मुलायम सिंह यादव का पूरा परिवार

  1. Akhilesh yadav remembers 19 year old Samajwadi Party trying to save seats of Mulayam family
  2. मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव का सैफई में होता रहा इंतजार, जानें वजहMulayam Singh Yadav's daughter
  3. यादव वंश वृक्ष: देश की ताकतवर राजनीतिक फैमिली रहा मुलायम का कुनबा, फूट भी रही चर्चा में
  4. Mulayam Singh Yadav Family : मुलायम सिंह यादव का पूरा परिवार
  5. नेता जी मुलायम सिंह यादव का सम्पूर्ण राजनीतिक और पारिवारिक जीवन
  6. Mulayam Singh Family Tree:मुलायम सिंह यादव का कुनबा, जानें परिवार की किस महिला ने सबसे पहले राजनीति में रखा कदम


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Akhilesh yadav remembers 19 year old Samajwadi Party trying to save seats of Mulayam family

मुलायम सिंह यादव अब नहीं हैं, लेकिन वह 2024 के लिए समाजवादी पार्टी को कठोर परिश्रम का मंत्र दे गए थे। इसी मंत्र को आत्मसात करते हुए अखिलेश यादव अब लोक जागरण यात्रा निकाल कर माहौल बनाने में जुट गए हैं। उनका खास फोकस समाजवादियों की गढ़ रही और कम अंतर से हारी सीटों पर ज्यादा है। वे अपनी मजबूत आधार वाली सीटों को फिर जीतने की रणनीति बना रहे हैं। इनमें वे सीटें भी हैं जो मुलायम परिवार के सदस्यों ने पिछली बार कम अंतर से गवां दीं। इन सीटों में से ज्यादातर में मुलायम परिवार के सदस्य ही लंबे समय से चुनाव लड़ते रहे हैं। हाल में अखिलेश यादव ने अपनी लोक जागरण यात्रा की शुरुआत करते हुए कार्यकर्ताओं से कहा कि समाजवादियों के गढ़ वाली सीटें फिर जीतनी हैं। सीटों को लेकर कार्यकर्ताओं में उत्साह बना रहे, इसलिए सभी 80 सीटें जीतने का दावा भी कर दिया गया है। इस दावे के विपरीत सपा की कोशिश 2004 में जीती अधिकतम सीटों के रिकार्ड को तोड़ने की है। उस चुनाव में सपा ने अपने इतिहास में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 37 सीटें जीत थीं। यह जीत का चरम था और उसके बाद से सपा के लोकसभा के चुनावी ग्राफ में गिरावट आती गई यानी सपा के पहले लोकसभा चुनाव 1996 से 2004 तक तो ग्राफ बढ़ता गया, लेकिन उसके बाद से लोकसभा चुनाव में सीटों और वोट प्रतिशत दोनों में गिरावट आती गई। देखा जाए अकेले चुनाव लड़कर भी सपा ने 2014 में पांच सीटें पाईं थीं। अगले चुनाव में बसपा के साथ गठबंधन कर भी उसे पांच सीटें मिलीं। यह अलग बात है कि कम सीटें लड़ने के कारण पिछले चुनाव में उसका वोट 2014 के मुकाबले कम होता गया है। मामूली अंतर से हारी इन सीटों पर नजर सपा फिरोजाबाद सीट 28781 वोटों से हारी थी। यहां शिवपाल यादव के लड़ने से भी सपा का वोट बंट गया...

मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव का सैफई में होता रहा इंतजार, जानें वजहMulayam Singh Yadav's daughter

लखनऊ: सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के पैतृक गांव सैफई में पूरी कुनबा जुटा था. यह जुटान मतदान के लिए हुआ था. कारण मुलायम परिवार अपने पैतृक गांव में ही मतदान करता है. यहां पर नहीं थीं तो मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव. वह सैफई मतदान करने नहीं पहुंचीं. अपर्णा यदाव के साथ ही उनके पति प्रतीक यादव और सास साधना गुप्ता भी सैफई मतदान करने नहीं आईं. मुलायम परिवार इंतजार करता रहा. लेकिन मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी का पूरा परिवार सैफई नहीं पहुंचा. दरअसल, अपर्णा यादव भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर चुकी हैं. लेकिन सपा से टिकट न मिलने की उम्मीद में वह भाजपा में शामिल हुई थीं वहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लगा. यूपी विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में सैफई के लोग मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव (Aparna Yadav)का इंतजार करते रहे, लेकिन वह वोट डालने के लिए नहीं आईं. ऐसा पहली बार हुआ है कि उन्‍होंने अपना वोट नहीं डाला है. यही नहीं, अपर्णा के साथ ही उनके पति प्रतीक यादव (Prateek Yadav)और सास साधना गुप्ता (Sadhna Gupta) ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया है. वहीं, तीनों लोगों को वोट डालने नहीं आना इलाके में चर्चा का कारण बना हुआ है. यह भी पढ़ें: बता दें कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना गुप्ता, बेटे प्रतीक यादव और बहू अपर्णा यादव का नाम सैफई की वोटर लिस्ट में है. इन तीनों लोगों को सैफई स्थित अभिनव स्कूल में अपने मताधिकार का प्रयोग करना था, लेकिन देर शाम तक कोई भी वोट डालने के लिए नहीं आया. हालांकि सुबह से ही लोग उनके वोट डालने के लिए सैफई आने का इंतजार कर रहे थे. इससे पहले मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना गुप्ता, बेटे प्रतीक यादव और बहू अपर्णा यादव संसदीय...

यादव वंश वृक्ष: देश की ताकतवर राजनीतिक फैमिली रहा मुलायम का कुनबा, फूट भी रही चर्चा में

मेवाराम यादव से शुरू हुई फैमिली ट्री मुलायम सिंह यादव के दादा जी का नाम मेवाराम यादव था. उनके दो बेटे थे. सुघर सिंह यादव और बच्चीलाल यादव. सुघर सिंह यादव बड़े थे और उनके 5 बेटे हुए. रतन सिंह यादव, मुलायम, अभयराम सिंह, राजपाल यादव और शिवपाल यादव. रतन सिंह यादव का परिवार रतन सिंह के एक बेटे हुए रणवीर सिंह यादव. रणवीर सिंह यादव के बेटे हुए तेज प्रताप यादव, जिनकी शादी लालू प्रसाद यादव की सबसे छोटी बेटी राजलक्ष्मी से हुई. तेज प्रसाद यादव 2014 में मैनपुरी से सांसद बने थे. मुलायम सिंह यादव का परिवार मुलायम सिंह यादव की दो पत्नियां रहीं. मालती देवी और साधना गुप्ता. मालती देवी से अखिलेश यादव पैदा हुए, जो यूपी के सीएम रहे. अखिलेश की पत्नी डिंपल भी कन्नौज से सांसद रहीं. साधना गुप्ता से प्रतीक यादव के रूप में ये फैमिली ट्री आगे बढ़ी. प्रतीक की शादी अपर्णा यादव से हुई, जो बाद में बीजेपी में शामिल हो गईं. प्रतीक राजनीति में एक्टिव नहीं हैं. अभय राम यादव का परिवार मुलायम के तीसरे भाई अभयराम यादव के बेटे हुए धर्मेंद्र यादव हुए, जो दो बार बदायूं से सांसद रहे. एक बार मैनपुरी से भी सांसद रहे. 2022 में आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में धर्मेंद्र को हार का सामना करना पड़ा. धर्मेंद्र यादव की जुड़वा बहन हैं संध्या यादव, जो मैनपुरी से जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं. राजपाल यादव का परिवार मुलायम सिंह यादव के चौथे भाई राजपाल यादव की पत्नी प्रेमलता यादव हुईं, जो राजनीति में सक्रिय रहीं. इनके बेटे अभिषेक यादव उर्फ अंशुल यादव हैं, इटावा जिला पंचायत के अध्यक्ष हैं. शिवपाल यादव का परिवार मुलायम के पांचवें भाई शिवपाल यादव की पत्नी सरला यादव और बेटे आदित्य यादव हैं. शिवपाल यादव ने 2017 में अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी प...

Mulayam Singh Yadav Family : मुलायम सिंह यादव का पूरा परिवार

Mulayam Singh Yadav Family : समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके मुलायम सिंह यादव का निधन 10 अक्टूबर 2022 को हो गया। उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव से निकल कर मुलायम सिंह ने न सिर्फ खुद को राजनीति का चेहरा बनाया बल्कि अपने परिवार को भी राजनीति में जगह दिलाई। पूरे देश में जब भी किसी राजनैतिक परिवार की बात की जाती है तो मुलायम सिंह यादव के परिवार का जिक्र सबसे पहले होता है। मुलायम सिंह यादव के परिवार के लगभग 20 से भी ज्यादा लोग राजनीति में हैं, कुछ लोग राजनीति में पूरे तौर पर सक्रिय हैं तो कुछ लोग पहले राजनीति में रह चुके हैं। मुलायम सिंह के परिवार को सबसे बड़े राजनैतिक कुनबे के रूप में जाना जाता है। इनके परिवार के पुरुषों से लेकर महिलाओं तक सब राजनीति में हैं। इनके परिवार के सदस्य जिला पंचायत जैसे छोटे से पद से लेकर मुख्यमंत्री और केन्द्रीय मंत्री के पद तक रह चुके हैं। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • मुलायम सिंह यादव के दादा और पिता – Mulayam Singh Yadav Family, Grandfather & Father मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav Family) के परिवार की बात है तो हम शुरूआत करते हैं, उनके दादा मेवाराम से मुलायम सिंह यादव के दादा मेवाराम थे। जिनके दो पुत्र थे सुघर सिंह यादव और बच्ची लाल यादव। सुघर सिंह यादव उनके बड़े बेटे थे और बच्ची लाल यादव छोटे थे। सुघर सिंह यादव मुलायम सिंह के पिता थे। सुघर सिंह यादव के 5 बेटे थे जिनमे अभयराम सिंह यादव, रतन सिंह यादव, मुलायम सिंह यादव, राजपाल सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव हैं। वहीं सुघर सिंह यादव के भाई बच्ची लाल यादव के एक बेटा राम गोपाल यादव और एक बेटी गीता यादव हैं। मु...

नेता जी मुलायम सिंह यादव का सम्पूर्ण राजनीतिक और पारिवारिक जीवन

1.6.2) गेस्ट हाउस कांड मुलायम सिंह यादव मुलायम सिंह यादव का प्रारम्भिक जीवन मुलायम सिंह यादव एक ऐसा नाम जो एक साधारण से परिवार से आते है। जिनके पिता उन्हें पहेलवान बनाना चाहते थे। आइये आज उनके व्यक्तित्व के बारे में कुछ जानते है ।जिन्होंने साइकल से संसद तक का सफ़र तय किया जाहिर सी बात है कि ये आसान सफ़र नहीं रहा होगा पर इसे साकार किया नेता जी ने । उनके उपलब्धियों को देखते हुए तो यही लगता है कि उनका कोई भी एक दिन पिछले दिन की तरह नहीं बीता होगा वो हर दिन आगे बढ़ रहे थे तभी इटावा के छोटे से गाँव सैफई से वो दिल्ली के संसद तक पहुँच गए और आज के समय में शायद ही कोई ऐसा होगा जो उन्हें न जानता हो। मुलायम सिंह यादव जी का जन्म 22 नवम्बर 1939 में इटावा जिले के सैफई गाँव में हुआ था। उनकी माता का नाम मूर्ति देवी और पिता का नाम सुघर सिंह था । जो कि एक किसान थे । ये लोग पाँच भाई बहन थे । नेता जी पाँच भाई बहेनो में दुसरे नम्बर पर थे – 1.रतन सिंह यादव 2.मुलायम सिंह यादव 3.अभयराम सिंह यादव 4.शिवपाल सिंह यादव 5.कमला सिंह यादव व रामगोपाल नेता जी के चचेरे भाई थे । नेता जी के पिता नेता जी को पहलवान बनाना चाहते थे इसलिए उन्हें अपनी निगरानी में नेता जी को पहलवानी के दाव –पेंच सिखाया करते थे । नेता जी एक पहलवान बने और आपने समय के बड़े –बड़े पहलवानो को चित कर देते थे । मुलायम सिंह यादव की शिक्षा नेता जी ने अपने कर्मक्षेत्र इटावा के पोस्ट ग्रेजुएट कोलेज से पोलिटिकल साइंस में बी .ए. किया । और आगरा विश्वविद्यालय से राजनीतिविज्ञान में एम.ए. किया । बी .टी. करने के बाद इन्टर कोलेज में वो प्रवक्ता नियुक्त हुए थे । राजनीति से जुड़ने के बाद नेता जी ने अपने शिक्षण कार्य को छोड़ दिया । मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक ज...

Mulayam Singh Family Tree:मुलायम सिंह यादव का कुनबा, जानें परिवार की किस महिला ने सबसे पहले राजनीति में रखा कदम

1. अभय राम यादव : मुलायम के पांच भाइयों में अभयराम सबसे बड़े थे। धर्मेंद्र यादव उनके बेटे हैं। धर्मेंद्र तीन बार सांसद रह चुके हैं। सबसे पहले 2004 में मैनपुरी से लोकसभा सदस्य चुने गए थे। इसके बाद 2009 और फिर 2014 में बदायूं से जीत हासिल की। 2019 लोकसभा चुनाव में वह हार गए। हाल, ही में आजमगढ़ लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी धर्मेंद्र सपा उम्मीदवार थे। हालांकि, उन्हें फिर से हार का सामना करना पड़ा। 2. रतन सिंह यादव : मुलायम सिंह के पांच भाइयों में रतन सिंह दूसरे नंबर पर हैं। मैनपुरी के पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव रतन सिंह के पौत्र हैं। तेज प्रताप के पिता रणवीर सिंह हैं। तेज प्रताप ने इंग्लैंड की लीड्स यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट साइंस में एमएससी की है। तेज प्रताप की शादी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटी से हुई है। मतलब तेज प्रताप लालू के दामाद भी हैं। 3. मुलायम सिंह यादव : लोहिया आंदोलन में बढ़चढ़कर हिस्सा लेने वाले मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को हुआ था। पांच भाइयों में मुलायम तीसरे नंबर पर हैं। उन्होंने चार अक्टूबर 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना की। मुलायम सिंह ने मालती देवी से पहली शादी की थी। अखिलेश यादव मुलायम और मालती देवी के ही बेटे हैं। मुलायम की दूसरी शादी साधना गुप्ता से हुई। साधना और मुलायम के बेटे प्रतीक यादव हैं। अखिलेश यादव ने 24 नवंबर 1999 डिंपल यादव से शादी की, जबकि प्रतीक की शादी अपर्णा यादव से हुई है। अखिलेश मौजूदा समय समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। डिंपल भी सांसद रह चुकी हैं। 2019 चुनाव वह कन्नौज से हार गईं थीं। अखिलेश ने ऑस्ट्रेलिया से पढ़ाई की है। प्रतीक यादव राजनीति से दूर रहते हैं। वह जिम संचालित करते हैं। उनक...