मुलायम सिंह यादव पहली बार मुख्यमंत्री कब बने

  1. मास्टर से मुख्यमंत्री तक मुलायम का कठिन सफ़र, इस बात का रहा मलाल। Political life of mulayam singh yadav
  2. 1967 में पहली बार MLA, 3 बार बने CM: ऐसा रहा मुलायम सिंह यादव का सियासी सफर, जन्मदिन पर सीएम योगी बोले
  3. Mulayam Singh Yadav Biography Became The CM Of UP 3 Times
  4. UP Election 2022: List Of Chief Ministers Of Uttar Pradesh, Mayawati, Mulayam Singh Yadav
  5. Mulayam Singh Yadav Jayanti:मुलायम सिंह यादव की जयंती आज, जानें नेताजी के जीवन से जुड़ी रोचक बातें
  6. Mulayam Singh Yadav: राजनीति के 'मास्टर' मुलायम अपने ही बेटे से हारे, जानिए उनके राजनीतिक सफर की पूरी कहानी
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मास्टर से मुख्यमंत्री तक मुलायम का कठिन सफ़र, इस बात का रहा मलाल। Political life of mulayam singh yadav

प्रधानमंत्री बनने का मुलायम सिंह यादव का सपना भले ही अधूरा है, लेकिन उन्होंने पहले ही सियासी दांव में सभी को मात दे दी थी. कहा जाता है कि समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया के संपर्क में आने के बाद 1967 में मुलायम सिंह पहली बार संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए. वो 60 का दशक था. यहीं से मुलायम सिंह की पॉलिटिक्स में एंट्री हुई थी. आइए, जानते हैं मुलायम सिंह यादव की कुछ खास बातें:- 79 साल पहले आज ही के दिन साल 1939 में उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में मुलायम सिंह यादव का जन्म हुआ था. उनका परिवार पहले बेशक राजनीति राजनीति से न जु़ड़ा हो. लेकिन आज उनके परिवार के कण-कण में राजनीति बसती है. देश में उनके परिवार से बड़ा राजनीतिक परिवार शायद ही हो. भाई, भतीजा, बेटा और बहू हर कोई ब्लॉक और पंचायत स्तर से लेकर संसद तक प्रतिनिधित्व कर रहा है. आज मुलायम जहां खड़े हैं बेशक वो पायदान राजनीति में काफी ऊंचा है लेकिन उनकी उड़ान ज़मीन से शुरू हुई थी. जो काफी विस्तारित दिखाई देती है. नज़र डालिए उनके निजी से राजनीति जीवन पर एक नज़र. यह भी पढ़ें : मास्टरी से मुख्यमंत्री तक 22 नवंबर 1939 को मुलायम सिंह एक साधारण परिवार में जन्मे. उन्होंने अपने शैक्षणिक जीवन में B.A, B.T और राजनीति शास्त्र में M.A की डिग्री हासिल की. उनकी पूरी पढ़ाई केके कॉलेज इटावा, एक.के कॉलेज शिकोहाबाद और बीआर कॉलेज आगरा यूनिवर्सिटी से पूरी हुई. मालती देवी से शादी के बाद साल 1973 में मुलायम सिंह के घर उनके इकलौते बेटे अखिलेश यादव ने जन्म लिया. लेकिन तब तक वो राजनीति की दुनिया में अपने कदम जोरदार तरीके से जमा चुके थे. राजनीति में कूदने के लिए उन्हें प्रेरित करने वाली शख्सियत का ...

1967 में पहली बार MLA, 3 बार बने CM: ऐसा रहा मुलायम सिंह यादव का सियासी सफर, जन्मदिन पर सीएम योगी बोले

Mulayam Singh Yadav Birthday: तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के रक्षामंत्री रहे सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का आज जन्मदिन है. मुलायम सिंह यादव आज अपना 82वां जन्मदिन मना रहे हैं. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने ऐलान किया है कि वह सादगी से सपा संरक्षक का जन्मदिन मनाएगी. मुलायम सिंह यादव को बधाईयाँ दी जा रही हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने भी मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) को बधाई दी है. मुलायम सिंह यादव को जन्मदिन की बधाई देते हुए सीएम योगी ने कहा कि ‘उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. प्रभु श्री राम से आपके उत्तम स्वास्थ्य व सुदीर्घ जीवन की कामना करता हूं. समाजवादी पार्टी ने भी बधाई दी है. सपा की तरफ से आये ट्वीट में कहा गया कि ‘आदरणीय नेताजी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई.’ Mulayam Singh Yadav Political Journey: मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को हुआ था. वह आज 82 साल के हो गए हैं. मुलायम सिंह यादव पहली बार 1967 में विधायक चुने गए थे. आपातकाल के दौरान मुलायम सिंह यादव 19 महीने तक जेल में रहे थे. पहली बार वह 1977 में राज्य मंत्री बनाये गए. 1980 में वह लोकदल के अध्यक्ष बने. 1985 के बाद मुलायम ने क्रांतिकारी मोर्चा बनाया. मुलायम सिंह यादव 1989 में पहली बार यूपी के सीएम बने. 1990 में केंद्र में वीपी सिंह की सरकार गिरने के बाद मुलायम सिंह यादव ने चंद्रशेखर के जनता दल (सोशलिस्ट) से जुड़े और मुख्यमंत्री बने रहे. इसमें कांग्रेस का समर्थन भी शामिल था. 1991 में कांग्रेस का समर्थन वापस लेने से मुलायम सरकार गिर गई. 1991 में बीच में...

Mulayam Singh Yadav Biography Became The CM Of UP 3 Times

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव कानिधन हो गया है. काफीलंबी राजनीतिक पारी खेली है. हालांकि पिछले कई वर्षों से वे उम्र की वजह से राजनीति में बहुत सक्रिय नहीं थे.साल 2012 में अपनी सक्रिय राजनीति की आखिरी लड़ाई लड़ते हुए सपा अध्यक्ष के तौर पर मुलायम सिंह नेपार्टीकोभारी जीत दिलाई थी और अपने बेटे अखिलेश यादव को सत्ता की कमान सौंपी थी. लेकिन उनके जीवन में एक ऐसा वक्त भी आया जब उन्होंने बेटे अखिलेश यादव और भाई रामगोपाल यादव को सपा से निकालने का एलान कर डाला था. इसके बाद अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव के बीच टकराव का एक पूरा दौर चला था. मुलायम सिंह यादव 1989 में पहली बार यूपी के मुख्यमंत्री भी बने थे. लेकिन 1991 में जनता दल टूटा गया. हालांकि 1993 में उन्होंने फिर यूपी में सरकार बनाई, ये सरकार भी मायावती के साथ टकराव के बीच कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी. तीसरी बार वो 2003 में मुख्यमंत्री बने और 2007 तक इस पद पर बनें रहे. 90 दशकमुलायम सिंह यादवका सबसे चुनौती भरा दौर था. राम मंदिर से जुड़ी सांप्रदायिक राजनीति की लड़ाई यूपी की ज़मीन पर लड़ी जा रही थी. 1990 में अयोध्या में गुंबदों परकारसेवकों पर चली गोली नेउनके राजनीति सफर पर असर डाला. जबकि ये बात कभी साफ़ नहीं हुई कि उस गोलीकांड में कितने लोग मारे गए थे. 1992 में बाबरी मस्जिद गिरा दी गई और कल्याण सिंह सरकार बर्ख़ास्त कर दी गई. 1993 में कांशीराम की बसपा के साथ मिलकर उन्होंने दलितों और पिछड़ों की जो ऐतिहासिक गोलबंदी की, उसका असर ये हुआ कि यूपी में बीजेपी को पीछे छोड़ सपा-बसपा की सरकार बन गई. लेकिन ये दोस्ती ज़्यादा नहीं टिकी. बसपा इसके बाद बीजेपी के साथ हाथ मिलाती और सरकार बनाती नज़र आई. इसी दौरान...

UP Election 2022: List Of Chief Ministers Of Uttar Pradesh, Mayawati, Mulayam Singh Yadav

देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश है. साल 2022 में इस राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस बार कौन सी पार्टी सत्ता में आएगी यह तो वक्त ही बताएगा. उत्तर प्रदेश की सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री मायावती बनी हैं. मायावती 4 बार राज्य की मुख्यमंत्री बन चुकी हैं. वहीं चंद्रभानु गुप्त, नारायण दत्त तिवारी और मुलायम सिंह तीन बार मुख्यमंत्री बन चुके हैं. हालांकि सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड डॉक्टर संपूर्णानंद के नाम है. वह 28 दिसंबर साल 1954 से लेकर 6 दिसंबर साल 1960 तक मुख्यमंत्री पद पर रहे. मायावती के नाम 4 बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड मायावती के नाम राज्य में 4 बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड है. मायावती पहली बार जून साल 1995 में मुलायम सिंह की पार्टी समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ कर बीजेपी और अन्य दलों के समर्थन से पहली बार प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी. हालांकि उनका कार्यकाल केवल 4 महीने का था. मायावती दूसरी बार साल 1997 में मुख्यमंत्री बनी इस बार उनका कार्यकाल 6 महीने का था. तीसरी बार वह साल 2002 में बाजेपी के साथ गठबंधन करके सत्ता में आईं. तब उनका कार्यकाल 1 साल 118 दिन का था. राज्य की पंद्रहवीं विधानसभा चुनाव साल 2007 में मायावती ने 403 विधानसभा सीटों में से 206 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत में आयी. इस बार उनका कार्यकाल साल 2007 से लेकर साल 2012 तक रहा. तीन बार यूपी की सत्ता पर काबिज होने वाले नेता मायावती के बाद तीन नेताओं को तीन बार राज्य का मुख्यमंत्री बनने का अवसर प्राप्त हुआ. चंद्रभानु गुप्त पहली बार साल 1960 से लेकर साल 1962 तक मुख्यमंत्री पद पर रहे. दूसरी बार वह 19 महीने के लिए मुख्यमंत्री बने थे. तीसरी बार चंद्रभानु गुप्त साल 1967 में मुख्यमंत्री ...

Mulayam Singh Yadav Jayanti:मुलायम सिंह यादव की जयंती आज, जानें नेताजी के जीवन से जुड़ी रोचक बातें

Mulayam Singh Yadav Jayanti: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का इसी साल अक्तूबर में निधन हो गया। आज यूपी की राजनीति के दिग्गज नेताओं में शुमार रह चुके मुलायम सिंह यादव की जयंती है। 22 नवंबर को मुलायम सिंह यादव का जन्म हुआ था। समाजवादी पार्टी के संस्थापक थे और तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। मुलायम सिंह यादव का पूरा जीवन अपने आप में ही एक कहानी है। राजनीति में उनका प्रभाव जितना गहरा रहा, पारिवारिक जीवन भी उतना ही दिलचस्प। मुलायम सिंह यादव ने कई बड़े फैसले लिए, जिसे पार्टी और परिवार पर तो असर पड़ा ही, साथ ही प्रदेश की राजनीति पर भी गहरा प्रभाव पड़ा। मुलायम सिंह यादव की जयंती के मौके पर जानें उनके जीवन से जुड़ी रोचक बातें। मुलायम सिंह यादव का जीवन परिचय सपा संरक्षक रहे मुलायम सिंह यादव का जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में 22 नवंबर 1939 को हुआ था। उन्होंने 4 अक्तूबर 1992 को समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी। पार्टी के मुख्य अध्यक्ष के तौर पर कार्यरत मुलायम तीन बार प्रदेश के मुखिया बने। वहीं 10 अक्तूबर 2022 को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। मुलायम सिंह यादव का परिवार पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव के पिता का नाम सुघर सिंह यादव था, जो एक साधारण किसान थे। वहीं उनकी माता का नाम मूर्ति देवी था। मुलायम सिंह के चार भाई और एक छोटी बहन भी है। उनके भाइयों का नाम शिवपाल सिंह यादव, रतन सिंह यादव, अभय सिंह यादव और राजपाल सिंह यादव है। बहन का नाम कमला सिंह यादव है। मुलायम को दो शादियां हुईं। उनकी पहली पत्नी मालती देवी थीं, जिनके साथ 1973 में मुलायम सिंह यादव का विवाह हुआ। अखिलेश यादव मुलायम और मालती देवी के बेटे हैं। बा...

Mulayam Singh Yadav: राजनीति के 'मास्टर' मुलायम अपने ही बेटे से हारे, जानिए उनके राजनीतिक सफर की पूरी कहानी

डीएनए हिंदीः मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का निधन हो गया है. गिनती उन चुनिंदा नेताओं में होती है, जिन्हें जनता का भरपूर साथ मिला. पहलवानी से लेकर उनके मुख्यमंत्री बनने तक का सफर संघर्षों से भरा रहा. समाजवादी आंदोलन से उभरे नेताओं में उनका नाम काफी आगे थे. राजनीति के माहिर खिलाड़ी रहे मुलायम सिंह ने भाजपा से लेकर बसपा तक सभी के साथ गठबंधन किया. हालांकि निजी जिंदगी को लेकर भी वह चर्चा में रहे. पहली पत्नी के होते हुए भी उन्होंने गुपचुप तरीके से पार्टी की 20 साल छोटी कार्यकर्ता के साथ दूसरी शादी कर ली. इसका खुलासा कई सालों बाद हुआ. आइये एक नजर डालते हैं मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक सफर पर उपवास रख गांववालों ने जुटाया चंदा साल 1967 का विधानसभा चुनाव हो रहा था. इस चुनाव में मुलायम के राजनीत‍िक गुरु और जसवंतनगर के विधायक नत्‍थू सिंह ने अपनी सीट से मुलायम को मैदान में उतारने का फैसला लिया. मुलायम सिंह इस सीट से सोशल‍िस्‍ट पार्टी के उम्‍मीदवार थे. मुलायम के पास प्रचार के लिए कोई संसाधान नहीं था. ऐसे में उनके दोस्‍त दर्शन सिंह ने उनका साथ दिया. मुलायम सिंह और दर्शन सिंह साइकिल से गांव-गांव प्रचार के लिए जाते थे. इस बीच चुनाव प्रचार के लिए एक पुरानी अंबेस्‍डर कार खरीदी. इस गाड़ी में ईंधन के लिए इनके पास पैसे नहीं थे. जब ईंधन की कमी हुई तो गांव के ही सोनेलाल काछी ने कहा कि उनके गांव से कोई पहली बार विधायकी का चुनाव लड़ रहा है, ऐसे में उसके लिए पैसों की कमी नहीं होने देंगे. गांव के लोगों ने फैसला लिया क‍ि हम हफ्ते में एक दिन एक वक्‍त खाना खाएंगे. उससे जो अनाज बचेगा, उसे बेचकर अंबेस्‍डर में तेल भराएंगे. मुलायम की लड़ाई कांग्रेस के दिग्‍गज नेता हेमवंती नंदन बहुगुणा के शिष्‍य एड...

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Bareilly News: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई में 22 नवंबर 1939 को जन्में मुलायम सिंह यादव, दंगल (अखाड़े) के पहलवान थे. उन्होंने दंगल में अच्छे-अच्छे पहलवान को अपने दांव से चित किया. उनके पिता सुघर सिंह यादव की ख्वाहिश थी कि वह हिंद केसरी का खिताब जीतें, लेकिन कुश्ती के माहिर मुलायम सिंह यादव शिक्षक बन गए. उन्होंने अपनेजीवन में काफी संघर्ष किया. मुलायम सिंह की पढ़ाई-लिखाई इटावा, फतेहाबाद और आगरा में हुई. उन्होंने, आगरा विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर (एमए) और बीटीसी की. इसके बाद इंटर कॉलेज में प्रवक्ता नियुक्त हो गए. कुछ दिनों तक मैनपुरी के करहल स्थ‍ित जैन इंटर कॉलेज में प्राध्यापक भी रहे. मगर,सक्रिय राजनीति में आने के बाद नौकरी से त्यागपत्र दे दिया. वह दंगल के दांव पेंचों के साथ ही सियासत के भी माहिर खिलाड़ी बन गए. इसलिए देश में सुभाष चंद्र बोस के बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को नेता जी का खिताब मिला है. यह खिताब देश में किसी बड़े नेता को नहीं मिला है. इसके बाद 1974, 1977, 1985, 1989, 1991, 1993, 1996 और 2003 में विधायक चुने गए.1982 से 1985 तक एमएलसी रहे. उस वक्त नेता विपक्ष की भी भूमिका निभाई. इसके बाद 1985 से 1987 तक विधानसभा में नेता विपक्ष रहे. मुलायम सिंह ने सोशलिस्ट पार्टी से सियासी सफर शुरू किया. मगर, इसके बाद लोकदल और जनता दल में भी रहे थे. उन्होंने 1992 में समाजवादी पार्टी (सपा) का गठन किया. मुलायम सिंह ने पहली बार 05 दिसम्बर 1988 को यूपी के मुख्यमंत्री (सीएम) के रूप में शपथ ली. वह 24 जून 1991 तक सीएम रहे थे. इसके बाद 05 दिसम्बर 1993 से 03 जून 1995 और अंतिम बार 29 अगस्त 2003 से 13 मई 2007 तक सीएम रहे थे. 2012 में सपा की सरकार बनीं, लेकिन ...