नवरात्रि 2023 मार्च

  1. Chaitra Navratri 2023 date kalash sthapana muhurat rog panchak and ashubh muhurat by astrologer
  2. Maha Ashtami 2023: इस तारीख को है दुर्गा महाअष्‍टमी, राम नवमी और कन्‍या पूजन, जानें पूजा के शुभ मुहूर्त
  3. Chitra Navratri 2023
  4. Chaitra Navratri 2023 Day 7 Maa Kalratri Aarti Puja Vidhi Bhog Mantra In Hindi


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Chaitra Navratri 2023 date kalash sthapana muhurat rog panchak and ashubh muhurat by astrologer

चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च बुधवार से हो रही है. 19 मार्च को रविवार के दिन पंचक लग रहा है. चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च बुधवार से हो रही है. इससे पूर्व ही पंचक लग रहा है. 19 मार्च को रविवार के दिन पंचक लग रहा है, रविवार को प्रारंभ होने वाला पंचक रोग पंचक कहलाता है. 22 मार्च को चैत्र नवरात्रि का पहला दिन है और पूरे दिन पंचक है. अब लोगों के मन में सवाल है कि रोग पंचक में चैत्र नवरात्रि की कलश स्थापना कैसे होगी? तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि चैत्र नवरात्रि की कलश स्थापना कैसे की जाएगी और कौन सा अशुभ मुहूर्त है, जिसमें पूजा करने की मनाही है. चैत्र नवरात्रि 2023 की शुरुआत पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नवरा​त्रि शुरु होती है. पहले दिन सबसे पहले कलश स्थापना करते हैं और फिर मां शैलपुत्री की पूजा होती है. इस साल 22 मार्च को रात 08 बजकर 20 मिनट तक प्रतिपदा तिथि है. इस वजह से कलश स्थापना 22 मार्च को होगी. यह भी पढ़ें: चैत्र नवरात्रि में नौका पर होगा मां दुर्गा का आगमन, क्या हैं इसके 2 शुभ संकेत, जान लें ​प्रस्थान की सवारी पंचक में नहीं होती है कलश स्थापना? पंचक में कलश स्थापना पर रोक जैसी बात नहीं है. पंचक में कुछ कार्यों जैसे दक्षिण दिशा की यात्रा, छत बनवाना, चारपाई बनवाना, शैय्या निमाण आदि नहीं कराते हैं. जिस प्रकार से आप हर साल शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना या घट स्थापना करते हैं, उस विधि से ही इस बार भी कलश स्थापना होगी. कलश स्थापना का मुहूर्त इस साल चैत्र नवरात्रि के कलश स्थापना का मुहूर्त सुबह में ही है क्योंकि दोपहर में अभिजित मुहूर्त नहीं होने के कारण दोपहर का समय प्राप्त नहीं है. वैसे अभिजित मुहूर्त क...

Maha Ashtami 2023: इस तारीख को है दुर्गा महाअष्‍टमी, राम नवमी और कन्‍या पूजन, जानें पूजा के शुभ मुहूर्त

Ram Navami 2023 kab hai: चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है. इस तरह चैत्र मास की नवरात्रि हिंदू वर्ष की पहली नवरात्रि होती हैं. इन नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है. अष्‍टमी तिथि के दिन महाअष्‍टमी मनाई जाती है और मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. वहीं आखिरी दिन राम नवमी मनाई जाती है क्‍योंकि चैत्र शुक्‍ल की नवमी तिथि को भगवान राम का जन्‍म हुआ था. इस साल नवरात्रि पूरे 9 की हैं, यानी कि तिथियों में किसी तरह की घट-बढ़ नहीं हैं. इन 9 दिनों में मां अंबे की आराधना करना बहुत लाभ देता है क्‍योंकि नवरात्रि के 9 दिनों को बेहद शुभ और पवित्र माना गया है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल चैत्र नवरात्रि की दुर्गा अष्टमी 29 मार्च, बुधवार को रहेगी. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 29 मार्च की रात 09 बजकर 07 मिनट तक रहेगी. इस दिन मां दुर्गा के आठवें अवतार मां महागौरी की पूजा की जाती है. कुछ लोग इसी दिन हवन-पूजन और कन्‍या पूजन करते हैं. इस बार दुर्गा अष्टमी के दिन रवि योग और शोभन योग बनने से इस समय में किए गए पूजा-उपाय खूब लाभ देंगे. कब है राम नवमी 2023 हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल राम नवमी 30 मार्च को मनाई जाएगी. 30 मार्च की रात 11 बजकर 30 मिनट तक चैत्र शुक्‍ल नवमी तिथि रहेगी. महानवमी को मां सिद्धिदात्री की पूजा करते हैं. साथ ही भगवान राम का जन्मोत्‍सव पूरे देश में धूम-धाम से मनाया जाता है. इस बार महानवमी के दिन 4 शुभ योग- सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, गुरु पुष्य योग और अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं. इन शुभ योगों को ज्‍योतिष में बहुत महत्‍वपूर्ण माना गया है. इनमें किए गए पूजा-पाठ या काम बेहद शुभ फल देते हैं. साथ ही इस...

Chitra Navratri 2023

हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र नवरात्रि से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। साल में चार नवरात्रि मनाई जाती है दो गुप्त और दो प्रत्यक्ष। चैत्र और अश्विन माह में आने वाली नवरात्रि पर मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा अर्चना होती है वहीं आषाढ़ और माघ की गुप्त नवरात्रि में मां अंबे की 10 महाविद्याओं की उपासना की जाती है। हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। इस दिन गुड़ी पड़वा और चेती चांद का त्योहार मनाया जाता है। नवरात्रि में देवी के भक्त घटस्थापना करते हैं, नौ दिनों तक व्रत रखकर शक्ति साधना की जाती है। चैत्र नवरात्रि 2023 शुभ मुहूर्त- चैत्र प्रतिपदा प्रारम्भ – 21 मार्च, मंगलवार, रात 10:55 से चैत्र प्रतिपदा समाप्त – 22 मार्च, बुधवार, रात 08:23 तक चैत्र नवरात्रि – 22 मार्च 2023 (उदया तिथि की मान्यता के अनुसार) घटस्थापना, व्रत मुहूर्त – 22 मार्च सुबह 06:23 से 07:32 बजे तक नवरात्रि व्रत पारण – 31 मार्च, शुक्रवार, सुबह 06:13 बजे के बाद हर साल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है। यह भारतीय सनातन धर्म का सबसे प्रमुख त्यौहार है, इसी दिन से हिन्दू नववर्ष का प्रारंभ होता है। जिसकी स्थापना महाराज विक्रमादित्य ने की थी, इसलिए इसे विक्रम संवत कहा जाता है। इस दिन से ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत होती है। इस दिन से सम्पूर्ण प्रकृति में भी नयी शुरुआत होती है। कई सकारात्मक परिवर्तन के साथ ही नव वर्ष की शुरुआत होती है। चैत्र प्रतिपदा से अगले 9 दिनों तक माँ भगवती के 9 रूपों की उपासना शुरू होती है जिसे चैत्र की नवरात्रि कहा जाता है। नवमी तिथि पर श्रीराम चन्द्र जी के जन्मदिवस रामनवमी के दिन का पवित्र त्यौहार मनाया जाता है और दशमी तिथि को व्रत पारण के साथ नवरात्रि का ...

Chaitra Navratri 2023 Day 7 Maa Kalratri Aarti Puja Vidhi Bhog Mantra In Hindi

Chaitra Navratri 2023 Day 7: नवरात्रि के 7वें दिन मां कालरात्रि की पूजा से प्रसन्न होंगे शनि देव, जानें पूजा विधि और उपाय Chaitra Navratri 2023 Day 7: चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन 28 मार्च 2023 को देवी कालरात्रि की पूजा होगी. जानते हैं चैत्र नवरात्रि की सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि की पूजा विधि, मंत्र, उपाय और मुहूर्त. Chaitra Navratri 2023 Day 7 Maa Kalratri: चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन 28 मार्च 2023 को मां दुर्गा का सबसे शक्तिशाली स्वरूप देवी कालरात्रि की पूजा होगी. कालों की काल मां कालरात्रि ने शुंभ, निशुंभ के साथ रक्तबीज का संहार करने के लिए अवतार लिया था. मां कालरात्रि की उपासना तंत्र साधना के लिए महत्वपूर्ण मानी गई है. नवरात्रि में मां कालरात्रि की उपासना से शत्रु और विरोधियों से मुक्ति मिलती है. देवी कालरात्रि जिस पर प्रसन्न हो जाएं बड़ी से बड़ी विपदा टल जाती है यहां तक कि शनि के अशुभ प्रभाव में भी कमी आती है. नकारात्मक शक्तियों का अंत होता है, आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि की सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि की पूजा विधि, मंत्र, उपाय और मुहूर्त. चैत्र नवरात्रि 2023 सातवें दिन का मुहूर्त (Chaitra Navratri 2023 Day 7 Muhurat) चैत्र शुक्ल सप्तमी तिथि शुरू - 27 मार्च 2023, शाम 05.27 चैत्र शुक्ल सप्तमी तिथि समाप्त - 28 मार्च 2023, रात 07.02 • लाभ (उन्नति) - सुबह 10.54 - दोपहर 12.26 • निशिता काल मुहूर्त - मध्यरात्रि 12.03 - प्रात: 12.49 • द्विपुष्कर योग - सुबह 06.16 - शाम 05.32 • सौभाग्य योग - 27 मार्च 2023, रात 11.20 - 28 मार्च 2023, रात 11.36 मां कालरात्रि पूजा विधि (Maa Kalratri Puja Vidhi) काल का नाश करने वाली मां कालरात्रि की पूजा मध्यरात्रि(निशिता काल मुहूर्त) में शुभफलद...