महर्षी वाल्मिकी जयंती

  1. वाल्मिकी जयंती को अवकाश घोषित करने की मांग, राष्ट्रीय अध्यक्ष बोले
  2. महर्षि वाल्मीकि जयंती 2023, 2024 और 2025
  3. महर्षि वाल्मीकि जयंती 2022
  4. [मराठी] महर्षि वाल्मिकी Whatsapp Status, Quotes, Wishes, Greetings, Sayings and Thoughts in Marathi
  5. Valmiki Jayanti 2022: Maharishi Valmiki Jayanti Today, Know Special Things...
  6. वाल्मीकि


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वाल्मिकी जयंती को अवकाश घोषित करने की मांग, राष्ट्रीय अध्यक्ष बोले

लखनऊ में सोमवार को भारतीय वाल्मिकी महासभा ने अधिवेशन आयोजित किया। जहां पर महासभा ने पीएम मोदी के नाम एक मांगपत्र जारी किया। मांगपत्र में 2 मांगें रखी गईं हैं। पहली मांग है कि वाल्मिकी जयंती (शरद पूर्णिमा) को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए। दूसरी मांग है नियमित सफाईकर्मियों की भर्ती करना। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, जुगल किशोर वाल्मिकी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पीएम उनकी मांगें सुनेंगे। वरना 2024 में कुछ भी हो सकता है। जुगल किशोर वाल्मिकी ने कहा “पीएम मोदी से अनुरोध करना चाहूंगा कि जिस तरह बीजेपी सरकार में कहा गया ‘जो राम के लाए हैं, है उनको लाएंगे’। तो हम प्रधानमंत्री जी से मांग करते हैं कि पूरी दुनिया को राम का परिचय देने वाले। महर्षि वाल्मिकी जी के जन्म दिवस को सार्वजनिक अवकाश के रूप में घोषित करें। उन्होंने रामायण महाग्रंथ की रचना की, दुनिया को राम के बारे में बताया। जब देश में राम नवमी की छुट्टी है, तो वाल्मिकी जयंती की छुट्टी भी होनी चाहिए”। दूसरी मांग पर जुगल किशोर ने कहा कि सफाई एक आवश्यक पेशा है। इस पेशे में ठेका नीति खत्म कर नियमित सफाईकर्मियों की भर्ती की जाए जिससे उन्हें रोजगार मिले। उन्होंने कहा– “मान्यवर पैर धोकर उन्हें सम्मान तो मिल सकता है। लेकिन नियमित नौकरी से ही उनके परिवार का पालन पोषण हो सकता है। भारतीय वाल्मिकी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जुगल किशोर वाल्मिकी। 2024 में कुछ भी हो सकता है जुगल किशोर समेत अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पीएम मोदी उनकी मांगें पूरी करेंगे। “अगर पीएम और सरकार ने हमारे ये दो काम पूरे कर दिए। तो ये समाज उनकी झोली भर देगा। ये गरीब समाज दुआएं देने वाला समाज है। लेकिन अगर ये नाराज हुए तो बहुत कुछ बिखर सकता है।...

महर्षि वाल्मीकि जयंती 2023, 2024 और 2025

साल तारीख दिन छुट्टियां राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश 2023 28 अक्टूबर शनिवार महर्षि वाल्मीकि जयंती HP, HR, KA, MP & PB 2024 17 अक्टूबर गुरूवार महर्षि वाल्मीकि जयंती HP, HR, KA, MP & PB 2025 7 अक्टूबर मंगलवार महर्षि वाल्मीकि जयंती HP, HR, KA, MP & PB 2026 26 अक्टूबर सोमवार महर्षि वाल्मीकि जयंती HP, HR, KA, MP & PB कृपया पिछले वर्षों की तारीखों के लिए पृष्ठ के अंत तक स्क्रॉल करें। ये त्यौहार प्रसिद्ध हिन्दू कवि, महर्षि वाल्मीकि की जयंती” या जन्म दिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। महर्षि वाल्मीकि ने रामायण लिखी थी, जो की विस्तृत हिन्दू ग्रंथों का उल्लेख है और जिसे महाकाव्य या कविताओं की शैली में रखा गया है। इसे मूल रूप से संस्कृत में लिखा गया था और इसमें चकित कर देने वाली 24000 कविताएँ शामिल करी गईं हैं। भारत, महर्षि वाल्मीकि और उनके द्वारे रचे गए साहित्य को याद करते हुए इस त्यौहार को अलग अलग तरीकों से मनाता है। कुछ लोग महर्षि वाल्मीकि की तस्वीर लिए, पूरे शहर में रंग बिरंगे धार्मिक जुलूस निकालते हैं, उनकी पूजा करते हैं और उनकी तस्वीर को पूजते हैं। अन्य श्रद्धालु उनकी याद में बनाए गए, और ख़ास तौर पर उनको समर्पित मंदिरों में उनकी कविताओं के कुछ अंश सुनाते हैं। इस अवसर पर निर्धनों को भोजन कराया जाता है। महर्षि बाल्मीकि के जीवन और प्रेरणाओं से सम्बंधित ऐतहासिक जगहों पर जाने के अलावा, महर्षि वाल्मीकि जयंती के दौरान कई यात्री जुलूसों में शामिल होते हैं और भारी भरकम सजावट वाले मंदिरों में भी दर्शन करने जाते हैं। पिछले कुछ वर्ष साल तारीख दिन छुट्टियां राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश 2022 9 अक्टूबर रविवार महर्षि वाल्मीकि जयंती HP, HR, KA, MP & PB 2021 20 अक्टूबर बुधवार महर्षि वाल्मीकि जयं...

महर्षि वाल्मीकि जयंती 2022

महर्षि वाल्मीकि सनातन धर्म के प्रमुख ऋषियों में से एक है और हिंदू धर्म का प्रमुख महाकाव्य रामायण की रचना इनके द्वारा ही की गयी थी। पौराणिक कथाओं के आधार अनुसार इनका जन्म आश्विन माह की शरद पूर्णिमा के दिन हुआ था। इन्हीं पौराणिक कथाओं से यह भी ज्ञात होता है कि महर्षि बनने से पहले उनका नाम रत्नाकर हुआ करता था। विभिन्न हिंदू धर्मग्रंथों तथा पुराणों की रचना करके उन्होंने जो विशेष योगदान दिया है उसी के कारण हर वर्ष आश्विन माह की शरद पूर्णिमा के दिन को महर्षि वाल्मीकि जयंती के रुप में मनाया जाता है। महर्षि वाल्मीकि जयंती 2023 (Maharshi Valmiki Jayanti 2023) वर्ष 2023 में वाल्मीकि जयंती का पर्व 28 अक्टूबर, शनिवार के दिन मनाया जायेगा। महर्षि वाल्मीकि जयंती क्यों मनाई जाती है? महर्षि वाल्मीकि को आदिकवि के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है प्रथम काव्य का रचियता। उन्हें आदिकवि कहकर इसलिए संबोंधित किया जाता है क्योंकि उनके द्वारा ही रामायण जैसे प्रथम महाकाव्य की रचना की गई थी। एक महाकवि होने के साथ ही महर्षि वाल्मीकि एक परम ज्ञानी भी थे क्योंकि रामायण में अनेक जगहों पर उन्होंने सूर्य, चंद्रमा तथा नक्षत्रों की सटीक गणना की है। जिससे पता चलता है कि उन्हें ज्योतिष विद्या और खगोल शास्त्र का भी बहुत अच्छा ज्ञान था। कथाओं के अनुसार महर्षि बनने से पहले वाल्मीकि जी का नाम रत्नाकर था और वह एक डाकू थे। एक बार जब उनका सामना नारद मुनि से हुआ और उनकी बांते सुनकर रत्नाकर की आंखे खुल गयी तथा उन्होंने सत्य और धर्म के मार्ग को अपना लिया। अपने घोर परिश्रम तथा तपस्या के बल पर वह रत्नाकर से महर्षि वाल्मीकि बन गये। उनके जीवन की यह कहानी हमें सीख देती है कि जीवन में कितनी भी कठिनाइयां क्यों ना हो यदि व्...

[मराठी] महर्षि वाल्मिकी Whatsapp Status, Quotes, Wishes, Greetings, Sayings and Thoughts in Marathi

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Valmiki Jayanti 2022: Maharishi Valmiki Jayanti Today, Know Special Things...

महर्षी वाल्मिकी (Maharshi Valmiki) यांची जयंती दरवर्षी अश्विन महिन्यातील पौर्णिमेला साजरी केली जाते. महर्षी वाल्मिकी यांची जयंती संपूर्ण भारतात मोठ्या उत्साहात साजरी केली जाते. आज ९ ऑक्टोबर २०२२ रोजी वाल्मिकी जयंती आहे. हिंदू धर्मातील महत्त्वाचे महाकाव्य रामायण (Ramayan) महर्षी वाल्मिकी यांनी रचले होते. वाल्मिकींनी संस्कृत भाषेत लिहिलेले रामायण सर्वात जुने मानले जाते. संस्कृत भाषेतील पहिल्या महाकाव्याच्या रचनेमुळे महर्षी वाल्मिकी यांना आदिकवी असेही म्हणतात. महर्षी वाल्मिकींच्या जयंतीनिमित्त देशभरात अनेक ठिकाणी धार्मिक कार्यक्रम आयोजित केले जातात, तबल्या काढल्या जातात आणि मंदिरांमध्ये वाल्मिकीची पूजा केली जाते. महर्षी वाल्मिकीजींचे नाव आणि ते महर्षी बनण्याची कथा खूप मनोरंजक आहे. हिंदू कॅलेंडरनुसार, वाल्मिकी जयंती अश्विन महिन्याच्या पौर्णिमेला साजरी केली जाते. या वेळी पौर्णिमा ९ ऑक्टोबर रोजी पहाटे ३:४१ वाजता सुरू होईल आणि १० ऑक्टोबर रोजी पहाटे २:२४ वाजता समाप्त होईल. उदयतिथीनुसार ९ ऑक्टोबर रोजी वाल्मिकी जयंती साजरी केली जाणार आहे. महर्षी वाल्मिकीबद्दल इतिहासात अनेक कथा प्रचलित आहेत आणि पौराणिक कथेनुसार वाल्मिकींचे नाव रत्नाकर होते आणि तो एक डाकू होता. पण नंतर जेव्हा त्याला समजले की आपण चुकीच्या मार्गावर आहोत, तेव्हा त्याने हा मार्ग सोडून धर्माचा मार्ग स्वीकारला. त्यांना देवर्षी नारदांनी रामनामाचा जप करण्याचा सल्ला दिला होता. त्यानंतर वाल्मिकीजी रामनामात लीन होऊन तपस्वी झाले. त्यांच्या तपश्चर्येने प्रसन्न होऊन ब्रह्माजींनी त्यांना ज्ञानाचे भांडार दिले आणि मग त्यांनी रामायण लिहिलं. ज्याची पूजा आज हिंदू धर्मात धार्मिक ग्रंथ म्हणून केली जाते आणि वाचली जाते. महर्षी वाल्मिकींच्या ...

वाल्मीकि

वाल्मीकि, आदिकवि के रूप में प्रसिद्ध हैं। आदिकवि वाल्मीकि का जीवन परिचय [ ] रामायण मे वाल्मीकि ने 24000 श्लोकों में श्रीराम उपाख्यान ‘रामायण’ लिखी। ऐसा वर्णन है कि- एक बार वाल्मीकि मा निषाद प्रतिष्ठां त्वंगमः शाश्वतीः समाः। यत्क्रौंचमिथुनादेकं वधीः काममोहितम्॥ (अर्थ: हे दुष्ट, तुमने प्रेम मे मग्न क्रौंच पक्षी को मारा है। जा तुझे कभी भी प्रतिष्ठा की प्राप्ति नहीं हो पायेगी और तुझे भी वियोग झेलना पड़ेगा।) उसके बाद उन्होंने प्रसिद्ध महाकाव्य "रामायण" (जिसे "वाल्मीकि रामायण" के नाम से भी जाना जाता है) की रचना की और "आदिकवि वाल्मीकि" के नाम से अमर हो गये। अपने महाकाव्य "रामायण" में उन्होंने अनेक घटनाओं के समय राम राम सब जगत बखाने | आदि राम कोइ बिरला जाने || अपने वनवास काल के दौरान भगवान"श्रीराम" वाल्मीकि के आश्रम में भी गये थे। भगवान वाल्मीकि को "श्रीराम" के जीवन में घटित प्रत्येक घटना का पूर्ण ज्ञान था। सतयुग, त्रेता और द्वापर तीनों कालों में वाल्मीकि का उल्लेख मिलता है इसलिए भगवान वाल्मीकि को सृष्टिकर्ता भी कहते है, रामचरितमानस के अनुसार जब श्रीराम वाल्मीकि आश्रम आए थे तो आदिकवि वाल्मीकि के चरणों में दण्डवत प्रणाम करने के लिए वे जमीन पर डंडे की भांति लेट गए थे और उनके मुख से निकला था "तुम त्रिकालदर्शी मुनिनाथा, विस्व बदर जिमि तुमरे हाथा।" अर्थात आप तीनों लोकों को जानने वाले स्वयं प्रभु हैं। ये संसार आपके हाथ में एक बैर के समान प्रतीत होता है। महाभारत काल में भी वाल्मीकि का वर्णन मिलता है। [ इन्हें भी देखें [ ] • • • सन्दर्भ [ ] • हजारीप्रसाद द्विवेदी (२००७). हजारीप्रसाद द्विवेदी ग्रन्थावली. राजकमल प्रकाशन. पृ॰९१. 9788126713639. • Pattanaik, Devdutt (8 August 2020). mumbaimirr...