मुंशी प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियां

  1. (2023) मुंशी प्रेमचंद की कहानियां
  2. Premchand Ki Sarvshreshth Kahaniya
  3. ‎मुंशी प्रेमचंद की 16 सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ on Apple Books
  4. प्रेमचंद की सर्वोत्तम 15 कहानियां
  5. Munshi Premchand stories in Hindi (मुंशी प्रेमचंद की कहानियां)
  6. प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियां हिन्दी पुस्तक
  7. Munshi Premchand : मुंशी प्रेमचंद : सर्वश्रेष्ठ 23 कहानियां by Munshi Premchand


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(2023) मुंशी प्रेमचंद की कहानियां

premchand इनकी अधिकतर कहानियोँ में निम्न व मध्यम वर्ग काचित्रणहै। डॉ॰ कमलकिशोर गोयनका ने प्रेमचंद की संपूर्ण हिंदी-उर्दू कहानी को (Munshi premchand ki kahaniyan )प्रेमचंद कहानी रचनावली नाम से प्रकाशित कराया है। उनके अनुसार प्रेमचंदने अपने जीवन में लगभग 300 से अधिक कहानियाँ तथा 18 से अधिक उपन्यास लिखे है| इनकी इन्हीं क्षमताओं के कारण इन्हें कलम का जादूगर कहा जाता है प्रेमचंद का पहला कहानी संग्रह यह जानकारी विकिपीडिया से ली गई है सम्पूर्ण जानकारी के लिए मुंशी प्रेमचंद की कहानियां (Munshi premchand ki kahaniyan) स्त्री और पुरुष (munshi premchand kahani) वि पिन बाबू के लिए स्त्री ही संसार की सुन्दर वस्तु थी। वह कवि थे और उनकी कविता के लिए स्त्रियों के रुप और यौवन की प्रशसा ही सबसे चिंताकर्षक विषय था। उनकी दृष्टि में स्त्री जगत में व्याप्त कोमलता, माधुर्य और अलंकारों की सजीव प्रतिमा थी। जबान पर स्त्री का नाम आते ही उनकी आंखे जगमगा उठती थीं, कान खड़े हो जाते थे, मानो किसी रसिक ने गाने की आवाज सुन ली हो। जब से होश संभाला, तभी से उन्होंने उस सुंदरी की कल्पना करनी शुरु की जो उसके हृदय की रानी होगी; उसमें ऊषा की प्रफुल्लता होगी, पुष्प की कोमलता, कुंदन की चमक, बसंत की छवि, कोयल की ध्वनि वह कवि वर्णित सभी उपमाओं से विभूषित होगी। वह उस कल्पित मूत्रि के उपासक थे, कविताओं में उसका गुण गाते, वह दिन भी समीप आ गया था, जब उनकी आशाएं हरे-हरे पत्तों से लहरायेंगी, उनकी मुरादें पूरी हो होगी। कालेज की अंतिम परीक्षा समाप्त हो गयी थी और विवाह के संदेशे आने लगे थे। 2 विवाह तय हो गया। बिपिन बाबू ने कन्या को देखने का बहुत आग्रह किया, लेकिन जब उनके मामू ने विश्वास दिलाया कि लड़की बहुत ही रुपवती है, मैं...

Premchand Ki Sarvshreshth Kahaniya

प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियां, मुंशी प्रेमचंद के द्वारा लिखी गयी एक कहानी संग्रह है। यह पुस्तक हिंदी भाषा में लिखित है। इस पुस्तक में उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की सर्वश्रेष्ठ कहानियो का संग्रह मिलता है। इस पुस्तक का कुल भार 5.33 MB है एवं कुल पृष्ठों की संख्या 204 है। नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन द्वारा आप इस पुस्तक को डाउनलोड कर सकते है। पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र होती है। यह हमारा ज्ञान बढ़ाने के साथ साथ जीवन में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है। हमारे वेबसाइट Writer (लेखक ) रघुनाथप्रसाद मिश्र Book Language ( पुस्तक की भाषा ) हिंदी Book Size (पुस्तक का साइज़ ) 24.93 MB Total Pages (कुल पृष्ठ) 636 Book Category (पुस्तक श्रेणी) पुस्तक का एक मशीनी अनुवादित अंश डाक्टर चड़ढा ने कलाई पर नजर डाली | केवल दस मिनट समय ओर बाक़ी था | गोल्फ़-स्टिक खूँटी से उत्तारते हुए बोले– कल सवेरे आअ , कल सवेरे; यह हम,रे खेलने का समय है | बूढ़े ने पगड़ी उतार कर चौखट पर रख दी और रोकर बोला- हजूर एक निगाह देख ले | दस एक निगाह ! लड़का हाथ से चला जायगा हजूर सात तलड़कों में यही एक क्‍च रहा है। हजूर, हम दोनों आदमी रो-रोकर सर जायँंगे, सरकार ! आपकी बढ़ती हो, दीन वस्धु ! ऐसे उन्नड़ु देहाती यहाँ प्रायः रोज़ ही आया करते थे। डाक्टर साहब उनके स्थभाव से खूब परिचत- थे | कोई कितना ही कुछ कहे; पर वे अपनी ही रट लगाते ज्ञायेंगे। किसी की सुनेगे नहीं । धीरे से चिक उठाई और बाहर निकल कर मोटर की तरफ्‌ चले | बूढ़ा यह कद्दता हुआ उनके पीछे दोड़ा–स।कार बड़ा धरस होगा, हजूर दया कीजिये, बड़ा. दीन दुखी हूँ, संसार में कोई ओर नहीं है, वाबू जी ! सगर डाक्टर साहव ने उसकी ओर मुँह फेरकर देखा तक भी नहीं | मोटर पर बेठकर ब्रोले–कल सबेर...

‎मुंशी प्रेमचंद की 16 सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ on Apple Books

प्रेमचंद (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक थे । मूल नाम धनपत राय श्रीवास्तव, प्रेमचंद को नवाब राय और मुंशी प्रेमचंद के नाम से भी जाना जाता है। उपन्यास के क्षेत्र में उनके योगदान को देखकर बंगाल के विख्यात उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उन्हें उपन्यास सम्राट कहकर संबोधित किया था। प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसने पूरी सदी के साहित्य का मार्गदर्शन किया। आगामी एक पूरी पीढ़ी को गहराई तक प्रभावित कर प्रेमचंद ने साहित्य की यथार्थवादी परंपरा की नींव रखी। उनका लेखन हिन्दी साहित्य की एक ऐसी विरासत है जिसके बिना हिन्दी के विकास का अध्ययन अधूरा होगा। वे एक संवेदनशील लेखक, सचेत नागरिक, कुशल वक्ता तथा सुधी (विद्वान) संपादक थे। बीसवीं शती के पूर्वार्द्ध में, जब हिन्दी में तकनीकी सुविधाओं का अभाव था,उनका योगदान अतुलनीय है। प्रेमचंद के बाद जिन लोगों ने साहित्य को सामाजिक सरोकारों और प्रगतिशील मूल्यों के साथ आगे बढ़ाने का काम किया, उनमें यशपाल से लेकर मुक्तिबोध तक शामिल हैं। उनके पुत्र हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार अमृतराय हैं जिन्होंने इन्हें कलम का सिपाही नाम दिया था। प्रेमचंद का जन्म वाराणसी के निकट लमही गाँव में हुआ था। उनकी माता का नाम आनन्दी देवी था तथा पिता मुंशी अजायबराय लमही में डाकमुंशी थे। उनकी शिक्षा का आरंभ उर्दू, फारसी से हुआ और जीवनयापन का अध्यापन से पढ़ने का शौक उन्‍हें बचपन से ही लग गया। 13 साल की उम्र में ही उन्‍होंने तिलिस्म-ए-होशरुबा पढ़ लिया और उन्होंने उर्दू के मशहूर रचनाकार रतननाथ 'शरसार', मिर्ज़ा हादी रुस्वा और मौलाना शरर के उपन्‍यासों से परिचय प्राप्‍त कर लिया । १८९८ में मैट...

प्रेमचंद की सर्वोत्तम 15 कहानियां

रचनाकार: मुंशी प्रेमचंद | Munshi Premchand मुंशी प्रेमचंद को उनके समकालीन पत्रकार बनारसीदास चतुर्वेदी ने 1930 में उनकी प्रिय रचनाओं के बारे में प्रश्न किया, "आपकी सर्वोत्तम पन्द्रह गल्पें कौनसी हैं?" प्रेमचंद ने उत्तर दिया, "इस प्रश्न का जवाब देना कठिन है। 200 से ऊपर गल्पों में कहाँ से चुनूँ, लेकिन स्मृति से काम लेकर लिखता हूँ - • बड़े घर की बेटी • रानी सारन्धा • नमक का दरोगा • सौत • आभूषण • प्रायश्चित • कामना • मन्दिर और मसजिद • घासवाली • महातीर्थ • सत्याग्रह • लांछन • सती • लैला • मन्त्र" प्रस्तुति : रोहित कुमार 'हैप्पी' Back

Munshi Premchand stories in Hindi (मुंशी प्रेमचंद की कहानियां)

Munshi Premchand Stories In Hindi (मुंशी प्रेमचंद की कहानियां) – हमारे वेबसाइट पर आने के लिए धन्यवाद, हमारा आज का यह पोस्ट उन लोगों के लिए खास होने वाला है जो हिंदी भाषा में कहानियां पढ़ना बहुत अच्छा लगता हैं। इस पोस्ट पर हम आपको मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखा गया प्रसिद्ध कहानियों के बारे में बताएंगे जो आपको जरूर पसंद आएगा मुंशी प्रेमचंद जी ने लगभग 301 से अधिक आधुनिक कहानियां लिखा है। मुंशी प्रेमचंद की कहानियों के बारे में बताने से पहले अगर मुंशी प्रेमचंद के बारे में बात करें तो मुंशी प्रेमचंद का जन्म 21 जुलाई 1880 में हुआ था। प्रेमचंद जी भारत में प्रसिद्ध लेखकों में से एक है। मुंशी प्रेमचंद जी को उपन्यास का सम्राट भी कहा जाता था और वह अपने आधुनिक उपन्यास के वजह से ही पहचाने जाते थे। चलिए Munshi Premchand Stories In Hindi के बारे में जानते हैं। • • Contents • • • • • • Munshi Premchand Stories In Hindi – मुंशी प्रेमचंद की कहानियां मुंशी प्रेमचंद की कहानियां बहुत ही अच्छा होता है यदि आप मुंशी प्रेमचंद की कहानियां पढ़ना चाहते हैं तब आप बिल्कुल सही पोस्ट पर आए हैं, यदि Munshi Premchand Stories In Hindi के बारे में बात करें तो वह है – 1) बूढ़ी काकी की कहानी कमला नाम का एक बूढ़ी काकी अपने पति के साथ रहा करती थी।कुछ दिन बाद बूढ़ी काकी के पति का मृत्यु हो गया जिसके बाद बूढ़ी काकी अकेले ही रहने लगी बूढ़ी काकी का तबीयत बहुत बिगड़ गया तब बूढ़ी काकी का भतीजा आया और बूढ़ी काकी से कहा कि आप आपका घर और सभी पैसा मेरे नाम कर दीजिए मैं आपका अच्छे से देखभाल करूंगा बूढ़ी काकी ने भतीजा का बात सुनकर अपना पूरा संपत्ति भतीजे के नाम कर दिया। जैसे ही कमला नाम की बूढ़ी काकी ने संपत्ति अपने भतीजे के ना...

प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियां हिन्दी पुस्तक

प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियां हिंदी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Prem Chand ki Sarvshreshth Kahaniya Hindi Book इस पुस्तक का नाम है : प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियां | इस पुस्तक के लेखक हैं : मुंशी प्रेमचन्द | पुस्तक का प्रकाशन किया है : अज्ञात | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 5 MB हैं | पुस्तक में कुल 204 पृष्ठहैं | Name of the book is : Prem Chand ki Sarvshreshth Kahaniya. This book is written by : Munshi Premchand. The book is published by : Unknown. Approximate size of the PDF file of this book is 5 MB. This book has a total of 204 pages. पुस्तक के लेखक पुस्तक की श्रेणी पुस्तक का साइज कुल पृष्ठ मुंशी प्रेमचन्द कहानी 5 MB 204 पुस्तक से : जब तक बूढ़े को मोटर दिखाई देती रही, वह खड़ा टकटकी लगाये उस ओर लगातार देखता रहा। शायद उसे अब भी डाक्टर साहब के लौट आने का इंतजार था। फिर उसने कहारों से डोली उठाने को कहा। डोली जिधर से आई थी, उधर ही चली गई। चारों ओर से निराश होकर वह डाक्टर चड्ढा के पास लौट आया था। इनकी बड़ी के तारीफ़ सुनी थी। यहाँ से निराश होकर फिर वह किसी दूसरे डाक्टर के पास न गया। कैलास ने उसकी गरदन खूब दबाकर उसका मुंह खोला और उसके ज़हरीले दांत दिखाते हुए बोला, जिन सज्जनों को शक हो, आकर देख लें। आया विश्वास, या अब भी कोई शक है? मित्रों ने आकर उसके दांत देखे और सभी चकित हो गये। प्रत्यक्ष प्रमाण के सामने सन्देह को स्थान कहाँ ? चौकीदार चला गया। भगत ने अपना पैर आगे बढ़ाया। जैसे नशे में आदमी की देह अपने काबू में नहीं रहती। पैर कहीं रखता है, पड़ता कहीं है, कहता कुछ और है, जुबान से निकलता कुछ और हैं, वही हाल इस समय भगत का था। मन में प्रतिका...

Munshi Premchand : मुंशी प्रेमचंद : सर्वश्रेष्ठ 23 कहानियां by Munshi Premchand

मुंशी प्रेमचंद का जन्म- 31 जुलाई, 1880 एवं मृत्यु- 8 अक्टूबर, 1936 को हुआ था। प्रेमचंद उपनाम लिखने वाले धनपत राय श्रीवास्तव हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं। उन्हें मुंशी प्रेमचंद व नवाबराय नाम से भी जाना जाता है। :: अनुक्रम :: 1. पंच- परमेश्वर 2. नरक का मार्ग 3. परीक्षा 4. स्वर्ग की देवी 5. घमण्ड का पुतला 6. ईदगाह 7. दो बैलों की कथा 8. पूस की रात 9. पंच- परमेश्वर 10. मतवाली योगिनी 11. दूसरी शादी 12. कायापलट 13. आखिरी मंजिल 14. बड़ें घर की बेटी 15. शराब की दूकान 16. नेकी 17. ममता 18. ईश्वरीय न्याय 19. प्रेम का स्वप्न 20. एक आंच की कसर 21. कौशल 22. वासना की कड़ियाँ 23. अपनी करनी Munshi Premchand (Hindi: मुंशी प्रेमचंद) was an Indian writer famous for his modern Hindustani literature. He is one of the most celebrated writers of the Indian subcontinent,and is regarded as one of the foremost Hindustani writers of the early twentieth century. Born Dhanpat Rai, he began writing under the pen name "Nawab Rai", but subsequently switched to "Premchand", while he is also known as "Munshi Premchand", Munshi being an honorary prefix. A novel writer, story writer and dramatist, he has been referred to as the "Upanyas Samrat" ("Emperor among Novelists") by some Hindi writers. His works include more than a dozen novels, around 250 short stories, several essays and translations of a number of foreign literary works into Hindi. Premchand is considered the first Hindi author whose writings prominently featured realism. His novels describe the problems of the poor and th...