्ष्मण मां सीता को वाल्मीकि आश्रम में छोड़कर अयोध्या लौट गए थे। वाल्मीकि का आश्रम तमसा नदी के तट पर था। इसका वर्णन वाल्मीकि रामायण के उत्तर कांड में मिलता है। वाल्मीकि आश्रम में सीता वनदेवी के नाम से रहती हैं। उस समय वह गर्भवती रहती हैं। वहीं, जुड़वा लव और कुश का जन्म हुआ। लव-कुश ने इसी स्थान पर बांधा था घोड़ा। तीन नदियों के तट पर है यह आश्रम इस आश्रम के पास नारायणी, तमसा व सोनभद्र नाम की नदी बहती है। नारायणी को गंगा की तरह ही पवित्र माना जाता है। आश्रम के परिसर में माता सीता का मंदिर स्थित है। यहां माता सीता की रसोई भी बनी है।एक कुआं भी है जिसे लेकर कहा जाता है कि माता सीता इसका प्रयोग पानी के लिए करती थीं। एक पेड़ भी है जिसको लेकर माना जाता है कि यहीं लव-कुश बैठकर ऋषि वाल्मीकि से शिक्षा प्राप्त किया करते थे। वहीं, आश्रम में पेड़ की टहनियों से झूले बने हुए हैं। मान्यता है कि इसी झूले पर वे झूलते थे। आश्रम स्थित पवित्र कुआं। घोड़े को बांधने का स्थान भगवान राम ने जब अश्वमेघ यज्ञ कराया था तो कोई भी राजा श्रीराम के घोड़े को पकड़ने की हिम्मत नहीं कर पाया था। रामायण में उल्लेख है कि जब वह घोड़ा यहां पहुंचा तो लव कुश ने उसे बांध लिया था। जब श्रीराम का घोड़ा हनुमान जी छुड़ाने के लिए आए तो लव कुश ने उन्हें परास्त कर बंधक बना लिया था। आज भी यह स्थल यहां बना हुआ है, जहां घोड़े को बांधा गया था। इस जगह पर वाल्मीकि द्वारा बनाए हवन कुंड भी है। वाल्मीकि ...

रामायण सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी Ramayan General Knowledge GK in Hindi

रामायण सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी PART: – 5 • हनुमानजी ने किस पर्वत पर चढ़कर समुद्र लाँघने हेतु छलाँग लगाई थी? (A) रैवतक (B) महेंद्र (C) कांचन (D) मलयगिरि Answer:- . (B) महेंद्र • लंका नगरी किस पर्वत पर स्थित थी? (A) गंधमादन (B) सुमेरु (C) त्रिकूट (D) कैलास Answer:- . (C) त्रिकूट • विशल्यकरणी, सावर्ण्यकरणी, संजीवकरणी व संधानी नामक ओषधियाँ किस पर्वत पर पाई जाती थीं? (A) पारियात्र (B) हिमालय (C) कांचन (D) महोदय Answer:- . (D) महोदय • महर्षि परशुराम का आश्रम किस पर्वत पर था? (A) सुमेरु (B) मंदराचल (C) महेंद्र (D) किष्किंधा Answer:- . (C) महेंद्र • श्रीराम, सीता व लक्ष्मण ने शृंगवेरपुर के निकट किस नदी को पार किया था? (A) गंगा (B) तमसा (C) गोदावरी (D) यमुना Answer:- . (A) गंगा • कुश-लव का जन्म कहाँ हुआ था? (A) अयोध्या में (B) वाल्मीकि आश्रम में (C) पंचवटी में (D) अशोक वाटिका में Answer:- . (B) वाल्मीकि आश्रम में • वनवास से लौटकर श्रीराम ने अपनी जटाएँ कहाँ कटवाई थीं? (A) अयोध्या राजभवन में (B) नंदिग्राम में (C) सरयू नदी के तट पर (D) वाल्मीकि आश्रम में Answer:- . (B) नंदिग्राम में • मेघनाद (लक्ष्मण से युद्ध करते समय) युद्धक्षेत्र छोड़कर यज्ञ करने के हेतु किस स्थान पर चला गया था (A) शुक्राचार्य के आश्रम पर (B) लंका के एक मंदिर में (C) अपने राजभवन में (D) निकुंभिला में Answer:- . (D) निकुंभिला में • नंदिग्राम अयोध्या की किस दिशा में स्थित था? (A) Answer:- (B) पश्चिम (C) पूर्व (D) दक्षिण Answer:- . (C) पूर्व • खर और दूषण कहाँ रहते थे? (A) दंडक वन में (B) लंका में (C) किष्किंधा पर्वत पर (D) चित्रकूट में Answer:- . (A) दंडक वन में • श्रीराम द्वारा सीता को वनवास दिए जाने पर वह (सीता) क...

महर्षि वाल्मीकि का जीवन परिचय और जयंती (2023)

Biography of Maharishi Valmiki in Hindi: हमारा भारतवर्ष ऋषि-मुनियों संत महात्माओं एवं महान पुरुषों का देश है। हमारे इस भारत की भूमि पर अनेकों महावीर पराक्रमी एवं महान संतों ने जन्म लिया। इन सभी संतो ने भारत में जन्म लेकर भारत का नाम गौरवान्वित किया है और इन्हीं संत महात्माओं ने भारत को संपूर्ण विश्व भर में चिन्हित किया। एक समय ऐसा था कि भारत को सोने की चिड़िया और विश्व गुरु इत्यादि नामों से जाना जाता था। अब आप सभी लोगों को भारत की विद्वता तो समझ में आ ही गई होगी तो आइए अब अपना कदम बढ़ाते हैं इस लेख की तरफ। भारत की विविधता के कारण है भारतीय शिक्षा, ज्ञान इत्यादि देश विदेशों में वर्णित है। भारत में अनेक ऋषि-मुनियों ने जन्म लिया और उन्होंने अनेकों रचनाएं लिखिए परंतु उन सभी रचनाओं में से एक ऐसी रचना है, जो कि भारत के धार्मिक ग्रंथ के रूप में विकसित है। आप आप सभी लोग समझ गए होंगे कि हम किस ग्रंथ की बात कर रहे हैं। जी हां! आप सभी लोगों ने बिल्कुल सही अनुमान लगाया, वह ग्रंथ कोई अन्य ग्रंथ नहीं बल्कि रामायण है। क्या आप सभी लोग जानते हैं रामायण की रचना किसने की? आप में से बहुत से लोग होंगे, जो इस सवाल का जवाब जानते होंगे, जो लोग नहीं जानते हम उन्हें बता देना चाहते हैं कि रामायण की रचना महर्षि वाल्मीकि ने की है। Image: Biography of Maharishi Valmiki in Hindi आज हम इस महत्वपूर्ण लेख के माध्यम से महर्षि वाल्मीकि के संपूर्ण जीवन परिचय के बारे में विस्तार से जानेंगे। इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि महर्षि वाल्मीकि कौन थे?, वाल्मीकि का जन्म कब और कहां हुआ, वाल्मीकि का जन्म स्थान, महर्षि वाल्मीकि के जीवन से जुड़ी प्रेरणादायक घटनाएं, महर्षि वाल्मीकि रामायण की संक्षिप्त जानकारी, महर्षि व...

वनदेवी मंदिर

यह मंदिर उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में स्थित है। मान्यता है कि यहां पर तमसा नदी के किनारे महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में माता सीता वनवास के दौरान रही थीं। यहीं पर लव कुश का जन्म हुआ था और यहीं पर माता सीता धरती में समाई थीं। हालांकि कुछ और भी जगहें हैं जिनके बारे में ऐसी ही मान्यता है। वनदेवी के पक्ष में जो तर्क है वो यह है कि वाल्मीकि रामायण में उनके आश्रम को तमसा नदी के तट पर बताया गया है और ये तमसा नदी यहीं पर बहती है। जबकि कानपुर के बिठूर, बागपत के बलैनी में भी सीता माता के वनवास काटने के दावे किए जाते हैं। उत्तराखंड के रामनगर में जिम कार्बेट पार्क के पास सीतावनी मंदिर भी है, जहां पर वो तालाब है जिसके बारे में मान्यता है कि वहीं पर माता सीता धरती में समाई थीं। यह स्थान मात्र क्षेत्र में ही नहीं बल्कि आस पास के जनपदों में भी श्रद्धा का केंद्र है। यहां स्तिथ ब्रह्मचारी बाबा की कुटी में भी लोगो का आस्था और विश्वास है। मंदिर के चारो ओर चैत्र नवरात्रि में अंतिम तीन दिनों में मेले का भव्य आयोजन होता है। मान्यता है की इस स्थान से मांगी हुई मुरादे निश्चित पूरी होती है। यहां से कोई कभी भी निराश नहीं होता है। मंदिर से सटा हुआ एक अत्यंत सुंदर तालाब और बच्चो के लिए वन विभाग द्वारा निर्मित एक पार्क भी है जिसमे व्यस्कों के लिए दो रुपए शुल्क है बच्चो के लिए कोई शुल्क नहीं है, साथ ही साथ चारो तरफ वन भी है जो अत्यंत मनोरम वातावरण उत्पन्न करता है। मऊ जनपद के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में भी इसका नाम है।