नमक सत्याग्रह

  1. Explainer: नमक सत्याग्रह के बाद किस तरह जारी रहा अंग्रेजों का अत्याचार (भाग 3)
  2. नमक सत्याग्रह
  3. Dandi Yatra In Hindi नमक सत्‍याग्रह कब और क्‍यों हुआ था
  4. नमक सत्याग्रह
  5. सत्याग्रह आंदोलन (Satyagraha Movement in Hindi)
  6. तमिलनाडु में नमक सत्याग्रह का नेतृत्व किसने किया?
  7. नमक सत्याग्रह
  8. नमक सत्याग्रह
  9. सत्याग्रह आंदोलन (Satyagraha Movement in Hindi)
  10. तमिलनाडु में नमक सत्याग्रह का नेतृत्व किसने किया?


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Explainer: नमक सत्याग्रह के बाद किस तरह जारी रहा अंग्रेजों का अत्याचार (भाग 3)

भाग 2 मेंदांडीयात्राशुरूहोनेसेलेकरसविनयअवज्ञाआंदोलनकेविस्तारतककीघटनाओंकावर्णनकियागयाहै।भाग 3 मेंनमकसत्याग्रहआन्दोलनकेबादअंग्रेजोंकेअत्याचारकाविस्तृतवर्णनकियागयाहै।इसलेखमेंअंग्रेज़ोंद्वारानमकसत्याग्रहियोंकाजोरदारदमनकियागया।इतनाहीनहींइसबीच 'बांटोऔरराजकरो' कीनीतिकोसांप्रदायिकनिर्वाचनपद्धतिकेद्वाराऔरअधिकव्यापककरनेकीकोशिशकीगई।अगरआपभीप्रतियोगीपरीक्षाकीतैयारीकररहेहैंऔरनमकसत्याग्रहकावर्णनविस्तारसेसमझनाचाहतेहैं, तोइसलेखसेसहायतालेसकतेहैं।करियरइंडियाकेविशेषज्ञद्वाराइसलेखकीप्रस्तुतिकीजारहीहै। अंग्रेज़ोंद्वारादमनज़ारीरहा 30 जूनकोसरकारनेमोतीलालनेहरूकोगिरफ़्तारकरलिया।कांग्रेसकीकार्यकारीसमितिकोअवैधसंस्थाघोषितकरदियागया।हज़ारोंलोगोंकोजेलमेंठूंसदियागया।प्रेसअध्यादेशकेतहत 67 समाचारपत्रऔर 55 छापाखानोंकोबंदकरदियागया।नवजीवनप्रेसकोज़ब्तकरलियागया। 'बांटोऔरराजकरो' कीनीतिकोसांप्रदायिकनिर्वाचनपद्धतिकेद्वाराऔरअधिकव्यापककरनेकीकोशिशकीगई।इसकेविरोधकरनेकेज़ुर्ममेंमालवीयऔरएनीबेसैन्टकोजेलमेंडालदियागया।अक्तूबरसेदमनकोऔरतेज़करदियागया।पश्चिमोत्तरप्रांतमेंलालकुरताऔरफ़्रंटीयरयूथलीगकोक्रूरदमनकासामनाकरनापड़ा।स्थानीयजनतानेपुलिसकीगाड़ियोंपरहमलाबोलदिया।गढ़वालराइफल्सकेदोप्लाटूनोंनेभीड़परगोलीचलानेसेइंकारकरदिया।उनकाकोर्टमार्शलहुआ।प्रांतमेंमार्शललॉलागूकरदियागया।निहत्थेलोगोंकीजानलीगई।कईजगहोंपरबमभीगिराएगए। आंदोलनअबअपनीदिशाबदलरहाथा चटगांव, पेशावरऔरशोलापुरमेंहिंसकघटनाएंहुईं।इसकेबावज़ूदगांधीजीनेआंदोलनवापसलेनेकीबातनहींकी।वस्तुतःनमकसत्याग्रहशुरूकरनेकेपहलेहीउन्होंनेएकलेखमेंकहाथा, "अबमैंरास्ताजानगयाहूं, जोबारदोलीकीभांतिपीछेहटनेकारास्तानहींहै, बल्किअहिंसकमुख्यधाराकोलेकरआगेबढ़तेजानेकारास्ताहै।" इसबारगांधीजीमेंअधिकजुझारूपनदिखाईदेरहाथा, "इसबारजोसविनय...

नमक सत्याग्रह

नमक मार्च, जिसे नमक सत्याग्रह, दांडी मार्च और दांडी सत्याग्रह के रूप में भी जाना जाता है, महात्मा गांधी के नेतृत्व में औपनिवेशिक भारत में अहिंसक सविनय अवज्ञा का एक कार्य था। चौबीस दिवसीय मार्च 12 मार्च 1930 से 6 अप्रैल 1930 तक ब्रिटिश नमक एकाधिकार के खिलाफ कर प्रतिरोध और अहिंसक विरोध के प्रत्यक्ष कार्रवाई अभियान के रूप में चला। नमक सत्याग्रह भारत में ब्रिटिश सरकार द्वारा लगाए गए नमक कर के खिलाफ महात्मा गांधी द्वारा शुरू किया गया एक सामूहिक सविनय अवज्ञा आंदोलन था। उन्होंने 12 को साबरमती आश्रम के लोगों के एक बड़े समूह का नेतृत्व कियावां मार्च 1930 में गुजरात के एक तटीय गांव दांडी तक समुद्री जल से नमक का उत्पादन करके नमक कानून तोड़ा गया। • 1930 तक, कांग्रेस पार्टी ने घोषणा की थी कि पूर्ण स्वराज्य या पूर्ण स्वतंत्रता स्वतंत्रता संग्राम का एकमात्र उद्देश्य था। • इसने 26 जनवरी को पूर्ण स्वराज्य दिवस के रूप में मनाना शुरू किया, और यह निर्णय लिया गया कि सविनय अवज्ञा इसे प्राप्त करने के लिए नियोजित साधन होना चाहिए। • महात्मा गांधी को इस तरह के पहले कार्य की योजना बनाने और व्यवस्थित करने के लिए कहा गया था। गांधीजी ने सरकार की अवहेलना करते हुए नमक कर को तोड़ने का विकल्प चुना। • कांग्रेस के कुछ सदस्यों को पसंद पर संदेह था और अन्य भारतीयों और अंग्रेजों ने नमक के इस विकल्प को तिरस्कार के साथ खारिज कर दिया। • तत्कालीन वायसराय, लॉर्ड इरविन नमक विरोध के खतरे से शायद ही परेशान थे और सरकार ने नमक मार्च को होने से रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया। • लेकिन नमक का उपयोग करने का गांधीजी का चुनाव शानदार से कम नहीं था क्योंकि इसने हर भारतीय के दिल को छू लिया था। • यह सभी के लिए आवश्यक वस्तु थी और नमक...

Dandi Yatra In Hindi नमक सत्‍याग्रह कब और क्‍यों हुआ था

भारतीय इतिहास में Dandi yatra in hindi बहुत ही महत्वपूर्ण एक सत्याग्रह आंदोलन था जो कि महात्मा गांधी ने यह सत्याग्रह किया था. उनके साथ कई लोग भी इस आंदोलन का हिस्सा बने थे यह आंदोलन महात्मा गांधी ने जितने आंदोलन किए उनमें से सबसे महत्वपूर्ण था. महात्मा गांधी ने भारत को अंग्रेजी हुकूमत से आजाद कराने के लिए भारतीयों के अंदर आत्मविश्वास जगाया। जिसके लिए कई आंदोलन किए। लेकिन उन सारे आंदोलनों में सबसे महत्वपूर्ण और सबसे प्रसिद्ध Dandi yatra यानी कि नमक सत्याग्रह आंदोलन था. जो कि साबरमती से चलकर दांडी गांव तक मार्च किया गया था। इसिलिए इसे दांडी मार्च के नाम से भी जानते हैं। Table of Contents • • • • • • दांडी यात्रा क्‍यों हुआ था Dandi Yatra In Hindi महात्मा गांधी ने भारत देश को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिए कई आंदोलन किए जिनमें से सबसे प्रमुख और सबसे महत्वपूर्ण आंदोलन नमक सत्याग्रह आंदोलन था महात्मा गांधी के द्वारा चलाया गया इस आंदोलन में कई लोगों ने उनका साथ दिया था. यह आंदोलन 12 मार्च 1930 में महात्मा गांधी ने अहमदाबाद के नजदीक साबरमती आश्रम से दांडी गांव तक पैदल चलकर किया था. • • महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह आंदोलन ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ एक बगावत के रूप में शुरू किया था नमक सत्याग्रह आंदोलन महात्मा गांधी ने 24 दिनों तक पैदल मार्च करके किया था. यह पहला ऐसा आंदोलन था जिसमें पुरुषों के साथ कई महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर इसमें हिस्सा लिया था. राष्‍ट्रपिता महात्मा गांधी ने इस आंदोलन को शुरू किया लेकिन उन्हें कई लोगों ने समर्थन दिया इस आंदोलन के बाद लोगों में एक अलग ही आत्मविश्वास जग गया जिसके बाद की सविनय अवज्ञा आंदोलन करने में बहुत लोग महात्मा गांधी का साथ दिया. नमक सत्याग्रह...

नमक सत्याग्रह

vishay soochi • 1 varshik adhiveshan • 2 svatantrata ki udghoshana • 3 namak yatraoan ka ayojan • 4 aupaniveshik shasan ke viruddh • 5 svaraj ki sidhiyaan • 6 janasamarthan • 7 ullekhaniyata • 8 tika tippani aur sandarbh • 9 sanbandhit lekh namak satyagrah rashtrapita varshik adhiveshan • • ‘poorn svaraj’ athava 'poorn svatantrata ki udghoshana'. svatantrata ki udghoshana rajaniti ki gati ek bar phir badh gee thi. namak yatraoan ka ayojan gaandhiji ki is chunauti ka mahattv adhikaansh bharatiyoan ko samajh mean a gaya tha kintu aangrezi raj ko nahian. halaanki gaandhiji ne apani ‘namak yatra’ ki poorv soochana aupaniveshik shasan ke viruddh asahayog andolan ki tarah adhikॄt roop se svikॄt rashtriy abhiyan ke alava bhi virodh ki asankhy dharaean thian. desh ke vishal bhag mean kisanoan ne damanakari aupaniveshik van qanoonoan ka ullanghan kiya, jisake karan ve aur unake maveshi unhian jangaloan mean nahian ja sakate the, jahaan ek jamane mean ve berokatok ghoomate the. kuchh kasboan mean phaiktri kamagar h datal par chale ge, vaqiloan ne british adalatoan ka bahishkar kar diya aur vidyarthiyoan ne sarakari shiksha sansthanoan mean padhane se inkar kar diya. svaraj ki sidhiyaan vasana namak gaanv mean gaandhiji ne ooanchi jati valoan ko sanbodhit karate hue kaha tha ki yadi ap svaraj ke haq mean avaz uthate haian, to apako achhootoan ki seva karani p degi. apako svaraj sirf namak kar ya any karoan ke khatm ho jane se nahian mil jaega. svaraj ke lie apako apani un galatiyoan ...

सत्याग्रह आंदोलन (Satyagraha Movement in Hindi)

सत्याग्रह आंदोलन (नमक सत्याग्रह, चंपारण सत्याग्रह, खेड़ा सत्याग्रह, रॉलेट सत्याग्रह, बारडोली सत्याग्रह, Satyagraha Movement in Hindi) सत्याग्रह अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले मोहनदास करमचंद्र गांधी जी द्वारा शुरू किया गया अहिंसात्मक तरीके से किया गया विरोध है. इसलिए जब भी सत्याग्रह का नाम आता है तो सबसे पहले महात्मा गांधी जी याद आते हैं. क्योंकि ये पहले व्यक्ति थे जिन्होंने इसके माध्यम से देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई. भारतीय स्वतंत्रता आंदोलनों में गांधी जी के सत्याग्रह आंदोलन बहुत ही प्रचलित हैं. उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में अपने शुरूआती संघर्ष के दौरान सत्याग्रह की शुरुआत की थी. इसके बाद भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए गांधी जी ने अलग – अलग तरह के सत्याग्रह कर देश को आजाद कराया. सत्याग्रह आंदोलन क्या है एवं यह भारत में कब – कब किया गया है इसके बारे में जानने के लिए हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ें. सत्याग्रह यानि सत्य के लिए आग्रह करना. और सत्याग्रह आंदोलन का मतलब है सभी प्रकार के त्याग और कष्टों को झेलते हुए अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ना. सत्याग्रह वह विरोध है जो बिना किसी से घृणा करे या बिना किसी से प्रतिशोध लिए किया जाता है. अर्थात इसमें सामने वाले को चोट पहुंचाएं बिना उसके मन में न्याय की भावना जागृत करना, और उनका दिल जीतना, यही सत्याग्रह का मूल उद्देश्य होता है. और ऐसे सत्याग्रह करने वालों को सत्याग्रही कहा जाता है. गांधी के अनुसार यह सत्य और अहिंसा से पैदा हुआ एक नैतिक बल है. उनका कहना था कि सत्य, अहिंसा और प्रेम के बल से कोई भी लड़ाई जीती जा सकती हैं. इस सत्याग्रह के माध्यम से गांधी जी ने लोगों के साथ मिलकर ब्रिटिश राज के खिलाफ कई आंदोलन किये. और इसमें उनकी अहिंसात...

तमिलनाडु में नमक सत्याग्रह का नेतृत्व किसने किया?

Explanation : तमिलनाडु में नमक सत्याग्रह का नेतृत्व सी राजगोपालाचारी ने किया। सी राजगोपालाचारी की अध्यक्षता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के 100 स्वयंसेवकों के एक समूह ने अप्रैल 1930, में तमिलनाडु में नमक सत्याग्रह का नेतृत्व किया था। इसे वेदरनयम मार्च या वेदरनयम सत्याग्रह के रूप में भी जाना जाता है। मार्च के रूप में तिरुचिरापल्ली से तंजौर जिले के छोटे तटीय शहर वेदरनयम की यात्रा की गई। बता दे​ कि इस प्रश्न से जुड़े सामान्य ज्ञान के प्रश्न रेलवे की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते रहे है। जो छात्र भारतीय रेलवे की वि​भिन्न जोनल रेलवे और उत्पादन इकाईयों में गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों जैसे कनिष्ठ सह टंकक, लेखा लिपिक सह टंकक, ट्रेन लिपिक, वाणिज्यिक सह टिकट लिपिक, यातायात सहायक, गुड्स गार्ड, वरिष्ठ वाणिज्यिक सह टिकट लिपिक, वरिष्ठ लिपिक सह टंकक, कनिष्ठ लेखा सहायक सह टंकक, वरिष्ठ समयपाल कमर्शियल अपरेंटिस और स्टेशन मास्टर के पदों के लिए तैयारी कर रहे है। उन्हें इन प्रश्नों को विशेषतौर पर याद कर लेना चाहिए। Tags :

नमक सत्याग्रह

vishay soochi • 1 varshik adhiveshan • 2 svatantrata ki udghoshana • 3 namak yatraoan ka ayojan • 4 aupaniveshik shasan ke viruddh • 5 svaraj ki sidhiyaan • 6 janasamarthan • 7 ullekhaniyata • 8 tika tippani aur sandarbh • 9 sanbandhit lekh namak satyagrah rashtrapita varshik adhiveshan • • ‘poorn svaraj’ athava 'poorn svatantrata ki udghoshana'. svatantrata ki udghoshana rajaniti ki gati ek bar phir badh gee thi. namak yatraoan ka ayojan gaandhiji ki is chunauti ka mahattv adhikaansh bharatiyoan ko samajh mean a gaya tha kintu aangrezi raj ko nahian. halaanki gaandhiji ne apani ‘namak yatra’ ki poorv soochana aupaniveshik shasan ke viruddh asahayog andolan ki tarah adhikॄt roop se svikॄt rashtriy abhiyan ke alava bhi virodh ki asankhy dharaean thian. desh ke vishal bhag mean kisanoan ne damanakari aupaniveshik van qanoonoan ka ullanghan kiya, jisake karan ve aur unake maveshi unhian jangaloan mean nahian ja sakate the, jahaan ek jamane mean ve berokatok ghoomate the. kuchh kasboan mean phaiktri kamagar h datal par chale ge, vaqiloan ne british adalatoan ka bahishkar kar diya aur vidyarthiyoan ne sarakari shiksha sansthanoan mean padhane se inkar kar diya. svaraj ki sidhiyaan vasana namak gaanv mean gaandhiji ne ooanchi jati valoan ko sanbodhit karate hue kaha tha ki yadi ap svaraj ke haq mean avaz uthate haian, to apako achhootoan ki seva karani p degi. apako svaraj sirf namak kar ya any karoan ke khatm ho jane se nahian mil jaega. svaraj ke lie apako apani un galatiyoan ...

नमक सत्याग्रह

नमक मार्च, जिसे नमक सत्याग्रह, दांडी मार्च और दांडी सत्याग्रह के रूप में भी जाना जाता है, महात्मा गांधी के नेतृत्व में औपनिवेशिक भारत में अहिंसक सविनय अवज्ञा का एक कार्य था। चौबीस दिवसीय मार्च 12 मार्च 1930 से 6 अप्रैल 1930 तक ब्रिटिश नमक एकाधिकार के खिलाफ कर प्रतिरोध और अहिंसक विरोध के प्रत्यक्ष कार्रवाई अभियान के रूप में चला। नमक सत्याग्रह भारत में ब्रिटिश सरकार द्वारा लगाए गए नमक कर के खिलाफ महात्मा गांधी द्वारा शुरू किया गया एक सामूहिक सविनय अवज्ञा आंदोलन था। उन्होंने 12 को साबरमती आश्रम के लोगों के एक बड़े समूह का नेतृत्व कियावां मार्च 1930 में गुजरात के एक तटीय गांव दांडी तक समुद्री जल से नमक का उत्पादन करके नमक कानून तोड़ा गया। • 1930 तक, कांग्रेस पार्टी ने घोषणा की थी कि पूर्ण स्वराज्य या पूर्ण स्वतंत्रता स्वतंत्रता संग्राम का एकमात्र उद्देश्य था। • इसने 26 जनवरी को पूर्ण स्वराज्य दिवस के रूप में मनाना शुरू किया, और यह निर्णय लिया गया कि सविनय अवज्ञा इसे प्राप्त करने के लिए नियोजित साधन होना चाहिए। • महात्मा गांधी को इस तरह के पहले कार्य की योजना बनाने और व्यवस्थित करने के लिए कहा गया था। गांधीजी ने सरकार की अवहेलना करते हुए नमक कर को तोड़ने का विकल्प चुना। • कांग्रेस के कुछ सदस्यों को पसंद पर संदेह था और अन्य भारतीयों और अंग्रेजों ने नमक के इस विकल्प को तिरस्कार के साथ खारिज कर दिया। • तत्कालीन वायसराय, लॉर्ड इरविन नमक विरोध के खतरे से शायद ही परेशान थे और सरकार ने नमक मार्च को होने से रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया। • लेकिन नमक का उपयोग करने का गांधीजी का चुनाव शानदार से कम नहीं था क्योंकि इसने हर भारतीय के दिल को छू लिया था। • यह सभी के लिए आवश्यक वस्तु थी और नमक...

सत्याग्रह आंदोलन (Satyagraha Movement in Hindi)

सत्याग्रह आंदोलन (नमक सत्याग्रह, चंपारण सत्याग्रह, खेड़ा सत्याग्रह, रॉलेट सत्याग्रह, बारडोली सत्याग्रह, Satyagraha Movement in Hindi) सत्याग्रह अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले मोहनदास करमचंद्र गांधी जी द्वारा शुरू किया गया अहिंसात्मक तरीके से किया गया विरोध है. इसलिए जब भी सत्याग्रह का नाम आता है तो सबसे पहले महात्मा गांधी जी याद आते हैं. क्योंकि ये पहले व्यक्ति थे जिन्होंने इसके माध्यम से देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई. भारतीय स्वतंत्रता आंदोलनों में गांधी जी के सत्याग्रह आंदोलन बहुत ही प्रचलित हैं. उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में अपने शुरूआती संघर्ष के दौरान सत्याग्रह की शुरुआत की थी. इसके बाद भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए गांधी जी ने अलग – अलग तरह के सत्याग्रह कर देश को आजाद कराया. सत्याग्रह आंदोलन क्या है एवं यह भारत में कब – कब किया गया है इसके बारे में जानने के लिए हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ें. सत्याग्रह यानि सत्य के लिए आग्रह करना. और सत्याग्रह आंदोलन का मतलब है सभी प्रकार के त्याग और कष्टों को झेलते हुए अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ना. सत्याग्रह वह विरोध है जो बिना किसी से घृणा करे या बिना किसी से प्रतिशोध लिए किया जाता है. अर्थात इसमें सामने वाले को चोट पहुंचाएं बिना उसके मन में न्याय की भावना जागृत करना, और उनका दिल जीतना, यही सत्याग्रह का मूल उद्देश्य होता है. और ऐसे सत्याग्रह करने वालों को सत्याग्रही कहा जाता है. गांधी के अनुसार यह सत्य और अहिंसा से पैदा हुआ एक नैतिक बल है. उनका कहना था कि सत्य, अहिंसा और प्रेम के बल से कोई भी लड़ाई जीती जा सकती हैं. इस सत्याग्रह के माध्यम से गांधी जी ने लोगों के साथ मिलकर ब्रिटिश राज के खिलाफ कई आंदोलन किये. और इसमें उनकी अहिंसात...

तमिलनाडु में नमक सत्याग्रह का नेतृत्व किसने किया?

Explanation : तमिलनाडु में नमक सत्याग्रह का नेतृत्व सी राजगोपालाचारी ने किया। सी राजगोपालाचारी की अध्यक्षता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के 100 स्वयंसेवकों के एक समूह ने अप्रैल 1930, में तमिलनाडु में नमक सत्याग्रह का नेतृत्व किया था। इसे वेदरनयम मार्च या वेदरनयम सत्याग्रह के रूप में भी जाना जाता है। मार्च के रूप में तिरुचिरापल्ली से तंजौर जिले के छोटे तटीय शहर वेदरनयम की यात्रा की गई। बता दे​ कि इस प्रश्न से जुड़े सामान्य ज्ञान के प्रश्न रेलवे की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते रहे है। जो छात्र भारतीय रेलवे की वि​भिन्न जोनल रेलवे और उत्पादन इकाईयों में गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों जैसे कनिष्ठ सह टंकक, लेखा लिपिक सह टंकक, ट्रेन लिपिक, वाणिज्यिक सह टिकट लिपिक, यातायात सहायक, गुड्स गार्ड, वरिष्ठ वाणिज्यिक सह टिकट लिपिक, वरिष्ठ लिपिक सह टंकक, कनिष्ठ लेखा सहायक सह टंकक, वरिष्ठ समयपाल कमर्शियल अपरेंटिस और स्टेशन मास्टर के पदों के लिए तैयारी कर रहे है। उन्हें इन प्रश्नों को विशेषतौर पर याद कर लेना चाहिए। Tags :