ममता चंद्राकर के छत्तीसगढ़ी गाना

  1. ममता चंद्राकर
  2. नवरात्र पर ममता चंद्राकर का नया गाना रिलीज, खैरागढ़ में हुई शूटिंग
  3. ममता चंद्राकर
  4. New folk song in the voice of folk singer Padmashree Dr. Mamta Chandrakar


Download: ममता चंद्राकर के छत्तीसगढ़ी गाना
Size: 74.58 MB

ममता चंद्राकर

ममता चन्द्राकर / मोक्षदा चन्द्राकर (जन्म- 3 दिसंबर 1958) भारत के छत्तीसगढ़ राज्य की स्वर कोकिला विदुषी महिला कलाकार ममता चंद्राकर सहायक निदेशक (कार्यक्रम)/कार्यक्रम प्रमुख आकाशवाणी रायपुर, छत्तीसगढ़ से अपने 36 वर्षों के लम्बे कार्यकाल के बाद दिनांक 31 मई 2018 को अधिवर्षिता आयु पूरी करने के फलस्वरूप शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त हो गई। ममता चंद्राकर जी को 2016 में खैरागढ़, इंद्रिरा कला संगीत विश्वविद्यालय द्वारा डी लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। वर्ष 2016 में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्मश्री से अलंकृत किया गया। संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ का कुलपति जुलाई, 2020 को छत्तीसगढ़ की राज्यपाल ने ममता चन्द्राकर को इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ का कुलपति नियुक्त किया है। राज्यपाल एवं कुलाधिपति इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ अनुसुईया उइके द्वारा जारी आदेश में यह उल्लेखित किया गया है कि मोक्षदा चन्द्राकर का कार्यकाल, उपलब्धियां तथा सेवा शर्त विश्वविद्यालय अधिनियम एवं परिनियम में निहित प्रावधान अनुसार होंगी। अन्य सम्मान: • 1977- से आकाशवाणी की लोक संगीत के लिये मान्य कलाकार रहीं। • 1978- में आकाशवाणी वार्षिक प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ी नाचा पर आधारित संगीत रूपक छत्तीसगढ़ी लोक जीवन में झांकता नाच की प्रस्तुति हेतु अखिल भारतीय स्तर पर मेरिट सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। • 1992- में लोक संगीत के लिए ए ग्रेड प्रदान किया गया। • 2011- आकाशवाणी वार्षिक पुरस्कार, आकाशवाणी रायपुर की संगीत प्रस्तुति के लिये योग्यता प्रमाण-पत्र सुआ गीतों पर आधारित छत्तीसगढ़ी संगीत प्रस्तुति "कहिदेबे धनी ला" संदेश संगीत संयोजिका मोक्षदा चन्द्राकर। • वर्ष 2012 में दाऊ मंदराजी सम्मान। ...

नवरात्र पर ममता चंद्राकर का नया गाना रिलीज, खैरागढ़ में हुई शूटिंग

सीजी क्रांति/रायपुर। छत्तीसगढ़ की प्रख्यात लोक गायिका पद्मश्री ममता चंद्राकर के स्वर में एक भक्तिमय छत्तीसगढ़ी वीडियो सॉन्ग आज यूट्यूब चैनल ‘चिन्हारी’ पर रिलीज हुआ है। नवरात्रि के अवसर पर रिलीज इस वीडियो की खास बात यह है कि खैरागढ़ विश्वविद्यालय से लगे हुए दंतेश्वरी मंदिर में इसका फिल्मांकन करते हुए खैरागढ़ को ड्रोन कैमरे की मदद से दिखाया गया है। सतही नहीं, तथ्यों और आंकड़ों से परिपूर्ण सत्य व प्रमाणिक खबरें पाठकों तक पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। हमारी पूरी कोशिश होती है कि खबरों के साथ न्याय हो। सच उजागर हो। आम जनता की हर समस्या हमारी खबरों के माध्यम से जनमुद्दा बनकर गूंजे। खबरों की होड़ में जल्दबाजी नहीं बल्कि उसकी तह तक पहुंचकर प्रमाणिक व विश्वसनीय खबरें प्रसारित करना हमारा ध्येय है। पढ़ते रहिए

ममता चंद्राकर

ममता चन्द्राकर पद्मश्री डा. श्रीमती मोक्षदा चन्द्राकर (ममता चंद्राकर) आवास (वर्तमान रूप से व्यवसाय सेवानिवृत्त सहायक निदेशक (कार्यक्रम)/कार्यक्रम प्रमुख आकाशवाणी जीवनसाथी प्रेम चंद्राकर बच्चे पूर्वी चंद्राकर पुरस्कार डी. एल. एड डिग्री इंद्रिरा कला संगीत विश्वविद्यालय , ममता चन्द्राकर (जन्म- पुरस्कार [ ] वर्ष १९८२ से सेवा निवृत्ति तक अपनी संवेदनशील प्रशासनिक और रचनात्मक क्षमताओं का पूरा लाभ संस्था को समर्पित करती रहीं श्रीमती चन्द्राकर श्रोता जगत के साथ अपने सहकर्मी अधिकारियों और कर्मचारियों के मन में एक सुखद स्मृति बनकर मार्ग प्रशस्त करती रहेंगी । अपने लम्बे कार्यकाल के दौरान आपने अनेक उपलब्धियां और पुरस्कार प्राप्त किये • वर्ष १९७७ - से • वर्ष १९८४ - में • वर्ष १९९२ - में लोक संगीत के लिए ए ग्रेड प्रदान किया गया । • वर्ष २०११ - आकाशवाणी वार्षिक पुरस्कार, • वर्ष २०१२ - • वर्ष २०१२ - में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी • वर्ष २०१३ - में लोक संगीत के लिए टाप ग्रेड प्रदान किया गया । • वर्ष २०१३ - आकाशवाणी वार्षिक पुरस्कार, आकाशवाणी रायपुर की संगीत प्रस्तुति के लिये योग्यता प्रमाण पत्र - बिहाव गीतों पर आधारित छत्तीसगढ़ी संगीत प्रस्तुति -जनम जनम गांठ जुरगे - संगीत संयोजिका- मोक्षदा चन्द्राकर । • वर्ष २०१३ - में • वर्ष २०१६ - १२ अप्रैल को राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में भारत सरकार का नागरिक अलंकरण सम्मान पùश्री से माननीय राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया । • वर्ष २०१७ - में इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ (छत्तीसगढ़ द्वारा मानद् डी लिट् की उपाधि से सम्मानित किया गया । सन्दर्भ [ ]

New folk song in the voice of folk singer Padmashree Dr. Mamta Chandrakar

रायपुर। छत्तीसगढ़ की सुविख्यात लोकगायिका व इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की कुलपति पद्मश्री डॉ ममता चंद्राकर के स्वर में एक बेहतरीन लोकगीत 'तंय हा आ जाना राजा...' 26 मार्च को रीलिज होने जा रही है। गीत और संगीत सुप्रसिद्ध फिल्म निर्माता-निर्देशक प्रेम चंद्रकार के हैं, तथा संगीत-संयोजन बिहारी तारम के हैं। उल्लेखनीय है कि पद्मश्री डॉ. ममता चंद्राकर की लोकगीतों में अपनी अलग ही विशेषज्ञता है। सालों पहले जब 'तोर मन कइसे लागे राजा' रीलिज हुई थी, तब वह गीत देखते ही देखते लोगों की जुबान पर चढ़ गई। वह गीत छत्तीसगढ़ लोक-कला की एक विशेष पहचान बन गई। आज भी वह गीत लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। ठीक इसी टेस्ट में ''चिन्हारी'' संस्था के द्वारा पद्मश्री डॉ ममता चंद्राकर के स्वर में ''तंय हा आ जाना राजा...'' भी बनी है। सोशल मीडिया में इसका पोस्टर शेयर होते ही काफी लोकप्रियता मिल रही है। इस गीत की शूटिंग नामचीन निर्देशक प्रेम चंद्राकर के निर्देशन में पूरी हुई है। आपको बता दें कि इस गाने के वीडियो में खैरागढ़ विश्वविद्यालय के महल की खूबसूरती को भी बेहद आकर्षक ढंग से दिखाया गया है। इसी रिकॉर्डिंग और एडिटिंग खैरागढ़ विश्वविद्यालय के अत्याधुनिक डिजिटल स्टुडियो में की गई है। 26 मार्च को ''चिन्हारी'' के यूट्यूब चैनल में रीलिज होने जा रही यह लोकगीत एक बार फिर छत्तीसगढ़ी लोक-कला को बड़े फलक पर स्थापित करेगी।