निस्यंदन सिद्धांत क्या है

  1. मर्टन का मध्य अभिसीमा सिद्धान्त (Merton's Middle
  2. निस्यंदन विधि क्या है? – ElegantAnswer.com
  3. लेखांकन सिद्धांतों और अवधारणाओं के बारे में जानें
  4. मार्क्सवाद क्या हैं ? मार्क्सवाद कि मूल सिद्धांत क्या हैं ?
  5. सिद्धांत (थिअरी)


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मर्टन का मध्य अभिसीमा सिद्धान्त (Merton's Middle

Sociological Thinkers, Social Activities, Social Movements, Sociological Keywords, Social Agencies, Social Stratification, Social Change and Processes, Rural and Urban Conversion ,Cast System, Urbanization, State Politics and Development, Economics and Society, Environment and Society, Environmental Movements, Family, Marriage, Kinship, Crime against Women, Domestic Violence, Family law, Sex and Gender, Culture, Sign and Symbol मध्यवर्ती सिद्धांत के विचार का प्रतिपादन समाज विज्ञानों में सर्वप्रथम टी.एच.मार्शल ने1946 में लन्दन विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता पद का भार ग्रहण करते समय अपने उद्बोधन मेंकिया था। बाद में इस विचारधारा को R.K. मर्टन ने अग्रसर किया। रॉबर्ट किंग मर्टन द्वारा विकसित मध्य-श्रेणी सिद्धांत सूक्ष्मसिद्धांत और अनुभवजन्य अनुसंधान को एकीकृत करने के उद्देश्य से समाजशास्त्रीय सिद्धांत के लिए एक दृष्टिकोण है।यह दृष्टिकोण सामाजिक सिद्धांत के पहले से विकसित"भव्य" सिद्धांत जैसे कि प्रकार्यात्मकता और कई संघर्ष सिद्धांत के विपरीत खड़ा है। मर्टन के अनुसार - "हमारा प्रमुख कार्य आज सीमित वैचारिक सीमाओं पर लागू विशेष सिद्धांतों को विकसित करना है,उदाहरण के लिए विचलित व्यवहार, उद्देश्यपूर्ण कार्रवाई के अप्रत्याशित परिणाम, सामाजिक धारणा, संदर्भ समूह, सामाजिक नियंत्रण, सामाजिक संस्थानों की अन्योन्याश्रितताके बजाय कुल वैचारिक संरचना की तलाश करें जो मध्य श्रेणी के इन और अन्य सिद्धांतों को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त है।" मध्यवर्ती सिद्धान्त की परिभाषा - "मध्यवर्ती सिद्धान्त तार्किक रूप से अन्तर्सम्बन्धित ऐसी अवधारणाएं हैं जो व्यापक किन्तु महती सीमित क्षेत्र से सम्बन्धित होती हैं।...

निस्यंदन विधि क्या है? – ElegantAnswer.com

निस्यंदन विधि क्या है? इसे सुनेंरोकें(Filtration in hindi) निस्यंदन : जब किसी द्रव में अविलेय ठोस अशुद्धि उपस्थित होती है तो उसे फ़िल्टर पेपर की सहायता से पृथक करने की प्रक्रिया को निस्यंदन कहते है। क्यों कुछ पदार्थों को अलग किया जा करने की आवश्यकता है? इसे सुनेंरोकेंपदार्थों को अलग क्यों करते हैं: ऐसा हम किसी मिश्रण से बेकार चीजों को हटाने के लिए करते हैं। कई बार दो उपयोगी चीजों के मिश्रण में से एक उपयोगी चीज निकालने के लिए भी चीजों को अलग किया जाता है। जैसे चावल से कंकड़ या बेकार दानों को हाथ से बीनकर निकाला जाता है। मिश्रण से अवयवों को अलग करने की जरूरत क्यों होती है?`? इसे सुनेंरोकेंमिश्रण से अवयवों को अलग करने की जरूरत क्यों है? उत्तर: किसी उपयोगी वस्तुओं में अनुपयोगी पदार्थ तथा हानिकारक पदार्थ मिले होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त नहीं माने जाते हैं और साथ ही किसी पदार्थ की शुद्धता एवं प्रमाणिकता को बनाए रखने के लिए मिश्रण से अवयवों को अलग करने की जरूरत होती है। नमक और जल के मिश्रण को आप कैसे पृथक करेंगे? इसे सुनेंरोकें- द्रव तथा उसमें अविलेय पदार्थ के अवयवों को निस्यंदन के उपयोग से पृथक किया जा सकता है। – किसी द्रव को उसी वाष्प में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को वाष्पन कहते हैं। पृथक्करण की विधियां कौन कौन सी है? इसे सुनेंरोकें- हस्तचयन, निष्पावन, चालन, अवसादन, निस्तारण तथा निस्यंदन मिश्रणों से उसके अवयवों के पृथक्करण की कुछ विधियाँ हैं। – अनाज से भूसा और पत्थरों को हस्त चयन द्वारा पृथक किया जा सकता है। – भूसा, अनाज के भारी बीजों से निस्पावन विधि द्वारा पृथक किया जाता है। । आटे और चीनी के मिश्रण से आप चीनी को कैसे प्रथक करेंगे? इसे सुनेंरोकेंउत्तर: हाँ, आट...

लेखांकन सिद्धांतों और अवधारणाओं के बारे में जानें

व्यापार के आकार की परवाह किए बिना, लेखांकन और बुनियादी लेखांकन सिद्धांतों व्यापार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हाँ अनादि काल से ऐसा ही बना हुआ है। आधुनिक समय के परिणामस्वरूप नवीनतम प्रौद्योगिकियों को शामिल किया गया है , इसलिए लेखांकन सॉफ्टवेयर व्यवसायों के लिए अपने दैनिक लेखांकन करने के लिए एक आवश्यकता बन गया है। कुशल लेखांकन के माध्यम से किसी व्यवसाय के वित्तीय लेनदेन की ट्रैकिंग और रिकॉर्डिंग किसी संगठन के वित्तीय प्रदर्शन का मूल्यांकन करने में मदद करता है। बाहरी और आंतरिक हितधारक, बैंक, नियामक, कर प्राधिकरण और अन्य संस्थान दोनों संगठन के स्वास्थ्य और ऋण सुविधाओं का आकलन करने के लिए इन व्यावसायिक वित्तीय विवरणों का उपयोग करते हैं। लेखांकन सिद्धांत क्या है? मानक दिशानिर्देश या लेखांकन में उपयोग किए जाने वाले नियम किसी व्यवसाय के वित्तीय लेनदेन को रिकॉर्ड और ट्रैक कर रहे हैं और रिकॉर्ड से वित्तीय विवरण तैयार कर रहे हैं। इन्हें लेखांकन सिद्धांत कहा जाता है। वे एक फर्म के वित्तीय विवरणों को तैयार करने और रिकॉर्ड करने में उपयोग किए जाने वाले आधार दिशानिर्देश बनाते हैं और इसे आम तौर पर स्वीकृत लेखांकन सिद्धांत (जीएएपी) भी कहा जाता है। लेखांकन सिद्धांतों और अवधारणाओं वैश्विक स्वीकृति है और चटाई और लेखांकन एकरूपता के लिए एक स्वीकार्य लाने के लिए जब वित्तीय बयान तैयार । प्रत्येक देश में अधिकारियों और नियामकों, जैसे भारत, अमेरिका, ब्रिटेन आदि, लेखांकन में अलग-अलग जीएएपी प्रक्रियाएं हैं। हालांकि, सभी जीएएपी प्रक्रियाओं के उद्देश्य, बुनियादी बातों और मुख्य लेखांकन सिद्धांत समान हैं। लेखांकन सिद्धांतों की आवश्यकता लेखांकन और अपने वित्तीय विवरण तैयार करने के अपने सिद्धांतों वाले हर व...

मार्क्सवाद क्या हैं ? मार्क्सवाद कि मूल सिद्धांत क्या हैं ?

मार्क्सवाद क्या है? जर्मन विचारक कार्ल मार्क्स के समाज, अर्थशास्त्र और राजनीति से संबंधित विचारों को सामूहिक रूप में मार्क्सवाद के नाम से जाना जाता है। मार्क्सवादी विचारधारा के जन्मदाता कार्ल मार्क्स 1818-1883. तथा फ्रेडरिकएन्जिल्स1820-1895 . है। इन दोनों विचारको ने इतिहास समाजशास्त्र विज्ञान अर्थशास्त्र व राजनीति विज्ञान की समस्याओ पर संयुक्त रूप से विचार करके जिस निश्चित विचारधारा को विश्व के सम्मुख रखा उसे मार्क्सवाद का नाम दिया गया। मार्क्सवाद क्रांतिकारी समाजवाद का ही एक रूप है। यह आर्थिक और सामाजिक समानता में विश्वास रखता है अत: मार्क्सवाद सभी व्यक्तियो की समानता का दर्शन है। मार्क्सवाद की उत्पत्ति खुली प्रतियोगिता स्वतंत्र व्यापार आरै पूंजीवाद के विरोध के कारण हुइर्। मार्क्सवाद पूंजीवाद व्यवस्था को आमलू रूप से परिवर्तित करने और सर्वहारा वर्ग की समाजवादी व्यवस्था को स्थापित करने के लिये हिंसात्मक क्रांति को एक अनिवार्यता बातलाता है इस क्रांति के पश्चात ही आदर्श व्यवस्था की स्थापना होगी वह वर्गविहीन संघर्ष विहीन और शोषण विहीन राज्य की होगी। मार्क्सवाद की प्रमुख विशेषताएं • मार्क्सवाद पूंजीवाद के विरूद्ध एक प्रतिक्रिया है। • मार्क्सवाद पूंजीवादी व्यवस्था को समाप्त करने के लिये हिंसात्मक साधनो का प्रयागे करता है। • मार्क्सवाद प्रजातांत्रीय संस्था को पूंजीपतियो की संस्था मानते है जो उनके हित के लिये और श्रमिको के शोषण के लिए बना गयी है। • मार्क्सवाद धर्म विरोधी भी है तथा धर्म को मानव जाति के लिये अफीम कहा है। जिसके नशे में लागे उंघते रहते हे। • मार्क्सवाद अन्तरार्ष्टी्रय साम्यवाद मे विश्वास करते हे। • समाज या राज्य में शाषको और शोषितों में पूंजीपतियों और श्रमिकोद्ध में व...

सिद्धांत (थिअरी)

सिद्धांत, परिचय [ ] धर्म के संबंध में हम समझते हैं कि बुद्धि, अब आगे आ नहीं सकती; शंका का स्थान विश्वास को लेना चाहिए। विज्ञान में समझते हैं कि जो खोज हो चुकी है, वह वर्तमान स्थिति में पर्याप्त है। इसे आगे चलाने की आवश्यकता नहीं। प्रतिष्ठा की अवस्था को हम पीछे छोड़ आए हैं और सिद्ध नियम के आविष्कार की संभावना दिखाई नहीं देती। दर्शन का काम समस्त अनुभव को गठित करना है; दार्शनिक सिद्धांत समग्र का समाधान है। अनुभव से परे, इसका आधार कोई सत्ता है या नहीं? यदि है, तो वह चेतन के अवचेतन, एक है या अनेक? ऐसे प्रश्न दार्शनिक विवेचन के विषय हैं। विज्ञान और दर्शन में ज्ञान प्रधान है, इसका प्रयोजन सत्ता के स्वरूप का जानना है। नीति और राजनीति में कर्म प्रधान है। इनका लक्ष्य शुभ या भद्र का उत्पन्न करना है। इन दोनों में सिद्धांत ऐसी मान्यता है जिसे व्यवहार का आधार बनाना चाहिए। धर्म के संबंध में तीन प्रमुख मान्यताएँ हैं- ईश्वर का अस्तित्व, स्वाधीनता, अमरत्व। कांट के अनुसार बुद्धि का काम प्रकटनों की दुनियाँ में सीमित है, यह इन मान्यताओं को सिद्ध नहीं कर सकती, न ही इनका खंडन कर सकती है। कृत्य बुद्धि इनकी माँग करती है; इन्हें नीति में निहित समझकर स्वीकार करना चाहिए। विज्ञान का काम "क्या', "कैसे', "क्यों'-इन तीन प्रश्नों का उत्तर देना है। तीसरे प्रश्न का उत्तर तथ्यों का अनुसंधान है और यह बदलता रहता है। दर्शन अनुभव का समाधान है। अनुभव का स्रोत क्या है? अनुभववाद के अनुसार सारा ज्ञान बाहर से प्राप्त होता है, बुद्धिवाद के अनुसार यह अंदर से निकलता है, आलोचनावाद के अनुसार ज्ञान सामग्री प्राप्त होती है, इसकी आकृति मन की देन है। नीति में प्रमुख प्रश्न नि:श्रेयस का स्वरूप है। नैतिक विवाद बहुत कुछ भोग के स...