मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय pdf

  1. मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय
  2. प्रेमचंद
  3. मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय (31 जुलाई 1880
  4. [ PDF ] मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय और उनकी रचनाएँ
  5. [PDF] मुंशी प्रेमचंद बायोग्राफी
  6. मुंशी प्रेमचंद की जीवनी
  7. Munshi Premchand ka Jeevan Parichay मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय
  8. Premchand Stories Hindi


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मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय

मुंशी प्रेमचंद भारत के सबसे अधिक प्रसिद्ध कथानायक व उपन्यासकार थे. उन्हें बीसवीं शताब्दी का सर्वश्रेष्ट हिंदी व उर्दू साहित्यकार माना जाता है. उनकी कई साहित्यिक रचनाओं को अंग्रेज़ी, रूसी, चीनी तथा जर्मन सहित अन्य भाषाओं में भी लोकप्रियता मिली है. उन्होंने लगभग १५ उपन्यास, ३०० से अधिक कहानियाँ, ३ नाटक, १० अनुवाद, ७ बाल पुस्तकें तथा हजारों पृष्ठों के लेख व आदि साहित्यों की रचना की है. प्रेमचंद द्वारा लिखित “गोदान” उपन्यास का सिर्फ भारतीय साहित्‍य में ही नहीं, विश्‍व साहित्‍य में एक महत्‍वपूर्ण स्‍थान है. हिंदी, उर्दू साहित्य तथा उपन्यास के क्षेत्र में प्रेमचंद के अद्वितीय योगदान को देखते हुए. बंगाल के विख्यात उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उन्हें “उपन्यास सम्राट” कहकर सम्मानित किया था. आज हम इस लेख के में यह जीवनी भी पढे – 5 उपन्यास सम्राट प्रेमचंद का निधन मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय | Munshi premchand ka jeevan parichay पेशेवर नाम मुंशी प्रेमचंद वास्तविक नाम धनपत राय जन्म 31 जुलाई 1880 जन्म स्थान उत्तर प्रदेश, वाराणसी, लमही मृत्यु 8 अक्टूबर 1936 (56 आयु) पिता अजायबराय माता आनंदी देवी भाषा हिंदी, उर्दू व फारसी व्यवसाय लेखक, पत्रकार, अनुवादक व संपादक राष्ट्रीयता भारतीय उल्लेखनीय रचनाएँ गोदान, सेवासदन, कर्मभूमि, रंगभूमि व निर्मला मुख्य लेखन विषय समाजिक व कृषि जीवन प्रेमचंद का आरंभिक जीवन आधुनिक हिंदी साहित्य के जन्मदाता प्रख्यात मुंशी प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880, वाराणसी के लमही गाँव में हुआ था. प्रेमचंद का वास्तविक नाम “धनपत राय श्रीवास्तव” था. उनकी माताजी का नाम आनन्दी देवी एवं पिताजी का मुंशी अजायबराय था, जो लमही गाँव के पोस्ट ऑफिस में डाकपाल (postmaster) के पद पर ...

प्रेमचंद

डाक टिकट पर प्रेमचंद जन्म 31 जुलाई 1880 लमही, वर्तमान - लमही, मृत्यु 8 अक्टूबर 1936 ( 1936-10-08) (उम्र56) व्यवसाय अध्यापक, लेखक, पत्रकार राष्ट्रीयता अवधि/काल विधा कहानी और उपन्यास विषय साहित्यिक आन्दोलन , उल्लेखनीय कार्य हस्ताक्षर धनपत राय श्रीवास्तव ( ३१ जुलाई १८८० – ८अक्टूबर १९३६ जो प्रेमचंद नाम से जाने जाते हैं, वो जागरण तथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया। इसके लिए उन्होंने सरस्वती प्रेस खरीदा जो बाद में घाटे में रहा और बन्द करना पड़ा। प्रेमचंद फिल्मों की पटकथा लिखने मुंबई आए और लगभग तीन वर्ष तक रहे। जीवन के अंतिम दिनों तक वे साहित्य सृजन में लगे रहे। महाजनी सभ्यता उनका अंतिम निबन्ध, साहित्य का उद्देश्य अन्तिम व्याख्यान, कफन अन्तिम कहानी, गोदान अन्तिम पूर्ण उपन्यास तथा मंगलसूत्र अन्तिम अपूर्ण उपन्यास माना जाता है। अनुक्रम • 1 जीवन परिचय • 2 साहित्यिक जीवन • 3 रचनाएँ • 3.1 उपन्यास • 3.2 कहानी • 3.3 नाटक • 3.4 कथेतर साहित्य • 3.5 अनुवाद • 3.6 विविध • 4 संपादन • 5 विशेषताएँ • 6 विचारधारा • 7 विरासत • 8 प्रेमचंद संबंधी रचनाएँ • 8.1 जीवनी • 8.2 आलोचनात्मक पुस्तकें • 8.3 प्रेमचंद और सिनेमा • 9 स्मृतियाँ • 10 विवाद • 11 हिन्दी विकिस्रोत पर उपलब्ध प्रेमचन्द साहित्य • 12 सन्दर्भ • 12.1 सहायक पुस्तकें जीवन परिचय प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई इस बात की पुष्टि रामविलास शर्मा के इस कथन से होती है कि- "सौतेली माँ का व्यवहार, बचपन में शादी, पण्डे-पुरोहित का कर्मकाण्ड, किसानों और क्लर्कों का दुखी जीवन-यह सब प्रेमचंद ने सोलह साल की उम्र में ही देख लिया था। इसीलिए उनके ये अनुभव एक जबर्दस्त सचाई लिए हुए उनके कथा-साहित्य में झलक उठे थे।" प्रेमचंद घर में शीर्षक पुस्तक भी लि...

मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय (31 जुलाई 1880

हिन्दी विश्व की सबसे समृद्ध भाषाओ मे से एक है जिस प्रकार से गहने तथा आभूषण एक स्त्री के सोंदर्य मे बृद्धि कर देते है उसी प्रकार हिन्दी को सुंदर सरल एवं ह्रदय की गहराइयो मे ले जाने का काम हिन्दी साहित्य के महान कवियों और साहित्यकारो ने किया है। हिन्दी के ऐसे ही एक महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद थे जिन्होने हिन्दी साहित्य मे अपनी अमिट छाप छोड़ी। इस आर्टिकल मे हम मुंशी प्रेमचंद के जीवन पर प्रकाश डालेंगे तथा उनके जीवन के ऐसे पालो को जानने व समझने का प्रयास करेंगे जिसके कारण वे हिन्दी साहित्य मे अमर हो गए है। ( munshi premchand ka jeevan parichay Advertisement मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय एक नजर में| Munshi Premchand Biography in Hindi विषय विंदु जानकारिया नाम मुंशी प्रेमचंद पूरा नाम धनपत राय जन्म 31 जुलाई 1880 जन्म स्थल उत्तर प्रदेश के वाराणसी के लमही गाँव मे हुआ था . मृत्यु 8 अक्टूबर 1936 पिता का नाम अजायब राय माता का नाम आनंदी देवी पत्नी का नाम शिवरानी देवी शिक्षा बीए डिग्री भाषा हिन्दी व उर्दू राष्ट्रीयता हिन्दुस्तानी प्रमुख रचनाये गोदान, बाजार-ए-हुस्न, कर्मभूमि, शत्रुंज के खिलाड़ी, गबन, मानसरोवर, ईदगाह पेशा/ Occupation लेखक, उपन्यासकार Munshi Premchand Biography in Hindi munshi premchand ka jeevan parichay मुंशी प्रेमचंद का जन्म एवं शिक्षा- (Birth and education of Munshi Premchand-) बनारस के एक छोटे से गाव लमही मे 31 जुलाई 1880 को मुंशी प्रेमचंद का जन्म एक सामान्य से परिवार में हुआ इनके पिता का नाम अजायब राय था जो कि एक पोस्ट मास्टर थे तथा इनके दादा जी गुरु सहाय उस समय पटवारी हुआ करते थे जब मुंशी प्रेमचंद्र 7 वर्ष के थे तो एक गंभीर बीमारी के चलते इनकी माता का देहांत हो गया...

[ PDF ] मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय और उनकी रचनाएँ

इस आर्टिकल में हम मुंशी प्रेमचंद जी के जीवन परिचय को विस्तार से देखेंगे। इस लेख में हम प्रेमचंद जी के जीवन से सम्बंधित उन सभी प्रश्नो को समझेंगे को अकसर परीक्षाओं में पुछे जाते है जैसे की प्रेमचंद का जन्म कब हुआ था, प्रेमचंद का जन्म कहाँ हुआ था, प्रेमचंद की मृत्यु कब हुई, मुंशी प्रेमचंद के पुत्र का नाम क्या है, प्रेमचंद की प्रमुख रचनाएं और प्रेमचंद का साहित्य में स्थान आदि। ऐसे ही और भी बहुत से सवालों के जवाब आपको इस लेख में देखने को मिल जायेंगे तो, अगर आप Premchand Ka Jeevan Parichay अच्छे से समझना चाहते है तो इस लेख को पुरा अन्त तक अवश्य पढ़े। हिन्दी न केवल भारत की आधिकारिक भाषा है, बल्कि अंग्रेज़ी एवं मन्दारिन (चीन की भाषा) के बाद दुनिया में सर्वाधिक बोली जाने वाली तीसरी भाषा भी है। यही कारण है कि इसके पाठकों की संख्या दुनियाभर में करोड़ों में है और हिन्दी के दुनियाभर के इन करोड़ों पाठकों में शायद ही कोई ऐसा होगा, जो प्रेमचन्द को न जानता हो। प्रेमचन्द, जिन्हें दुनिया 'उपन्यास सम्राट' के रूप में जानती है, को साहित्य जगत ने उनके लेखन से प्रभावित होकर उन्हें 'कलम के सिपाही' का उपनाम दिया है। चलिये प्रेमचन्द जी की सम्पुर्ण जीवनी को हम बिल्कुल विस्तार समझेंगे। नाम प्रेमचन्द उपनाम मुंशी प्रेमचंद, कलम के सिपाही, नवाब राय बचपन का नाम धनपत राय श्रीवास्तव जन्म तिथि 31 जुलाई 1880 ई॰ जन्म स्थान लमही,वाराणसी,उत्तर प्रदेश (भारत) मृत्यु तिथि 8 अक्टूबर 1936 ई॰ मृत्यु स्थल वाराणसी,उत्तर प्रदेश (भारत) आयु (मृत्यु के समय) 56 वर्ष व्यवसाय लेखक, अध्यापक, पत्रकार अवधि काल आधुनिक काल राष्ट्रीयता भारतीय धर्म हिंदू भाषा हिंदी, उर्दू पिता अजायब राय माता आनन्दी देवी बहन सुग्गी राय पत्नी शिवरानी द...

[PDF] मुंशी प्रेमचंद बायोग्राफी

मुंशी प्रेमचंद बायोग्राफी | Munshi Premchand Biography in Hindi नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख में हम जानने वाले है Munshi Premchand Biography in Hindi . हमारी हिंदी भाषा बहुत ही खुबसूरत भाषाओं में से एक है जो हर किसी को अपना लेती है। हिंदी को हर दिन एक नई पहचान और नया रूप देने वाले हिंदी साहित्यकार या लेखक कहलाते है उन्ही में से एक महान छवि थी मुंशी प्रेमचंद जी की। मुंशी प्रेमचंद (Munshi Premchand )एक ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्ति थे जिन्होंने हिंदी भाषा की काया पलट कर रख दी । मुंशी प्रेमचंद ऐसे लेखक थे जिन्होंने हिंदी साहित्य को आधुनिक रूप प्रदान किया। मुंशी प्रेमचंद ने सरल हिंदी को ऐसा साहित्यिक रूप दिया जिसे लोग आज भी नही भूल सकते। आज के इस लेख में हमने आपको ( मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय ) Munshi Premchand Biography in Hindi के बारे में बताया है जिसे आप पढ़ कर हमारे महान साहित्यकार एवं कहानीकार – मुंशी प्रेमचंद के बारे में सभी जानकारी ले सकते है । आप इस आर्टिकल में दी गई मुंशी प्रेमचन्द की जीवनी Munshi Premchand Biography Hindi Pdf भी डाऊनलोड करके पढ़ सकते है | इस मुंशी प्रेमचंद बायोग्राफी Munshi Premchand Biography ( मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय) में आपको मुंशी प्रेमचंद जी से जुडी ऐसे ही और भी महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी जैसे की – मुंशी प्रेमचंद जी से जुडी बाते Pdf – यहाँ पर आप जानेंगे Munshi Premchand Biography in Hindi • मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय (Biography of Munshi Premchand) • मुंशी प्रेमचंद का साहित्यिक जीवन (Literary Life of Munshi Premchand) • मुंशी प्रेमचंद की शिक्षा (Education of Munshi Premchand) • मुंशी प्रेमचंद का विवाह (Munshi Premchand Marriage) • मुंशी प्रेमचं...

मुंशी प्रेमचंद की जीवनी

मुंशी प्रेमचंद (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे। उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं। उनमें से अधिकांश हिंदी तथा उर्दू दोनों भाषाओं में प्रकाशित हुईं। उन्होंने अपने दौर की सभी प्रमुख उर्दू और हिंदी पत्रिकाओं जमाना, सरस्वती, माधुरी, मर्यादा, चाँद, सुधा आदि में लिखा। उन्होंने हिंदी समाचार पत्र जागरणतथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया। इसके लिए उन्होंने सरस्वती प्रेस खरीदा जो बाद में घाटे में रहा और बंद करना पड़ा। प्रेमचंद फिल्मों की पटकथा लिखने मुंबई आए और लगभग तीन वर्ष तक रहे। जीवन के अंतिम दिनों तक वे साहित्य सृजन में लगे रहे। महाजनी सभ्यता उनका अंतिम निबंध, साहित्य का उद्देश्य अंतिम व्याख्यान, कफन अंतिम कहानी, गोदान अंतिम पूर्ण उपन्यास तथा मंगलसूत्र अंतिम अपूर्ण उपन्यास माना जाता है। १९०६ से १९३६ के बीच लिखा गया प्रेमचंद का साहित्य इन तीस वर्षों का सामाजिक सांस्कृतिक दस्तावेज है। इसमें उस दौर के समाजसुधार आंदोलनों, स्वाधीनता संग्राम तथा प्रगतिवादी आंदोलनों के सामाजिक प्रभावों का स्पष्ट चित्रण है। उनमें दहेज, अनमेल विवाह, पराधीनता, लगान, छूआछूत, जाति भेद, विधवा विवाह, आधुनिकता, स्त्री-पुरुष समानता, आदि उस दौर की सभी प्रमुख समस्याओं का चित्रण मिलता है। आदर्शोन्मुख यथार्थवाद उनके साहित्य की मुख्य विशेषता है। हिंदी कहानी तथा उपन्यास के क्षेत्र में १९१८ से १९३६ तक के कालखंड को ‘प्रेमचंद युग’ कहा जाता है। मुंशी प्रेम...

Munshi Premchand ka Jeevan Parichay मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय

बहुत कम उम्र मे, माताजी के देहांत हो जाने से, प्रेमचंद जी को, बचपन से ही माता–पिता का प्यार नही मिल पाया . सरकारी नौकरी के चलते, पिताजी का तबादला गौरखपुर हुआ और, कुछ समय बाद पिताजी ने दूसरा विवाह कर लिया । सौतेली माता ने कभी प्रेमचंद जी को, पूर्ण रूप से नही अपनाया । उनका बचपन से ही हिन्दी की तरफ, एक अलग ही लगाव था । जिसके लिये उन्होंने स्वयं प्रयास करना प्रारंभ किया, और छोटे-छोटे उपन्यास से इसकी शुरूवात की ।रूचि के अनुसार, छोटे-छोटे उपन्यास पढ़ा करते थे । पढ़ने की इसी रूचि के साथ उन्होंने, एक पुस्तकों के थोक व्यापारी के यहा पर, नौकरी करना प्रारंभ कर दिया। मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय जिससे वह अपना पूरा दिन, पुस्तक पढ़ने के अपने इस शौक को भी पूरा करते रहे । प्रेमचंद जी बहुत ही सरल और सहज स्वभाव के, दयालु प्रवत्ति के थे । कभी किसी से बिना बात बहस नही करते थे, दुसरो की मदद के लिये सदा तत्पर रहते थे । ईश्वर के प्रति अपार श्रध्दा रखते थे । घर की तंगी को दूर करने के लिये, सबसे प्रारंभ मे एक वकील के यहा, पांच रूपये मासिक वेतन पर नौकरी की । धीरे-धीरे उन्होंने खुद को हर विषय मे पारंगत किया, जिसका फायदा उन्हें आगे जाकर मिला ,एक अच्छी नौकरी के रूप मे मिला , और एक मिशनरी विद्यालय के प्रधानाचार्य के रूप मे, नियुक्त किये गये। 1910 में वह इंटर और 1919 में बी. ए. के पास करने के बाद स्कूलों के डिप्टी सब-इंस्पेक्टर नियुक्त हुए। हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे। उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक क...

Premchand Stories Hindi

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • मानसरोवर भाग 1 • घर जमाई(ghar jamai) Download • ठाकुर का कुआँ(thakur ka kuan) Download • स्‍वामिनी(svamini) Download • नशा(nasha) Download • शांति(shanti) Download • बड़े भाई साहब(bde bhai sahab) Download • बेटों वाली विधवा(beton vali vidhva) Download • माँ(ma) Download • ईदगाह(idgaah) Download • अलग्योझा(algyojha) Download • सुभागी(subhagi) Download • शिकार(sikaar) Download • कायर(kayar) Download • धिक्‍कार(dhikaar) Download • दिल की रानी(dil ki rani) Download • ज्योति(jyoti) Download • गुल्‍ली-डंडा(gulli danda) Download • झाँकी(jhanki) Download • पूस की रात(pus ki raat) Download • मनोवृत्ति(mnovriti) Download • रसिक संपादक(rasik sampadak) Download • गिला(gila) Download • घासवाली(ghasvaali) Download • तावान(tavaan) Download • आखिरी हीला(akhiri heela) Download • लांछन(lanchan) Download • दिल की रानी (dil ki rani) Download बड़े घर की बेटी मुंशी प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियां मानसरोवर भाग 2 कुसुम(kusum) Download खुदाई फौजदार(khudaai foujdaar) Download चमत्कार(chamtakar) Download मोटर के छींटे(motor ke chinte) Download कैदी(kedi) Download मिस पद्मा(mis padma) Download विद्रोही(vidhrohi) Download दो बैलों की कथा(do bailo ki katha) Download नेऊर(neuar) Download गृह-नीति(grih niti) Download कानूनी कुमार(kaanuni kumar) Download लॉटरी(lotory) Download जादू(jaadu) Download नया विवाह(nya vivah) Download शूद्र(shudra) Download रियासत का दीवान(riyast ka divan) Download मुफ्त का यश(muft ka yash) Download बासी भात में खुदा का साझा(baasi...