Nimoniya ke lakshan in hindi

  1. खून की कमी (एनीमिया) के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार
  2. निमोनिया के लक्षण, निमोनिया कैसे होता है और निमोनिया पर रामबाण उपचार
  3. जानिए, निमोनिया के लक्षण
  4. पीलिया के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज
  5. निमोनिया के घरेलू उपाय
  6. निमोनिया के लक्षण (Symptoms Of Pneumonia )
  7. मधुमेह (डायबिटीज, शुगर) के कारण, लक्षण, इलाज और घरेलू उपचार


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खून की कमी (एनीमिया) के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार

एनीमिया के सात प्रकार होते हैं - • आयरन की कमी के कारण एनीमिया - • एप्लास्टिक एनीमिया -एप्लास्टिक एनीमिया रक्त का एक विकार है जिस कारण शरीर कीहड्डियों की मज्जापर्याप्त रक्त कोशिकाएं नहीं बना पाता है। इस कारण स्वास्थ्य सम्बंधित कई समस्याएं जैसे • हीमोलिटिक एनीमिया -हेमोलिटिक एनीमिया तब होता है जब सामान्य जीवन काल के समाप्त होने से पहले ही लाल रक्त कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं या रक्तधारा में नहीं होती हैं। कई बिमारियों, स्तिथियों और कारकों के कारण शरीर लाल रक्त कोशिकाओं को नष्ट कर सकता है। हीमोलिटिक एनीमिया से कई गंभीर स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याएं जैसे थकान, दर्द, एरिथमिया, हृदय के आकार में वृद्धि, दिल की विफलता हो सकती हैं। • थैलेसीमिया - • सिकल सेल एनीमिया - सिकल सेल एनीमिया एक गंभीर बीमारी है जिसमें शरीर दरांती के आकृति जैसी लाल रक्त कोशिकाएं बनाता है। सामान्य लाल रक्त कोशिकाएं की आकृति डिस्क जैसी होती है जिस कारण वह रक्त वाहिकाओं के ज़रिये आसानी से उत्तीर्ण होता है। • परनिशियस एनीमिया -परनिशियस एनीमिया में शरीर पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाएं नहीं बना पाता है क्योंकि शरीर में पर्याप्त • फेंकोनाइ एनीमिया (एफ.ए.) -एक अनुवांशिक रक्त विकार है जिस कारण हड्डियों की मज्जा की विफलता हो सकती है। एफ.ए. एप्लास्टिक एनीमिया का एक प्रकार है जो हड्डियों की मज्जा को नई रक्त कोशिकाएं नहीं बनाने देता है। एफ.ए. के कारण हड्डियों की मज्जा कई असामान्य रक्त कोशिकाएं बनाता है। इस कारण आयरन की कमी, एनीमिया, थकान जैसी समस्या के लिए Sprowt Vitamin B12 Tablets का उपयोग करें - एनीमिया के 400 प्रकार होते हैं, जिसे 3 क्षेत्रों में बांटा जा सकता है: रक्त की कमी के कारण एनीमिया लाल रक्त कोशिकाओं की कमी रक्तस्त्...

निमोनिया के लक्षण, निमोनिया कैसे होता है और निमोनिया पर रामबाण उपचार

Advertisement आज के लेख में हम जानेंगे निमोनिया कैसे होता है और निमोनिया का रामबाण घरेलू उपचार. निमोनिया क्या होता है ? pneumonia meaning in hindi ? • निमोनिया एक फेफड़ों का बॅक्टेरीयल संक्रमण है जो कम प्रभावी या इतना गंभीर हो सकता है कि आपको अस्पताल जाना पड़ सकता है। • निमोनिया में रोगी के फेफड़ों में हवा की थैली में बॅक्टेरीयल संक्रमण की वजह से द्रव या मवाद भर जाता है। इस वजह से निमोनिया के रोगी को सांस लेने में तकलीफ होती है। • निमोनिया में सांस लेने की अक्षमता के कारण शरीर में मांसपेशींयो द्वारा जरुरी ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होता और इस वजह से निमोनिया एक गंभीर रूप में बदल जात है। • हालाकी, निमोनिया का संक्रमन किसी को भी हो सकता है लेकीन 2 साल से कम उम्र के शिशुओं और 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में इसका खतरा अधिक होता है। • ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्युनिटी) निमोनिया से लड़ने के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं होती है। निमोनिया कैसे होता है ? निमोनिया कैसे होता है हम जिस हवा में सांस लेते हैं, उसमें कई प्रकार के बैक्टीरिया, वायरस और अन्य घातक जिवाणू होते है जिनके कारण निमोनिया हो सकता है। निमोनिया के बैक्टीरिया/जीवाणु Causes Of Pneumonia In Hindi न्यूमोकोकल निमोनिया यह सबसे आम प्रकार का निमोनिया होता है जो न्यूमोनिया स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया के कारण होता है। निमोनिया के अन्य जीवाणु निम्नलिखित है: • माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया • क्लैमाइडोफिला निमोनिया • लीजियोनेला न्यूमोफिला यह बैक्टीरिया जब सांस लेते समय आपके फेफड़ों में जाता है तब इसके संक्रमन से फेफड़ों में द्रव या मवाद भर जाता है। निमोनिया के लक्षण nimonia ke lakshan/symptoms in hin...

जानिए, निमोनिया के लक्षण

निमोनिया एक ऐसा संक्रमण है जो एक या दोनों फेफड़ों में हवा की थैली को फुला देता है। हवा की थैलियां द्रव या मवाद (प्यूरुलेंट सामग्री) से भर सकती हैं, जिससे कफ या मवाद के साथ खांसी, बुखार, ठंड लगना और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। बैक्टीरिया, वायरस और कवक सहित विभिन्न प्रकार के जीव निमोनिया का कारण बन सकते हैं। निमोनिया की गंभीरता हल्के से लेकर जानलेवा तक हो सकती है। यह शिशुओं और छोटे बच्चों, 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और स्वास्थ्य समस्याओं या कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए काफी गंभीर साबित हो सकती है। इस वजह से हम यहां निमोनिया के लक्षणों (nimoniya ke lakshan in hindi) और कारण के बारे में डिटेल में बताने वाले हैं। Table of Contents • • • • • • • • • • निमोनिया क्या है? | What is Pneumonia in Hindi? निमोनिया बैक्टीरिया, वायरस या कवक के कारण एक या दोनों फेफड़ों का संक्रमण है। यह एक गंभीर संक्रमण है जिसमें हवा की थैली मवाद और अन्य तरल से भर जाती है। • लोबार निमोनिया फेफड़ों के एक या एक से अधिक वर्गों (पालि) को प्रभावित करता है। • ब्रोन्कियल निमोनिया (जिसे ब्रोन्कोपमोनिया भी कहा जाता है) दोनों फेफड़ों में पैच को प्रभावित करता है। यह भी पढ़ें: निमोनिया कैसे होता है | Nimoniya kese hota hai? अधिकांश निमोनिया तब होता है जब आपके शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा में कमी होने से कीटाणु आपके फेफड़ों के भीतर आक्रमण करने की अनुमति देते हैं। हमलावर जीवों को नष्ट करने के लिए, श्वेत रक्त कोशिकाएं तेजी से जमा होती हैं। बैक्टीरिया और कवक के साथ, वे आपके फेफड़ों (एल्वियोली) के भीतर हवा की थैलियों को भरने लग जाते हैं। निमोनिया के लक्षण क्या है | Symptoms of Pneumonia In Hindi निमोनिय...

पीलिया के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज

क्या आपकी त्वचा का रंग धीरे-धीरे पीला हो रहा है, आपकी आंखें भी पीली नजर आ रही हैं और नाखूनों में भी पीलापन साफ नजर आ रहा है? दोस्तों, अगर ऐसा है, तो ये लक्षण जॉन्डिस के हैं, जिसे पीलिया के नाम से भी जाना जाता है। यह एक गंभीर बीमारी है, जो लीवर को बुरी तरह प्रभावित कर अन्य शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकती है। इस लेख में हमारे साथ जानिए पीलिया के कारण और पीलिया का उपचार करने के सबसे सटीक घरेलू नुस्खों के बारे में, लेकिन सबसे पहले जानते हैं कि पीलिया होता क्या है? पीलिया होने का कारण – Causes of Jaundice in Hindi पीलिया होने के पीछे निम्नलिखित कारण जिम्मेदार हो सकते हैं ( • रक्त से जुड़ा रोग • आनुवंशिक विकार • लीवर से जुड़ी बीमारियां जैसे हेपेटाइटिस या सिरोसिस • पित्त नलिकाओं की रुकावट • संक्रमण • दवाई का दुष्प्रभाव पीलिया कैसे होता है जानने के बाद आगे जानिए पीलिया के लक्षण। पीलिया के कारण और पीलिया के लक्षण के बाद आइए जान लेते हैं, पीलिया के प्रकार। पीलिया के प्रकार – Types of Jaundice in Hindi जॉन्डिस की स्थिति के अनुसार पीलिया को निम्नलिखित रूपों में बांटा जा सकता है ( • प्री-हेपेटिक जॉन्डिस : रक्त से लीवर में जाने से पहले बिलीरुबिन का टूटना। पीलिया की इस अवस्था को प्री-हेपेटिक जॉन्डिस कहा जाता है। • इंट्रा-हेपेटिक जॉन्डिस : पीलिया की वो अवस्था जब लीवर बिलीरुबिन (पीला रंगद्रव) को मेटाबॉलाइज करने की क्षमता खो देता है। • पोस्ट-हेपेटिक जॉन्डिस : इस प्रकार का पीलिया तब होता है, जब शरीर से बिलीरुबिन की निकासी में रुकावट आती है। पीलिया के लक्षण, कारण और प्रकार जानने के बाद आइए अब जान लेते हैं पीलिया के लिए घरेलू उपाय। 4. आवंला सामग्री : • दो से तीन आंवले • एक कप पानी • शहद एक चम...

निमोनिया के घरेलू उपाय

घरेलू उपाय निमोनिया का इलाज नहीं कर सकते लेकिन उनका उपयोग इसके लक्षणों को कम करने के लिए किया जा सकता है। ये उपाय आपके डॉक्टर द्वारा किये जा रहे इलाज में दखल नहीं डालेंगे। हालांकि आप इन उपायों का प्रयोग अपने डॉक्टर द्वारा दी गयी सलाह के साथ साथ भी कर सकते हैं। (और पढ़ें - तो आज हम आपको कफ, छाती का दर्द आदि से राहत दिलाने के लिए कुछ घरेलू उपाय बताने वाले हैं जिनके इस्तेमाल से आपको बहुत जल्द आराम मिलेगा। लेकिन अगर आपके लक्षण बहुत ज़्यादा गंभीर होने लगें तो जल्द से जल्द अपने डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं। • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • निमोनिया में आपको शुरुआत में खांसी हो सकती है। यह लक्षण 24 घंटों के भीतर या कुछ दिनों में भी दिखाई दे सकता है। खांसी से आपके फेफड़ों में जमा द्रव को बाहर निकालने में आसानी होती है जिससे शरीर के संक्रमण दूर होते हैं। तो आप जब भी खांसे अच्छे ढंग से खांसे। लेकिन थोड़ा कम खांसे क्योंकि ज़्यादा तेज़ खांसने से आपको सीने में दर्द या जलन हो सकती है। ठीक होने के दौरान या बाद में भी (और पढ़ें - तिल का तेल गले के बलगम को निकालने में मदद करता है। यह प्राकृतिक कफोत्सारक (expectorant) के रूप में भी काम करता है। (और पढ़ें - तिल के तेल का इस्तेमाल कैसे करें - • एक कप गर्म पानी में एक चम्मच तिल के तेल को मिला दें। • अब उसी में • इस मिश्रण को छान लें और एक चम्मच शहद और चुटकीभर नमक को मिला दें। • अब इस मिश्रण को रोज़ाना एक बार ज़रूर पियें। (और पढ़ें - myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं...

निमोनिया के लक्षण (Symptoms Of Pneumonia )

वैसे तो निमोनिया की परेशानी अधिकतर बच्चो में देखने को मिलती है, लेकिन कई बार यह परेशानी बड़ो में भी देखने को मिलती है| दुनिया भर में लाखो बच्चों की मृत्यु निमोनिया की वजह से हो जाती है| निमोनिया एक काफी गंभीर बीमारी होती है, इसमें रोगी के फेफड़ों में सूजन आने के साथ साथ पानी भी भर सकता है, लेकिन अगर सही समय पर निमोनिया के लक्षणों की पहचान कर ली जाए तो समय से इलाज करके आप इसे गंभीर रूप लेने से पहले समाप्त कर सकते है| छोटे बच्चो का ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है क्योंकि बच्चे सही बताने में समर्थ होते है, ऐसे में उनके माँ बाप को अपने बच्चो पर ध्यान रखना चाहिए| चलिए अब हम आपको निमोनिया के लक्षण के बारे में बताते है, इन लक्षणों को पढ़ने के बाद आप आसानी से निमोनिया का पता लगा सकते है – निमोनिया के लक्षण (Symptoms of Pneumonia ) 1 – निमोनिया के प्रमुख लक्षणों में एक है की अगर किसी इंसान को बुखार आ रहा है और बुखार कभी कम या तेज हो रहा है तो ऐसे इंसान को निमोनिया की परेशानी हो सकती है| 2 – अगर किसी भी इंसान को खाँसी, बलगम वाली खाँसी और साथ में बुखार भी हो या बुखार ना हो लेकिन खांसी लगातार बनी हुई है तो ऐसे इंसान को भी निमोनिया होने की सम्भावना हो सकती है| 3 – निमोनिया से ग्रसित इंसान को शरीर में कमजोरी और हर समय शरीर थका हुआ महसूस होता है है। 4 – कई बार देखा गया है की अगर किसी भी इंसान को निमोनिया है तो रोगी को तेज बुखार के साथ साथ पसीना भी आ जाता है और कई बार रोगी को कंपकंपी की परेशानी भी हो सकती है। 5 – कई बार निमोनिया से पीड़ित इंसान को सांस लेने में कठिनाई की परेशानी का भी सामना करना पढ़ सकता है या कई बार रोगी काफी तेजी से सांस लेने लगता है। 6 – किसी भी इंसान के सीने में दर्द, बेचैन...

मधुमेह (डायबिटीज, शुगर) के कारण, लक्षण, इलाज और घरेलू उपचार

भागदौड़ भरी जिंदगी और खराब जीवनशैली ने कई गंभीर बीमारियों को आम बनाकर रख दिया है, जिसमें एक नाम डायबिटीज का भी है। माना जाता है कि मधुमेह या शुगर की बीमारी अगर किसी को हो जाए, तो जिंदगी भर उसके साथ रह सकती है। इसके अलावा, अगर वक्त रहते शुगर के लक्षण पर ध्यान न दिया जाए, तो डायबिटीज की समस्या घातक परिणाम भी प्रदर्शित कर सकती है। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम डायबिटीज क्या है? इस सवाल के जवाब के साथ ही डायबिटीज के कारण और इसके लक्षण बताने जा रहे हैं। साथ ही लेख में डायबिटीज का घरेलू उपचार भी बताया गया है, ताकि समय रहते इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सके। वहीं, हमारी सलाह यह भी है कि अगर किसी को यह बीमारी हो गई है, तो इससे जुड़ा डॉक्टरी इलाज भी जरूर करवाएं। विषय सूची • • • • • • • • • • • • • • • डायबिटीज क्या है? रक्त में शुगर की अधिक मात्रा को ही डायबिटीज कहा जाता है। यह समस्या तब उत्पन्न होती है, जब इंसुलिन का काम बाधित हो जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है, जो पैंक्रियाज द्वारा बनाया जाता है। इंसुलिन, ग्लूकोज को एनर्जी में बदलने में मदद करता है। वहीं, जब इसकी कार्यप्रणाली बाधित हो जाती है, तब ग्लूकोज, उर्जा में परिवर्तित होने के बजाय रक्त में ठहर जाता है और जब ग्लूकोज का स्तर रक्त में बढ़ने लगता है, तब मधुमेह की समस्या उत्पन्न होती है ( अंत तक पढ़ें लेख के इस भाग में जानिए डायबिटीज के प्रकार से जुड़ी जानकारी। मधुमेह (डायबिटीज, शुगर) के प्रकार – Types of Diabetes in Hindi मुख्य तौर पर मधुमेह तीन प्रकार के होते हैं। जिनके बारे में नीचे जानकारी दी गई है ( टाइप 1 : टाइप 1 डायबिटीज में इम्यून सिस्टम इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। इस वजह से इंसुलिन का ...