मन का हो तो अच्छा कविता

  1. Amitabh Bachchan: “मन का हो तो अच्छा न हो तो औऱ अच्छा”
  2. 51+ जोश भरने वाली मोटिवेशनल कविताएँ
  3. सुभद्रा: महादेवी वर्मा का रेखाचित्र
  4. कुछ प्रेरणादायक कविताओं का संग्रह
  5. मन का हो तो अच्छा, और मन का ना हो तो और भी अच्छा (श्री हरिवंश राय बच्चन की कविता की एक पंक्ति )
  6. मन अच्छा हो तो
  7. मन का हो तो अच्छा, और मन का ना हो तो और भी अच्छा (श्री हरिवंश राय बच्चन की कविता की एक पंक्ति )
  8. मन अच्छा हो तो
  9. कुछ प्रेरणादायक कविताओं का संग्रह
  10. सुभद्रा: महादेवी वर्मा का रेखाचित्र


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Amitabh Bachchan: “मन का हो तो अच्छा न हो तो औऱ अच्छा”

उनके फैन्स को जब यह बात पता चली तो सभी Amitabh Bachchan के स्वास्थय को लेकर काफी ज्यादा चिंतित हो गए थे।बच्चन हाउस में 2023 की होली भी काफी सूखी सूखी ही गुजरी थी,सभी Amitabh के स्वास्थ को लेकर चिंतित हो गए थे। लेकिन हाल ही में Amitabh Bachchan ने अपनी एक तस्वीर के साथ अपने बेहतर स्वास्थ की खबर दी है।प्रशंसक उनकी बेहतर तबीयत को देख काफी खुश नजर आ रहे है। Also Read: पिता की कविता की पक्तियां दोहराते नजर आए Amitabh Bachchan अभिनेता अमिताभ बच्चन के पिता मशहूर कवि हरिवंशराय बच्चन है।उनके द्वारा लिखी गई कविता को काफी प्रसिद्धि प्राप्त है। एक्टर Amitabh अपने पिता की कविताओं को अक्सर गुनगुनाते हुए नजर आते है,हाल ही में Amitabh ने एक वीडियो साझा की,जिसमें उम्होने कहा कि मन का हो तो अच्छा और न हो तो और अच्छा । credit: google अमिताभ बच्चन बताते है कि शुरुआती दिनों में जब वह पिताजी से कहते थे कि पिताजी जीवन संघर्ष भऱा है तो वह कहते थे कि बिना संघर्ष जीवन में आनंद नही है। कवि हरिवंश राय को संबोधित करते हुए Amitabh कहते है कि पिताजी कहते थे कि यदि मन का हो तो अच्छा है,पर यदि मन का न भी हो तो उसे दैविक शक्ति की इच्छा समझकर मान जाना चाहिए। क्योकि यदि दैविक शक्ति उस कार्य को पूर्ण नही होने दे रही तो इसमें तुम्हारी भलाई ही होगी,क्योकि वह दैविक शक्ति कभी भी तुम्हारा बुरा नही चाहेगी। Amitabh Bachchan की वीडियो पर फैन्स ने कह दी यह बात credit: google Amitabh एक बेहतर अभिनेता होने के साथ साथ काफी लोगो के प्रेरणास्त्रोत भी है।कई उन्हे अपना आदर्श मानते है। फैन्स ने के द्वारा साझा की गई वीडियो पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आप यूं ही हमें प्रेरित करते रहा कीजिए। कई फैन्स ने कहा कि आप जल्दी से...

51+ जोश भरने वाली मोटिवेशनल कविताएँ

4.3/5 - (12 votes) नई ऊर्जा और प्रेरणा लक्ष्य पर जोश भरने वाली प्रेरणादायक कविता का संग्रह | Short Motivational Poem In Hindi about success | Motivational Poetry In Hindi | Self Motivation Poem Hindi इस पोस्ट में हम आपके लिए Top 51+ Best Motivational Poem in Hindi– प्रेरणादायक हिन्दी कविताओं का सुंदर संग्रह लेकर आये है। हम सभी लोगों का जीवन उतार चढ़ाव से भरा हुआ होता है, अपने दिमाग को ऊर्जावान बनाने के लिए हम महापुरूषों की सुविचार और अनमोल वचन और प्रेरण कविताएं पढ़ना पसंद करते हैं। हिंदी भाषा में मोटिवेशनल कविताओं को पढ़ने से आपमें एक नई ऊर्जा का संचार होगा और एक नई प्रेरणा भी मिलेगी। मनोवैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, मनुष्य की सबसे बड़ी शक्ति मानसिक शक्ति होती है। मन में नये सपने पैदा होते हैं, उम्मीद और आशाओं की बात कहते हैं। यही मनुष्य को आगे बढ़ने, संघर्ष करने और सफलता की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा देती है। जीवन में सफल होने के लिए प्रेरणा एक महत्वपूर्ण उपाय है। जब हम नए कार्य की ओर प्रेरित होते हैं, तब हमें अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने की ताकत मिलती है। प्रेरणा हमें हिम्मत देती है, हमारे मन में उमंग भरती है और हमें कठिनाइयों का सामना करने के लिए मजबूत बनाती है। एक प्रेरणादायक जीवन जीने के लिए, हमें अपने लक्ष्यों को स्पष्ट करना चाहिए। हमें जानना चाहिए कि हम क्या प्राप्त करना चाहते हैं और उसे प्राप्त करने के लिए क्या करना होगा। जब हमारे पास स्पष्ट लक्ष्य होते हैं, तब हमें उनकी ओर प्रेरित होने की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि हमारे मन में एक प्रेरणादायक आग पहले से ही जलती होती है। प्रेरणा बाहरी स्रोतों से प्राप्त हो सकती है। किताबें पढ़कर, महान व्यक्तियों के जीवन के बारे में प...

सुभद्रा: महादेवी वर्मा का रेखाचित्र

भारत की अग्रणी हिंदी महिला वेबसाइट Femina.in/hindi को सब्स्क्राइब करें. फ़ेमिना भारतीय महिलाओं के मन को समझने का काम कर रही है और इन्हीं महिलाओं के साथ-साथ बदलती रही है, ताकि वे पूरी दुनिया को ख़ुद जान सकें, समझ सकें. और यहां यह मौक़ा है आपके लिए कि आप सितारों से लेकर फ़ैशन तक, सौंदर्य से लेकर सेहत तक और लाइफ़स्टाइल से लेकर रिश्तों तक सभी के बारे में ताज़ातरीन जानकारियां सीधे अपने इनबॉक्स में पा सकें. इसके अलावा आप पाएंगे विशेषज्ञों की सलाह, सर्वे, प्रतियोगिताएं, इन्टरैक्टिव आर्टिकल्स और भी बहुत कुछ! लेखिका: महादेवी वर्मा हमारे शैशवकालीन अतीत और प्रत्यक्ष वर्तमान के बीच में समय-प्रवाह का पाट ज्यों-ज्यों चौड़ा होता जाता है त्यों-त्यों हमारी स्मृति में अनजाने ही एक परिवर्तन लक्षित होने लगता है. शैशव की चित्रशाला के जिन चित्रों से हमारा रागात्मक संबंध गहरा होता है, उनकी रेखाएं और रंग इतने स्पष्ट और चटकीले होते चलते हैं कि हम वार्धक्य की धुंधली आंखों से भी उन्हें प्रत्यक्ष देखते रह सकते हैं. पर जिनसे ऐसा संबंध नहीं होता वे फीके होते-होते इस प्रकार स्मृति से धुल जाते हैं कि दूसरों के स्मरण दिलाने पर भी उनका स्मरण कठिन हो जाता है. मेरे अतीत की चित्रशाला में बहिन सुभद्रा से मेरे सखय का चित्र, पहली कोटि में रखा जा सकता है, क्योंकि इतने वर्षों के उपरांत भी उसकी सब रंग-रेखाएं अपनी सजीवता में स्पष्ट हैँ. एक सातवीं कक्षा की विद्यार्थिनी, एक पांचवीं कक्षा की विद्यार्थिनी से प्रश्न करती है, ‘क्या तुम कविता लिखती हो?’ दूसरी ने सिर हिलाकर ऐसी अस्वीकृति दी जिसमें हां और नहीं तरल हो कर एक हो गए थे. प्रश्न करने वाली ने इस स्वीकृति-अस्वीकृति की संधि से खीझ कर कहा, ‘तुम्हारी क्लास की लड़कियां त...

कुछ प्रेरणादायक कविताओं का संग्रह

आज के दौर में बहुत कम ही लोग ऐसे होते हैं, जो कि दूसरे की सफलता और आगे बढ़ने के बारे में सोचते हैं और दूसरों को खुश देखकर अच्छा महसूस करते है, नहीं तो ज्यादातर लोग सामने वाले को नीचा दिखाने और खुद को सर्वश्रेष्ठ दिखाने की कोशिश में ही लगे रहते हैं। ऐसे में व्यक्ति के अंदर नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और प्रेरणा का अभाव हो जाते है, क्योंकि किसी भी व्यक्ति को सफल बनाने के लिए मोटिवेशन और उत्साह बढ़ाने की जरूरत होती है। ऐसे में इस तरह की कविताएं व्यक्ति के अंदर आगे बढ़ने का जज्बा पैदा कर सकती हैं और उसे सफल एवं खुशहाल बनाने में उसकी मद्द कर सकती हैं। ऐसेही कुछ महान कवियों ने कविताओं के जरिये हमारे लिए कुछ प्रेरणादायक शब्द लिखे हैं वही प्रेरणादायक कविताओं संग्रह – Motivational Poems आज हम आपके साथ शेअर करेंगे – कुछ प्रेरणादायक कविताओं का संग्रह – Motivational Poems in Hindi Agneepath Motivational Poem अग्निपथ वृक्ष हों भले खड़े, हों बड़े, हों घने, एक पत्र छाँह भी मांग मत! मांग मत! मांग मत! अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ! तू न थकेगा कभी, तू न थमेगा कभी, तू न मुड़ेगा कभी, कर शपथ! कर शपथ! कर शपथ! अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ! यह महान दृश्य है, देख रहा मनुष्य है, अश्रु, स्वेद, रक्त से लथ-पथ, लथ-पथ, लथ-पथ, अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ! — Girna Bhi Acha Hai Motivational Poem गिरना भी अच्छा है “गिरना भी अच्छा है, औकात का पता चलता है… बढ़ते हैं जब हाथ उठाने को… अपनों का पता चलता है! जिन्हे गुस्सा आता है, वो लोग सच्चे होते हैं, मैंने झूठों को अक्सर मुस्कुराते हुए देखा है… सीख रहा हूँ मैं भी, मनुष्यों को पढ़ने का हुनर, सुना है चेहरे पे… किताबो से ज्यादा लिखा होता है…!” — Koshish Karne Walon Ki M...

मन का हो तो अच्छा, और मन का ना हो तो और भी अच्छा (श्री हरिवंश राय बच्चन की कविता की एक पंक्ति )

दोस्तों, अभी हाल ही में मैने अमिताभ बच्चन की एक speech सुनी।और उसमें उन्होंने, उनके पिताजी यानी श्री हरिवंश राय बच्चन जी की कविता की एक line दोहरायीं थी। शायद आपको इस speech के बारे में पहले से ही पता होगा या आप भी मेरी तरह ही इस line को पहली बार सुन रहे हो होंगे। तो ये line कुछ ऐसी है- मन का हो तो अच्छा, और मन का ना हो तो और भी अच्छा . सुनने में, ये बहुत मामूली लगती हैं लेकिन इनमें बहुत गहराई है। आज के एपिसोड के लिए मैंने सोचा कि आपसे इसमें छूपी गहराई के बारे में बात की जाए जो मुझे समझ में आई है। अपने नज़रिए को ऐसा बनाने की कोशिश करते हैं, जिससे थोड़े समय के लिए बुरा लगेगा, मगर फिर, हम ख़ुद से ये भी कहेंगे की अच्छा ही हुआ, शायद कल की सुबह एक नयी रोशनी लेकर आए। बड़े बुज़ुर्ग हमेशा कहते हैं ना - जो हुआ अच्छा हुआ। अब आगे सब अच्छा होगा। बस वैसे ही अपना नज़रिया रखते हैं। क्या आप सोच रहे हैं की ये कैसे हो पाएगा? तो यक़ीन मानिए – ये कठिन नहीं है।मैं ये अपने ख़ुद के अनुभव से बता रही हूँ। मन में ठान लीजिए कि अगर कुछ भी आपकी expectations के opposite हुआ, फिर भी आप ये शब्द कहेंगे की मेरा कल और भी बेहेतर होगा। कुछ अलग करने के लिए मेरा रास्ता खुल गया है। अब मुझे ऐसे किसी काम में अपना समय ज़ाया नहीं करना पड़ेगा जो शायद मैं बस करना है इसलिए कर रही थी । देखिएगा ज़िंदगी भी आपकी तरफ़ मुस्कुरा कर एक प्यारा सा जवाब देगी। सुनना चाहेंगे वो जवाब? तो सुनिए इस poem में... कल एक झलक ज़िंदगी को देखा, वो राहों में मरी गुनगुना रही थी। फिर ढूँड़ा उसे इधर उधर, वो आँख मिचोली कर मुस्कुरा रही थी। एक अरसे की बाद आया मुझे क़रार, वो सहला के मुझे सुला रही थी। हम दोनों, क्यों ख़फ़ा हैं एक-दूसरे से, मैं उसे, और...

मन अच्छा हो तो

मन अच्छा नहीं तो सब बुरा लगता है.. हर एक की मनःस्थिति हर एक कहाँ समझता है जिसने दर्द सहा हो वही और का दुख समझता है.. प्यार हो तो डाँट में भी अच्छा लगता है नफरत हो तो तारीफ में भी बुरा लगता है.. अपने साथ हों तो वीराने में भी अच्छा लगता है अपने साथ न हों तो भीड़ में भी बुरा लगता है.. परिवार साथ हो तो हर दिन त्योहार लगता है परिवार के बिना त्योहार भी सज़ा लगता है.. माँ बाप के साये में बहुत इत्मीनान लगता है माँ बाप के बिना दिल को वो सुकूँ नहीं मिलता है.. ईश्वर के ध्यान सिमरन में ही सच्चा आनंद मिलता है लेकिन ईश्वर में ध्यान कहाँ आसानी से लगता है.. हम उम्मीद करते हैं कि यह पाठक की स्वरचित रचना है। अपनी रचना भेजने के लिए यहां क्लिक करें। विशेष • Kavya Cafe: Rachit Dixit Poetry- ब्रेक अप के बाद लड़के • Hindi Kavita: नवीन सागर की कविता 'अपना अभिनय इतना अच्छा करता हूँ' • Urdu Poetry: नसीर तुराबी की ग़ज़ल 'दिया सा दिल के ख़राबे में जल रहा है मियाँ' • Parveen Shakir Poetry: वो कहीं भी गया लौटा तो मिरे पास आया • अल्हड़ बीकानेरी की हास्य कविता- समय का फेर • Social Media Shayari: ढक कर चलता हूं, ज़ख्मों को आजकल

मन का हो तो अच्छा, और मन का ना हो तो और भी अच्छा (श्री हरिवंश राय बच्चन की कविता की एक पंक्ति )

दोस्तों, अभी हाल ही में मैने अमिताभ बच्चन की एक speech सुनी।और उसमें उन्होंने, उनके पिताजी यानी श्री हरिवंश राय बच्चन जी की कविता की एक line दोहरायीं थी। शायद आपको इस speech के बारे में पहले से ही पता होगा या आप भी मेरी तरह ही इस line को पहली बार सुन रहे हो होंगे। तो ये line कुछ ऐसी है- मन का हो तो अच्छा, और मन का ना हो तो और भी अच्छा . सुनने में, ये बहुत मामूली लगती हैं लेकिन इनमें बहुत गहराई है। आज के एपिसोड के लिए मैंने सोचा कि आपसे इसमें छूपी गहराई के बारे में बात की जाए जो मुझे समझ में आई है। अपने नज़रिए को ऐसा बनाने की कोशिश करते हैं, जिससे थोड़े समय के लिए बुरा लगेगा, मगर फिर, हम ख़ुद से ये भी कहेंगे की अच्छा ही हुआ, शायद कल की सुबह एक नयी रोशनी लेकर आए। बड़े बुज़ुर्ग हमेशा कहते हैं ना - जो हुआ अच्छा हुआ। अब आगे सब अच्छा होगा। बस वैसे ही अपना नज़रिया रखते हैं। क्या आप सोच रहे हैं की ये कैसे हो पाएगा? तो यक़ीन मानिए – ये कठिन नहीं है।मैं ये अपने ख़ुद के अनुभव से बता रही हूँ। मन में ठान लीजिए कि अगर कुछ भी आपकी expectations के opposite हुआ, फिर भी आप ये शब्द कहेंगे की मेरा कल और भी बेहेतर होगा। कुछ अलग करने के लिए मेरा रास्ता खुल गया है। अब मुझे ऐसे किसी काम में अपना समय ज़ाया नहीं करना पड़ेगा जो शायद मैं बस करना है इसलिए कर रही थी । देखिएगा ज़िंदगी भी आपकी तरफ़ मुस्कुरा कर एक प्यारा सा जवाब देगी। सुनना चाहेंगे वो जवाब? तो सुनिए इस poem में... कल एक झलक ज़िंदगी को देखा, वो राहों में मरी गुनगुना रही थी। फिर ढूँड़ा उसे इधर उधर, वो आँख मिचोली कर मुस्कुरा रही थी। एक अरसे की बाद आया मुझे क़रार, वो सहला के मुझे सुला रही थी। हम दोनों, क्यों ख़फ़ा हैं एक-दूसरे से, मैं उसे, और...

मन अच्छा हो तो

मन अच्छा नहीं तो सब बुरा लगता है.. हर एक की मनःस्थिति हर एक कहाँ समझता है जिसने दर्द सहा हो वही और का दुख समझता है.. प्यार हो तो डाँट में भी अच्छा लगता है नफरत हो तो तारीफ में भी बुरा लगता है.. अपने साथ हों तो वीराने में भी अच्छा लगता है अपने साथ न हों तो भीड़ में भी बुरा लगता है.. परिवार साथ हो तो हर दिन त्योहार लगता है परिवार के बिना त्योहार भी सज़ा लगता है.. माँ बाप के साये में बहुत इत्मीनान लगता है माँ बाप के बिना दिल को वो सुकूँ नहीं मिलता है.. ईश्वर के ध्यान सिमरन में ही सच्चा आनंद मिलता है लेकिन ईश्वर में ध्यान कहाँ आसानी से लगता है.. हम उम्मीद करते हैं कि यह पाठक की स्वरचित रचना है। अपनी रचना भेजने के लिए यहां क्लिक करें। विशेष • Kavya Cafe: Rachit Dixit Poetry- ब्रेक अप के बाद लड़के • Hindi Kavita: नवीन सागर की कविता 'अपना अभिनय इतना अच्छा करता हूँ' • Urdu Poetry: नसीर तुराबी की ग़ज़ल 'दिया सा दिल के ख़राबे में जल रहा है मियाँ' • Parveen Shakir Poetry: वो कहीं भी गया लौटा तो मिरे पास आया • अल्हड़ बीकानेरी की हास्य कविता- समय का फेर • Social Media Shayari: ढक कर चलता हूं, ज़ख्मों को आजकल

कुछ प्रेरणादायक कविताओं का संग्रह

आज के दौर में बहुत कम ही लोग ऐसे होते हैं, जो कि दूसरे की सफलता और आगे बढ़ने के बारे में सोचते हैं और दूसरों को खुश देखकर अच्छा महसूस करते है, नहीं तो ज्यादातर लोग सामने वाले को नीचा दिखाने और खुद को सर्वश्रेष्ठ दिखाने की कोशिश में ही लगे रहते हैं। ऐसे में व्यक्ति के अंदर नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और प्रेरणा का अभाव हो जाते है, क्योंकि किसी भी व्यक्ति को सफल बनाने के लिए मोटिवेशन और उत्साह बढ़ाने की जरूरत होती है। ऐसे में इस तरह की कविताएं व्यक्ति के अंदर आगे बढ़ने का जज्बा पैदा कर सकती हैं और उसे सफल एवं खुशहाल बनाने में उसकी मद्द कर सकती हैं। ऐसेही कुछ महान कवियों ने कविताओं के जरिये हमारे लिए कुछ प्रेरणादायक शब्द लिखे हैं वही प्रेरणादायक कविताओं संग्रह – Motivational Poems आज हम आपके साथ शेअर करेंगे – कुछ प्रेरणादायक कविताओं का संग्रह – Motivational Poems in Hindi Agneepath Motivational Poem अग्निपथ वृक्ष हों भले खड़े, हों बड़े, हों घने, एक पत्र छाँह भी मांग मत! मांग मत! मांग मत! अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ! तू न थकेगा कभी, तू न थमेगा कभी, तू न मुड़ेगा कभी, कर शपथ! कर शपथ! कर शपथ! अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ! यह महान दृश्य है, देख रहा मनुष्य है, अश्रु, स्वेद, रक्त से लथ-पथ, लथ-पथ, लथ-पथ, अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ! — Girna Bhi Acha Hai Motivational Poem गिरना भी अच्छा है “गिरना भी अच्छा है, औकात का पता चलता है… बढ़ते हैं जब हाथ उठाने को… अपनों का पता चलता है! जिन्हे गुस्सा आता है, वो लोग सच्चे होते हैं, मैंने झूठों को अक्सर मुस्कुराते हुए देखा है… सीख रहा हूँ मैं भी, मनुष्यों को पढ़ने का हुनर, सुना है चेहरे पे… किताबो से ज्यादा लिखा होता है…!” — Koshish Karne Walon Ki M...

सुभद्रा: महादेवी वर्मा का रेखाचित्र

भारत की अग्रणी हिंदी महिला वेबसाइट Femina.in/hindi को सब्स्क्राइब करें. फ़ेमिना भारतीय महिलाओं के मन को समझने का काम कर रही है और इन्हीं महिलाओं के साथ-साथ बदलती रही है, ताकि वे पूरी दुनिया को ख़ुद जान सकें, समझ सकें. और यहां यह मौक़ा है आपके लिए कि आप सितारों से लेकर फ़ैशन तक, सौंदर्य से लेकर सेहत तक और लाइफ़स्टाइल से लेकर रिश्तों तक सभी के बारे में ताज़ातरीन जानकारियां सीधे अपने इनबॉक्स में पा सकें. इसके अलावा आप पाएंगे विशेषज्ञों की सलाह, सर्वे, प्रतियोगिताएं, इन्टरैक्टिव आर्टिकल्स और भी बहुत कुछ! लेखिका: महादेवी वर्मा हमारे शैशवकालीन अतीत और प्रत्यक्ष वर्तमान के बीच में समय-प्रवाह का पाट ज्यों-ज्यों चौड़ा होता जाता है त्यों-त्यों हमारी स्मृति में अनजाने ही एक परिवर्तन लक्षित होने लगता है. शैशव की चित्रशाला के जिन चित्रों से हमारा रागात्मक संबंध गहरा होता है, उनकी रेखाएं और रंग इतने स्पष्ट और चटकीले होते चलते हैं कि हम वार्धक्य की धुंधली आंखों से भी उन्हें प्रत्यक्ष देखते रह सकते हैं. पर जिनसे ऐसा संबंध नहीं होता वे फीके होते-होते इस प्रकार स्मृति से धुल जाते हैं कि दूसरों के स्मरण दिलाने पर भी उनका स्मरण कठिन हो जाता है. मेरे अतीत की चित्रशाला में बहिन सुभद्रा से मेरे सखय का चित्र, पहली कोटि में रखा जा सकता है, क्योंकि इतने वर्षों के उपरांत भी उसकी सब रंग-रेखाएं अपनी सजीवता में स्पष्ट हैँ. एक सातवीं कक्षा की विद्यार्थिनी, एक पांचवीं कक्षा की विद्यार्थिनी से प्रश्न करती है, ‘क्या तुम कविता लिखती हो?’ दूसरी ने सिर हिलाकर ऐसी अस्वीकृति दी जिसमें हां और नहीं तरल हो कर एक हो गए थे. प्रश्न करने वाली ने इस स्वीकृति-अस्वीकृति की संधि से खीझ कर कहा, ‘तुम्हारी क्लास की लड़कियां त...