नाजीवाद का प्रवर्तक कौन था

  1. एडोल्फ़ हिटलर
  2. छायावाद (इकाई
  3. is this a fight between nazism and neo nazism
  4. राष्ट्र संघ के सदस्य से जर्मनी ने कब त्यागपत्र दिया था? – ElegantAnswer.com
  5. यूक्रेन पर हमला: क्या यह ‘नाजीवाद’ और ‘नवनाजीवाद’ की लड़ाई है?
  6. राजस्थान के प्रमुख संत एवं सम्प्रदाय Question
  7. Top 10 नाजीवाद के प्रमुख उद्देश्य क्या थे 2022
  8. Bihar Board Class 9 History Solutions Chapter 5 जर्मनी में नाजीवाद का उदय – Bihar Board Solutions
  9. राष्ट्र संघ के सदस्य से जर्मनी ने कब त्यागपत्र दिया था? – ElegantAnswer.com
  10. एडोल्फ़ हिटलर


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एडोल्फ़ हिटलर

• ऑस्ट्रियाई (1889–1925) • राज्यविहीन (1925–1932) • जर्मन (1932–1945) राजनीतिकदल अन्यराजनीतिक संबद्धताऐं जर्मन श्रमिक पार्टी (1919–1920) जीवन संगी ईवा ब्रॉन( वि॰1945) कैबिनेट हिटलर कैबिनेट हस्ताक्षर सैन्य सेवा निष्ठा सेवा/शाखा शाही जर्मन सेना • बवेरियाई सेना 'Reichswehr' सेवाकाल 1914–1920 पद Gefreiter एकक 16th बवारियाई रिज़र्व रेजिमेंट लड़ाइयां/युद्ध • पश्चिमी फ्रंट • यप्रेस का प्रथम युद्ध • सोमे का युद्ध (घायल) • आरास का युद्ध • पासशेनडेले का युद्ध अडोल्फ हिटलर का जन्म 1918 ई॰ में उन्होंने नाज़ी दल की स्थापना की। इसके सदस्यों में देशप्रेम कूट-कूटकर भरा था। इस दल ने यहूदियों को प्रथम विश्वयुद्ध की हार के लिए दोषी ठहराया। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण जब नाज़ी दल के नेता हिटलर ने अपने ओजस्वी भाषणों में उसे ठीक करने का आश्वासन दिया तो अनेक जर्मन इस दल के सदस्य हो गए। हिटलर ने भूमिसुधार करने, वर्साई संधि को समाप्त करने और एक विशाल जर्मन साम्राज्य की स्थापना का लक्ष्य जनता के सामने रखा जिससे जर्मन लोग सुख से रह सकें। इस प्रकार 1922 ई. में हिटलर एक प्रभावशाली व्यक्ति हो गए। उन्होंने 1930-32 में जर्मनी में बेरोज़गारी बहुत बढ़ गई। संसद् में नाज़ी दल के सदस्यों की संख्या 230 हो गई। 1932 के चुनाव में हिटलर को राष्ट्रपति के चुनाव में सफलता नहीं मिली। जर्मनी की आर्थिक दशा बिगड़ती गई और विजयी देशों ने उसे सैनिक शक्ति बढ़ाने की अनुमति की। 1933 में चांसलर बनते ही हिटलर ने जर्मन संसद् को भंग कर दिया, साम्यवादी दल को गैरकानूनी घोषित कर दिया और राष्ट्र को स्वावलंबी बनने के लिए ललकारा। हिटलर ने डॉ॰ जोज़ेफ गोयबल्स को अपना प्रचारमंत्री नियुक्त किया। नाज़ी दल के विरोधी व्यक्तियों को जेलखानों...

छायावाद (इकाई

• ‘छायावाद’ हिन्दी साहित्य के रोमांटिक उत्थान की काव्यधारा है। जिसका समय लगभग 1918 – 1936 ई० तक चला। • इस काव्यधरा के प्रतिनिधि कवि जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, सुमित्रानंदन पंत और महादेवी वर्मा को माना जाता है। • छायावाद के नामकरण का श्रेय मुकुटधर पांडेय को जाता है। • ‘छायावाद’ ने हिन्दी में ‘खड़ीबोली’ कविता को पूर्णतः प्रतिष्ठित कर दिया। • इसे साहित्यिक खड़ीबोली का स्वर्ण युग कहा जाता है। डॉ नगेन्द्र के अनुसार – छायावाद का समय 1918–1938 ई० तक माना है। इसके दो कारण थे। (1918 ई० में ‘झरना’ का प्रकाशन हुआ और 1937 ई० में जयशंकर प्रसाद का निधन) आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार- छायावाद का समय 1918-1936 ई० माना है। 1918 ई० में ‘झरना’ का प्रकाशन हुआ था। 1936 ई० में पंत की ‘युगांत’ रचना का प्रकाशन हुआ था। उन्होंने कहा था, कि मैं छायावाद के युग की अंत की घोषणा करता हूँ। पंत ने इसकी भूमिका में लिखा था। 1936 ई० में प्रगतिशील लेखक संघ की प्रथम अधिवेशन मुंशी प्रेमचंद के अध्यक्षता में हुई थी। नागरी प्रचारिणी सभा, काशी भी यही समय मानती है। 1918 – 1936 ई० (सर्वमान्य है) छायावाद का नामकरण: छायावाद का नामकरण मुकुटधर पांडेय ने (प्रथम प्रयुक्ता) व्यंग्य के रूप में किया था। 1920 ई० में इन्होने ‘श्री शारदा पत्रिका’ में एक लेख लिखा था ‘हिन्दी छायावाद’ मुकुटधर पांडेय ने इस निबंध में लिखा था- “मेरी समझ में नई शैली की कविताओं में भाव में नहीं अपितु भावों की छाया मात्र प्रतीत होती है, जिन्हें पकड़कर पाठक को हृदयंगम करने में कठिनाई होती है। अतः मैने नई शैली की कविता के लिए ‘छायावाद’ शब्द का प्रयोग के लिए किया है।” सुशील कुमार (दूसरे प्रयुक्ता)– इन्होने ‘हिन्दी में छायावाद’ निबंध (1921...

is this a fight between nazism and neo nazism

अजय बोकिल आज जबकि हम दुनिया में दो महाशक्तियों के वर्चस्व की लड़ाई में एक और हंसते-खेलते देश यूक्रेन को बर्बाद होते देख रहे हैं और इस थोपे गए युद्ध का औचित्य तलाशने की कोशिशें कर रहे हैं, तब इस बात की तरफ कम ही लोगों का ध्यान गया है कि इस पूरे घटनाक्रम के मूल में नाजीवाद है। मसलन रूस ने यूक्रेन पर हमले को इस आधार पर जायज ठहराया कि पूर्वी यूरोप में नव-नाजीवाद के विस्तार को रोकने के लिए यह जरूरी था। दूसरी तरफ अमेरिका और उसके समर्थक पश्चिमी यूरोपीय देश रूस की कार्रवाई का इस बिना पर विरोध कर रहे हैं कि यह रूस की नाजीवादी कार्रवाई है। इसका एक अर्थ यह है कि 21 वीं सदी की पहली चौथाई में राष्ट्रों के बीच वर्चस्व की लड़ाई नव-नाजीवाद और नाजीवाद के बीच हो रही है। नाजीवाद से दुनिया के देशों को तो खतरा पहले ही से था, अब नव-नाजीवाद लोकतांत्रिक चोले में नाजीवाद सिर उठा रहा है। अब सवाल ये कि बड़ा खतरा कौन सा है? नव-नाजीवाद या नाजीवाद अथवा फिर पुतिन जैसे लोकतांत्रिक तानाशाह या फिर चीन जैसे साम्यवादी निरंकुश शासकों का विस्तारवाद? यह प्रश्न इसलिए भी अहम है क्योंकि द्वितीय विश्वयुद्ध में सोवियत रूस, अमेरिका और मित्र देशों ने हिटलर के उस नाजीवाद का मिलकर मुकाबला किया, जो नस्ली श्रेष्ठता के दुराग्रह और यहूदियों के खिलाफ नफरत पर आधारित था। लेकिन इसी नाजीवाद की उत्तर कथा यह है कि आज नव-नाजीवाद और नाजीवाद ही आपस में भिड़ रहे हैं। रूस यूक्रेन पर कितने दिन में कब्जा कर लेगा या फिर यूक्रेन भी रूस के लिए दूसरा अफगानिस्तान साबित होगा यह अभी स्पष्ट नहीं है, क्योंकि इस स्तम्भ के लिखे जाने तक यूक्रेन की राजधानी कीव में रूसी सेनाओं को तगड़ा प्रतिरोध झेलना पड़ रहा है। यूक्रेनियाई लोगों में वियतनामियों तथा अ...

राष्ट्र संघ के सदस्य से जर्मनी ने कब त्यागपत्र दिया था? – ElegantAnswer.com

राष्ट्र संघ के सदस्य से जर्मनी ने कब त्यागपत्र दिया था? राष्ट्र संघ (लीग ऑफ़ नेशन्स) पेरिस शान्ति सम्मेलन के परिणामस्वरूप संयुक्त राष्ट्र संघ के पूर्ववर्ती के रूप में गठित एक अन्तरशासकीय संगठन था। 28 सितम्बर 1934 से 23 फरवरी 1935 तक अपने सबसे बड़े प्रसार के समय इसके सदस्यों की संख्या 58 थी।…राष्ट्र संघ राष्ट्र संघ का प्रतीक अध्यक्ष महासचिव जालस्थल नाजी दल का मूल सिद्धांत क्या था? इसे सुनेंरोकेंनाजीवाद, जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर की विचार धारा थी. यह विचारधारा सरकार और आम जन के बीच एक नये से रिश्ते के पक्ष मे थी. इसके अनुसार सरकार की हर योजना मे पहल हो परंतु फिर वह योजना जनता-समाज की भागिदारी से चले. कट्टर जर्मन राष्ट्रवाद, देशप्रेम, विदेशी विरोधी, आर्य और जर्मन हित इस विचार धारा के मूल अंग हैं. नाजीवाद का उदय किस देश में हुआ था इसका प्रवर्तक कौन था? इसे सुनेंरोकेंनाजीवाद, जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर की एक विचारधारा थी तथा एडोल्फ हिटलर को नाजीवाद का संस्थापक कहा जाता है। नाजीवाद सरकार एवं आम जनता के मध्य एक नए रिश्ते के पक्ष में था जिसकी शुरुआत जर्मनी में हुई थी। कट्टर जर्मन राष्ट्रवाद, देशप्रेम, विदेशी विरोधी, आर्य एवं जर्मन हित नाजीवाद की विचारधारा के मूल अंग हैं। 1 जनवरी 1942 को कितने सदस्यों ने संयुक्त राष्ट्र संगठन घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए? इसे सुनेंरोकेंअटलांटिक चार्टर ने एक ऐसे विश्व की आशा को अभिव्यक्त किया, जहां सभी लोग भयमुक्त वातावरण में रह सकें तथा निजीकरण एवं आर्थिक सहयोग के मार्ग की खोज कर सकें 1 जनवरी, 1942 को वाशिंगटन में अटलांटिक चार्टर का समर्थन करने वाले 26 देशों ने संयुक्त राष्ट्र की घोषणा पर हस्ताक्षर किये। नात्सी का क्या मतलब है? इसे सुनेंरोकेंन...

यूक्रेन पर हमला: क्या यह ‘नाजीवाद’ और ‘नवनाजीवाद’ की लड़ाई है?

अजय बोकिल आज जबकि हम दुनिया में दो महाशक्तियों के वर्चस्व की लड़ाई में एक और हंसते-खेलते देश यूक्रेन को बर्बाद होते देख रहे हैं तथा इस थोपे गए युद्ध का औचित्य तलाशने की कोशिशें कर रहे हैं, तब इस बात की अोर कम ही लोगों का ध्यान गया है कि इस पूरे घटनाक्रम के मूल में नाजीवाद है। मसलन रूस ने यूक्रेन पर हमले को इस आधार पर जायज ठहराया कि पूर्वी यूरोप में नव नाजीवाद के विस्तार को रोकने के लिए यह जरूरी था। दूसरी तरफ अमेरिका और उसके समर्थक पश्चिमी यूरोपीय देश रूस की कार्रवाई का इस बिना पर विरोध कर रहे हैं कि यह रूस की नाजीवादी कार्रवाई है। इसका एक अर्थ यह है कि 21 वीं सदी की पहली चौथाई में राष्ट्रों के बीच वर्चस्व की लड़ाई नव नाजीवाद और नाजीवाद के बीच हो रही है। नाजीवाद से दुनिया के देशों को तो खतरा पहले ही से था, अब नवनाजीवाद लोकतांत्रिक चोले में नाजीवाद सिर उठा रहा है। अब सवाल ये कि बड़ा खतरा कौन सा है? नवनाजीवाद या नाजीवाद अथवा फिर पुतिन जैसे लोकतांत्रिक तानाशाह या फिर चीन जैसे साम्यवादी निरंकुश शासकों का विस्तारवाद? यह प्रश्न इसलिए भी अहम है क्योंकि द्वितीय विश्वयुद्ध में सोवियत रूस, अमेरिका और मित्र देशों ने हिटलर के उस नाजीवाद का मिलकर मुकाबला किया, जो नस्ली श्रेष्ठता के दुराग्रह और यहूदियों के खिलाफ नफरत पर आधारित था। लेकिन इसी नाजीवाद की उत्तर कथा यह है कि आज नवनाजीवाद और नाजीवाद ही आपस में भिड़ रहे हैं। रूस यूक्रेन पर कितने दिन में कब्जा कर लेगा या फिर यूक्रेन भी रूस के लिए दूसरा अफगानिस्तान साबित होगा अथवा यह अभी स्पष्ट नहीं है, क्योंकि इस स्तम्भ के लिखे जाने तक यूक्रेन की राजधानी कीव में रूसी सेनाअोंको तगड़ा प्रतिरोध झेलना पड़ रहा है। यूक्रेनियाई लोगों में वियतनामियों तथ...

राजस्थान के प्रमुख संत एवं सम्प्रदाय Question

इन ग्रंथों में संत जसनाथजी के उपदेशों का संग्रह मिलता है। प्रश्न 154राजस्थान में शैव धर्म की प्राचीनतम जानकारी कहां से प्राप्त होती है - (अ)हर्षनाथ प्रशस्ति (ब)औसियां का लेख (स)सांडनाथ प्रशस्ति (द)नाथ प्रशस्ति उत्तर SHOW ANSWER प्रश्न 155रसिक संप्रदाय का प्रवर्तक कोन था - (अ)अचलदास (ब)अग्रदास (स)ईसरदास (द)गिरधरदास उत्तर SHOW ANSWER कृष्णदास जी पयहारी ने गलता (जयपुर) में रामानंदी सम्प्रदाय की प्रमुख पीठ स्थापित की। कृष्णदास जी पयहारी के ही शिष्य अग्रदास जी ने रेवासा ग्राम (सीकार) में अलग पीठ स्थापित की तथा रसिक सम्प्रदाय के नाम से अलग और नए सम्प्रदाय की शुरूआत की। प्रश्न 156नागलापीठ किस सम्प्रदाय से संबंधित है - (अ)लालदासी सम्प्रदाय (ब)नाथपीठ सम्प्रदाय (स)दादू सम्प्रदाय (द)विश्वनोई सम्प्रदाय उत्तर SHOW ANSWER लालदास जी का जन्म धोली धूव गांव अलवर में हुआ। लाल दास जी को ज्ञान की प्राप्ति तिजारा (अलवर), प्रधान पीठ - नगला जहाज (भरतपुर) में है। मेवात क्षेत्र का लोकप्रिय सम्प्रदाय है। प्रश्न 157निम्नलिखित में से ‘पुष्टिमार्ग’ के प्रवर्तक कौन है - (अ)निम्बार्काचार्य (ब)रामानन्दाचार्य (स)रामानुजाचार्य (द)वल्लभाचार्य उत्तर SHOW ANSWER दयाबोध तथा विनय मालिका ग्रन्थ की रचना संत दया बाई ने की थी। मीरां बाई की प्रमुख रचनाओं में ‘टीका राग गोविन्द’, ‘नरसी मेहता की हुंडी’, ‘रूक्मिणी मंगल’ आदि है। मीरां के निर्देशन में रतना खाती ने ‘नरसी जी रो मायरों’ की रचना ब्रज भाषा में की। प्रश्न 159निम्न में से किस संत को ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती ने ‘सुल्तान-उल-तरीकीन’ की उपाधि दी - (अ)शेख हमीदुद्दीन नागौरी (ब)हजरत शक्कर पीर (स)शेख सलीम चिश्ती (द)पीर फखरूद्दीन उत्तर SHOW ANSWER हमीदुद्दीन नागौरी को उनक...

Top 10 नाजीवाद के प्रमुख उद्देश्य क्या थे 2022

UP PSC Mains PSC Syllabus and UPPSC (उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग) Prelims Syllabus in Hindi. Latest Update for UPPSC 2021 Exam. Important Dates (तात्कालिक). UP (उ. प्र. लोक सेवा आयोग) PSC Prelims (PRE)/प्रारम्भिक परीक्षा Syllabus. UP (उ. प्र. लोक सेवा आयोग) PSC साक्षात्कार/INTERVIEW. Fees Details for UPPSC 2021 :-. Paper 1 – कुल मार्क्स=200, कुल समय =2 घंटे, कुल सवाल=150. Paper 2 – कुल मार्क्स=200, कुल समय =2 घंटे, कुल सवाल=100. UP PSC GENERAL STUDIES Syllabus, PAPER- I- 2 Hours. UP PSC GENERAL STUDIES Syllabus, PAPER – II- 2 Hours. UP PSC GENERAL STUDIES. Syllabus, PAPER- 3- 2 Hours. UP PSC GENERAL STUDIES Syllabus, PAPER- 4- 2 Hours. UP PSC निबंध/ESSAY- 3 Hours. UP PSC सामान्य हिंदी/General Hindi- 3 Hours. वैकल्पिक विषयों की लिस्ट. विवरण: UP PSC Mains PSC Syllabus and UPPSC (उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग) Prelims Syllabus in Hindi. Latest Update for UPPSC 2021 Exam. Important Dates (तात्कालिक). UP (उ. प्र. लोक सेवा आयोग) PSC Prelims (PRE)/प्रारम्भिक परीक्षा Syllabus. UP (उ. प्र. लोक सेवा आयोग) PSC साक्षात्कार/INTERVIEW. Fees Details for UPPSC 2021 :-. Paper 1 – कुल मार्क्स=200, कुल समय =2 घंटे, कुल सवाल=150. Paper 2 – कुल मार्क्स=200, कुल समय =2 घंटे, कुल सवाल=100. UP PSC GENERAL STUDIES Syllabus, PAPER- I- 2 Hours. UP PSC GENERAL STUDIES Syllabus, PAPER – II- 2 Hours. UP PSC GENERAL STUDIES. Syllabus, PAPER- 3- 2 Hours. UP PSC GENERAL STUDIES Syllabus, PAPER- 4- 2 Hours. UP PSC निबंध/ESSAY- 3 Hours. UP PSC सामान्य हिंदी/General Hindi- 3 Hours. वैकल्पिक विषयों की लिस्ट. मिला...

Bihar Board Class 9 History Solutions Chapter 5 जर्मनी में नाजीवाद का उदय – Bihar Board Solutions

बहुविकल्पीय प्रश्न : प्रश्न 1. हिटलर का जन्म कहाँ हुआ था ? (क) जर्मनी (ख) इटली (ग) जापान (घ) आस्ट्रिया उत्तर- (घ) आस्ट्रिया प्रश्न 2. नाजी पार्टी का प्रतीक चिह्न क्या था? (क) लाल झंडा (ख) स्वास्तिक (ग) ब्लैक शर्ट (घ) कबूतर उत्तर- (ख) स्वास्तिक प्रश्न 3. ‘मीनकेम्फ’ किसकी रचना है ? (क) मुसोलनी (ख) हिटलर (ग) हिण्डेनवर्ग (घ) स्ट्रेसमैन उत्तर- (ख) हिटलर प्रश्न 4. जर्मनी का प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र था (क) आल्सस-लॉरेन (ख) रूर (ग) इवानो (घ) बर्लिन उत्तर- (ख) रूर प्रश्न 5. जर्मनी की मुद्रा का नाम क्या था ? (क) डॉलर (ख) पौंड (ग) मार्क (घ) रूबल उत्तर- (ग) मार्क रिक्त स्थान की पूर्ति करें : 1. हिटलर का जन्म …………… ई० में हुआ था। 2. हिटलर जर्मनी के चांसलर का पद …………… ई० में संभाला था। 3. जर्मनी ने राष्ट्रसंघ से संबंध विच्छेद …………… ई० में किया था। 4. नाजीवाद का प्रवर्तक …………… था। 5. जर्मनी के निम्न सदन को …………… कहा जाता था। उत्तर- 1. 20 अप्रैल, 1889, 2. 30 जनवरी, 1933, 3. 1933, 4. हिटलर, 5. राइख स्टैग । स्तम्भ मिलान सम्बन्धी प्रश्न : प्रश्न 1. स्तम्भ ‘क’ और स्तम्भ ‘ख’ से मिलान करें- उत्तर- (i)-(ग), (ii)-(क), (iii)-(ख), (iv)-(घ), (v)-(ङ) सही और गलत : प्रश्न 1. हिटलर लोकतंत्र का समर्थक नहीं था। उत्तर- सही प्रश्न 2. नाजीवादी कार्यक्रम यहूदी समर्थक था। उत्तर- सही प्रश्न 3. नाजीवाद में निरंकुश सरकार का प्रावधान था। उत्तर- सही प्रश्न 4. वर्साय संधि में हिटलर के उत्कर्ष के बीज निहित थे। उत्तर- सही . प्रश्न 5. नाजीवाद में सैनिक शक्ति एवं हिंसा को गौरवान्वित किया जाता है। उत्तर- सही अतिलघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. टिप्पणी लिखें (i) तानाशाह (ii) वर्साय संधि (iii) तुष्टिकरण की नीति (iv) वाइमर गणराज्...

राष्ट्र संघ के सदस्य से जर्मनी ने कब त्यागपत्र दिया था? – ElegantAnswer.com

राष्ट्र संघ के सदस्य से जर्मनी ने कब त्यागपत्र दिया था? राष्ट्र संघ (लीग ऑफ़ नेशन्स) पेरिस शान्ति सम्मेलन के परिणामस्वरूप संयुक्त राष्ट्र संघ के पूर्ववर्ती के रूप में गठित एक अन्तरशासकीय संगठन था। 28 सितम्बर 1934 से 23 फरवरी 1935 तक अपने सबसे बड़े प्रसार के समय इसके सदस्यों की संख्या 58 थी।…राष्ट्र संघ राष्ट्र संघ का प्रतीक अध्यक्ष महासचिव जालस्थल नाजी दल का मूल सिद्धांत क्या था? इसे सुनेंरोकेंनाजीवाद, जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर की विचार धारा थी. यह विचारधारा सरकार और आम जन के बीच एक नये से रिश्ते के पक्ष मे थी. इसके अनुसार सरकार की हर योजना मे पहल हो परंतु फिर वह योजना जनता-समाज की भागिदारी से चले. कट्टर जर्मन राष्ट्रवाद, देशप्रेम, विदेशी विरोधी, आर्य और जर्मन हित इस विचार धारा के मूल अंग हैं. नाजीवाद का उदय किस देश में हुआ था इसका प्रवर्तक कौन था? इसे सुनेंरोकेंनाजीवाद, जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर की एक विचारधारा थी तथा एडोल्फ हिटलर को नाजीवाद का संस्थापक कहा जाता है। नाजीवाद सरकार एवं आम जनता के मध्य एक नए रिश्ते के पक्ष में था जिसकी शुरुआत जर्मनी में हुई थी। कट्टर जर्मन राष्ट्रवाद, देशप्रेम, विदेशी विरोधी, आर्य एवं जर्मन हित नाजीवाद की विचारधारा के मूल अंग हैं। 1 जनवरी 1942 को कितने सदस्यों ने संयुक्त राष्ट्र संगठन घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए? इसे सुनेंरोकेंअटलांटिक चार्टर ने एक ऐसे विश्व की आशा को अभिव्यक्त किया, जहां सभी लोग भयमुक्त वातावरण में रह सकें तथा निजीकरण एवं आर्थिक सहयोग के मार्ग की खोज कर सकें 1 जनवरी, 1942 को वाशिंगटन में अटलांटिक चार्टर का समर्थन करने वाले 26 देशों ने संयुक्त राष्ट्र की घोषणा पर हस्ताक्षर किये। नात्सी का क्या मतलब है? इसे सुनेंरोकेंन...

एडोल्फ़ हिटलर

• ऑस्ट्रियाई (1889–1925) • राज्यविहीन (1925–1932) • जर्मन (1932–1945) राजनीतिकदल अन्यराजनीतिक संबद्धताऐं जर्मन श्रमिक पार्टी (1919–1920) जीवन संगी ईवा ब्रॉन( वि॰1945) कैबिनेट हिटलर कैबिनेट हस्ताक्षर सैन्य सेवा निष्ठा सेवा/शाखा शाही जर्मन सेना • बवेरियाई सेना 'Reichswehr' सेवाकाल 1914–1920 पद Gefreiter एकक 16th बवारियाई रिज़र्व रेजिमेंट लड़ाइयां/युद्ध • पश्चिमी फ्रंट • यप्रेस का प्रथम युद्ध • सोमे का युद्ध (घायल) • आरास का युद्ध • पासशेनडेले का युद्ध अडोल्फ हिटलर का जन्म 1918 ई॰ में उन्होंने नाज़ी दल की स्थापना की। इसके सदस्यों में देशप्रेम कूट-कूटकर भरा था। इस दल ने यहूदियों को प्रथम विश्वयुद्ध की हार के लिए दोषी ठहराया। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण जब नाज़ी दल के नेता हिटलर ने अपने ओजस्वी भाषणों में उसे ठीक करने का आश्वासन दिया तो अनेक जर्मन इस दल के सदस्य हो गए। हिटलर ने भूमिसुधार करने, वर्साई संधि को समाप्त करने और एक विशाल जर्मन साम्राज्य की स्थापना का लक्ष्य जनता के सामने रखा जिससे जर्मन लोग सुख से रह सकें। इस प्रकार 1922 ई. में हिटलर एक प्रभावशाली व्यक्ति हो गए। उन्होंने 1930-32 में जर्मनी में बेरोज़गारी बहुत बढ़ गई। संसद् में नाज़ी दल के सदस्यों की संख्या 230 हो गई। 1932 के चुनाव में हिटलर को राष्ट्रपति के चुनाव में सफलता नहीं मिली। जर्मनी की आर्थिक दशा बिगड़ती गई और विजयी देशों ने उसे सैनिक शक्ति बढ़ाने की अनुमति की। 1933 में चांसलर बनते ही हिटलर ने जर्मन संसद् को भंग कर दिया, साम्यवादी दल को गैरकानूनी घोषित कर दिया और राष्ट्र को स्वावलंबी बनने के लिए ललकारा। हिटलर ने डॉ॰ जोज़ेफ गोयबल्स को अपना प्रचारमंत्री नियुक्त किया। नाज़ी दल के विरोधी व्यक्तियों को जेलखानों...