मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है वैज्ञानिक कारण

  1. मकर संक्रांति क्या है? मकर संक्रांति का त्यौहार क्यों मनाया जाता है
  2. मकर संक्रांति का महत्व
  3. मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती हैं
  4. मकर संक्रांति कैसे मनायें? जानें, धार्मिक और वैज्ञानिक कारण
  5. Makar Sankranti Ka Mahatva: मकर संक्राति क्यों मनाई जाती है, पतंग क्यों उड़ाई जाती है? मकर संक्राति का वैज्ञानिक कारण भी जानें
  6. मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है?
  7. मकर संक्रांति का महत्व
  8. मकर संक्रांति कैसे मनायें? जानें, धार्मिक और वैज्ञानिक कारण
  9. Makar Sankranti Ka Mahatva: मकर संक्राति क्यों मनाई जाती है, पतंग क्यों उड़ाई जाती है? मकर संक्राति का वैज्ञानिक कारण भी जानें
  10. मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है?


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मकर संक्रांति क्या है? मकर संक्रांति का त्यौहार क्यों मनाया जाता है

पुरे विश्व में भारत ही एक ऐसा एकलौता देश है जहाँ पर विभिन्न धर्म, जाती, समुदाय के लोग इकठ्ठा एक साथ खुशी खुशी अपना जीवन गुजर बसर करते है। एक साथ सामाजिक एकता के साथ रहने में हमारे पर्वो का बहुत ही अधिक योगदान है। सभी धर्मो के लोग साथ मिलकर सभी पर्व, त्योहारो को बहुत ही हर्ष उल्लास के साथ मनाते है। जैसा कि आप लोग जानते हैं कि प्रत्येक वर्ष 14 जनवरी को भारत में मकर क्रांति का त्यौहार हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन सभी लोग गंगा स्नान कर अपने घरों में विधि विधान से पूजा पाठ करते है और प्रसाद हेतु सभी लोगो चूड़ा, तिलकुट, दही, का सेवन करते है। और बच्चो का क्या ही कहना इस दिन गाँव, शहरों में सभी बच्चों अपने दोस्तों के साथ खूब पतंग उड़ाते है। आपने भी अपने बचपन में मकर सक्रांति के दिन खूब पतंगबाजी की होगी। ऐसे में बहुत सारे लोगों के मन में सवाल आता है कि मकर संक्रांति क्या है? मकर संक्रांति का त्यौहार क्यों मनाया जाता है अगर आप इसके बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं तो आप इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • मकर संक्रांति क्या है? (Makar Sankranti in Hindi) मकर संक्रांति हिंदुओं का एक बहुत ही पवित्र त्यौहार है। हिंदू धर्म में मकर संक्रांति त्योहार का विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है तब मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है इसके अलावा गोकुल शास्त्र के मुताबिक जब सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की स्थिति में पहुंचता है तब मकर संक्रांति जैसी घटना घटित होती है और उसी समय इस त्यौहार को मनाया जाता है। इस पर्व के बारे में ऐसी मान्यता है कि इस दिन अगर कोई भी पुत्र अपने पिता से मिलन...

मकर संक्रांति का महत्व

विषय - सूची • • • • • • • • • प्रकाश से प्रेरित होने का पर्व है मकर संक्रांति मकर संक्रांति भगवान सूर्य की उपासना का सबसे बड़ा पर्व है. इस दिन भगवान सूर्य की पूजा गायत्री मंत्र के साथ की जाती है. यह पर्व है प्रकाश की तरफ़ बढ़ने का, यह पर्व है अज्ञानता से ज्ञान की ओर चलने का, यह पर्व है जीवन से शुष्कता को समाप्त करके नवीन ऊर्जा का संचार करने का. जिस तरह सूर्य के प्रकाश से समस्त प्राणियों का जीवन जगमगा उठता है, उसी तरह ये पर्व भी आपके जीवन को खुशियों और प्रकाश से भर दे, यही इस पर्व का संदेश है. यह पर्व हमें भगवान भास्कर के गुणों यानि ऊर्जा, ऊष्मा और प्रकाश को अपने भीतर लाने और दूसरों तक फैलाने का संदेश देता है. मकर संक्रांति क्या है? – अर्थ सूर्य जब एक राशि को छोड़कर दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तब उसे संक्रांति कहा जाता है. सूर्य जिस भी राशि में प्रवेश करता है, उसी राशि के नाम से संक्रांति जानी जाती है. ‘मकर संक्रांति’में मकर शब्द 12 राशियों में से एक मकर राशि को बताता है और संक्रांति शब्द का अर्थ है संक्रमण अर्थात् एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना या एक-दूसरे से मिलना. अतः मकर संक्रांति का अर्थ है: सूर्य का धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने का संक्रमण काल. मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है? ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन ही गंगाजी राजा भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होती हुई सागर से जाकर मिली थी, इसीलिए इस दिन गंगा सागर में स्नान का विशेष महत्व माना जाता है. मान्यता है कि गंगा स्नान से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस समय नई-नई फ़सल जो पककर तैयार हो चुकी होती है, काटी जाती है और किसानों के घर अन्न से भर जाते हैं. इस ख़ुशी में लोग अन्न देवता की पूजा क...

मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती हैं

“मकर संक्रांति की आपको हार्दिक शुभकामनाएं”इस पेज पर आप मकर संक्रांति क्या हैं, मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती हैं, मकर संक्रांति का वैज्ञानिक महत्व, मकर संक्रांति कैसे मनाये आदि की जानकारी पड़ेगें। मकर संक्रांति हर साल 14 जनवरी को मनाई जाती हैं लेकिन इस साल देशभर में मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। चलिए मकर संक्रांति की सम्पूर्ण जानकारी पढ़ते हैं। पौष मास (जनवरी महीने) में जब जनवरी महीने की 14 या 15 तारीक को सूर्य धनु राशि को छोड़ कर मकर राशि में प्रवेश करता हैं। तमिलनाडु में इसे पोंगल नामक उत्सव के रूप में मनाते हैं। जबकि कर्नाटक, केरल तथा आंध्र प्रदेश में इसे केवल संक्रांति ही कहते हैं। मकर संक्रान्ति पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायणी भी कहते हैं। मकर संक्रांति का त्यौहार कब मनाया जाता हैं मकर संक्रांति का त्यौहार प्रत्येक वर्ष जनवरी के महीने में मनाया जाता हैं, वैसे तो मुख्यतः इस पर्व को 14 जनवरी के दिन मनाया जाता हैं। लेकिन कभी-कभी मकर संक्रांति को 15 जनवरी के दिन बनाया जाता हैं वर्ष 2022 में भी मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी। यदि भारतीय सभ्यता की बात की जाए तो जिस दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की तरफ जाता हैं उसी दिन मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता हैं। मकर संक्रांति क्यों मनाते है भगवान सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण जाने के शुभ मौके पर मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता हैं। भरतीय शास्त्रों में कहा जाता हैं कि जब सूर्य दक्षिणायन में रहता हैं तो देवताओं की रात्रि होती हैं। अर्थात देवताओं के लिए यह समय नकारात्मक का प्रतीक होता हैं। जब सूर्य दूसरी तरफ उत्तरायण में रहता हैं तो देवताओं का दिन रहता हैं। अर्थात देवताओं के लिए यह समय बहुत ही शुभ माना जाता...

मकर संक्रांति कैसे मनायें? जानें, धार्मिक और वैज्ञानिक कारण

मकर संक्रांति (Makar Sankranti) सूर्य उपासना का पर्व है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण होना शुरू होते हैं। यह पर्व समस्त भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। क्या है इस पर्व का महत्व ? आइए विस्तारपूर्वक जानें.. मुख्य बिंदू: • मकर सक्रांति क्यों मनाया जाता है। • मकर सक्रांति की पौराणिक मान्यता। • मकर सक्रांति मुहूर्त, दान पूजा विधि। • मकर सक्रांति का वैज्ञानिक आधार। • Makar Sakranti HD Image Free Download मकर संक्रांति का पर्व माघ मास के कृष्णा पक्ष की प्रतिपदा को बड़ी धूम धाम से मनाया जाता हैं। यह पर्व उत्तर प्रदेश के पूर्वी प्रांतों में ‘ खिचड़ी’ के नाम से प्रसिद्ध है। वे लोग इस दिन पूजन के बाद खिचड़ी ही खाते हैं और खिचड़ी तथा तिल का दान करते हैं। इसकी भव्यता तो प्रयाग और गंगासागर में विशेष देखने को मिलती है। इस पुण्य स्थली पर एक माह पूर्व से ही लोग झोंपडिया (Tents) बनाकर रहते हैं। Contents • • • • • • • • • • • • • मकर सक्रांति क्यों मनाया जाता है? (Why is Makar Sankranti celebrated?) मकर संक्रांन्ति भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व प्रत्येक वर्ष जनवरी के महीने में मनाया जाता है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण होता है, अर्थात उत्तरी गोलार्ध सूर्य की ओर मुड़ जाता है। चूंकि इस दिन इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है। इसलिए इसे “मकर सक्रांति” कहते है। अंग्रेज़ी कलेंडर के अनुसार यह दिन 14 जनवरी को पढ़ता है। हिन्दू मान्यता के अनुसार, दक्षिणायण को देवताओं की रात्रि अर्थात् नकारात्मकता का प्रतीक तथा उत्तरायण को देवताओं का दिन अर्थात् सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है। इस त्योहार का संबंध प्रकृति, ऋतु परिवर्तन और कृषि से है। ये तीनों चीजें ही जीव...

Makar Sankranti Ka Mahatva: मकर संक्राति क्यों मनाई जाती है, पतंग क्यों उड़ाई जाती है? मकर संक्राति का वैज्ञानिक कारण भी जानें

भारत में पतंग उड़ाने का त्यौहार है, जिसे मकर संक्राति कहते हैं. देश के पश्चिमी राज्य यानी गुजरात में यह पर्व बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है. जहां लोग पतंगबाज़ी का खेल खेलते हैं. लेकिन मकर संक्राति तिल के लड्डू और पतंगबाज़ी से भी ज़्यादा महत्वपूर्ण होता है. मकर संक्राति मानना सिर्फ धार्मिक महत्त्व नहीं बल्कि इसका वैज्ञानिक कारण भी है. मकर संक्रांति कब मनाया जाता है संक्राति पूरे देश में मनाया जाने वाला पर्व है. जिसे ज्योतिष गणना के आधार पर तय किया जाता है. बहरहाल यह हमेशा नए साल की 14-15 तारीख को पड़ता है. जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है जब खरमास खत्म हो जाता है. खरमास ऐसा समय होता है जब कोई भी पूजा-पाठ, हवन, यज्ञ, शुभकार्य, वैवाहिक कार्य नहीं किए जाते हैं. सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने से खरमास खत्म होता है और शुभ कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं मकर संक्राति में पतंग उड़ाने का वैज्ञानिक कारण: पतंग उड़ाना एक एक्ससरसाइज एक्टिविटी मानी जाती है. इसमें हमारे शरीर की ऊर्जा खर्च होती है. दोपहर में पंतग उड़ाने से हमारे शरीर को विटामिन डी मिलता है (खैर यह बिना पतंग उड़ाए सिर्फ धुप में बैठने से भी मिलता है) कहा जाता है कि कर संक्रांति पर सूर्य देव उत्तरायण हो जाते हैं. इस समय सूर्य की किरणें औषधि का काम करती हैं. इसलिए इस पर्व पर पतंग उड़ाने को शुभ माना जाता है मकर संक्राति की कहानी महाभारत और पुराणों के अनुसार ऋषि विश्वामित्र को मकर संक्राति की शुरुआत करने का श्रेय दिया जाता है. महाभारत में पांडवों के मकर संक्राति मानाने का उल्लेख है. मकर संक्राति का अर्थ: हिंदू सभ्यता में संक्राति एक देवी हैं. जिनकी पूजा होती है. संक्राति देवी ने शंकरसुर का वध किया था, जिसके अलगे दिन...

मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है?

नमस्कार सज्जनों आप सभी का मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है और इसका कारण क्या है चलिए दोस्तों जानते है। आप भारत देश में शुरूवात के समय से ही प्रकृति को देवों का स्थान दिया गया है. और मकर संक्रांति का जो त्यौहार है वह भी प्राकृतिक को समर्पित है दरअशल ये एक पूरी तरिके से वैज्ञानिक त्यौहार है और सूर्य की जो स्तिथि बदलती है. उस रंग से इस त्यौहार को मनाया जाता है। सनातन धर्म और हिन्दू धर्म के अनुसार भारतीय का प्रमुख पर्व मकर संक्रांति अलग-अलग राज्यों, शहरों और गावों में वहां के परम्परोओं के अनुसार मनाया जाता है। कौन-कौन राज्यों में मनाए जाते है? मकर संक्रांति मकर संक्रांति त्यौहार को विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। जैसा की बिहार में इसे तिल संक्रांति के नाम से कहा जाता है, और उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति को खिचड़ी पर्व के रूप में मनाया जाता है। और दोस्तों गुजरात और राजस्थान में इसे उत्तरायण पर्व के रूप में मनाया जाता है. ठीक इसी तरह से दोस्तों तमिलनाडु में किसानों का ये प्रमुख कोमल के रूप में मनाया जाता है. और इसे पंजाब में एक दिन पूर्व से लोहड़ी पर्व के रूप में धूम धाम से मनाया जाता है। मकर संक्रांति पर्व को क्यों मनाया जाता है? दोस्तों मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है इसलिए इस संक्रांति को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है. दोस्तों राशि बदलने के साथ ही मकर संक्रांति के दिन सूर्य दशनायन से उत्तरनायन में प्रवेश करता है. वही जो है मकर संक्रांति के दिन से ही खरमास की समाप्ति और सूर्य कार्यों की शुरूवात हो जाती है। उत्तररायण किसे कहते है? और दक्षिणायन किसे कहते है? सूर्य जब मकर, कुम्भ, वृष्भ, मीन, मेष और मिथुन राशि में...

मकर संक्रांति का महत्व

विषय - सूची • • • • • • • • • प्रकाश से प्रेरित होने का पर्व है मकर संक्रांति मकर संक्रांति भगवान सूर्य की उपासना का सबसे बड़ा पर्व है. इस दिन भगवान सूर्य की पूजा गायत्री मंत्र के साथ की जाती है. यह पर्व है प्रकाश की तरफ़ बढ़ने का, यह पर्व है अज्ञानता से ज्ञान की ओर चलने का, यह पर्व है जीवन से शुष्कता को समाप्त करके नवीन ऊर्जा का संचार करने का. जिस तरह सूर्य के प्रकाश से समस्त प्राणियों का जीवन जगमगा उठता है, उसी तरह ये पर्व भी आपके जीवन को खुशियों और प्रकाश से भर दे, यही इस पर्व का संदेश है. यह पर्व हमें भगवान भास्कर के गुणों यानि ऊर्जा, ऊष्मा और प्रकाश को अपने भीतर लाने और दूसरों तक फैलाने का संदेश देता है. मकर संक्रांति क्या है? – अर्थ सूर्य जब एक राशि को छोड़कर दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तब उसे संक्रांति कहा जाता है. सूर्य जिस भी राशि में प्रवेश करता है, उसी राशि के नाम से संक्रांति जानी जाती है. ‘मकर संक्रांति’में मकर शब्द 12 राशियों में से एक मकर राशि को बताता है और संक्रांति शब्द का अर्थ है संक्रमण अर्थात् एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना या एक-दूसरे से मिलना. अतः मकर संक्रांति का अर्थ है: सूर्य का धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने का संक्रमण काल. मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है? ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन ही गंगाजी राजा भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होती हुई सागर से जाकर मिली थी, इसीलिए इस दिन गंगा सागर में स्नान का विशेष महत्व माना जाता है. मान्यता है कि गंगा स्नान से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस समय नई-नई फ़सल जो पककर तैयार हो चुकी होती है, काटी जाती है और किसानों के घर अन्न से भर जाते हैं. इस ख़ुशी में लोग अन्न देवता की पूजा क...

मकर संक्रांति कैसे मनायें? जानें, धार्मिक और वैज्ञानिक कारण

मकर संक्रांति (Makar Sankranti) सूर्य उपासना का पर्व है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण होना शुरू होते हैं। यह पर्व समस्त भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। क्या है इस पर्व का महत्व ? आइए विस्तारपूर्वक जानें.. मुख्य बिंदू: • मकर सक्रांति क्यों मनाया जाता है। • मकर सक्रांति की पौराणिक मान्यता। • मकर सक्रांति मुहूर्त, दान पूजा विधि। • मकर सक्रांति का वैज्ञानिक आधार। • Makar Sakranti HD Image Free Download मकर संक्रांति का पर्व माघ मास के कृष्णा पक्ष की प्रतिपदा को बड़ी धूम धाम से मनाया जाता हैं। यह पर्व उत्तर प्रदेश के पूर्वी प्रांतों में ‘ खिचड़ी’ के नाम से प्रसिद्ध है। वे लोग इस दिन पूजन के बाद खिचड़ी ही खाते हैं और खिचड़ी तथा तिल का दान करते हैं। इसकी भव्यता तो प्रयाग और गंगासागर में विशेष देखने को मिलती है। इस पुण्य स्थली पर एक माह पूर्व से ही लोग झोंपडिया (Tents) बनाकर रहते हैं। Contents • • • • • • • • • • • • • मकर सक्रांति क्यों मनाया जाता है? (Why is Makar Sankranti celebrated?) मकर संक्रांन्ति भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व प्रत्येक वर्ष जनवरी के महीने में मनाया जाता है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण होता है, अर्थात उत्तरी गोलार्ध सूर्य की ओर मुड़ जाता है। चूंकि इस दिन इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है। इसलिए इसे “मकर सक्रांति” कहते है। अंग्रेज़ी कलेंडर के अनुसार यह दिन 14 जनवरी को पढ़ता है। हिन्दू मान्यता के अनुसार, दक्षिणायण को देवताओं की रात्रि अर्थात् नकारात्मकता का प्रतीक तथा उत्तरायण को देवताओं का दिन अर्थात् सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है। इस त्योहार का संबंध प्रकृति, ऋतु परिवर्तन और कृषि से है। ये तीनों चीजें ही जीव...

Makar Sankranti Ka Mahatva: मकर संक्राति क्यों मनाई जाती है, पतंग क्यों उड़ाई जाती है? मकर संक्राति का वैज्ञानिक कारण भी जानें

भारत में पतंग उड़ाने का त्यौहार है, जिसे मकर संक्राति कहते हैं. देश के पश्चिमी राज्य यानी गुजरात में यह पर्व बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है. जहां लोग पतंगबाज़ी का खेल खेलते हैं. लेकिन मकर संक्राति तिल के लड्डू और पतंगबाज़ी से भी ज़्यादा महत्वपूर्ण होता है. मकर संक्राति मानना सिर्फ धार्मिक महत्त्व नहीं बल्कि इसका वैज्ञानिक कारण भी है. मकर संक्रांति कब मनाया जाता है संक्राति पूरे देश में मनाया जाने वाला पर्व है. जिसे ज्योतिष गणना के आधार पर तय किया जाता है. बहरहाल यह हमेशा नए साल की 14-15 तारीख को पड़ता है. जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है जब खरमास खत्म हो जाता है. खरमास ऐसा समय होता है जब कोई भी पूजा-पाठ, हवन, यज्ञ, शुभकार्य, वैवाहिक कार्य नहीं किए जाते हैं. सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने से खरमास खत्म होता है और शुभ कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं मकर संक्राति में पतंग उड़ाने का वैज्ञानिक कारण: पतंग उड़ाना एक एक्ससरसाइज एक्टिविटी मानी जाती है. इसमें हमारे शरीर की ऊर्जा खर्च होती है. दोपहर में पंतग उड़ाने से हमारे शरीर को विटामिन डी मिलता है (खैर यह बिना पतंग उड़ाए सिर्फ धुप में बैठने से भी मिलता है) कहा जाता है कि कर संक्रांति पर सूर्य देव उत्तरायण हो जाते हैं. इस समय सूर्य की किरणें औषधि का काम करती हैं. इसलिए इस पर्व पर पतंग उड़ाने को शुभ माना जाता है मकर संक्राति की कहानी महाभारत और पुराणों के अनुसार ऋषि विश्वामित्र को मकर संक्राति की शुरुआत करने का श्रेय दिया जाता है. महाभारत में पांडवों के मकर संक्राति मानाने का उल्लेख है. मकर संक्राति का अर्थ: हिंदू सभ्यता में संक्राति एक देवी हैं. जिनकी पूजा होती है. संक्राति देवी ने शंकरसुर का वध किया था, जिसके अलगे दिन...

मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है?

नमस्कार सज्जनों आप सभी का मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है और इसका कारण क्या है चलिए दोस्तों जानते है। आप भारत देश में शुरूवात के समय से ही प्रकृति को देवों का स्थान दिया गया है. और मकर संक्रांति का जो त्यौहार है वह भी प्राकृतिक को समर्पित है दरअशल ये एक पूरी तरिके से वैज्ञानिक त्यौहार है और सूर्य की जो स्तिथि बदलती है. उस रंग से इस त्यौहार को मनाया जाता है। सनातन धर्म और हिन्दू धर्म के अनुसार भारतीय का प्रमुख पर्व मकर संक्रांति अलग-अलग राज्यों, शहरों और गावों में वहां के परम्परोओं के अनुसार मनाया जाता है। कौन-कौन राज्यों में मनाए जाते है? मकर संक्रांति मकर संक्रांति त्यौहार को विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। जैसा की बिहार में इसे तिल संक्रांति के नाम से कहा जाता है, और उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति को खिचड़ी पर्व के रूप में मनाया जाता है। और दोस्तों गुजरात और राजस्थान में इसे उत्तरायण पर्व के रूप में मनाया जाता है. ठीक इसी तरह से दोस्तों तमिलनाडु में किसानों का ये प्रमुख कोमल के रूप में मनाया जाता है. और इसे पंजाब में एक दिन पूर्व से लोहड़ी पर्व के रूप में धूम धाम से मनाया जाता है। मकर संक्रांति पर्व को क्यों मनाया जाता है? दोस्तों मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है इसलिए इस संक्रांति को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है. दोस्तों राशि बदलने के साथ ही मकर संक्रांति के दिन सूर्य दशनायन से उत्तरनायन में प्रवेश करता है. वही जो है मकर संक्रांति के दिन से ही खरमास की समाप्ति और सूर्य कार्यों की शुरूवात हो जाती है। उत्तररायण किसे कहते है? और दक्षिणायन किसे कहते है? सूर्य जब मकर, कुम्भ, वृष्भ, मीन, मेष और मिथुन राशि में...