Mitochondria kya hai

  1. माइटोकॉण्ड्रिया (Mitochondria) क्या है ? माइटोकॉन्ड्रिया की संरचना, संख्या और कार्य क्या है ? सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में
  2. माइटोकॉन्ड्रिया क्या है
  3. माइटोकांड्रिया के कार्य
  4. माइटोकांड्रिया किसे कहते हैं? » Mitochondria Kise Kehte Hain
  5. जीवन क्या है जीवन की परिभाषा Definition of life in hindi biology » BasicStudy


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माइटोकॉण्ड्रिया (Mitochondria) क्या है ? माइटोकॉन्ड्रिया की संरचना, संख्या और कार्य क्या है ? सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में

माइटोकॉण्ड्रिया (Mitochondria) क्या है ? माइटोकॉण्ड्रिया की खोज 1890 ई. में अल्टमेन (Altman) नामक वैज्ञानिक ने की थी। अल्टमेन ने इसे बायोब्लास्टतथा बेण्डा ने माइटोकॉण्डियाकहा। जीवाणु एवं नील हरित शैवाल को छोड़कर शेष सभी सजीव पादप एवं जंतु कोशिकाओं के कोशिकाद्रव्य में अनियमित रूप से बिखरे हुए दोहरी झिल्ली आबंध कोशिकांगों (organelle) को सूत्रकणिका या माइटोकॉण्ड्रिया (Mitochondria) कहा जाता हैं। कोशिका के अंदर सूक्ष्मदर्शी की सहायता से देखने में ये गोल, लम्बे या अण्डाकार दिखते हैं। माइटोकॉण्ड्रिया सभी प्राणियों में और उनकी हर प्रकार की कोशिकाओं में पाई जाती हैं। माइटोकॉण्ड्रिया कोशिकाद्रव्य में की एक बहुत महत्वपूर्ण रचना है जो की कोशिकाद्रव्य में बिखरी रहती है। माइटोकॉण्ड्रिया दोहरी झिल्ली के आवरण से घिरी हुई रचनाएँ होती हैं। माइटोकॉण्ड्रिया का आकार ( size) और आकृति ( shape) परिवर्तन होता रहता है । माइटोकॉण्ड्रिया की संरचना और विशेषताएँ क्या है ? प्रत्येक माइटोकॉण्ड्रिया एक बाहरी झिल्ली एवं एक अन्तः झिल्ली से चारों ओर घिरी रहती है तथा इसके बीच में एक तरलयुक्त गुहा होती है, जिसे माइटोकॉण्ड्रियल गुहा (Mitochondrial cavity)कहते हैं। बाहरी झिल्ली की सतह पर वृंतविहीन कण पाये जाते है, जिन्हें पारर्सन की उपइकाई (subunits of parson) कहा जाता है। माइटोकॉण्ड्रिया की बाहरी झिल्ली सपाट और अन्दर वाली झिल्ली मैट्रिक्स की ओर ऊँगली समान नलिकाओं (पादपों में) अथवा क्रिस्टी (जन्तुओं में) जैसी रचनाएँ बनाती हैं। माइटोकॉण्ड्रिया कोशिकाद्रव्य में कणों ( Chondriomits), सूत्रों ( Filament), छड़ों ( Chondriconts) और गोलकों ( Chondriospheres) के रूप में बिखरा रहता है। बाहरी झिल्ली माइटोकॉन्ड्रिया की बा...

माइटोकॉन्ड्रिया क्या है

दोस्तों आपने माइटोकॉन्ड्रिया के बारे में पढ़ा हुआ हैं और आप जानते होंगे की माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका ( माइटोकॉन्ड्रिया से ऊर्जा उत्पादन किस प्रकार होता है इसके बारे में हम विस्तार से जानेंगे माइटोकॉन्ड्रिया की खोज किसने की माइटोकॉन्ड्रिया की खोज सर्वप्रथम 1880 में कोलिकर नामक वैज्ञानिक ने खोज की लेकिन इसका वर्णन 1890 में ऑल्टमैन द्वारा किया गया है और इसके बाद 1897 में बेंडा नामक वैज्ञानिक ने इसी माइटोकॉन्ड्रिया का नाम दिया माइटोकॉन्ड्रिया की संरचना कैसे होती है माइटोकॉन्ड्रिया यूकैरियोटिक कोशिका में स्थित कोशिका द्रव ( माइटोकॉन्ड्रिया सभी प्रकार की कोशिकाओं में पाया जाता है लेकिन यह सिर्फ नीले हरे शैवाल और बैक्टीरिया में नहीं पाया जाता है मतलब हम कह सकते हैं कि सभी प्रकार के पेड़ पौधे तथा जीव जंतुओं में माइटोकॉन्ड्रिया पाया जाता है इसका आकार 5 मिली माइक्रोन होता है तथा इनका व्यास 5 मिली माइक्रोन तक होता है माइटोकॉन्ड्रिया वसा और प्रोटीन निर्मित बाहरी और भीतरी झिल्ली द्वारा घिरा होता है इसका बाहरी आवरण सपाट होता है लेकिन आंतरिक आवरण हाथ की उंगली समान अनेक रचनाओं युक्त होती है , उंगली सामान रचनाओं को कृष्टि कहा जाता है माइटोकॉन्ड्रिया में पाई जाने वाली अंतरिम LAYRE माइटोकॉन्ड्रिया को दो भागों में बांटती है आउटर चैंबर यह बाहरी और भीतरी जिले के बीच पाया जाता है जो लगभग 60 से 80 A होता है इनर चेंबर यह भीतरी जिले द्वारा घिरा होता है और घिरा हुआ इनके बीच का स्थान बहुत बड़ा होता है इस खाली जगह पर जेली समान संरचना पाया जाता है जिसे मैट्रिक्स कहा जाता है भीतरी झिल्ली और क्रिस्टी की सतह पर बहुत से छोटे कण पाए जाते हैं जिन्हें एक्सीसोम कहा जाता है यह एक्सीसोम तीन भागों में बांटा गया ह...

माइटोकांड्रिया के कार्य

संतानो की कोशिकाओं में पाया जाने वाला माइटोकांड्रिया उन्हें उनकी माता से प्राप्त होता है। निषेचित अंडों के माइटोकाण्ड्रिया में पाया जाने वाले डीएनए में शुक्राणुओं की भूमिका नहीं होती। है। श्वसन की क्रिया प्रत्येक जीवित कोशिका के कोशिका द्रव्य (साइटोप्लाज्म) एवं माइटोकाण्ड्रिया में सम्पन्न होती है। श्वसन सम्बन्धित प्रारम्भिक क्रियाएँ साइटोप्लाज्म में होती है तथा शेष क्रियाएँ माइटोकाण्ड्रियाओं में होती हैं Mitochondria अक्सर सेल के पावरहाउस के रूप में जाना जाता है। वे एक सेल के भीतर छोटी संरचनाएं हैं जो दो झिल्ली और मैट्रिक्स से बने होते हैं। झिल्ली वह जगह है जहां रासायनिक प्रतिक्रियाएं होती हैं और मैट्रिक्स वह होता है जहां तरल पदार्थ होता है। Mitochondria यूकेरियोटिक कोशिकाओं का एक हिस्सा हैं। माइटोकॉन्ड्रिया का मुख्य काम सेलुलर श्वसन करना है। इसका मतलब यह है कि यह कोशिका से पोषक तत्वों में ले जाता है, इसे तोड़ देता है, और इसे ऊर्जा में बदल देता है। इस ऊर्जा को तब विभिन्न कार्यों को पूरा करने के लिए सेल द्वारा उपयोग किया जाता है। प्रत्येक कोशिका में माइटोकॉन्ड्रिया की एक अलग संख्या होती है। वर्तमान संख्या इस बात पर निर्भर है कि सेल को कितनी ऊर्जा की आवश्यकता है। एक सेल को अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है जो अधिक माइटोकॉन्ड्रिया की उपस्थिति होगी। कोशिकाओं की आवश्यकता के रूप में अधिक mitochondria उत्पादन करने की क्षमता है। वे बड़े बनाने के लिए माइटोकॉन्ड्रिया को भी जोड़ सकते हैं।

माइटोकांड्रिया किसे कहते हैं? » Mitochondria Kise Kehte Hain

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आप पूछ रही थी मैं तो कौन किया क्या है तुम यह साधु क्लास में मैं दीदी ना कालों की अनेकों छोटी-छोटी रचनाएं रोड के समान रचनाएं चारों ओर बिखरी रहती है जिन्हें माइटोकॉन्ड्रिया कहते हैं जीवित कोशिका में यह दर उधर घूमते रहते हैं इनकी संख्या तथा आकार में परिवर्तन होता रहता है और यह / भी हो जाते हैं कभी-कभी यह समूह में एकत्रित रहते हैं तथा कभी-कभी विक्रय से रहित माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का पावर हाउस कहा जाता है क्योंकि यह कोशिका के भीतर बच कर आए हुए भोजन का ऑक्सीकरण करके उसकी संग्रहीत ऊर्जा को भी मुक्त कर एटीटीपी में संग्रहित करते हैं जिसे कोशिका को विभिन्न देवी क्रियाओं के लिए ऊर्जा मिलती है aap puch rahi thi main toh kaun kiya kya hai tum yah sadhu class me main didi na kaalon ki anekon choti choti rachnaye road ke saman rachnaye charo aur bikhri rehti hai jinhen mitochondria kehte hain jeevit koshika me yah dar udhar ghumte rehte hain inki sankhya tatha aakaar me parivartan hota rehta hai aur yah bhi ho jaate hain kabhi kabhi yah samuh me ekatrit rehte hain tatha kabhi kabhi vikray se rahit mitochondria ko koshika ka power house kaha jata hai kyonki yah koshika ke bheetar bach kar aaye hue bhojan ka oxykaran karke uski sangrahit urja ko bhi mukt kar ATTP me sangrahit karte hain jise koshika ko vibhinn devi kriyaon ke liye urja milti hai आप पूछ रही थी मैं तो कौन किया क्या है तुम यह साधु क्लास में मैं दीदी ना कालों की अनेकों छो

जीवन क्या है जीवन की परिभाषा Definition of life in hindi biology » BasicStudy

जीवन क्या है जीवन की परिभाषा Definition of life in hindi biology. हम लोग जीवधारियों तथा समस्त निर्जीव वस्तुओं को देख तथा छू सकते हैं. परन्तु जीवधारियों के जीवन को न देख सकते है और न छू सकते है. वास्तव में, “जीवन” जीवधारियों के पदार्थो में उत्पन होने वाली एक विशेष प्रकार की उर्जा या शक्ति (energy) है. अतः इसकी कोई सीधी परिभाषा नहीं की जा सकती. प्यार, घृणा, मोह, लालच, सरलता, शुशिलता, अच्छाई, बुराई, आदि की भांति. यह भी अमूर्त या भाववाची (Abstractive) है. हम केवल इतना कह सकते हैं कि. संघठित पदार्थ (सजीव पदार्थ) या भुतद्रव्य की जैव दशा (livingness) ही जीवन है. इसे भी पढ़े: • माइटोकांड्रिया क्या है, इसकी खोज किसने की | Mitochondria Kya… • कोशिका किसे कहते हैं, चित्र | कोशिका की खोज किसने की | कोशि… • तना क्या होता है, तने की विशेषता | What is stem in hindi • कोशिका की आकृति एंव आकार | कोशिका की माप • परासरण किसे कहते हैं, परासरण कितने प्रकार का होता है | Paras… • प्रोकैरियॉटिक और यूकैरियॉटिक कोशिका किसे कहते हैं, चित्र, उद… • Bryophyta in hindi | Bryophyta meaning in hindi | ब्रायोफाइट… • प्रोकैरियॉटिक तथा यूकैरियॉटिक कोशिका में अंतर • प्रकाश संश्लेषण क्या है – परिभाषा , चित्र , क्रिया विध… • जंतु कोशिका और पादप कोशिका का चित्र तथा इनमे अंतर