नदियों से हमें क्या क्या लाभ होते हैं 10 पंक्तियां लिखिए class 7

  1. CBSE Class 9 Hindi A Unseen Passages अपठित गद्यांश
  2. 3 नदियों से हमें क्या क्या िाभ होते हैं10 पंक्ति में लिखिए?
  3. NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 3 हिमालय की बेटियाँ
  4. Nadiyon Se Labh Aur Nuksan Par Nibandh
  5. नदियों से हमें क्या लाभ होते हैं 10 पंक्तियां?


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CBSE Class 9 Hindi A Unseen Passages अपठित गद्यांश

CBSE Class 9 Hindi A Unseen Passages अपठित गद्यांश अपठित बोध ‘अपठित’ शब्द अंग्रेजी भाषा के शब्द ‘unseen’ का समानार्थी है। इस शब्द की रचना ‘पाठ’ मूल शब्द में ‘अ’ उपसर्ग और ‘इत’ प्रत्यय जोड़कर बना है। इसका शाब्दिक अर्थ है-‘बिना पढ़ा हुआ।’ अर्थात गद्य या काव्य का ऐसा अंश जिसे पहले न पढ़ा गया हो। परीक्षा में अपठित गद्यांश और काव्यांश पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं। इस तरह के प्रश्नों को पूछने का उद्देश्य छात्रों की समझ अभिव्यक्ति कौशल और भाषिक योग्यता का परख करना होता है। अपठित गद्यांश अपठित गद्यांश प्रश्नपत्र का वह अंश होता है, जो पाठ्यक्रम में निर्धारित पुस्तकों से नहीं पूछा जाता। यह अंश साहित्यिक पुस्तकों पत्र-पत्रिकाओं या समाचार-पत्रों से लिया जाता है। ऐसा गदयांश भले ही निर्धारित पुस्तकों से हटकर लिया जाता है परंतु उसका स्तर, विषय वस्तु और भाषा-शैली पाठ्यपुस्तकों जैसी ही होती है। प्रायः छात्रों को अपठित अंश कठिन लगता है और वे प्रश्नों का सही उत्तर नहीं दे पाते हैं। इसका कारण अभ्यास की कमी है। अपठित गद्यांश को बार-बार हल करने से – • भाषा-ज्ञान बढ़ता है। • नए-नए शब्दों, मुहावरों तथा वाक्य रचना का ज्ञान होता है। • शब्द-भंडार में वृद्धि होती है, इससे भाषिक योग्यता बढ़ती है। • प्रसंगानुसार शब्दों के अनेक अर्थ तथा अलग-अलग प्रयोग से परिचित होते हैं। • गद्यांश के मूलभाव को समझकर अपने शब्दों में व्यक्त करने की दक्षता बढ़ती है। इससे हमारे अभिव्यक्ति कौशल में वृद्धि होती है। • भाषिक योग्यता में वृद्धि होती है। अपठित गद्यांश के प्रश्नों को कैसे हल करें – अपठित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों को हल करते समय निम्नलिखित तथ्यों का ध्यान रखना चाहिए – • गद्यांश को एक बार सरसरी दृष्टि से पढ़ लेना...

3 नदियों से हमें क्या क्या िाभ होते हैं10 पंक्ति में लिखिए?

मीठे मीठे जल का प्रमुख स्रोत नदी है हमारी पृथ्वी में 75% पानी है और 25% भूमि है, जिस पर मनुष्य निवास करता है। खारा पानी हमारे किसी काम का नहीं रोजाना की जरूरतों की आवश्यकता की पूर्ति के लिए हमें मीठे पानी की जरूरत होती है। हम जानते हैं कि मानव शरीर का लगभग एक तिहाई भाग पानी से बना है अर्थात एक मनुष्य को पीने के लिए औसतन 2 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। पानी पीने के अलावा नहाने, घर धोने, बर्तन धोने ,कपड़े धोने तथा घर की साफ सफाई के लिए भी हमें जल की आवश्यकता होती है । अर्थात जल ही हमारा जीवन है । केवल मनुष्यों को ही नहीं बल्कि समस्त जीव-जंतुओं को पानी की आवश्यकता होती है । विषयसूची Show • • • • • • • • River in Hindi मीठे पानी का मुख्य स्रोत नदी है । नदियों के अलावा तालाब, कुआ और हैंडपंप इत्यादि भी मीठे पानी का स्रोत है । पर इस लेख के माध्यम से हम नदियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे । नदियों की उत्पत्ति नदियों की उत्पत्ति का प्रमुख स्रोत पर्वत है । पर्वतों की चोटी पर जमी बर्फ धीरे-धीरे पिघलते हैं और नदियों का रूप धारण करते हैं । विश्व का केवल 3% पानी मीठा है जिसका हम उपयोग करते हैं । आइए जानते हैं कि विश्व के प्रमुख पर्वत श्रृंखला और उन से निकलने वाली नदियों के नाम उद्गम स्थान नदी विलय विक्टोरिया झील नील नदी भूमध्य सागर पेरू ग्लेसियर अमेज़ॉन अटलांटिक महासागर रेड रॉक मिस्सिप्पी मेक्सिको की खाड़ी तिब्बत चंग जियांग चीन सागर अल्ताई पर्वत ओब नदी ओब की खाड़ी गंगोत्री गंगा बंगाल की खाड़ी उराल पर्वत उराल नदी केस्पियन सागर तिब्बत सिंधु नदी अरब सागर चम्यायुंग दंग ब्रम्हपुत्र गंगा नदी वल्दी पठार वोल्गा नदी केस्पियन सागर नदियों का उद्गम स्थान पर्वत है । पर्वतों से बहते हुए नद...

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 3 हिमालय की बेटियाँ

प्रश्न 1. नदियों को माँ मानने की परंपरा हमारे यहाँ काफी पुरानी है। लेकिन लेखक नागार्जुन उन्हें और किन रूपों में देखते हैं ? उत्तर: नदियों को माँ मानने की परंपरा काफ़ी पुरामी है, परन्तु लेखक नागार्जुन ने नदियों को बेटी, बहिन और प्रेयसी के रूप में देखा है। नदियाँ जब हिमालय पर बहती हैं तो वे हिमालय की बेटियाँ हैं। उनका स्वभाव बहुत ही नटखट है। कालिदास ने नदी को प्रेयसी के रूप में देखा है तथा नागार्जुन ने सतलज नदी के लिए ‘बहन’ शब्द का प्रयोग किया है। प्रश्न 2. सिंधु और ब्रह्मपुत्र की क्या विशेषताएँ बताई गई हैं ? उत्तर: सिंधु और ब्रह्मपुत्र हिमालय से निकलने वाली दो बड़ी नदियाँ हैं। लेखक का मानना है कि सिंधु और ब्रह्मपुत्र स्वयं में कुछ नहीं हैं। दया से द्रवित हिमालय के पिघले दिल की एक-एक बूंद इकट्ठा होने से ही ये इतनी बड़ी नदियाँ बनीं । जिनको हम महानद कहते हैं। प्रश्न 3. काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता क्यों कहा है ? उत्तर: जिस प्रकार माता अपनी संतान का पालन पोषण करती है उसी प्रकार नदियाँ अपने जल से संसार को तृप्त करती हैं। नदियों से खेतों को सींचा जाता है। इस प्रकार नदियाँ मानव जन एवं अन्य प्राणियों का पालन करती हैं। अतः नदियों को लोक माता कहना उचित ही है। प्रश्न 4. हिमालय की यात्रा में लेखक ने किन-किन की प्रशंसा की है ? उत्तर: हिमालय की यात्रा में लेखक ने हिमालय से निकलने वाली नदियों, पेड़-पौधों, फलों, घाटियों आदि की प्रशंसा की है। लेख से आगे प्रश्न 1. नदियों और हिमालय पर अनेक कवियों ने कविताएँ लिखी हैं। उन कविताओं का चयन कर उनकी तुलना पाठ में निहित नदियों के वर्णन से कीजिए। उत्तर: नदी पर कविता- नदी : कामधेनु -त्रिलोचन नदी ने कहा था : मुझे बाँधो मनुष्य ने सुना और तैरकर धारा ...

Nadiyon Se Labh Aur Nuksan Par Nibandh

👀“नदियों से लाभ और नुकसान पर निबंध” परलिखाहुआयहनिबंध (Nadiyon se Labh aur Nuksan par Nibandh) आपको अपनेस्कूलयाफिर कॉलेजप्रोजेक्टकेलिएनिबंध लिखने में सहायता कर सकता है। आपकोहमारेइसवेबसाइटपरऔरभीकहीविषयोंपरहिंदीमेंनिबंधमिलेंगे (👉 नदियों से लाभ और नुकसान पर निबंध Nadiyon se Labh aur Nuksan par Nibandh 🌊 नदियों से लाभ और नुकसान पर निबंध (Nadiyon se Labh aur Nuksan par Nibandh)परयह निबंधclass 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 कॉलेजकेविद्यार्थियोंकेलिएऔर अन्य विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं केलिए लिखागयाहै। प्रस्तावना विश्व भर को प्रकृति ने अपने बहुमूल्य संसाधनों से भरपूर करके तैयार किया है। इनमें पहाड़-पर्वत, घाटियाँ, सागर, जंगल और वृक्षों के साथ-साथ नदियों का स्थान भी महत्वपूर्ण है। विश्व भर में नदियों की संख्या सैकड़ों में है। लेकिन इनमें से अधिकांश अपने पूरे वेग और स्वच्छता को प्राप्त नहीं हैं। भारत के साथ-साथ अनेक देशों की प्राचीन सभ्यताएं नदी के किनारे ही विकसित हुई हैं। उस समय नदी पास में होने का सीधा लाभ था कि लोगों को पानी की खोज में दूर-दूर भटकना नहीं पड़ता था। ऐसा नहीं कि नदियों से केवल लाभ ही लाभ हैं, कुछ नुकसान भी हैं। आइये जानते हैं क्या हैं नदियों के मुख्य लाभ और नुकसान इस निबंध में- इस पर निबंध भी पढ़ें: आपदा प्रबंधन पर निबंध (Essay on Disaster Management in Hindi ) नदियों की सुव्यवस्था से लाभ नदी के सामान्य लाभों से हम सभी परिचित हैं ही, जिनमें नदी का उपयोग एक जल स्रोत के रूप में नहाने, कपड़े धोने, और उन कामों में होता है जिनमें जल की आवश्यकता होती है। वर्तमान समय में नदी का उपयोग पानी पीने के लिये नहीं हो सकता क्योंकि इंसानों ने इन्हें विभिन्न तरीकों से दूषित कर दिया है। इन...

नदियों से हमें क्या लाभ होते हैं 10 पंक्तियां?

विषयसूची Show • • • • • • • किसानों के लिए सहायक नदी का सबसे ज्यादा लाभ किसानों को होता है। क्योंकि नदी से मिलने वाला ताज़ा पानी फसलों को उगाने में मदत करता है। जो किसानों के लिए बहुत बड़ी मदत होती है। इसलिए नदी के पास रहने वाले खेतों के क्षेत्र हमेशा उपजाऊ फसलों वाले होते है। क्योंकि नदी का पानी खेतों में जल स्तर को बनाए रखने में किसानों की मदद करता है। बिजली का उत्पादन नदी के पानी का उपयोग बिजली के उत्पादन के लिए भी किया जाता है। जिसमे नदी के बहाव को बांध बनाकर रोख दिया जाता है। उसके बाद उस पानी से बिजली का उत्पादन किया जाता है। जिस बिजली के उपयोग से आज की आधुनिक दुनिया चल रही है। निर्माण कार्यों में मदत नदी की हमे मजबूत मकान, भवन और ऐसे ही कई सारे महत्वपूर्ण निर्माण कार्यों में मदत होती है। क्योंकि ऐसे निर्माण कार्यों में नदी में मिलने वाले मजबूत चट्टानों का उपयोग किया जाता है। चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। नदियों से हमें क्या लाभ है नदियों से में अनेक प्रकार के लाभ होते हैं जैसे में फसल उगाने व नदी का पानी वह में सिंचाई के लिए उपयुक्त होता है और हमारी फसल अच्छी पैदावार के लिए भी होती है उससे हमें बालू भी प्राप्त होते हैं और उससे हमें जलोद मिट्टी प्राप्त होती है जो कि हमारे फसल के लिए ऊर्जा होती है और बालू घर बनाने के लिए काम में आते हैं और अनेक प्रकार की जड़ी बूटियों का संगम पानी के माध्यम से आते हैं जिसमें को पानी भी फायदेमंद साबित होते हैं वह बहुत से बीमारियों में भी काम आते हैं और हमारे पूजा पाठ में भी सम्मिलित होते हैं और उस पानी nadiyon se hamein kya labh hai nadiyon se mein ane...