मुगल हरम की कहानियां

  1. Mughal History : मुगलों के दासियों की तनख्वाह सुन उड़ जाएंगे होश, हर महीने आ जाता एक Kg सोना
  2. Biggest Harem: मुगल नहीं, इस साम्राज्य में था संसार का सबसे बड़ा हरम, घोड़ों से कम थी लड़कियों की कीमत
  3. 1000 women was in Jahangir harem used to give salary There was dreadful punishment for the crime
  4. Hindu Mughal Harem
  5. ज्ञान और विज्ञान के विकास में यूरोप के चमकीले रिकॉर्ड के मुकाबले क्यों फिसड्डी रह गए मुगल
  6. Mugals Haram: मुगलों के बादशाह अकबर ने जब हरम के लिए ये बड़ा फैसला, आगरा से दिल्ली तक मच गई थी हाहाकार


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Mughal History : मुगलों के दासियों की तनख्वाह सुन उड़ जाएंगे होश, हर महीने आ जाता एक Kg सोना

Click here to read in English 👈🏿 मुगल साम्राज्य के हरम, जिसके बारे में इतिहास में सैकड़ों कहानियां लिखी जा चुकी हैं, की शुरुआत बाबर ने की थी, लेकिन अकबर ने ही इसे भव्य बनाया। मुगल बादशाह अकबर के शासनकाल में हरम में 5 हजार से ज्यादा महिलाएं थीं। जिसमें रानियां, रखैलें, दासियां ​​और महिला कार्यकर्ता शामिल थीं। अरबी में हराम का मतलब पवित्र स्थान होता है। मुगल हरम में केवल बादशाह को ही प्रवेश की अनुमति थी, यही कारण है कि यह इतिहासकारों के लिए सबसे दिलचस्प विषय रहा है। मुगलों के दासियों की तनख्वाह सुन उड़ जाएंगे होश प्राणनाथ चोपड़ा ने अपनी पुस्तक ‘सम एस्पेक्ट्स ऑफ सोशल लाइफ ड्यूरिंग द मुगल एज’ में लिखा है कि हरम में विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों की महिलाएं रहती थीं। जो बादशाह और उसके परिवार की हर जरूरत का ख्याल रखता था। शर्त यह थी कि वह पर्दे पर होंगी। परदे में होने के कारण कई ऐसी दासियां ​​थीं जिनका पूरा जीवन बीत गया लेकिन वे राजा को नहीं देख पाईं। मुगल साम्राज्य कई हिस्सों में बंटा हुआ था। अर्थात् रानियों का निवास स्थान और दासियों और रखैलियों का स्थान अलग-अलग तय किया गया था। इतना ही नहीं, उन महिलाओं के लिए अलग कमरे की व्यवस्था की गई थी जो सम्राट के लिए खास थीं और जिन्हें वह नापसंद करते थे। हरम में रहने वाली हर महिला की अपनी जिम्मेदारियां थीं। बगीचों को संवारना, चमकीले पर्दों की व्यवस्था करना, फव्वारों की देखभाल करना, मोमबत्तियों को बाहर निकलने से रोकना… चूँकि राजा के अलावा किसी अन्य पुरुष को हरम में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी, इसलिए अंदर की सुरक्षा भी महिलाओं द्वारा ही संभाली जाती थी। इसके लिए मजबूत कद की महिलाओं को भारत के बाहर से बुलाया जाता था। वे महिलाएं थीं जो हिंदुस्...

Biggest Harem: मुगल नहीं, इस साम्राज्य में था संसार का सबसे बड़ा हरम, घोड़ों से कम थी लड़कियों की कीमत

पोस्ट ऑफिस की इस सुपरहिट स्कीम में हर महीने जमा करें 1,500 रुपये और मैच्योरिटी पर पाएं 35 लाख, जानें- क्या है स्कीम? © Zee News हिन्दी द्वारा प्रदत्त Stories of Harem: जैसे ही हरम शब्द का जिक्र होता है, एक अलग ही तस्वीर हमारे जहन में उभर आती है. हरम को लेकर हमेशा से न सिर्फ भारतीय बल्कि विदेशी इतिहासकार भी काफी आकर्षित रहे हैं. ऐसा माना जाता था कि जिसके हरम में जितनी ज्यादा हसीनाएं, वह उतना ही महान बादशाह. इसलिए कलाकारों ने भी हरम के चित्र उकेरे हैं. जबकि लेखकों ने उपन्यास और कहानियां लिखी हैं. खिलजी वंश में एक शासक पैदा हुआ. नाम था गयासुद्दीन खिलजी. उसने 1439 से 1509 ई. तक राज किया. उसने एक जहाज महल बनाया था, ताकि महिलाओं को रखा जा सके. वहीं अलाउद्दीन खिलजी (1266-1316 ई.) के शासनकाल में मलिक कफूर के साथ उसके संबंधों पर भी चर्चा होती है. चीन यात्रा के दौरान यात्री मार्को पोलो ने मंगोल शासक कुबलाई खान की अय्याशियों के बारे में लिखा है. कुबलाई खान की चार बीवियां और 7 हजार रखैल थीं. रखैलों को वह हर दो साल में बदलकर नई महिलाओं को ले आता था. मार्को पोलो के मुताबिक, इसके लिए विशेष प्रक्रिया होती थी. लड़कियों के हर अंग का मुआयना किया जाता था. कहा जाता है कि अकबर के हरम में 5 हजार और जहांगीर के हरम में 6 हजार महिलाएं थीं. संसार का सबसे बड़ा हरम लेकिन क्या आप जानते हैं कि संसार का सबसे बड़ा हरम कौन सा था, जहां बेहद ऊंची कीमत पर घोड़ों को खरीदा जाता था लेकिन लड़कियों की कीमत उसकी आधी भी नहीं होती थी. इस हरम का नाम था ओटोमन साम्राज्य का सेराग्लियो हरम. बताया जाता है कि इस हरम में तो हजारों महिलाएं को बाहर की दुनिया देखना तक नसीब नहीं होता था. वह अंदर ही मर जाया करती थीं. ओटोमन शासक स...

1000 women was in Jahangir harem used to give salary There was dreadful punishment for the crime

मुगल सल्तनत (Mughal Empire) और मुगल बादशाहों का जिक्र होता है तो उनके हरम (Harem) की भी चर्चा होती है। हरम, अरबी शब्द हराम से बना है, जिसका मतलब है पवित्र या वर्जित। फारसी में हरम का मतलब होता है अभयारण्य और संस्कृत में हरम्या का मतलब होता है महल। मुगल काल (Mughal Empire) में हरम (Harem) को बेहद खास दर्जा मिला हुआ था। तमाम मुगल बादशाहों की हरम में सैकड़ों महिलाएं हुआ करती थीं। इतिहासकार सर थॉमस कोरयाट (Sir Thomas Coryate) लिखते हैं कि अकबर ने दिया हरम को संस्थागत दर्जा हरम में नहीं थी पुरुषों की एंट्री हरम के अंदर किसी भी पुरुष को घुसने की इजाजत नहीं होती थी, वहां सिर्फ महिलाएं या हिजड़ा ही रहते थे। हिजड़ों को ‘ख्वाजा सार’ भी कहा जाता था। यही हरम कें अंदर बादशाह की सुरक्षा के जिम्मेदार होते थे, क्योंकि बादशाह के पुरुष बॉडी गार्ड्स को अंदर घुसने की इजाजत नहीं थी। राणा सफवी dailyo के अपने एक लेख में लिखती हैं कि जब बादशाह हरम में जाते थे, तो सारे हिजड़े उनके इर्दगिर्द घेरा बना लेते थे। तुर्की महिलाओं को हरम में नौकरी मुगल सल्तन में तुर्की और कश्मीरी महिलाओं को हरम के अंदर गार्ड ड्यूटी पर रखा गया, इसकी सबसे बड़ी वजह यह थी कि वो स्थानीय भाषा नहीं समझ सकती थीं। ऐसे में बात लीक होने या जासूसी का डर नहीं थी। हरम में 2 रुपये से लेकर 1000 तक मिलती थी सैलरी हरम (Harem) में तैनात महिलाओं-हिजड़ों को बाकायदे उनके पद के मुताबिक तनख्वाह भी मिलती थी। मसलन दरोगा को सर्वाधिक 1000 रुपये महीने तक तनख्वाह दिया जाता था। इसी तरह हरम के अंदर तैनात नौकरों को दो रुपए महीने सैलरी मिलती थी। 17वीं शताब्दी के इतालवी लेखक निकोलाओ (Niccolao Manucci) अपनी किताब में लिखते हैं कि यदि हरम के अंदर कोई बीमार ह...

Hindu Mughal Harem

मुगल हरम एक शाही कमरा या महल है, जहां खास महिलाएं या बेगम स्थाई रूप से रहा करती थीं। यानि महल में शाही महिलाओं के लिए रहने की अलग से कमरों की व्यवस्था को ही मुगल हरम कहा जाता था। बता दें कि मुगल हरम अरबी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब है एक छुपा हुआ कमरा जहां पुरूषों को आने की इजाजत नहीं थी। ( हरम में रहने वाली महिलाओं की शाही रकम) इसे ज़रूर पढ़ें- बेइंतहा खूबसूरत थीं मुगल शासकों की ये हिंदू रानियां, जानें रोचक तथ्‍य हरम में हिंदू बेगमों का रहन-सहन इतिहास की कई किताबों में उल्लेख मिलता है कि मुगल साम्राज्य के कई ऐसे बादशाह रहे हैं, जिन्होंने राजपूत से लेकर हिंदू महिलाओं के साथ भी निकाह किया था जैसे- हरखा बाई, हीर कुंवर, जगत गोसाई आदि। वहीं, अबुल फजल की किताब के मुताबिक मुगल साम्राज्य का हर बादशाह अपने महल में हिंदू से लेकर मुस्लिम बेगमों के लिए हरम बनवाया करते थे। इसलिए हरम में हिंदू महिलाओं की स्थिति या रहन-सहन भी अन्य महिलाओं की तरह होता था। मगर कहा जाता है कि महिलाओं को पर्दा करना पड़ता था। साथ ही, एक बार जो महिला हरम में प्रवेश कर लेती थी फिर बाहर बादशाह की मर्जी से ही जाती थी। इस हिंदू बेगम के आगे झुकता था हरम अबू फजल द्वारा लिखी गई 'अकबरनामा' में उल्लेख मिलता है कि बादशाह अकबर के समय हरम में 5 हजार महिलाएं रहा करती थीं। इसमें बेगमों के साथ वो महिलाएं भी शामिल थीं, जो बगैर शादी के भी रहा करती थीं। कहा जाता है कि हरम में रहने वाली हरखा बाई अकबर की सबसे खास बेगमों मे से एक थीं, जिनके लिए खास व्यवस्था की जाती थी। साथ ही, हरम की सारी महिलाएं हरखा बाई के आगे झुका करती थीं और उन्हें 'मरियम-उज़-ज़मानी' का दर्जा देती थीं। इसे ज़रूर पढ़ें- क्या था मुगल हरम? जहां काम करने के लिए न...

ज्ञान और विज्ञान के विकास में यूरोप के चमकीले रिकॉर्ड के मुकाबले क्यों फिसड्डी रह गए मुगल

मुगलों को गए सदियां बीत गईं, पर भारतीय राजनीति का मुगल अध्याय खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. इन दिनों सत्ता पक्ष बार-बार मुगलों को याद कर रहा है और उन्हें भारत की वर्तमान समस्याओं खासकर सनातन धर्म की समस्याओं के लिए कोस रहा है. जबकि सेक्युलर इतिहासकार उनके सामने ढाल बनकर खड़े हैं और द ग्रेट मुगल के समावेशी होने और ताजमहल बनाने के किस्से बता रहे हैं. 2014 के पहले तक मुख्यधारा के विमर्श में मुगल महान बने हुए थे. इसमें सबसे ज्यादा योगदान स्कूली किताबों, फिल्मों और टीवी सीरियल्स का था. यही वे जगहें हैं जहां आम भारतीय इतिहास सीखता है. स्कूली किताबें अकबर को महान और समावेशी बता रही थीं, तो बॉलीवुड भी अकबर पर फिल्में बनाकर कदम ताल कर रहा था. मुगले आजम और अनारकली के किस्से और ताजमहल, लाल किला समेत कला-संस्कृति की महानता का बखान चौतरफा था. अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें. अभी सब्सक्राइब करें 2014 के बाद अब मुगलों की महानता के किस्से हटाए जा रहे हैं. मुगलों के बारे में ये कहा जा रहा है कि वे हिंदुओं के विरोधी थे, बहुत अत्याचार किया था, मंदिर तोड़े थे आदि. बीजेपी शासन में मुगलों को हिंसा और बुराई के प्रतीक के रूप में स्थापित किया जा रहा है. मुगलों को लेकर चर्चा के इन दो छोरों के बीच एक वाजिब सवाल नहीं पूछा जा रहा है कि मुगलों के दौर में आम जनता किस हाल में थी. उनकी भलाई के लिए क्या काम हुए. खासकर, लोगों की जिंदगी आसान बनाने के लिए जरूरी विज्ञान और तकनीक के विकास के लिए...

Mugals Haram: मुगलों के बादशाह अकबर ने जब हरम के लिए ये बड़ा फैसला, आगरा से दिल्ली तक मच गई थी हाहाकार

Newz Funda, New Delhiमुगल साम्राज्य के जिस हरम को लेकर हमाने इतिहास में सैकड़ों किस्से लिखे गए उस हरम की शुरुआत बाबर ने की। लेकिन उस हरम को भव्य बनाने का काम बादशाह अकबर ने किया। मुगल बादशाह अकबर के समय हरम में करीब 5 हजार से अधिक औरते थीं। जिसमें रानियांए रखैलेंए दासियां और महिला कामगार शामिल थीं। अरबी भाषा में हरम का मतलब होता है पवित्र स्थान। हरम में दाखिल हुई महिलाएं, फिर वह हरम को छोड़कर कहीं भी नहीं जा सकती थी। उस महिला को अपना पूरा जीवन वहीं गुजारना पड़ता था। अकबर हरम के रिवाज के लिए सब लोगों का ये कहना था कि यहां औरतें आती तो डोली में और जाती थी अर्थी में। आज हम आपको हरम की कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैंए जिनके बारे में आप में से काफी लोगों को मालूम नहीं है। हरम की 5000 औरतों ये है किस्से अकबर बादशाह ने हरम का एक रिवाज बनाया था. उस समय यह भी आखिरी समय तक राज होता था कि बादशाह के साथ बिस्तर पर कौन-सी महिला होगी. अबुल फजल ने लिखा है कि अकबर के हरम में 5000 से ज़्यादा औरतें शामिल थीं. इनमें से लगभग सौ महिलाओं के साथ ही अकबर राजा के शारीरिक संबंध बनाए हुए थे. बाकी की औरतें हरम की देखभाल करती थी. अकबर ने जारी किया था फरमान एक बार की बात है कि अकबर मथुरा के नजदीक के जंगलों में शिकार का लुफ्त उठा रहा था. तभी उसे खबर मिली कि दिल्ली में कुछ बवाल हुआ है. वो फौरन फौज लेकर दिल्ली निकला पड़ा. रास्ते में उसने आगरा में कुछ समय बिताया. जानकारों के मुताबिक यहीं उसे पहली बार ख्याल आया कि शादी के जरिए दिल्ली और आगरा के रईसों को अपने साथ मिला लिया जाए. फिर अकबर ने कव्वालों और हिजड़ों को बुला लिया. कव्वाल लड़की के पिता के पास शादी का पैगाम लेकर जाते थे तो दूसरी ओर हिजड़ों को शहर के रईसों क...