मथुरा में जन्माष्टमी कब है 2022

  1. 2022 में जन्माष्टमी कब है New Delhi, India में
  2. Krishna Janmashtami 2022 Date: मथुरा में जन्माष्टमी कब की है? जानें शुभ मुहूर्त
  3. Krishna Janmashtami 2022 Date Shubh Muhurat And Keep These Things In Mind While Doing Janmashtami Puja
  4. Janmashtami 2022 Exact Date Krishna Janmashtami In Mathura Celebrate On 19 August
  5. Janmashtami 2022
  6. Janmashtami 2022: कृष्ण जन्मभूमि मथुरा में किस दिन मनाई जाएगी जन्माष्टमी? जानिए लड्डू गोपाल की पूजन विधि


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2022 में जन्माष्टमी कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2022 में जन्माष्टमी कब है व जन्माष्टमी 2022 की तारीख व मुहूर्त। जन्माष्टमी का त्यौहार श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। मथुरा नगरी में असुरराज कंस के कारागृह में देवकी की आठवीं संतान के रूप में भगवान श्रीकृष्ण भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी को पैदा हुए। उनके जन्म के समय अर्धरात्रि (आधी रात) थी, चन्द्रमा उदय हो रहा था और उस समय रोहिणी नक्षत्र भी था। इसलिए इस दिन को प्रतिवर्ष कृष्ण जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी का मुहूर्त 1.अष्टमी पहले ही दिन आधी रात को विद्यमान हो तो जन्माष्टमी व्रत पहले दिन किया जाता है। 2.अष्टमी केवल दूसरे ही दिन आधी रात को व्याप्त हो तो जन्माष्टमी व्रत दूसरे दिन किया जाता है। 3.अष्टमी दोनों दिन आधी रात को व्याप्त हो और अर्धरात्रि (आधी रात) में रोहिणी नक्षत्र का योग एक ही दिन हो तो जन्माष्टमी व्रत रोहिणी नक्षत्र से युक्त दिन में किया जाता है। 4.अष्टमी दोनों दिन आधी रात को विद्यमान हो और दोनों ही दिन अर्धरात्रि (आधी रात) में रोहिणी नक्षत्र व्याप्त रहे तो जन्माष्टमी व्रत दूसरे दिन किया जाता है। 5.अष्टमी दोनों दिन आधी रात को व्याप्त हो और अर्धरात्रि (आधी रात) में दोनों दिन रोहिणी नक्षत्र का योग न हो तो जन्माष्टमी व्रत दूसरे दिन किया जाता है। 6.अगर दोनों दिन अष्टमी आधी रात को व्याप्त न करे तो प्रत्येक स्थिति में जन्माष्टमी व्रत दूसरे ही दिन होगा। विशेष: उपरोक्त मुहूर्त स्मार्त मत के अनुसार दिए गए हैं। वैष्णवों के मतानुसार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी अगले दिन मनाई जाएगी। ध्यान रहे कि वैष्णव और स्मार्त सम्प्रदाय मत को मानने वाले लोग इस त्यौहार को अलग-अलग नियमों से मनाते हैं। हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार वैष्णव वे ...

Krishna Janmashtami 2022 Date: मथुरा में जन्माष्टमी कब की है? जानें शुभ मुहूर्त

पंचामृत का भोग लगाना होता है शुभ इस पर्व के अवसर पर लोग बहुत सारी तैयारियां करते हैं और रात में पूजा पाठ किया जाता है. ऐसे में आपको बता दें कि कृष्ण भगवान को भोग लगाते समय, उसमें पंजीरी के साथ पंचामृत का भोग अवश्य लगाएं क्योंकि यह भगवान का अतिप्रिय माना जाता है. मान्यता है कि बिना पंचामृत के श्रीकृष्ण की पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है. इस लिए इन्हें पंचामृत का भोग जरूर लगाना चाहिए. पंचामृत दूध, दही, घी, शहद, चीनी से बनकर तैयार किया जाता है. वहीं इसकी शुद्धता का विशेष ख्याल रखना चाहिए. यह भी पढ़ें: क्या है दही हांडी उत्सव? इन दिनों हांडी को खुले मैदान में या गली में कई मंजिल ऊंचा रखा जाता है. महिलाएं भी भगवान कृष्ण की कहानी से चरवाहों की भूमिका निभाती हैं और गोविंदा को पानी या रंग फेंककर मानव पिरामिड बनाने से रोकती हैं. दही हांडी मुंबई में एक बहुत ही प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में उभरा है. इस आयोजन में हर साल कई टीमें भाग लेती हैं और विजेताओं को कई पुरस्कार मिलते हैं और पंडाल प्रसिद्ध हस्तियों को भी इस आयोजन को बढ़ावा देने के लिए आमंत्रित करता है. हाल के वर्षों में पुरस्कार राशि एक करोड़ तक पहुंच गई है. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Krishna Janmashtami 2022 Date Shubh Muhurat And Keep These Things In Mind While Doing Janmashtami Puja

Janmashtami 2022: हिंदू धर्म में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार बहुत खास होता है.जन्माष्टमी का त्योहार सिर्फ भारत में हीं नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं. पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार, भगवान कृष्‍ण का जन्‍म भाद्र मास के कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी को हुआ था इसलिए इस शुभ तिथि को भगवान कृष्‍ण के जन्‍मोत्‍सव के रूप में मनाया जाता है. भगवान कृष्‍ण की जन्‍मस्‍थली मथुरा में इस त्‍योहार को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य आरती दहिया से जन्‍माष्‍टमी की तारीख, मुहूर्त, क्‍या है इसका महत्‍व और पूजा विधि के दौरान किन बातों का रखें ध्यान. जन्माष्टमी 2022 की तारीख व मुहूर्त (Janmashtami 2022 Date and Time) साल 2022 में कृष्ण जन्माष्टमी 18 अगस्त 2022 दिन गुरुवार को मनाई जाएगी. निशिथ पूजा मुहूर्त– रात्रि 12:20 से 01:05 तक रहेगा और इसकी अवधि लगभग 45 मिनट रहेगी. पारणा मुहूर्त (धर्म शास्त्र के अनुसार)– 19 अगस्त को, रात्रि 10 बजकर 59 मिनट के बाद. जन्माष्टमी का महत्व (Significance of Janmashtami) पौराणिक कथाओं के मुताबिक श्री कृष्ण भगवान विष्णु के सबसे शक्तिशाली मानव अवतारों में से एक है। जन्माष्टमी का त्यौहार सद्भावना को बढ़ाने और दुर्भावना को दूर करने को प्रोत्साहित करता है। मान्यता है कि इस दिन पूरे श्रृद्धा भाव से पूजा करने से भगवान सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है उनके लिए यह व्रत करना बहुत ही फायदेमंद होता है साथ ही संतान प्राप्ति के लिए यह व्रत करना बहुत अच्‍छा होता है। जन्माष्टमी के दिन न करें ये काम (don't do these things in janmashtami pooja) • जन्माष्टमी के दिन किसी का भी अनादर ...

Janmashtami 2022 Exact Date Krishna Janmashtami In Mathura Celebrate On 19 August

Janmashtami 2022 Date: मथुरा में जन्माष्टमी कब मनाई जाएगी 18 या 19 अगस्त को? कंफ्यूजन है तो यहां जानें सही तिथि Janmashtami 2022 Date: इस साल अष्टमी तिथि 18 और 19 अगस्त को पड़ रही है ऐसे में कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर लोगों में कंफ्यूजन हैं. हालांकि मथुरा में जन्माष्टमी का पर्व 19 अगस्त को मनाया जाएगा. Janmashtami 2022 Date:हिंदू धर्म में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है. पूरे देश में कृष्ण जन्मोत्सव को काफी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. हालांकि इस साल अष्टमी तिथि दो दिन पड़ रही है. पंचांग के अनुसार गुरुवार, 18 अगस्त को रात के 09 बजकर 21 मिनट से अष्टमी तिथि लग जाएगी जोकि अगले दिन 19 अगस्त शुक्रवार को रात के 10 बजकर 59 मिनट पर खत्म होगी. मथुरा में जन्माष्टमी2022 कब मनाई जाएगी? मथुरा में जन्माष्टमी की सबसे ज्यादा रौनक देखने को मिलती है. कान्हा की नगर में कृष्ण जन्म की लीला देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं. हालांकि इस बार अष्टमी तिथि दो बार पड़ने से लोग जानने को उत्सुक हैं कि आखिर मथुरा में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार किस दिन मनाया जाएगा. बता दें कि हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रात के 12 बजे हुआ था. इस कारण कुछ लोगों का मानना है कि जन्माष्टमी तिथि 18 अगस्त को मनाई जाएगी. वहीं कुछ ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रात्रि 12 बजे हुआ था और 19 अगस्त को पूरे दिन अष्टमी तिथि रहेगी. इसके अलावा 19 को सूर्योदय भी होगा. इसलिए जन्माष्टमी 19 अगस्त को मनाई जानी चाहिए. गौरतलब है कि मथुरा, वृन्...

Janmashtami 2022

हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का बहुत अधिक महत्व होता है। भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को कृष्ण जन्माष्टमी के नाम से जाना जाता है। मान्यता अनुसार इस दिन श्री कृष्ण के बाल रूप यानी लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन की गई लड्डू गोपाल की पूजा का विशेष महत्व है और इससे मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। • हिन्दू धर्म में जन्माष्टमी तिथि का विशेष महत्व है और इस दिन कृष्ण जन्मोत्सव को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल जन्माष्टमी दो दिन 18 अगस्त, बृहस्पतिवार और 19 अगस्त, शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी। • ज्योतिष की मानें तो श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था और ये दोनों ही योग 19 अगस्त, शुक्रवार को रहेंगे इसलिए मथुरा, वृंदावन और द्वारका में कृष्ण का जन्मोत्सव 19 अगस्त को मनाया जाएगा। • चूंकि कृष्ण के सभी तीर्थों में यह 19 अगस्त को मनाई जाएगी और18 तारीख को अष्टमी तिथि सूर्योदय के समय नहीं है इसलिए इसे उदया तिथि के अनुसार 19 अगस्त को ही मनाना शुभ होगा। इसे जरूर पढ़ें: जन्माष्टमी का महत्व पौराणिक कथाओं के अनुसार श्री कृष्ण भगवान विष्णु के सबसे शक्तिशाली मानव अवतारों में से एक हैं। जन्माष्टमी का त्योहार सद्भावना को बढ़ाने और दुर्भावना को दूर करने को प्रोत्साहित करता है। मान्यता है कि इस दिन पूरे श्रद्धा भाव से पूजा करने से भगवान कृष्णसबकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है उनके लिए यह व्रत करना बहुत ही फायदेमंद होता है साथ ही संतान प्राप्ति के लिए भी यह व्रत करना बहुत अच्छा होता है। इसे जरूर पढ़ें: कैसे करें जन्माष्टमी का पूजन • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्री कृष्ण का जन्म जन्माष्टमी की रात 12 बजे...

Janmashtami 2022: कृष्ण जन्मभूमि मथुरा में किस दिन मनाई जाएगी जन्माष्टमी? जानिए लड्डू गोपाल की पूजन विधि

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