नगर पालिका/नगर पंचायत

  1. नगर पंचायत नगर निगम और नगर पालिका क्या होती है ?
  2. UP Nikay Chunav : क्या है नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत और पंचायत में अंतर
  3. Civic Bodies in UP: क्या होते हैं नगर निकाय, जानिए चुनाव, कार्यों और शक्तियों के बारे में


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नगर पंचायत नगर निगम और नगर पालिका क्या होती है ?

3/5 - (22 votes) नगर पंचायत नगर निगम और नगर पालिका क्या होती है। नगर पंचायत नगर निगम और नगर पालिका में क्या अंतर होता है। नगर निगम, नगर पालिका के कार्य क्या होते है। भारत एक लोकतान्त्रिक देश है। लोकतंत्र की वास्तविक शक्ति जनता में समाहित होती है। जनता ही लोकतंत्र में निर्णायक की भूमिका निभाती है। जनता ही राष्ट्र्रीय स्तर पर सरकार बनाती है और जनता ही शासन के निचले स्तर पर प्रधान को चुनती है। इसलिए भारत में स्थानीय स्वशासन पर जोर दिया गया। भारत के संविधान में ऐसी व्यवस्था की गई जिससे स्थानीय स्वशासन को बल मिले। स्थानीय स्वशासन का अर्थ है शासन का विकेन्द्रीयकरण। ताकि अंतिम छोड़ पर खड़ा व्यक्ति भी शासन में अपनी भागीदारी दर्ज कर सके और यही लोकतंत्र की सबसे बड़ी खूबसूरती है। स्वतंत्रता के बाद पंचायती राज की स्थापना वास्तव में लोकतान्त्रिक विकेन्द्रीयकरण की अवधारणा को मजबूत करने के लिए ही किया गया था। लम्बे अंतराल के बाद इसी क्रम में संविधान के 73वें व 74वे संशोधन के द्वारा ग्राम पंचायतों और नगर पालिकाओं की स्थापना की गई साथ ही उन्हें एक संवैधानिक मान्यता भी प्रदान की गई। संविधान के 73वें संशोधन के माध्यम से पंचायती राज और संविधान के 74वें संशोधन के माध्यम से नगरपालिका प्रणाली को कानूनी मान्यता दी गई। संविधान में नगरपालिका को तीन स्तर विभाजित में किया गया है। ये तीन है – नगर पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम। इस तरह से शासन-प्रशासन को तीन वर्गों में बाँट दिया है। Table of Contents • • • • नगर पंचायत क्या है ?(Nagar Panchayat kya hai) नगर पंचायत को शासन की सबसे निचली श्रेणी के नाम से जाना जाता है। यह निचली श्रेणी अवश्य है मगर समाज का अंतिम व्यक्ति भी यही से आगे बढ़ सकता है और लोकतंत्र मे...

UP Nikay Chunav : क्या है नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत और पंचायत में अंतर

यूपी स्थानीय निकाय चुनावों का दूसरा चरण 11 मई को 13 मई को आ जाएंगे नतीजे क्या होती है नगर निगम, कितनी बड़ी होती है और इसके सदस्यों का चुनाव कैसे होता है नगर पालिका और नगर पंचायत में क्या अंतर होता है और इनका कार्यकाल क्या होता है यूपी में इन दिनों निकाय चुनावों का माहौल है. पहले चरण के लिए 04 मई को वोट पड़े चुके हैं जबकि दूसरे चरण के लिए 11 मई को वोट डाले जाएंगे. इनके परिणाम 13 मई को आ जाएंगे. पूरे उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव हो रहे हैं. मुख्यमंत्री से लेकर बड़े बड़े नेता इसके प्रचार में लगे हैं. बीजेपी और समाजवादी पार्टी इसमें अपना झोंक रहे हैं. कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं. ये चुनाव भी पार्टी सिंबल पर ही होंगे. हालांकि बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि स्थानीय निकायों में आपस में क्या अंतर होता है. उत्तर प्रदेश राज्य चुनाव आयोग की तरफ से नगर निकाय चुनाव के लिए सिंबल जारी किए गए हैं. बीजेपी, कांग्रेस, बसपा और सपा समेत 18 मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल अपने सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे. इसके अलावा 197 चुनाव चिन्ह निर्दलीयों के लिए जारी किये गए हैं यूपी में 4 और 11 मई को निकाय चुनाव के लिए वोटिंग होगी. नतीजे 13 मई को मतगणना के दिन आ जाएंगे. प्रदेश में मेयर का चुनाव EVM से होगा, यानि सीधे वोटिंग से होगा. यूपी में कितने स्थानीय निकाय उत्तर प्रदेश में कुल 17 नगर निगम यानी महापालिका हैं जबकि 199 नगर पालिका और 544 नगर पंचायत. इन सभी के लिए ये स्थानीय निकाय चुनाव हो रहे हैं. नगर निगम सबसे बड़ी स्थानीय निकाय बॉडी होती है, उसके बाद नगर पालिका और फिर नगर पंचायत. यूपी में शाहजहांपुर, आगरा, बरेली, फिरोजाबाद, अलीगढ़, अयोध्या, गाजियाबाद, गोरखपुर, झांसी, मुरादाबाद, प्रयागराज, ...

Civic Bodies in UP: क्या होते हैं नगर निकाय, जानिए चुनाव, कार्यों और शक्तियों के बारे में

Civic Bodies in UP: बीती 9 अप्रैल को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा उत्तर प्रदेश नगर निकायों के चुनावों की घोषणा कर दी गयी। ये चुनाव दो चरणों में होंगे। पहले चरण का मतदान 4 मई को होगा, जबकि दूसरे चरण का मतदान 11 मई को होगा। मतों की गणना 13 मई को की जाएगी। उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि इस बार प्रदेश में 17 नगर निगमों और 199 नगर पालिकाओं सहित 544 नगर पंचायतों के चुनाव होंगे। राज्य निर्वाचन आयुक्त के अनुसार उत्तर प्रदेश में कुल 760 नगर निकायों के 14,684 पदों के लिए मतदान किए जाएंगे। नगर निगम के 17 महापौर और 1420 पार्षदों के चुनाव ईवीएम से कराए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, नगर पालिका परिषद के 199 अध्यक्षों तथा 5327 सदस्यों और नगर पंचायत के 544 अध्यक्षों सहित 7178 सदस्यों का चुनाव मतपेटियों के जरिए किया जाएगा। क्या होते हैं नगर निकाय? साल 1992 में भारतीय संसद द्वारा संविधान में 74वां संशोधन किया गया और इसमें एक नया अधिनियम जोड़ा गया, जिससे नगर पालिकाओं को संवैधानिक दर्जा हासिल हो गया। यह अधिनियम 1 जून 1993 को लागू हुआ। संविधान में नगर निकायों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है, जिन्हें नगर निगम या महापालिका, नगर पालिका और नगर पंचायत कहा जाता है। नगर निकाय की सबसे बड़ी श्रेणी का नाम नगर निगम है। नगर निगम का गठन उस क्षेत्र में किया जाता है जहां की आबादी पांच लाख से अधिक हो। नगर निगम का प्रमुख मेयर या महापौर होता है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 17 नगर निगम हैं, जिनमें आगरा, अलीगढ़, अयोध्या, बरेली, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मथुरा-वृन्दावन, मेरठ, मुरादाबाद, प्रयागराज, सहारनपुर, वाराणसी और शाहजहांपुर शामिल हैं। वहीं नगर पालिका नगर पंच...