निवेश

  1. निवेश क्या है? (What is Investment?)
  2. Hybrid Funds में दोगुना हुआ निवेश, ब्रोकरेज ने चुना Top Performing Fund; 10K के निवेश से बना 8 लाख
  3. निवेश
  4. म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश क्यों करें ? : Why invest in mutual funds? » Investing Fundas
  5. PPF Vs SSY: दोनों स्कीम में 22.50 लाख तक कर सकते हैं निवेश, मैच्योरिटी पर कितनी मिलेगी रकम
  6. निवेश के पहले के जरूरी काम (The Investment Due Diligence) – Varsity by Zerodha


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निवेश क्या है? (What is Investment?)

निवेश क्या है? (What is Investment?) दोस्तों, अंग्रेजी के INVESTMENT (इन्वेस्टमेंट) का अर्थ हिंदी में निवेश या विनियोग होता है और आज हम इस पोस्ट में जानेंगे निवेश का क्या मतलब होता है? • निवेश इस Financial World का वो कार्य है जिसमें अपने पैसे को ऐसी जगह लगाया जाता है जहां से और पैसा बनाया जा सके. • दोस्तों सिर्फ बैंक में पैसे जमा करना इंवेस्टमेंट नहीं होता है इन्वेस्टमेंट का अर्थ आपके पास जो पैसे हैं उन पैसों से पैसों से और दूसरा पैसा यानी इनकम कमाना है. • अगर सीधे शब्दों में कहा जाए तो इनकम प्राप्त करने के लिए अपने धन का उपयोग इन्वेस्टमेंट कहलाता है. जब भी हम अपना धन इस मकसद से उपयोग में लाते हैं जिससे कि हमें फ्यूचर में इनकम या लाभ प्राप्त हो तो धन का यह उपयोग इन्वेस्टमेंट कहलाता है जैसे -अगर हम कोई घर इस मकसद से खरीदते हैं की उसे किराए पर देकर हमें इनकम प्राप्त हो तो घर खरीदने के लिए किए गए धन का उपयोग INVESTMENT कहलाता है ठीक इसी तरह अगर हम कोई स्टॉक इस मकसद से खरीदते हैं कि फ्यूचर में हम उसे बेच कर लाभ प्राप्त करें और डिविडेंड के रूप में हमें INCOME भी प्राप्त होता रहे तो इस तरह स्टॉक खरीदने के लिए किये गए धन उपयोग हमारा INVESTMENT कहलाता है निवेश और संपत्ति (INVESTMENT AND ASSETS) फाइनेंसियल स्टेटमेंट यानी हमारे बैलेंस शीट में निवेश को संपत्ति वाले कॉलम में रखा जाता है इस तरह हम कह सकते हैं की INVESTMENT हमारी वह संपत्तियां हैं जिनसे हमें इनकम प्राप्त होता है इंवेस्टिंग अपने आप में एक प्रोसेस है और दूसरे शब्दों में कहा जाए तो कोई संपत्ति जो फ्यूचर में इनकम या प्रॉफिट कमाने के लिए खरीदने का प्रोसेस ही Investing है INVESTMENT एक लॉन्ग टर्म प्रोसेस है ज्यादातर इन्वेस्ट...

Hybrid Funds में दोगुना हुआ निवेश, ब्रोकरेज ने चुना Top Performing Fund; 10K के निवेश से बना 8 लाख

SIP Calculator: म्यूचु्अल फंड एसोसिएशन AMFI की तरफ से मई महीने के लिए जो डेटा शेयर किया गया है उसमें हायब्रिड फंड्स के प्रति निवेशकों का आकर्षण बढ़ा है. इस कैटिगरी का इन्फ्लो करीब दोगुना हो गया है. मई महीने में हायब्रिड फंड्स में कुल 6092 करोड़ रुपए का निवेश आया जो अप्रैल में 3317 करोड़ रुपए का था. ऑप्टिमा मनी के फाउंडर एंड सीईओ पंकज मठपाल ने कहा कि 1 अप्रैल से डेट फंड्स के टैक्सेशन को लेकर नियम में जो बदलाव हुआ है उसके कारण हायब्रिड फंड का क्रेज निवेशकों में बढ़ा है. क्या होता है Hybrid Fund? पंकज मठपाल ने कहा कि हायब्रिड फंड डेट और इक्विटी का कॉम्बिनेशन होता है. फाइनेंस बिल 2023 में हुए बदलाव के बाद 1 अप्रैल 2023 से डेट फंड्स पर इंडेक्सेशन का लाभ नहीं मिल रहा है. किसी तरह का कैपिटल गेन निवेशक की टोटल इनकम में शामिल हो जाएगा और टैक्स ब्रैकेट के हिसाब से उसपर टैक्स भरना होगा. यह नियम केवल उन डेट फंड्स पर लागू होता है जिनका इक्विटी एलोकेशन 35 फीसदी से कम होता है. अगर किसी डेट फंड का इक्विटी एलोकेशन 35 फीसदी से ज्यादा होता है तो उसे LTCG का लाभ मिलता रहेगा. Arbitrage Fund में आया सबसे ज्यादा निवेश एक्सपर्ट ने कहा कि हायब्रिड फंड में कई सारी ऐसी स्कीम्स हैं, जिनका इक्विटी एलोकेशन 35 फीसदी से ज्यादा है. चूंकि बाजार इस समय ऑल टाइम हाई पर है ऐसे में डेट और इक्विटी का हेल्दी कॉम्बिनेशन पोर्टफोलियो को मजबूती देता है. हायब्रिड फंड्स के प्रति बढ़ते आकर्षण का यह एक बड़ा कारण है. मई में हायब्रिड फंड्स कैटिगरी में सबसे ज्यादा इन्फ्लो Arbitrage Fund में 6640 करोड़ रुपए का दर्ज किया गया. Top Performing Funds ICICI Direct ने हायब्रिड फंड्स कैटिगरी में Top Performing Funds को निवेशकों के ल...

निवेश

निवेश या विनियोग (investment) का सामान्य आशय ऐसे व्ययों से है जो उत्पादन क्षमता में वृद्धि लायें। या अपने पैसों को एक ऐसी जगह डालना जो आपको भविष्य में कुछ रिटर्न कमा कर दें सके, निवेश कहलाता है | यह तात्कालिक उपभोग व्यय या ऐसे व्ययों संबंधित नहीं है जो उत्पादन के दौरान समाप्त हो जाए। निवेश शब्द का कई मिलते जुलते अर्थों में निवेश आय का वह भाग है जो वास्तविक अनुक्रम • 1 प्रेरित निवेश और स्वचालित निवेश • 1.1 प्रेरित निवेश • 1.2 स्वचालित निवेश • 2 प्रेरित • 3 निवेश को प्रभावित करने वाले तत्व • 4 निवेश गुणक • 4.1 निवेश गुणक की प्रक्रिया • 4.1.1 तुलनात्मक स्थैतिक विश्लेषण • 4.1.2 गत्यात्मक विश्लेषण • 4.2 गुणक के सिद्धान्त का महत्व • 4.3 गुणक की आलोचनाएं • 5 निवेश के सिद्धान्त • 5.1 पूंजी की सीमान्त उत्पादकता • 5.1.1 पूंजी की सीमान्त उत्पादकता को प्रभावित करने वाले तत्व • 5.1.2 पूंजी की सीमान्त उत्पादकता की आलोचनाएँ • 5.2 त्वरक सिद्धान्त • 6 सन्दर्भ • 7 बाहरी कड़ियाँ प्रेरित निवेश और स्वचालित निवेश [ ] निवेश को कई श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है। लेकिन आर्थिक दृष्टिकोण से निवेश को दो भागों में बांटा जा सकता हैः प्रेरित निवेश [ ] प्रेरित निवेश वह निवेश है जो आय तथा लाभ की मात्रा पर निर्भर करता है। यह निवेश आय तथा लाभ में होने वाले परिवर्तनों से प्रेरणा प्राप्त करता है। आय तथा लाभ के बढ़ने की सम्भावना से यह बढ़ता है तथा इसमें होने वाली कमी से यह कम होता जाता है। प्रेरित निवेश लाभ या आय सापेक्ष होता है। प्रेरित निवेश प्रायः निजी क्षेत्र में किया जाता है। स्वचालित निवेश [ ] स्वचालित निवेश वह निवेश है जो आय तथा उत्पादन की मात्रा के स्थान पर बाहरी तत्वों पर निर्भर करता है। यह निव...

म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश क्यों करें ? : Why invest in mutual funds? » Investing Fundas

“म्यूच्यूअल फण्ड” यह एक ऐसा निवेश विकल्प है ! जिसमें निवेशकों के द्वारा संचित किये गए धन को एकत्रित करके उसे बाजार में निवेश किया जाता है ! यह निवेश विकल्प निवेशकों को संचित धन से अधिक से अधिक रिटर्न प्रदान कराता है ! इसलिए इस लेख में हम जानेंगें कि म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश क्यों करें ? क्या है निवेश के फायदे ? Table of Contents • • • • • • सुरक्षा (Safety) सर्वप्रथम हम जिस योजना में अपने धन को निवेश कर रहे है, हमारा सबसे पहला उद्देश्य अपने धन की सुरक्षा होनी चाहिए ! ताकि जब तक हमारा मूलधन सुरक्षित नहीं होगा तब तक धन की बढ़ोतरी या फिर उससे लाभ कमा ने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है ! जब भी हम अपने जमापूंजी को दूसरे के हाथों में देने से पहले एक बार हमें जरूर सोचना चाहिए ! अगर दूसरों के पास हमारा धन सुरक्षित हो तब ही हमें अपना धन सौपना चाहिए !अन्यथा सुरक्षा की दृष्टि से हमारा धन तिजौरी में ही ज्यादा सुरक्षित है लेकिन ऐसा करने से निवेश का उद्देश्य पूरा नहीं होता ! यहाँ सुरक्षा से तात्पर्य यह है कि अपने जमापूंजी का निवेश वैसे स्थान पर हो जहाँ डूबने की कोई संभावना ना रहे ! आय (Income) हमारे निवेश का दूसरा उद्देश्य आय कमाने से होना चाहिए ! क्योकिं निवेश शब्द का अर्थ ही होता है कि वर्त्तमान में अपने पैसों को निवेश कर के भविष्य में लाभ कमाना ! हमारा लक्ष्य निवेश के बदले कुछ न कुछ लाभ अर्जित करना होना चाहिए ! इसके लिए हमे सुनिश्चित करना चाहिए कि हम निवेश के लिए जिस फण्ड का चुनाव कर रहें है, उससे हमारी जमापूंजी की सुरक्षा के साथ-साथ इस निवेश पर अधिक से अधिक धन अर्जित हो सके ! तरलता (Liquidity) अपने निवेश की तरलता से तात्पर्य है कि जब भी हम अपने धन को निवेश करें ! तो इस धन को वापस प्रा...

PPF Vs SSY: दोनों स्कीम में 22.50 लाख तक कर सकते हैं निवेश, मैच्योरिटी पर कितनी मिलेगी रकम

Post Office Small Savings Scheme for Children: बच्चे के जन्म के साथ ही उनके भविष्य के फाइनेंशियल प्लानिंग करना बहुत जरूरी है. ऐसा करने से चूकने पर बच्चों के हायर एजुकेशन या शादी विवाह में रुपये पैसे को लेकर टेंशन बढ़ सकता है. ऐसी कई सरकारी स्कीम हैं, जिनमें बच्चों के नाम पर निवेश किया जा सकता है. इनमें 2 स्कीम पब्लिक प्रोविडेंट फंड ( Public Provident Fund) और सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) लंबी अवधि के निवेश को बढ़ावा देनी वाली हैं. वहीं इनमें निवेश के जरिए आप बच्चों के लिए मोटा फंड तैयार कर सकते हैं. आज के दौर में दोनों ही बेहद निवेश के पॉपुलर स्कीम हैं, जो पूरी तरह से सुरक्षित हैं. PPF और SSY की तुलना क्यों PPF और SSY की तुलना यहां इसलिए की जा रही है, क्योंकि दोनों लंबी अवधि की बचत योजनाएं हैं. दोनों में हर साल निवेया की लिमिट 1.50 रुपये है. पीपीएफ में 15 साल निवेश करना होता है, 15 साल ही इसकी मैच्योरिटी है. दूसरी ओर सुकन्या समृद्धि योजना की मैच्योरिटी भले ही 21 साल है, इसमें भी 15 साल तक ही निवेश करना होता है. बचे 6 साल आपके पैसों पर ब्याज जोड़कर मैच्योरिटी पर रकम मिलती है. वहीं दोनों ही योजनाओं को डाकघर द्वारा संचालित किया जा रहा है. दोनों को बच्चों के नाम से शुरू किया जा सकता है. दोनों में ही आरडी (RD) की तरह अधिकतम लिमिट को मंथली बेसिस पर निवेश किया जा सकता है. टैक्‍स पर मिलेगा 3 तरह से लाभ सुकन्या समृद्धि योजना और पीपीएफ टैक्स फ्री स्कीम है. इन पर EEE यानी तीन अलग-अलग स्तर पर टैक्स छूट मिलता है. पहला इनकम टैक्‍स एक्‍ट के सेक्शन 80 सी के तहत 1.50 लाख तक सालाना निवेश पर छूट. दूसरा इससे मिलने वाले रिटर्न पर टैक्‍स नहीं लगता. तीसरा मैच्योरिटी पर मिलने ...

निवेश के पहले के जरूरी काम (The Investment Due Diligence) – Varsity by Zerodha

12.1- स्टॉक चुनने का आधार पिछले कुछ अध्यायों में हमने समझा है कि फाइनेंशियल स्टेटमेंट को कैसे पढ़ा जाए और कुछ जरूरी फाइनेंशियल रेश्यो को कैसे निकाला जाए। इन सब का इस्तेमाल करके हम फंडामेंटल एनालिसिस के आधार पर शेयर चुनने का अपनी शर्तें बनाना शुरू कर सकते हैं। हमने पहले भी बात की है कि हर कंपनी में निवेश के पहले यह देखना होता है कि वह निवेश के लायक कंपनी है या नहीं। हर वह कंपनी जो निवेश योग्य कंपनी की शर्तों को पूरा करती है उसमें निवेश किया जा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यही है कि निवेश के योग्य कंपनी कौन सी होती है? हो सकता है कि मेरे लिए जो निवेश योग्य कंपनी हो आप के लिए वो निवेश योग्य ना हो और जो आपके लिए निवेश योग्य कंपनी हो वह मेरे लिए निवेश योग्य ना हो। उदाहरण के तौर पर मैं ऐसी कंपनियों को चुनना पसंद कर सकता हूं जिसमें कॉरपोरेट गवर्नेंस के पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा हो। लेकिन कोई दूसरा निवेशक हो सकता है जो कॉरपोरेट गवर्नेंस ध्यान ना दे वह कह सकता है कि सब कंपनियों में कुछ ना कुछ गड़बड़ होती ही है जब तक कंपनी के नतीजे और बाकी आंकड़े अच्छे दिख रहे हैं मैं उनमें निवेश करने के लिए तैयार हूं। इस बात का मतलब यह है कि शेयरों को चुनने के लिए कोई एक तय चेक लिस्ट नहीं होती है। हर निवेशक को अपने हिसाब से अपने पसंदीदा शर्तें बनानी होती हैं जिनके आधार पर वह निवेश करेगा। हर निवेशक अपने अनुभव के आधार पर यह शर्तें तय करता है। लेकिन यह ध्यान देना चाहिए कि यह शर्तें किसी तर्क पर आधारित हों। वैसे इस अध्याय के अंत में मैं अपनी चेक लिस्ट आपको दिखाऊंगा। अगर आप निवेश करना अभी शुरू कर रहे हैं तो आप मेरी इस चेकलिस्ट इसका इस्तेमाल कर सकते हैं और उसमें से अपनी पसंद की शर्तें चुन सकते हैं। 12....