नवरात्रि 2022

  1. 100+ Navratri Quotes, Status, Message in Hindi 2022
  2. Sharidya Navratri 2022 Date Maa Durga Ki Sawari Hathi Meaning And Importance Know Navratri Puja Vidhi
  3. चैत्र नवरात्रि 2022: तिथि, मुहूर्त एवं महत्व, जानें
  4. Shardiya Navratri 2022 know significance date kalash sthapana shubh muhurat in hindi
  5. Chaitra Navratri 2022 Date and auspicious time of ghatsthapna
  6. शारदीय नवरात्रि 2022 कब है? क्यों मनाया जाता है, पौराणिक महत्व
  7. नवरात्री 2022 करे ये उपाय होगी सभी मनोकामना पूरी


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100+ Navratri Quotes, Status, Message in Hindi 2022

Table of Contents • • • • • • Shardiya Navratri Kab Hai | शारदीय नवरात्रि कब है शारदीय नवरात्रि का महापर्व आश्विन माह के शुक्ल पक्ष से शुरू होता है यानि यह आने वाला है। इस बार शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से लेकर 5 अक्टूबर तक मनाए जाएंगें और नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपोें की पूजा की जाएगी। इन नौ दिनों के दौरान कोई भी शुभकार्य किया जा सकता है और पूजा-पाठ विशेष रूप से फलित होती है। इस जानकारी के बाद आगे पढ़ें नवरात्री विशेस इन हिंदी (Navratri Wishes in Hindi)। Navratri Wishes in Hindi | नवरात्री 2022 विशेस क्या आप जानते हैं नवरात्रि के संस्कृत शब्द है, जिसका हिंदी अर्थ होता है ‘नौ रातें’। ये नौ रातें देवी मां के नौ रूप और उनकी नौ शक्तियों का प्रतीक होती हैं। इस दौरान देवी के सभी नौ रूपों की पूजा और अर्चना की जाती है। या देवियां हैं- शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री। इन नौ देवियों के लिए पढ़िए यहां दिए हुए कुछ नवरात्री कोट्स और विशेस (Navratri Quotes in Hindi)। यहाँ देखें • हमें था जिसका इंतजार वो घड़ी आ गई, होकर सिंह पर सवार माता रानी आ गई। नवरात्र 2022 की शुभकामनाएं Happy Navratri Wishes in Hindi | नवरात्री विशेस इन हिंदी • सजा हे दरबार, एक ज्योति जगमगाई है, सुना हे नवरात्रि का त्योहार आया हैं, वो देखो मंदिर में मेरी माता मुस्करायी है… जय माँ दुर्गा.. • सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सवार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते।। नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएं • सारा जहां है जिसकी शरण में, नमन है उस मां के चरण में, हम हैं उस मां के चरणों की धूल, इतनी दूर से आये है हम मां तेरे द्वार. • लाल रंग से सजा...

Sharidya Navratri 2022 Date Maa Durga Ki Sawari Hathi Meaning And Importance Know Navratri Puja Vidhi

Sharidya Navratri 2022 Maa Diurga ki Sawari: शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर यानी आज से शुरू हो रही है, जो कि आगमी 05 अक्टूबर को समाप्त होगी. हर साल आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तक शारदीय नवरात्रि रहती है. इस दौरान हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा होगी. हर साल मां दुर्गा का आगमन किसी ना किसी सवारी पर होता है. इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर भक्तों के घर पधारेंगी. आइए जानते हैं कि माता की सवरी कैसे तय होती है और नवरात्रि में माता की सवारी क्या संकेत दे रही है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब नवरात्रि का आरंभ रविवार या सोमवार से होता है तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं. अगर नवरात्रि गुरुवार या शुक्रवार को शुरू होती है तो माता रानी का आगमन पलकी पर होता है. यानी माता की सवारी पालकी होती है. इसके साथ ही अगर नवरात्रि की शुरुआत शनिवार या मंगलवार से होती है तो माता का आगमन घोड़ा पर होता है. वहीं अगर नवरात्रि की शुरुआत बुधवार से हो तो मां दुर्गा का आगमन नौका पर होता है. मां दुर्गा की प्रत्येक सवारी का अलग-अलग महत्व होता है. इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी, क्योंकि नवरात्रि की शुरुआत सोमवार से हो रहा है. हाथी की सवारी क्यों है खास मां दुर्गा जब हाथी पर सवार होकर पधारती हैं तो बारिश की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है. प्रकृति में चारों ओर हरियाली का नजारा देखने को मिलता है. प्रकृति का श्रृंगार देखने लायक होता है. इसके साथ ही फसलें बहुत अच्छी होती है. इसके अलावा माता रानी जब हाथी पर सवार होकर आती हैं तो अन्न और धन के भंडार भरती हैं. साथ ही धन-वैभव में वृद्धि होती है. शास्त्रों में मां दुर्गा का हाथी या नौका पर सवार होकर आना उपसकों के लिए मंगलकारी...

चैत्र नवरात्रि 2022: तिथि, मुहूर्त एवं महत्व, जानें

सनातन धर्म में नवरात्रि का त्यौहार अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है जो हिन्दुओं द्वारा बेहद ही श्रद्धाभाव एवं हर्षोल्लास से मनाया जाता है। नवरात्रि का त्यौहार देवी दुर्गा को समर्पित एक पवित्र पर्व है और यह साल में कुल चार बार आता है। इन चार नवरात्रि के नाम इस प्रकार हैं: माघ, आषाढ़, चैत्र और आश्विन आदि। विश्व में हिंदू धर्म के अनुयायियों द्वारा मनाये जाने वाले नवरात्रि में देवी शक्ति के नौ अलग-अलग रूपों का पूजन किया जाता है। प्रत्येक वर्ष चार नवरात्रि माघ, आषाढ़, चैत्र और आश्विन आदि को मनाने का विधान हैं, लेकिन इन चार नवरात्रि में से माघ और आषाढ़ को गुप्त नवरात्रि माना गया हैं। इनके अतिरिक्त चैत्र तथा आश्विन नवरात्रि वह दो नवरात्रि हैं, जिनका हिंदू धर्म में सर्वाधिक विशिष्ट महत्व है। चैत्र नवरात्रि को वसंत ऋतु में मनाया जाता हैं इसलिए इन्हें ‘वासंती नवरात्र’ भी कहा जाता हैं। इसके साथ ही चैत्र नवरात्रि को विशेष स्थान प्राप्त है क्योंकि चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन से हिंदू नववर्ष का आरम्भ माना गया है। चैत्र में आने वाले नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि और शरद ऋतु में आने वाली नवरात्रि को शरद नवरात्रि या शारदीय नवरात्रि कहते हैं। हिंदू पुराण और ग्रंथों के अनुसार, चैत्र नवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण नवरात्रि है जिसमें देवी शक्ति की पूजा की जाती थी, रामायण के अनुसार भी भगवान राम ने चैत्र के महीने में देवी दुर्गा की उपासना कर रावण का वध कर विजय प्राप्त की थी। इसी कारणवश चैत्र नवरात्रि पूरे भारत में, खासकर उत्तरी राज्यों में धूमधाम के साथ मनाई जाती है। यह हिंदू त्यौहार बिहार, झारखण्ड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में बहुत लोकप्रिय है। महाराष्ट्र और कोंक...

Shardiya Navratri 2022 know significance date kalash sthapana shubh muhurat in hindi

Navratri 2022: जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और महत्व, घटस्थापना के दौरान न करें ये गलतियां Navratri 2022 Ghatsthapna Timing: शारदीय नवरात्रि से फेस्टिव सीजन की शुरुआत हो जाती है. पितृ पक्ष के बाद शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ होता है. इस साल शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से लेकर 5 अक्टूबर तक है. आइए जानते हैं कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त. Navratri 2022: पितृ पक्ष के बाद शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ होता है. शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. इस साल 2022 शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से लेकर 5 अक्टूबर तक रहेंगे. नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना से होती है. कलश स्थापना के बाद ही मां देवी की पूजा की जाती है. आइए जानते हैं कलश का शुभ मुहूर्त घटस्थापना का शुभ मुहूर्त शारदीय नवरात्रि में देवी मां की पूजा से पहले 26 सितंबर को घटस्थापना की जाती है. कलश स्थापना का शुभ समय 26 सितंबर को 6 बजकर 28 मिनट से लेकर 8 बजकर 1 मिनट तक है. घटस्थापना के लिए 1 घंटे और 33 मिनट का समय है. जिन घरों में लोग व्रत रखना चाहते हैं. वह इसी एक घंटे के अंदर कलश की स्थापना करें. अभिजीत मुहूर्त में भी कर सकते हैं कलश स्थापना किसी कारणवश तय शुभ मुहूर्त पर घटस्थापना नहीं कर पाते हैं. तो आप अभिजीत मुहूर्त पर कलश स्थापना कर सकते है. अभिजीत मुहूर्त में भी कलश स्थापना शुभ माना जाता है. अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 54 मिनट से लेकर 12 बजकर 42 मिनट तक है. अभिजीत मुहूर्त में आपको कलश स्थापित करने के लिए 48 मिनट का समय मिलेगा. नवरात्रि पर कैसे करें कलश स्थापना घटस्थापना का अर्थ कलश की स्थापना करना होता है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. इसके बाद साफ कपड़े पहनें. मंदिर के बर्तन को साफ कर लें. अब कलश मे...

Chaitra Navratri 2022 Date and auspicious time of ghatsthapna

Chaitra Navratri 2022 Date: हिंदू धर्म में शक्ति की देवी मां दुर्गा की आराधना का विशेष पर्व नवरात्रि (Navratri 2022) कहलाता है। यूं तो साल में चार नवरात्रि आती है। लेकिन इनमें भी दो सबसे प्रमुख क्रमश: चैत्र व शारदीय नवरात्र माने जाते हैं। इस दौरान नवरात्रि में मां दुर्गा (Maa Durga) के नौ स्वरूपों की पूजा करने का विधान है। वहीं इनके अलावा 2 अन्य नवरात्र गुप्त नवरात्र कहलाते हैं, जिनमें दस महाविद्याओं के पूजन का विधान है। मान्यता के अनुसार नवरात्र में मनवांछित फल की प्राप्ति के लिए भक्त नौ दिनों तक का उपवास भी रखते हैं।

शारदीय नवरात्रि 2022 कब है? क्यों मनाया जाता है, पौराणिक महत्व

Shardiya Navratri 2022, देवी दुर्गा के नौ स्वरूप, नवरात्रि व्रत और कलश स्थापना का महत्त्व, चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि में अंतर, कलश स्थापना का महत्व, नवरात्रि व्रत (Shardiya Navratri 2022, Nav Durga Pooja Festival in hindi) नवरात्रि भारतीय हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। हिंदू धर्म के लोग होली और दीपावली की तरह नवरात्रि का त्यौहार भी बड़ी धूम-धाम से मनाते हैं। नवरात्रि व्रत देवी दुर्गा को समर्पित है जिन्हें ऊर्जा और शक्ति के नाम से भी जाना जाता है। Advertisements नवरात्रि का शाब्दिक अर्थ नौ रात से है जिस के उपलक्ष में हिंदू धर्म के लोग 9 दिनों का व्रत रखते हैं और देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा अर्चना करते हैं। वैसे तो देवी दुर्गा माता पार्वती का ही एक रूप मानी जाती हैं लेकिन दुर्गा सप्तशती में बताया गया है कि देवी दुर्गा का जन्म ऊर्जा के रूप में हुआ था। हिंदू समुदाय के लोग नवरात्रि के 9 दिनों में दुर्गा देवी के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती हैं जिनमें देवी दुर्गा के शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री आदि रूप शामिल हैं। विषय–सूची • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • इस साल 2022 में नवरात्रि कब है? 2022 में इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरूआत 26 सितंबर से होगी जिस दिन कलश स्थापना की जाएगी। 5 सितंबर को यह शरदीय नवरात्रि समाप्त हो जाएगी और इसी दिन दशमी की तिथि भी पड़ेगी जिसे विजय दशमी के रूप में मनाया जाता है। नवरात्र में दिनों के नाम 2022 में तिथि नवरात्र में पूजा अर्चना की जाती है। रंग का महत्व प्रतिप्रदा पहला दिन -26 सितम्बर माँ शैलपुत्री लाल द्वितीया दूसरा दिन – 27 सितम्ब...

नवरात्री 2022 करे ये उपाय होगी सभी मनोकामना पूरी

इस नवरात्री करे ये उपाय होगी सभी मनोकामना पूरी इस वर्ष 2022 मैं शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) सोमवार 26 सितंबर से शुरुआत हो रही है 26 सितंबर 2022 से 4 अक्टूबर 2022 तक नवरात्रि के इस महापर्व की पुरे संसार धूम रहेगी। हर बार नवरात्रि के दौरान मां की पूरी विधि- विधान से पूजा की जाती है और माँ सभी की मनोकामना पूरी करती है और सभी का जीवन खुशियों से भर देती है हिंदू धर्म मैं नवरात्रि के ये नौ दिन बहुत ज़्यदा शुभ माने जाते है और इन दोनों मैं किया हुआ कोई भी काम बहुत अच्छा माना जाता है और जो भी नर या नारी माता रानी की पूजा पूरी भावना से करे तो माता रानी उनका जीवन मैं सभी सुख-समृद्धि को पूरा कर देती है इसी के साथ साथ इन दिनों को शुभ माना जाता है तो इन दिनों मैं और भी बहुत से उपाय है जिनको करने से आपकी बहुत सी मुसीबतो से निजात पायी जा सकती है तो आये जानते है नवरात्रि 2022 के उपाय – समय – शुभ मुहूर्त नवरात्रि का शुभ मुहूर्त सोमवार, सितम्बर 26, 2022 तिथि प्रारम्भ – सितम्बर 26, 2022 को सुबह 03 बजकर 23 मिनट • पहला दिन : (मां शैलपुत्री): 26 सितम्बर 2022 • दूसरा दिन : (मां ब्रह्मचारिणी): 27 सितम्बर 2022 • तीसरा दिन : (मां चंद्रघंटा): 28 सितम्बर 2022 • चौथा दिन : (मां कुष्मांडा): 29 सितम्बर 2022 • पांचवां दिन : (मां स्कंदमाता): 30 सितम्बर 2022 • छठा दिन : (मां कात्यायनी): 01 अक्टूबर 2022 • सातवां दिन : (मां कालरात्रि): 02 अक्टूबर 2022 • आठवां दिन : (मां महागौरी): 03 अक्टूबर 2022 • नौवां दिन : (मां सिद्धिदात्री): 04 अक्टूबर 2022 • दसवां दिन : दशमी, दुर्गा विसर्जन और विजयादशमी (दशहरा) 05 अक्टूबर 2022 Note: ये सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। Astrologysupport.com इसकी सत्यता की पुष्टि...