नर्मदा जयंती 2023

  1. narmada jayanti 2023 one of seven religious rivers created by lord shiva to wash sins of gods Latest News in Hindi, Newstrack Samachar, Aaj Ki Taja Khabar
  2. नर्मदा जयंती कब है 2023 जानिए स्नान का शुभ मुहूर्त
  3. नर्मदा जयंती
  4. नर्मदा जयंती 2023 स्‍नान का मुहूर्त, कथा और महत्व
  5. Narmada Jayanti 2023: आज नर्मदा जयंती, त्यानिमित्त वाचा नर्मदेची थोरवी आणि म्हणा तिचे पावन स्तोत्र!
  6. narmada jayanti 2023 date and time when is narmada jayanti snan ka mahatva aur shubh muhurat kya hai swt
  7. Narmada Jayanti Festival 2023 : दीपों की ज्योति से जगमगा उठेगी मां नर्मदा, शुरू हुआ दो दिन महोत्सव, दुल्हन की तरह सजा सेठानी घाट


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narmada jayanti 2023 one of seven religious rivers created by lord shiva to wash sins of gods Latest News in Hindi, Newstrack Samachar, Aaj Ki Taja Khabar

Narmada Jayanti 2023: भारतीय पंचाग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी के दिन हर वर्ष नर्मदा जयंती महोत्सव मनाया जाता है। मां नर्मदा के जन्मस्थान अमरकंटक में यह उत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। जनवरी माह में मकर संक्रांति के त्योहार के बाद नर्मदा जयंती उत्सव मनाया जाता है। भारत में सात धार्मिक नदियां हैं । जिसमें से मां नर्मदा को भगवान शिव ने देवताओं के पाप धोने के लिए उत्पन्न किया था। माना जाता है कि इसके पवित्र जल में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं। नर्मदा महोत्सव को हिंदुओं द्वारा पर्व के रुप में मनाया जाता है। इस वर्ष नर्मदा जयंती 28 जनवरी 2023 शनिवार को मनाई जाएगी। माँ नर्मदा धार्मिक महत्त्व महाभारत और रामायण ग्रंथों में इसे "रेवां" के नाम से पुकारा गया है, अत: यहाँ के निवासी इसे गंगा से भी पवित्र मानते हैं। लोग ऐसा मानते हैं कि साल में एक बार गंगा स्वयम् एक काली गाय के रूप में आकर इसमें स्नान करती एवं अपने पापों से मुक्त हो श्वेत होकर लौटती है। नर्मदा, समूचे विश्व मे दिव्य व रहस्यमयी नदी है, इसकी महिमा का वर्णन चारों वेदों की व्याख्या में श्री विष्णु के अवतार वेदव्यास जी ने स्कन्द पुराण के रेवाखंड़ में किया है। इस नदी का प्राकट्य ही, विष्णु द्वारा अवतारों में किए राक्षस-वध के प्रायश्चित के लिए ही प्रभु शिव द्वारा अमरकण्टक के मैकल पर्वत पर कृपा सागर भगवान शंकर द्वारा बारह वर्ष की दिव्य कन्या के रूप में किया गया। महारूपवती होने के कारण विष्णु आदि देवताओं ने इस कन्या का नामकरण नर्मदा किया। इस दिव्य कन्या नर्मदा ने उत्तर वाहिनी गंगा के तट पर काशी के पंचक्रोशी क्षेत्र में दस हज़ार दिव्य वर्षों तक तपस्या करके प्रभु शिव से निम्न ऐसे वरदान प्राप्त किये जो कि...

नर्मदा जयंती कब है 2023 जानिए स्नान का शुभ मुहूर्त

नर्मदा जयंती नर्मदा प्रकटोत्सव कब है 2023 (Narmada Jayanti 2023 Date) नर्मदा जयंती को नर्मदा प्रकटोत्सव भी कहा जाता है नर्मदा को भारत की प्रमुख नदियों में गिना जाता है हिंदू धर्म में भगवान शिव के साथ नर्मदा माता का भी वर्णन सुनने को बहुत आसानी से मिल जाता है। भगवान शिव का पुराणों व शास्त्रों में विशेष स्थान है, जिससे नर्मदा माता का महत्व भी बहुत बढ़ जाता है। अमरकंटक से प्रवाहित होने के कारण इस राज्य में नर्मदा जयंती का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में जितना महत्व गंगा स्नान का है, उतना ही महत्व नर्मदा स्नान का भी है। आइए जानते हैं कब है नर्मदा जयंती, शुभ मुहूर्त क्या है, महत्व क्या है। नर्मदा जयंती नर्मदा जी को गंगा के समान ही पवित्र माना जाता है। कुछ राज्यों में इनकी पूजा और पाठ बहुत बड़े स्तर पर किए जाते हैं। ऐसे में नर्मदा जयंती का इनके भक्तों के लिए विशेष स्थान है। लोग इसे नर्मदा जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं। हिंदु पंचांग के अनुसार नर्मदा जयंती वर्ष के माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को उनके जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है।5 नर्मदा जयंती प्रकटोत्सव कब है नर्मदा जयंती 28 जनवरी 2023 को है। हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी में 27 जनवरी 2023 को सुबह 9 बजकर 10 मिनट पर शुरू हो रही है और अगले दिन 28 जनवरी सुबह 8 बजकर 3 मिनट पर समाप्त हो रही है। नर्मदा जयंती 28 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी. इस शुक्ल पक्ष की सप्तमी के दिन नर्मदा जी की पूजा से सामान्य पूजा की अपेक्षा कई गुना फल मिलता है। नर्मदा स्नान का शुभ मुहूर्त नर्मदा जयंती 28 जनवरी 2023 को है लेकिन स्नान करने का शुभ मुहुर्त 27 जनवरी 12 बजकर 18 मिनट से शुरू हो रहा है, और 28 जनवरी दोपहर 01 बजकर 02 तक ह...

नर्मदा जयंती

• मनाया जाने का महीना: January • महत्त्व: हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार माघ महीने में शुक्ल पक्ष सप्तमी को नर्मदा जयंती प्रतिवर्ष मनाई जाती है। इस दिन भक्त नर्मदा नदी की पूजा करते हैं जो उनके जीवन में शांति और समृद्धि लाती है। मध्य प्रदेश में अमरकंटक, नर्मदा नदी का उद्गम स्थल, नर्मदा जयंती का अवलोकन करने के लिए एक लोकप्रिय स्थान है। नर्मदा जयंती के मौके पर हर साल पूरा शहर भगवा रंग में रंग जाता है। शोभायात्रा के दौरान मां नर्मदा का एक सुंदर चित्रण निकाला जाता है। इस दौरान, हजारों भक्त शहर के विभिन्न विभिन्न घाटों पर भजन और देवी के गीत गाते हैं। हर साल शाम को संत और भक्त बनारस के प्रसिद्ध गंगा घाटों पर की जाने वाली आरती की तर्ज पर देवी नर्मदा की भव्य आरती करते हैं। • पहनावा : केसरिया रंग का वस्त्र

नर्मदा जयंती 2023 स्‍नान का मुहूर्त, कथा और महत्व

Narmada Jayanti date katha mahatva : हिंदू धर्म में नदियों को मां का दर्जा दिया गया है. गंगा, यमुना, नर्मदा, गोदावरी आदि की पूजा की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को नर्मदा जयंती मनाई जाती है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां नर्मदा का अवतर हुआ था. मां नर्मदा को रेवा के नाम से भी जाना जाता है. सनातन धर्म में जितना महत्व गंगा स्नान का है उतना ही पुण्य नर्मदा नदी में स्नान करने से भी प्राप्त होता है. नर्मदा नदी म.प्र, गुजरात और महाराष्ट्र में बहती है. नर्मदा जंयती मध्यप्रदेश में धूमधाम से मनाई जाती है. आइए जानते हैं नर्मदा जयंती इस साल कब है, पूजा का मुहूर्त और महत्व. यह भी पढ़ें – विषयसूची : • • • नर्मदा जयंती 2023 डेट | Narmada Jayanti 2023 Date इस साल नर्मदा जयंती 28 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली सप्तमी तिथि 27 जनवरी को प्रात: 09 बजकर 10 मिनट पर आरंभ होगा और 28 जनवरी को प्रात: 08 बजकर 43 मिनट पर सप्तमी तिथि का समापन होगा। उदयातिथि 28 जनवरी को है, इसलिए नर्मदा जयंती भी 28 जनवरी को ही मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, 28 जनवरी को नर्मदा स्नान के दो शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। पहला शुभ मुहूर्त प्रात: 05.29 से 7.14 बजे तक और दुसरा शुभ मुहूर्त – दोपहर 12.18 से 01.02 बजे तक का है। नर्मदा स्नान शुभ मुहूर्त – सुबह 05.29 – सुबह 7.14 (28 जनवरी 2023) दोपहर का मुहूर्त –दोपहर 12.18 – दोपहर 01.02 (28 जनवरी 2023) Narmada Jayanti date katha mahatva मां नर्मदा की जन्म कथा | Maa Narmada Ki Katha पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार भगवान शिव तपस्या में लीन थे, तब उनके पसीने से नर्मदा का जन्म हुआ। उस समय भगव...

Narmada Jayanti 2023: आज नर्मदा जयंती, त्यानिमित्त वाचा नर्मदेची थोरवी आणि म्हणा तिचे पावन स्तोत्र!

Narmada Jayanti 2023: आज नर्मदा जयंती, त्यानिमित्त वाचा नर्मदेची थोरवी आणि म्हणा तिचे पावन स्तोत्र! By January 28, 2023 02:04 PM 2023-01-28T14:04:53+5:30 2023-01-28T14:07:03+5:30 Narmada Jayanti 2023: आपल्या संस्कृतीत सूर्याची, ग्रंथांची, नदीचीसुद्धा जयंती साजरी केली जाते, यावरून आपल्या संस्कृतीचे मोठेपण लक्षात येते. नर्मदा !! अखंड, वैराग्य आणि आनंद देणारी नदी. आज तिची जयंती. नर्मदा नदी जगातल्या प्राचीन नद्यांपैकी एक. धार्मिक आणि आध्यात्मिक कारणासाठी जगामध्ये एकमेव नदी जिची संपूर्ण प्रदक्षिणा करू शकतो. ठराविक यम-नियम पाळून हीची प्रदक्षिणा नक्कीच अंतर्मुख करते. नर्मदा ही आनंददायिनी, सुख व कल्याण करणारी आहे. एक वर्णन असंही वाचण्यात आहे की; गंगा ज्ञान देते, यमुना आनंद देते, सरस्वती वैराग्य देते; आणि नर्मदा ज्ञान, वैराग्य, आनंद तिन्ही देते. सबिन्दुसिन्धुसुस्खलत्तरङ्गभङ्गरञ्जितं द्विषत्सु पापजातजातकादिवारिसंयुतम् । कृतान्तदूतकालभूतभीतिहारिवर्मदे त्वदीयपादपङ्कजं नमामि देवि नर्मदे ।। आजोळ जबलपूरला असल्यामुळे नर्मदेचे चे दर्शन नियमित होतेच. अतिशय विशाल पात्र असलेले ठिकाण म्हणजे ग्वारीघाट. शहरापासून जवळ असलेले आणि स्वच्छ पात्र असलेले असे हे ठिकाण. या ठिकाणी व पुढे भेडाघाटच्या संगमरवरी खडकात शांत झालेली नर्मदा आणि धुवांधारला रौद्र आवाज करत कोसळणारी नर्मदा हीचे दोन विविध रूपे एकाच ठिकाणी बघायला मिळतात. नर्मदेचा सुंदर किनारा, किनाऱ्यावरची वने, विस्तीर्ण होत जाणारे तिचे पात्र, साधू संतांच्या तपसाधनेने पवित्र झालेला परिसर म्हणजे नर्मदा नदी. आज माघ शु. ७ म्हणजेच रथसप्तमी या तिथीला नर्मदा पृथ्वीवर अवतीर्ण झाली म्हणून हा दिवस "नर्मदा जयंती" म्हणून साजरा करतात. ॥ श्री नर्मदा अष्टकम ॥ सबिंदु...

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Narmada Jayanti 2023: कब है नर्मदा जयंती 2023?, क्या है नर्मदा स्नान का महत्व, जानिए शुभ मुहूर्त सनातन धर्म में नदियों को मां की उपाधि दी गई है. मां नर्मदा को रेवा के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू धर्म में जितना महत्व गंगा स्नान का है, उतना ही महत्व नर्मदा स्नान का भी है. आइए जानते हैं कब है नर्मदा जयंती, शुभ मुहूर्त क्या है, महत्व क्या है. Narmada Jayanti 2023: सनातन धर्म में नदियों को मां की उपाधि दी गई है. हिंदू धर्म में गंगा, नर्मदा, यमुना, घाघरा, गोदावरी नदियों की पूजा बड़े ही धूमधाम से की जाती है. हर साल माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को नर्मदा जयंती (Narmada Jayanti 2023) के रूप में मनाई जाती है. मान्यता है कि आज ही के दिन मां नर्मदा का अवतार हुआ था. नर्मदा को रेवा के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू धर्म में जितना महत्व गंगा स्नान का है, उतना ही महत्व नर्मदा स्नान का भी है. आइए जानते हैं कब है नर्मदा जयंती, शुभ मुहूर्त क्या है, महत्व क्या है. पंडित जितेंद्र शास्त्री के अनुसार नर्मदा जयंती 28 जनवरी 2023 को (Narmada Jayanti 2023 Date) है. हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी में 27 जनवरी 2023 को सुबह 9 बजकर 10 मिनट पर शुरू हो रही है. और अगले दिन 28 जनवरी सुबह 8 बजकर 3 मिनट पर समाप्त हो रही है. इसी के साथ नर्मदा जयंती 28 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी. पंडित जितेंद्र शास्त्री ने बताया नर्मदा जयंती (Narmada Jayanti Date ) 28 जनवरी 2023 को है. लेकिन स्नान करने का शुभ मुहूर्त 27 जनवरी सुबह 5 बजकर 29 मिनट से शुरू हो रही है और अगले सुबह 7 बजकर 14 मिनट रहेगा. जबकि दोपहर का मुहुर्त 27 जनवरी 12 बजकर 18 मिनट से शुरू हो रहा है, और 28 जनवरी दोपहर 01 बजकर 02 तक है. पंडित ...

Narmada Jayanti Festival 2023 : दीपों की ज्योति से जगमगा उठेगी मां नर्मदा, शुरू हुआ दो दिन महोत्सव, दुल्हन की तरह सजा सेठानी घाट

▪️ लोकेश वर्मा, नर्मदापुरम से Narmada Jayanti Festival 2023 : मध्यप्रदेश में जीवनदायिनी मां नर्मदा का दो दिवसीय नर्मदा जयंती महोत्सव शुक्रवार 27 जनवरी से शुरू हो गया है। प्रात: आवाहन चरण में भजन के साथ पूजन हुआ। नर्मदा जयंती के लिए नर्मदापुरम को आकर्षक अंदाज में सजाया गया है। जगह-जगह तोरण गेट बनाए गए हैं। सेठानी घाट को दुल्हन की तरह सजाया गया है। सेठानी घाट रंग-बिरंगी लाइटों से जगमगा उठा है। सेठानी घाट भारत में मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम में नर्मदा नदी के किनारे 19वीं सदी का निर्माण है। यह भारत के सबसे बड़े घाटों में से एक है। नर्मदा जयंती समारोह के दौरान घाट उस समय जीवंत हो जाता है जब हजारों लोग घाटों पर जुटे होते हैं। इस घाट का निर्माण होशंगाबाद के शर्मा परिवार की जानकीबाई सेठानी द्वारा नदी तक पहुंचाने में हो रही कठिनाई के बारे में श्रद्धालुओं द्वारा की गई शिकायत के बाद किया गया था। इसलिए इस घाट का नाम उनके नाम पर रखा गया है। • ये भी पढ़ें : नर्मदा के किनारे बसे नर्मदापुरम में 100 से ज्यादा मंदिर एवं सात मुख्य घाट हैं। जगदीश मंदिर से पर्यटन घाट तक का 2000 मीटर क्षेत्र में सुबह शाम मंदिरों में आरतियां और घंटियों से प्रफुल्लित हो उठता है। नर्मदा माई के प्रति अटूट श्रद्धा, भक्ति और समर्पण के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष माघ शुक्ल सप्तमी को नर्मदापुरम में नर्मदा जयंती बड़े हर्षोल्लास से मनाई जाती है। सन् 1978 से यह नर्मदा उत्सव प्रारंभ हुआ था। प्रारंभ में यह छोटे पैमाने पर था। धीरे-धीरे आज यह नर्मदा महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। • ये भी पढ़ें : दीपदान के दृश्य होते दिव्य स्वरूप में इस दिन सामूहिक रूप से नर्मदा जी के तट पर एकत्र होकर नर्मदापुर के निवासी एवं उसके आसपास के ग्रामव...