नई कविता के दो कवियों के नाम एवं प्रत्येक की एक एक रचना का नाम लिखिए

  1. MP Board Class
  2. भारत के लोकप्रिय कवि
  3. नई कविता की विशेषताएं
  4. Maharashtra Board Class 12 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 3 सच हम नहीं; सच तुम नहीं – Maharashtra Board Solutions
  5. नई कविता के प्रमुख कवि एवं उनकी कृतियां
  6. Mp board Abhyas Prshn patra Solution 2023 Class 12th
  7. समकालीन हिन्दी कविता


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गत वर्ष यानी 2021 में हमने हिन्दवी पर नई स्त्री-कवियों की कविताएँ प्रस्तुत कीं, जिन्होंने अपनी काव्यात्मक आभा से इस सदी की हिंदी कविता सृष्टि को एक नई चमक दी। इस प्रसंग में ही अब प्रस्तुत है— नई सृष्टि नई स्त्री : 2022 नई सृष्टि नई स्त्री की इस दूसरी कड़ी में हम 21 ऐसी स्त्री-कवियों की 200 से अधिक कविताएँ प्रस्तुत कर रहे हैं, जिन्होंने इस यानी इक्कीसवीं सदी के दूसरे-तीसरे दशक में हिंदी कविता सृष्टि में प्रवेश किया। इनमें से 18 कवयित्रियों की कविताओं की कोई किताब अब तक प्रकाशित नहीं हुई है। इनमें से एक बड़ा प्रतिशत उन कवयित्रियों का है, जिन्होंने अपनी कविताओं के प्रकाशन के लिए प्रिंट प्रकाशन माध्यमों को नहीं चुना है। इनमें से भी एक बड़ा प्रतिशत उन कवयित्रियों का है, जिन्होंने अपनी कविताओं और अपने पाठक के बीच से संपादक नाम की सत्ता-संस्था-मध्यस्थता को बिल्कुल हटा दिया है और जिनसे परिचय हिंदी के केंद्रीय कविता संसार के लिए बिल्कुल नवीन है। इन स्त्री-कवियों की कविता के केंद्रीय की-वर्ड संबंध, वियोग, घर, नई सृष्टि नई स्त्री-2021 प्रस्तुत करते हुए हमने कहा था : ”हिंदी में उपस्थित स्त्री-कविता का यह स्वर्णकाल है। इस संभव-साक्ष्य को पाने के लिए हमारी भाषा बेहद संघर्ष करती रही है। स्त्री-कवियों की संख्या का विस्तार अब इस क़दर है कि उन्होंने पूरे काव्य-दृश्य को ही अपनी आभा से आच्छादित किया हुआ है। वह दौर जब स्त्री-कवियों के नाम शुरू होते ही समाप्त हो जाते थे, अब विचार का अकादमिक विषय हो चुका है। अब हमारा सामना हिंदी कविता की एक बिल्कुल नई सृष्टि से है, जहाँ एक नई स्त्री है—अपनी बहुसंख्य अभिव्यक्तियों के साथ। यहाँ नई सृष्टि से हमारा आशय इक्कीसवीं सदी की स्त्री-कविता से है। इस कविता में उ...

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भारत के लोकप्रिय कवि

भारत देश में कविता को सबसे महान शैलियों में से एक माना गया है। हमारे भारत देश में ऐसी बहुत सारी कविताएं लोकप्रिय कवियों द्वारा लिखी गई है जिसके पढ़ने से लोगों के मन में एक नई ऊर्जा आ जाती है, उन्हें अलग तरह से सोचने पर मजबूर कर देती है। इस ब्लॉग में हम हिंदी के लोकप्रिय कवियों ( Famous Poets in Hindi) के बारे में पढ़ेंगे, जो हमें जीने का सही तरीका बताते हैं। Famous Poets in Hindi में कबीर दास की गिनती उन कवियों में होती है जिन्होंने अपने दोहे, रचनाओं से सभी को मंत्रमुग्ध किया है। उनका जन्म 1398 ई में वाराणसी गांव के उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम नीरू झूले, माता का नाम नीमा था, उनकी पत्नी का नाम लोई था। उनके पुत्र का नाम कमल और पुत्री का नाम कमाली था और गुरु का नाम रामानंद जी था। वह बेहद ज्ञानी थे और स्कूली शिक्षा न प्राप्त करते हुए भी अवधि, ब्रज, और भोजपुरी और हिंदी जैसी भाषाओं पर इनकी बहुत अच्छी पकड़ थी। इन सब के साथ-साथ राजस्थानी, हरयाणवी, खड़ी बोली जैसी भाषाओं में महारथी थे। उनकी रचनाओं में सभी भाषाओं की के बारे में थोड़ी-थोड़ी जानकारी मिल जाती है इस लिये इनकी भाषा को ‘सधुक्कड़ी’ व ‘खिचड़ी’ कही जाती है। कबीर दास जी की मृत्यु 1518 मगहर गांव उत्तर प्रदेश में हुई थी। • गुरु गोविंद दोऊ खड़े ,काके लागू पाय। बलिहारी गुरु आपने,गोविंद दियो मिलाय।। • ऐसी वाणी बोलिए मन का आप खोये। औरन को शीतल करे, आपहु शीतल होय।। • बुरा जो देखन मैं चला ,बुरा न मिलिया कोय । जो मन देखा आपना ,मुझसे बुरा न कोय।। • काल करे सो आज कर ,आज करे सो अब ।पल में प्रलय होएगी ,बहुरि करेगा कब।। ज़रूर पढ़ें: रामधारी सिंह दिनकर hindi.com रामधारी दिनकर का जन्म 23 सितंबर 1908 में सिमरिया गांव, बेगूसराय जिला...

नई कविता की विशेषताएं

नई कविता की विशेषताएं || nai Kavita ki visheshtaen नई कविता किसे कहते हैं तथा इनकी विशेषताएं nai Kavita ki visheshtaen class 10th,nai Kavita ki visheshtaen,nai Kavita ke kavi,nai Kavita ki Pramukh visheshtaen,nai Kavita ke Pramukh Kavi kaun hai,nai Kavita ke lekhak class 12,nai Kavita ki visheshtaen class 12th Hindi mein,nai Kavita ki visheshtaen likhiye 👉 Joined Telegram Group 👈 👉 Visit our YouTube Channel👈 नई कविता की विशेषताएं -- 1. लघुमानववाद की प्रतिष्ठा - इस काल की कविताओं में मानव से जुड़ी प्रत्येक वस्तु को प्रतिष्ठा प्रदान की गई है तथा इसे कविता का विषय बनाया है। 2. प्रयोगों में नवीनता - नए-नए भावो को नए-नए शिल्प विधानों में प्रस्तुत किया गया है। 👉 3. क्षणवाद को महत्व - जीवन के प्रत्येक क्षण को महत्वपूर्ण मानकर जीवन एक-एक अनुभूति को कविता में स्थान प्रदान किया है। 4. अनुभूतियों का वास्तविक चित्रण - मानव का समाज दोनों की अनुभूतियों का सच्चाई के साथ चित्रण किया है। 5. बिंब - इस युग के कवियों ने नूतन बिंबो की खोज की। 6. व्यंग प्रधान रचनाएं - इस काल में मानव जीवन की विसंगतियों, विकृतियों एवं अनैतिकतावादी मान्यताओं पर व्यंग्य रचनाएं लिखी हैं। 👉 प्रयोगवाद की विशेषताएं और उसके प्रमुख कवि नई कविता की विशेषता,प्रवृत्तियां ( Nai Kavita ki visheshta) Nai Kavita ki Pramukh prabhatiya आधुनिक हिंदी कविता प्रयोग चिंता की प्रवृत्ति से आगे बढ़ गई है और वह पहले से अपनी पूर्ण पृथकता घोषित करने के लिए प्रयत्नशील है। आधुनिक काल की इस नवीन काव्यधारा को अभी तक कोई नया नाम नहीं दिया गया है। केवल नई कविता नाम से ही अभी इसका बोध कराया जाता है। सन १९५४ ई. में डॉ. जगदीश गुप्त और डॉ. रामस्वरूप...

Maharashtra Board Class 12 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 3 सच हम नहीं; सच तुम नहीं – Maharashtra Board Solutions

Balbharti Maharashtra State Board Maharashtra State Board 12th Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 3 सच हम नहीं; सच तुम नहीं 12th Hindi Guide Chapter 3 सच हम नहीं; सच तुम नहीं Textbook Questions and Answers कृति-स्वाध्याय एवं उत्तर आकलन प्रश्न 1. (अ) कविता की पंक्ति पूर्ण कीजिए : (1) अपने हृदय का सत्य, –………………………. (2) आदर्श हो सकती नहीं, –………………………. (3) बेकार है मुस्कान से ढकना, –………………………. (4) अपने नयन का नीर, –………………………. उत्तर : (1) अपने हृदय का सत्य, अपने-आप हमको खोजना। (2) आदर्श हो सकती नहीं, तन और मन की भिन्नता। (3) बेकार है मुस्कान से ढकना, हृदय की खिन्नता। (4) अपने नयन का नीर, अपने-आप हमको पोंछना। (आ) लिखिए : (a) जीवन यही है (1) जीवन यही है – (i) ……………………………. (ii) ……………………………. (iii) ……………………………. (iv) ……………………………. उत्तर : जीवन यही है – (i) नत न होना। (ii) पंथ भूलने पर भी न रुकना। (iii) हार देखकर भी न झुकना। (iv) मृत्यु को भी जीत लेना। (b) मिलना वही है – (1) मिलना वही है –………………………. (2) यह जिंदगी जिंदगी नहीं है –………………………. (3) हर राही को इससे दिशा मिलती है –………………………. (4) कवि तब तक इस राह को सही नहीं मानेगा –………………………. उत्तर : (1) जो मँझधार को मोड़ दे। (2) जो सिर्फ पानी-सी बहती रहे। (3) भटकने के बाद। (4) जब तक जीवन बँधा होगा और जब तक प्यार पर दुख की गहरी छाया होगी। शब्द संपदा प्रश्न 2. प्रत्येक शब्द के दो पर्यायवाची शब्द लिखिए : (1) पंथ – [ ] [ ] (2) काँटा – [ ] [ ] (3) कुसुम – [ ] [ ] (4) हार – [ ] [ ] उत्तर : (1) पंथ – [ रास्ता ] [ डगर ] (2) काँटा – [ शूल ] [ कंटक ] (3) कुसुम – [ पुष्प ] [ प्रसून ] (4) हार – [ पराजय ] [ पराभव ] अभिव्यक्ति प्रश्न 3. (अ) ‘जीवन निरंतर...

नई कविता के प्रमुख कवि एवं उनकी कृतियां

सम्पादन– दिनमान, प्रतीक, एव्रीमेंस, नवभारत टाइम्स, तार सप्तक, दूसरा सप्तक, तीसरा सप्तक। काव्य कृतियां– 1. हरी घास पर क्षण भर, 2. बावरा अहेरी, 3. इन्द्रधनुष रौंदे हुए, 4. अरी ओ करुणा प्रभामय, 5. आंगन के पार द्वार, 6. कितनी नावों में कितनी बार, 7. सागर मुद्रा, 8. महावृक्ष के नीचे, 9. क्योंकि मैं उसे जानता हूँ, 10. नदी का बांक पर छाया, 11. असाध्य वीणा, 12. चिन्ता, 13. इत्यलम विशेष : • विद्रोह, निराशा, भावुकता एवं कुण्ठा का चित्रण • प्रयोगधर्मी कवि • प्रतीकों का प्रयोग • शब्द प्रयोग पर बल • क्षण बोध का महत्व • प्रारम्भ में छायावादी बाद में प्रयोगवादी कवि • बौद्धिकता एवं व्यंग्य • युग चिन्तन • बिम्ब सृष्टि • प्रकृति सौन्दर्य एवं मानव सौन्दर्य का चित्रण गजानन माधव ’मुक्तिबोध (1917-1964 ई.) रचनाएँ : काव्य कृतियां – 1. चांद का मुंह टेढ़ा है, 2. भूरी-भूरी खाक धूल आलोचना – 1. तार सप्तक के कवि 2. कामायनी एक पुनर्विचार, 3. भारतीय इतिहास और संस्कृति, 4. नई कविता का आत्म संघर्ष और अन्य निबन्ध, 5. नए साहित्य का सौन्दर्य शास्त्र। कहानी संग्रह – 1. विपात्र, 2. सतह से उठता आदमी विशेष : • प्रगतिवादी दृष्टिकोण, • लोक सम्पृक्ति • ’ब्रह्मराक्षस’ नामक कविता के रचयिता • ’अन्धेरे में’ नामक प्रसिद्ध कविता के रचयिता • शोषितों के प्रति गहरा लगाव • जीवन से जुङी कविता के सर्जक • बिम्ब विधान एवं शिल्प सजगता • प्रतीक विधान में नयापन • कविताओं में क्लिष्टता एवं जटिलता। गिरिजा कुमार माथुर ( 1919-1994 ई.) रचनाएँ काव्य कृतियां – 1. मजीर, 2. नाश और निर्माण, 3. धूप के धान, 4. साक्षी रहे वर्तमान, 5. भीतरी नदी की यात्रा, 6. शिलापंख चमकीले, 7. छाया मत छूना, 8. पृथ्वीकल्प, 9. कल्पान्तर। आलोचना – नई कविता – सीमाएं औ...

Mp board Abhyas Prshn patra Solution 2023 Class 12th

Mp board Abhyas Prshn patra 2023 Class 12th Hindi solution:अभ्यास प्रश्न पत्र यहां से करे डाउनलोड Mp board Abhyas Prshn patra Solution 2023 अभ्यास प्रश्न-पत्र 2023 सेट-अ कक्षा 12 वीं विषय- हिन्दी 1. सही विकल्प का चयन कर लिखिए- समय-3: 00 घंटा निर्देश:- 1. सभी प्रश्न अनिवार्य है। प्रश्न क्र. 01 से 05 तक वस्तुनिष्ठ प्रश्न हैं, जिनके लिए 1x32 32 अंक आंवटित हैं। प्रश्न क्र. 6 से 15 तक प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का है। शब्द सीमा 30 शब्द है। 4. प्रश्न क्र. 16 से 19 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। शब्द सीमा 75 शब्द है। 5. प्रश्न क्र. 20 से 23 तक प्रत्येक प्रश्न 4 अंक का है। शब्द सीमा 120 शब्द है। 6. प्रश्न क्र. 6 से 23 तक सभी प्रश्नों के आंतरिक विकल्प दिए गए हैं। ii. iv. V. Mp Board Class 12th hindi Abhyas Prshn patra 2023 (अ) प्रतीकों के लिए (स) बिम्ब विधान के लिए 'कविता इनमें से किसके लिए प्रसिद्ध है ? (अ) करुण (स) वीर (ब) शृंगार (द) वात्सल्य 'बाजार दर्शन पाठ का केंद्रीय भाव है- (ब) राजनीति (अ) बाजारवाद (स) धर्म समाज 'वह अच्छा खेला, परंतु हार गया ये वाक्य है एक- (अ) संयुक्त वाक्य (ब) सरल वाक्य (स) प्रश्नवाचक वाक्य (द) नकारात्मक वाक्य 'अतीत में दबे पांव' पाठ के आधार पर कोठार किसके काम आता होगा? (अ) सुरक्षा के लिए (ब) धन जमा करने के लिए (स) अनाज जमा करने के लिए (द) पानी जमा करने के लिए Vi. इनमें से कौन सा पत्रकार का प्रकार नहीं है- (ब) अंशकालिक (ब) चित्र विधान के लिए (द) व्यंग्यार्थ के लिए कौन-सा रस सहृदय के हृदय में उत्साह का संचार करता है? (अ) पूर्णकालिक (स) संवाददाता (द) फ्री लांसर अभ्यास प्रश्न-पत्र 2023 सेट अ कक्षा 12 वीं विषय हिन्दी Abhayas Prshn ptra 2023 Class 12th All subjects...

समकालीन हिन्दी कविता

नवगीत आम आदमी की कविता है, इसमें पाश्चात्य सिद्धांतों और विचारधाराओं का अनुकरण नहीं है। उसकी विकृतियों और विसंगतियों का भयावह चित्र अवश्य प्रस्तुत किया गया है इसलिए ‘नवगीत’ का मूलस्वर आधुनिकतावादी है, जिससे उसका अस्तित्व क़ायम है। नवगीत के कथ्य और शिल्प दोनों में आधुनिक भावबोध और दृष्टिकोण की अभिव्यक्ति है इसलिए यह रचना प्रवृत्ति आधुनिकता को प्रस्तुत करने में सफल हो सकी है। आधुनिकता स्वतंत्रता के बाद के नवलेखन से उपजी हुई नई दृष्टि है जो आज के लेखन को गहराई से छूती है और सर्जनात्मक साहित्य को पूर्णतः आत्मसात् कर उसे गतिशील बनाने का प्रयत्न करती है। स्वतन्त्रता के बाद का साहित्य सचमुच आधुनिकता बोध और सर्जनात्मक क्षमताओं की समानांतरता का साहित्य कहा जा सकता है। आधुनिक का उपयोग प्रायः अपने को प्रगतिशील दिखाने के नाम पर फ़ैशन के रूप में प्रचलन में आया। फलस्वरूप आधुनिकता रचना के विवेचन और विश्लेषण के रूप में मानदंड बन गई। आधुनिकता पर अनेक दृष्टियों और पहलुओं से विचार किया गया है। किसी ने इसे ‘अपरंपरागत परंपरा’ और ‘ऐतिहासिक अनिरंतरता’ तो किसी ने इसे ‘अंत के बोध की दृष्टि से पहचानने की कोशिश’ कहा जो एक तरह से ‘अर्जित दृष्टि’ है इसलिए इसे ख़ास शब्दों में फ़िट करके नहीं देखा जा सकता। ‘बोध’ के धरातल पर यह एक जगह टिकने और रमने वाला नहीं। जो एक जगह टिकता और ‘रमता’ है वह सही अर्थों में आधुनिक नहीं हो सकता। स्थिरता और एक जगह ‘रमता’ होते रहना अगति है, जड़ता है किन्तु आधुनिकता गतिशील होते रहने की, नित नूतन होते रहने की कालगत प्रवृत्ति है जो अपनी विकल्पात्मक प्रकृति के कारण अनेक अंतर्विरोधों को जन्म देती है। आधुनिकता की व्यापकता अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग संदर्भों को उद्घाटित करती है। वह मूल...