नवरात्र स्थापना 2023

  1. चैत्र नवरात्रि पर जानिए घट स्थापना के शुभ मुहूर्त
  2. Gupt Navratri 2023: गुप्त नवरात्र 19 जून से नौ देवियों के साथ दस महाविद्याओं की सिद्धि के लिए होगी साधना
  3. Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि का पहला दिन आज
  4. Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना का क्या है शुभ मुहूर्त, यहां जानिए पूरी पूजन विधि
  5. Chaitra Navratri 2023: 110 साल बाद नौका पर आएंगी माता, बन रहा अद्भुत संयोग, ऐसे करें कलश स्थापना और पूजा


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चैत्र नवरात्रि पर जानिए घट स्थापना के शुभ मुहूर्त

इस वर्ष 22 मार्च 2023 से चैत्र नवरात्रि प्रारम्भ होने जा रही है। नवरात्रि के यह नौ दिन मां दुर्गा की पूजा-उपासना के दिन होते हैं। अनेक श्रद्धालु इन नौ दिनों में अपने घरों में घट-स्थापना कर अखण्ड ज्योति की स्थापना कर नौ दिनों का उपवास रखते हैं। आईए जानते हैं कि नवरात्रि में घट-स्थापन एवं अखण्ड ज्योति प्रज्जवलन का शुभ मुहूर्त कब है-

Gupt Navratri 2023: गुप्त नवरात्र 19 जून से नौ देवियों के साथ दस महाविद्याओं की सिद्धि के लिए होगी साधना

भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। आषाढ़ महीने के गुप्त नवरात्र 19 जून पड़वा के दिन से शुरू हो रहे हैं, जो 27 जून भड़ली नवमी तक रहेंगे। इन नौ दिनों के दौरान आदिशक्ति की पूजा-अर्चना के साथ जगन्नाथ रथयात्रा और विनायकी चतुर्थी पर्व भी मनाए जाएंगे। नवरात्र का समापन भड़ली नवमी पर होगा। यह दिन अबूझ मुहूर्त वाला है। विशेष धार्मिक अनुष्ठान के लिए शुभ योग रहेंगे। पंडित राजीव चतुर्वेदी ने बताया कि गुप्त नवरात्र पर इस बार कोई तिथि क्षय नहीं होगी, नौ दिन के नवरात्र रहेंगे। गुप्त नवरात्र में नौ देवियों के अलावा दस महाविद्याओं की भी विशेष पूजा की जाती है। शहर के देवी मंदिरों के साथ ही लोग घरों में भी देवी मां की पूजा-अर्चना करेंगे। वहीं तंत्र-मंत्र सीखने वाले साधकों के लिए गुप्त नवरात्रि का खास महत्व माना जाता है। गुप्त नवरात्र में नौ दिनों तक उपवास रखने का विधान बताया गया है। इस नवरात्र में माता की आराधना रात के समय की जाएगी। नौ दिनों के लिए कलश की स्थापना की जा सकेगी। यदि कलश की स्थापना की है तो दोनों समय मंत्र जाप, दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। गुप्त नवरात्र साधकों के लिए विशेष है। इस नवरात्र में साधक गुप्त शक्तियों की साधना करते हैं। खासतौर से 10 महाविद्याओं की सिद्धि प्राप्त कर सकते हैं। देवी भागवत के अनुसार जो साधक गुप्त नवरात्र में कम समय में 10 महाविद्याओं में से किसी भी महाविद्या की साधना करना चाहते हैं, वह इस गुप्त नवरात्र में अनुष्ठान करके अपनी मनोकामना पूरी कर सकते हैं। ऐसे में लोग मंदिरों में गुप्त रूप से मातारानी की पूजा-अर्चना करते हैं। डिसक्लेमर - इस लेख में दी गई जानकारी/ सामग्री/ गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ ज्योत...

Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि का पहला दिन आज

Chaitra Navratri 2023: बुधवार को चैत्र नवरात्र पर्व की शुरुआत हो गई। आज से नौ दिन तक मंदिरों में मातारानी की आराधना में विशेष अनुष्ठान होंगे। घरों में भी लोग घट स्थापना कर, अखंड ज्योत प्रज्ज्वलित करेंगे। चैत्र माह की प्रतिपदा से नव संवत्सर भी प्रारंभ हो गया है। चैत्र नवरात्र पर्व में श्रद्धालु नौ दिन तक देवी के नौ स्वरूपों की आराधना कर रहे हैं। नव संवत्सर के शुरू होने पर लोग घरों पर भगवा ध्वज लगा रहे हैं। तिलक लगाकर हिंदू नववर्ष की शुरुआत पर शुभकामनाएं दे रहे हैं। नवरात्र पर्व के अवसर पर मंदिरों में विशेष साजसज्जा की गई है। हिन्दू पंचांग के अनुसार बुधवार को प्रतिपदा के साथ नव संवत्सर प्रारंभ हो गया है। और पढ़िए – दिल्ली के झंडेवालान मंदिर में की गई आरती चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। दिल्ली के प्रसिद्ध झंडेवालान मंदिर में सुबह-सुबह आरती की गई। इस दौरान मां के भक्तों ने मंदिर में पूजा-अर्चना की और मां दुर्गा का आशीर्वाद लिया। उधर छतरपुर मंदिर में भी लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। और पढ़िए – Chaitra Navratri begins, devotees offer prayer at Delhi's Jhandewalan Temple नवरात्रि के पहले गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। लोग कतार में खड़े होकर मां के दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार दिखे। इस दौरान श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह दिखा। Assam | Devotees offer prayers at Kamakhya Temple in Guwahati on the first day of Chaitra Navratri. — ANI (@ANI) महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा की धुम हर साल चैत्र मास के शुक्‍ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नववर्ष शुरु होता है, जिसे गुड़ी पड़वा के नाम से जाना जाता हैं, इसी दिन — ANI (@ANI) महाराष्ट्र ...

Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना का क्या है शुभ मुहूर्त, यहां जानिए पूरी पूजन विधि

डीएनए हिंदी: चैत्र नवरात्रि 22 (Chaitra Navratri 2023) मार्च से शुरू हो रही है. 22 मार्च से अगले 9 दिनों तक भक्त शक्ति यानी मां दुर्गा की पूजा करते हैं. 9 दिन में प्रत्येक दिन अलग-अलग शक्ति रूप की पूजा होती है. पहले दिन ही भक्त पूजन के लिए अपने घरों में कलश की स्थापित करते हैं. अब सवाल उठता है कि आखिर नवरात्र में इस बार पूजन के लिए सही समय क्या है और किस विधि से नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए चलिए आज आपको इस बारे में सबकुछ विस्तार से बताते हैं. मान्यताओं के अनुसार भक्तों को सुबह उठकर स्नान के बाद मां दुर्गा का आह्वान करना चाहिए और कलश पर चुनरी बंधा हुआ नारियल रखना चाहिए. कलस के ऊपर आम के पत्ती की टहनी का होना भी आवश्यक माना गया है. बता दें कि 22 मार्च को शुक्ल प्रतिपदा है इसलिए घटस्थापना इसी दिन की जाएगी. कलश स्थापन के लिए बताया गया है कि द्विस्वभाव लग्न को उत्तम होता है. किस मुहूर्त में करें कलश स्थापना इसके अलावा आप चाहे तो मीन और मिथुन लग्न में भी कलश की स्थापना कर सकते हैं. नवरात्रि का पहला दिन बुधवार है तो इस दिन अभिजीत मुहूर्त प्रयुक्त नहीं है. ऐसे में लोगों को मुहूर्त का विशेष ध्यान रखना होगा और अपने समय में मुहूर्त के समय ही पूजन करना होगा. • दिल्ली: सुबह 6-45 मिनट से 7- 31 मिनट. • कोलकाता: सुबह 5-57 मिनट से 6- 52 मिनट. • चंड़ीगढ़: सुबह 6-29 मिनट से 7- 31 मिनट. • देहरादून: सुबह 6-24 मिनट से 7-27 मिनट. • मुंबई: सुबह 6-58 मिनट से 7-57 मिनट. • भोपाल: सुबह 6-27 मिनट से 7-36 मिनट. • हैदराबाद: सुबह 6-22 मिनट से 7- 37 मिनट. कैसे करें कलश स्थापना कलश स्थापना और पूजन विधि की बात करें तो चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मिट्टी का कलश लें और उसे शुभ मुहूर्त में ईशान कोण ...

Chaitra Navratri 2023: 110 साल बाद नौका पर आएंगी माता, बन रहा अद्भुत संयोग, ऐसे करें कलश स्थापना और पूजा

Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि का पहला दिन अब नजदीक आ रहा है. इस साल यह 22 मार्च से शुरू और 30 मार्च को समाप्त होगा. 9 दिनों तक चलने वाले इस पाठ में मां के 9 अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. इस बार माता की सवारी नाव होगी और करीब 110 साल बाद ऐसा अद्भुत संयोग बन रहा है, जो सभी के लिए सुखद और शुभ रहेगा. इस बार माता डोली पर बैठकर विदा होंगी. नवरात्रि हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल में चार बार मनाई जाती है. इस बार बन रहे कई शुभ योग हिंदू धर्म में नवरात्र का बहुत बड़ा महत्व है. लाखों लोग मां का आशीर्वाद पाने लिए व्रत रखते हैं. कई लोग 9 दिनों का कठोर व्रत रखते हैं तो कई भक्त नवरात्र के पहले और आखिरी दिन मां का व्रत रखते हैं. जानकारों की मानें तो इस बार कई ऐसे संयोग बन रहे हैं जो मंगलकारी हैं. हिंदू पंचाग के अनुसार इस बार नवरात्रि के दौरान तीन सर्वार्थ सिद्धि योग (23 मार्च, 27 मार्च, 30 मार्च), अमृत सिद्धि योग (27 और 30) और रवि योग (24 मार्च, 26 मार्च और 29 मार्च) लगेगा. पूजन की क्या है विधि? हिंदू धर्म में सूर्योदय की घड़ी को सबसे शुभ माना गया है, इसलिए इस दिन सूर्य उगने तक आप नित्यकर्म से निवृत हो जाएं. इसके बाद एक जगह को अच्छी तरह से साफ कर लें और कलश की स्थापना के लिए एक ‘चौका’ बना लें. लाल कपड़ा बिछाकर माता की प्रतिमा को वहां स्थापित करें. प्रतिमा के ठीक सामने लाल कपड़े में लपेटे हुए एक कलश को रखें. कलश के अंदर एक सुपारी, सिक्का, अक्षत और आम का ‘पल्लो’ यानी पत्तियां डाल दें. एक मिट्टी के पात्र में आप थोड़ा जौ की बुआई कर उसे कलश पर स्थापित कर दें. उस मिट्टी के पात्र के ऊपर लाल चुनरी में बंधा नारियल भी रखें और विधिवत मंत्रों के साथ माता का उपासना करें. आप चाहें तो बगल में ...