नवरात्रि का छठा दिन कात्यायनी

  1. नवरात्रि का छठा दिन, देवी कात्यायनी की पूजा विधि, मंत्र और उपाय
  2. चैत्र नवरात्रि छठा दिन: जानें इस दिन किस देवी की कैसे करें उपासना
  3. Navratri 2021 6th Day Katyayani: Goddess Katyayani Is Worshiped On The Sixth Day Of Navratri, Know Worship Method, Mantra And Prasad
  4. नवरात्र का छठा दिन: मनचाहे वर के लिए ऐसे करें मां कात्ययनी की पूजा, जानिए, सही मंत्र, आरती और महत्व
  5. Sixth Day Of Navratri: Maa Katyayani Is Puja This Is Pujan Method Mantra And Katha
  6. नवरात्रि छठा दिन: इस शुभ योग में करें मां कात्यायनी की पूजा; खुलेंगे उन्नति के सारे रास्ते!
  7. Navratri Day 6: मां कात्यायनी की इस विधि से करें पूजा, मिलेगा मनचाहा जीवनसाथी
  8. What Is The Significance Of Navratri Sixth Day And Durga Puja Starts From Shasthi
  9. chaitra navratri 2023 6th day maa katyayani puja vidhi aarti katha bhog mantra


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नवरात्रि का छठा दिन, देवी कात्यायनी की पूजा विधि, मंत्र और उपाय

देवी कात्यायनी मां दुर्गा का छठा स्वरूप हैं, जिनकी पूजा नवरात्रि के छठे दिन की जाती है। नौ रातों तक चलने वाले इस त्योहार की तैयारी जोरों पर है। नवरात्रि वास्तव में भारत के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है और लाखों भक्तों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है। हर साल पूरे देश में नवरात्रि बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है। इस दौरान देवी दुर्गा के नौ रूपों या अवतारों की पूजा करते हैं। नवरात्रि की शुरुआत मां शैलपुत्री की पूजा से होती है और इसके बाद मां ब्रम्हाचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा और स्कंदमाता जैसे अन्य अवतारों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के छठे दिन माता के कात्यायनी रूप की पूजा अर्चना की जाती है। अक्सर मां कात्यायनी की पूजा करने से विवाह संबंधी परेशानी दूर होती है। यदि आप भी विवाह नहीं होने, विवाह में सामंजस्य नहीं हो पाने जैसी चीजों से परेशान हो रहे हैं, तो आपको मां कात्यायनी की पूजा के साथ दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करवाना चाहिए। आप समस्याओं से निपटने के लिए वैदिक रीति से की जाने वाली पूजा का लाभ जरूर लें। हमारे विशेषज्ञ पंडित आपके संकल्प के आधार पर आपके लिए व्यक्तिगत पूजा करवाने में आपकी मदद करेंगे। आगे जानिए क्या है मां कात्यायनी का स्वरूप- मां कात्यायनी का स्वरूप नवरात्रि पर्व का छठा दिन मां दुर्गा के छठे अवतार मां कात्यायनी को समर्पित है। एक बार कात्या नाम के एक महान ऋषि थे और उनकी इच्छा थी कि मां दुर्गा उनकी बेटी के रूप् में पैदा हों। उन्होंने देवताओं को प्रसन्न करने के लिए कई वर्षों तक कठोर तपस्या की, ऋषि की तपस्या से प्रसन्न देवताओं ने उन्हे वांछित वरदान दिया। एक समय महिषासुर नामक राक्षस ने पृथ्वी पर आतंक फैला रखा था तब देवताओं की त्रिमूर्ति ब्रह्मा, ...

चैत्र नवरात्रि छठा दिन: जानें इस दिन किस देवी की कैसे करें उपासना

नवरात्रि छठा दिन, कात्यायनी देवी : 18 अप्रैल 2021 (रविवार) नवरात्री के छठे दिन माता के कात्यायनी रूप की पूजा का विधान बताया गया है। वैसे तो देवी के सभी रूप बेहद मनमोहक हैं लेकिन देवी का कात्यायनी रूप करुणामयी बताया गया है। देवी ने ऋषि कात्यायन के घर जन्म लिया था जिसके चलते उन्हें कात्यायनी देवी के रूप से जाना जाने लगा गया। माता कात्यायनी का शरीर सोने की तरह सुनहरा और चमकदार है। माता सिंह पर सवार हैं और इनकी 4 भुजाएं हैं। माता कात्यायनी ने अपने एक हाथ में तलवार ली हुई है और दूसरे हाथ में कमल का फूल लिया हुआ है। माता के बाकी दोनों हाथ वरमुद्रा और अभयमुद्रा में हैं। सच्चे मन से माता की पूजा करने वालों की माता सभी मनोकामना को अवश्य ही पूरा करती हैं। पूजा के दौरान माता का मंत्र, “चंद्र हासोज्ज वलकरा शार्दू लवर वाहना।कात्यायनी शुभं दद्या देवी दानव घातिनि” का जाप अवश्य करना चाहिए। इस मन्त्र का अर्थ होता है कि, ‘शेर पर सवार, दानवों का नाश करने वाली देवी कात्ययानी हम सब के लिए शुभदायी हो।’ बृहत् कुंडली : जानें ग्रहों का आपके जीवन पर प्रभाव और उपाय कैसे करें कात्यायनी देवी की पूजा • सुबह उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनकर पूजा की शुरुआत करें। • इस दिन की पूजा में नारियल, कलश, गंगाजल, कलावा,रोली, चावल,चुन्नी, शहद,अगरबत्ती, धूप, दीप,नवैद्य, घी इत्यादि का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। • नारियल को चुन्नी में लपेट कर कलश पर रख दें। • माँ कात्यायनी को रोली, हल्दी और सिन्दूर लगाना चाहिए। • फिर मंत्र का जाप करते हुए माता रानी को पुष्प अर्पित करें। बता दें यहाँ आपको मंत्र का जाप 108 बार करना है और उसके बाद ही पुष्प अर्पित करने हैं। मंत्र, ‘ कंचनाभा वराभयं पद्मधरां मुकटोज्जवलां।स्मेरमुखीं शिवपत्...

Navratri 2021 6th Day Katyayani: Goddess Katyayani Is Worshiped On The Sixth Day Of Navratri, Know Worship Method, Mantra And Prasad

यह भी पढ़ें • Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि के छठे दिन पर होता है मां कात्यायनी का पूजन, जानिए शुभ रंग और पूजा विधि • Navratri 6th Day: कल है नवरात्रि का छठा दिन, मां कात्यायनी को लगाएं शहद से बनी चीजों का भोग • Chattarpur Mandir: शक्तिपीठ माना जाता है मां कात्यायनी का यह मंदिर, जानिए इस मंदिर की खासियत और कैसे पहुंचे वहां आज नवरात्रि का छठा दिन है. नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. नवरात्रि में नौ दिन तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है और उन्हीं एक रूप में से माता कात्यायनी का रूप है. मां कात्यायनी देवी का रूप बहुत आकर्षक है. इनका शरीर सोने की तरह चमकीला है. माता कत्यायनी को शहद से बनी चीजों और पान का भोग लगाया जाता है. आप माता को केसरी फिरनी का भोग लगा सकते हैं. इसे आप शक्कर की जगह शहद से बना सकते हैं. यह एक बहुत ही स्वादिष्ट डिजर्ट जिसे चावल, चीनी या शहद दूध, इलाइची और नट्स डालकर बनाया जाता है. पूरी रेसिपी के लिए मां कात्यायनी पूजा विधिः (Maa Katyayani Pujan Vidhi) आज नवरात्रि का छठा दिन है. नवरात्रि के छठवें दिन सबसे पहले मां कत्यायनी को लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर स्थापित करें. इसके बाद मां की पूजा उसी तरह की जाए जैसे कि नवरात्रि के बाकि दिनों में अन्य देवियों की जाती है. इस दिन पूजा में दिन शहद का प्रयोग करें. मां को भोग लगाने के बाद इसी शहद से बने प्रसाद को ग्रहण करना शुभ माना गया है. छठे दिन देवी कात्यायनी को पीले रंग से सजाना चाहिए. मां कात्यायनी मंत्रः (Maa Katyayani Mantra) चंद्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी डॉक्‍टरों ने कहा था Count Your Days,अब कैंसर को हरा खुशियां गिन रहा है अमित

नवरात्र का छठा दिन: मनचाहे वर के लिए ऐसे करें मां कात्ययनी की पूजा, जानिए, सही मंत्र, आरती और महत्व

नवरात्र का छठा दिन मां दुर्गा की षष्ठी शक्ति माता कात्यायनी को समर्पित है। देवी का यह स्वरूप करुणामयी है। देवी पुराण के अनुसार कात्यायन ऋषि के घर उन्होंने पुत्री के रूप में जन्म लिया था इसीलिए उन्हें देवी कात्यायनी के रूप में जाना जाता है। परंपरागत रूप से वे देवी दुर्गा की तरह लाल रंग से जुड़ी हुई हैं। मां कात्यायनी सभी देवियों में सर्वाधिक सुंदर हैं। नवरात्र की षष्ठी को कन्याएं मां कात्यायनी की विशेष पूजा करती हैं जिससे उनके विवाह में आ रहीं अड़चनें दूर हों और उन्हें मनचाहा वर प्राप्त हो। इस दिन साधक का मन आज्ञा चक्र में स्थित होता है। योगसाधना में इस चक्र का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। इस चक्र में स्थित मन वाला साधक मां की भक्ति में लीन हो जाता है। उसमें त्याग और समर्पण की भावना आती है। आत्म त्याग की इस भावना से भक्तों को मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनके सभी कष्ट दूर होते हैं। तो आइए, आपको बताते हैं, मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा विधि, मंत्र, कथा, आरती, पौराणिक व धार्मक महत्व के बारे में.. पौराणिक संदर्भ अमर कोष में कात्यायनी, पार्वती का ही दूसरा नाम है। यजुर्वेद के तैत्तिरीय आरण्यक में इनका प्रथम उल्लेख मिलता है। स्कंदपुराण में उल्लेख है कि वे परमेश्वर के नैसर्गिक क्रोध से उत्पन्न हुई थीं। इसके अलावा इनका उल्लेख पतंजलि के महाभाष्य, देवी भागवत पुराण, मार्कंडेय पुराण के देवी महात्म्य, बौद्ध और जैन ग्रंथों समेत कई तांत्रिक ग्रंथों, विशेष रूप से कलिका पुराण में मिलता है। कलिका पुराण (10वीं शताब्दी) में उद्यान या उड़ीसा में देवी कात्यायनी और भगवान जगन्नाथ के स्थान का उल्लेख किया गया है। बेहद अद्भुत है मां कात्यायनी का स्वरूप मां कात्यायनी का स्वरूप बेहद अद्भुत ...

Sixth Day Of Navratri: Maa Katyayani Is Puja This Is Pujan Method Mantra And Katha

नवरात्रि का छठा दिन: मां कात्यायनी की होती है पूजा, ये है पूजन विधि, मंत्र और कथा Sixth day of Navratri: नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. मां कात्यायनी की पूजा करने से व्यक्ति अपनी इंद्रियों को वश में कर सकता है. मां कात्यायनी ने महिषासुर का वध किया था. जिस कारण इन्हें दानवों, असुरों और पापियों का नाश करने वाली देवी कहा जाता है. S ixth Day Of Navratri: मां कात्यायनी देवी का रुप बहुत आकर्षक है. इनका शरीर सोने की तरह चमकीला है. मां की चार भुजा हैं और इनकी सवारी सिंह है. मां कात्यायनी के एक हाथ में तलवार और दूसरे हाथ में कमल का फूल सुशोभित है. साथ ही दूसरें दोनों हाथों में वरमुद्रा और अभयमुद्रा है. विधि पूर्वक पूजा करने से जिन कन्याओं के विवाह में देरी आती है इस पूजा से लाभ मिलता है. एक कथा के अनुसार कृष्ण को पति रूप में प्राप्त करने के लिए बृज की गोपियों ने माता कात्यायनी की पूजा की थी. माता कात्यायनी की पूजा से देवगुरु ब्रहस्पति प्रसन्न होते हैं और कन्याओं को अच्छे पति का वरदान देते हैं. मां कात्यायनी की कथा एक पौराणिक कथा के अनुसार कत नामक एक प्रसिद्ध महर्षि थे, उनके पुत्र ऋषि कात्य थे. इन्हीं कात्य के गोत्र में विश्वप्रसिद्ध महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे और जब दानव महिषासुर का अत्याचार पृथ्वी पर बढ़ गया तब भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों ने मिलकर महिषासुर के विनाश के लिए एक देवी को उत्पन्न किया. ऋषि कात्यायन के यहां जन्म लेने के कारण इन्हें कात्यायनी के नाम से जाना जाता है. नवरात्रि में दुर्गा आरती गाने से पूजा होती है सफल, यहां पढ़ें संपूर्ण आरती पूजा का समय मां कात्यायनी की पूजा विधि पूर्वक करने से व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा का अहसास होता है. इनकी ...

नवरात्रि छठा दिन: इस शुभ योग में करें मां कात्यायनी की पूजा; खुलेंगे उन्नति के सारे रास्ते!

चैत्र नवरात्रि 2023 की शुरुआत हो चुकी है। चैत्र शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मां दुर्गा के स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार, माता कात्यायनी को भगवान ब्रह्मा की मानस पुत्री माना जाता है। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड में इन्हें छठ मैया के नाम से जाना जाता है। मां कात्यायनी अन्य देवियों में सर्वाधिक सुंदर हैं। इस साल चैत्र नवरात्रि में मां कात्यायनी की पूजा 27 मार्च 2023 षष्ठी तिथि को की जाएगी। माना जाता है कि इस दिन मां कात्यायनी की पूजा विधि-विधान से करने से हर काम में सफलता मिलती है। इसके साथ ही शत्रुओं पर विजय की प्राप्ति होती है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं नवरात्रि के छठे दिन श्रद्धालुओं को किस पूजा विधि का पालन करना चाहिए और क्या-क्या उपाय, धार्मिक अनुष्ठान करने चाहिए लेकिन इससे पहले जान लेते हैं इस दिन कौन सा शुभ योग बन रहा है। दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें फ़ोन पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी शुभ योग में पड़ेगी नवरात्रि की षष्ठी तिथि नवरात्रि की षष्ठी तिथि का प्रारंभ आयुष्मान योग में हो रहा है। आयुष्मान योग का फल भी लंबे समय तक देखने को मिलता है। ऐसा माना जाता है कि इस योग में किए गए सभी कार्य लंबे समय तक फलदायी परिणाम देते हैं। आयुष्मान योग प्रारंभ: 26 मार्च 2023 रात 11 बजकर 23 मिनट से आयुष्मान योग समाप्त: 27 मार्च 2023 रात 11 बजकर 18 मिनट तक। मां कात्यायनी का स्वरूप नवरात्रि में छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी महिषासुर मर्दिनी हैं और इन्हें दुष्टों, असुरों, दानवों तथा राक्षसों का विनाशक माना जाता है। इनका स्वरूप संहारक है, अत्यन्त दिव्य और स्वर्ण क...

Navratri Day 6: मां कात्यायनी की इस विधि से करें पूजा, मिलेगा मनचाहा जीवनसाथी

कल यानि 1 अक्टूबर को नवरात्रि का छठा दिन है। नवरात्रि के नौ दिनों तक बहुत धूम- धाम से लोग ये त्योहार मनाते है। नवरात्रि के दौरान दुर्गा मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है। हर दिन दुर्गां मा के सभी स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि का छठां दिन देवी दुर्गां के छठें स्वरूप मां कात्यायनी का होता है। इस दिन मां कत्यायनी की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त मां कात्यायनी की विधि विधान से पूजा करते हैं, उनका सब काम आसानी से पूरा हो जाता है। सभी तरह की बुराईयों का विनाश हो जाता है। मां कात्यायनी को मन की शक्ति की देवी भी माना जाता है। इसलिए मां की पूजा करने से आप अपनी सभी इंद्रियों को अपने वश में कर सकते हैं। मां कात्यायनी की पौराणिक कथा शास्त्रों में मौजूद पौराणिक कथाओं के मुताबिक महर्षि कात्यायन ने मां जगदम्बा को एक बेटी के रूप में पाने के लिए बहुत मुश्किल तपस्या की थी। महर्षि के कठिन तपस्या से खुश होकर मां जगदम्बा ने महर्षि कात्यायन के यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया। जिससे उनका नाम मां कात्यायनी कहलाया। मां कात्यायनी ने कई असूरों का सर्वनाश किया, दुनिया में फैल रहे डर के माहौल को खत्म किया। पूजा विधि मां कात्यायनी की पूजा अर्चना करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहन लें। पूजा स्थान पर बैठकर मां की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद मां कात्यायनी को लाल रंग के कपड़े और फूल अर्पित करें। मां को रोली, कुमकुम, लॉन्ग का जोड़ा, इलाइची चढ़ाएं। साथ ही मां को 5 तरह के फल और मिठाई का भोह भी लगाएं। मां कात्यायनी को शहद काफी प्रिय है, इसलिए मां को शहद का भोग जरुर लगाएं। अब मां की कथा पढ़कर, मां की आरती उतारें। पूजा का महत्व मा...

What Is The Significance Of Navratri Sixth Day And Durga Puja Starts From Shasthi

नवरात्रि के नौ दिन देवी दुर्गा के नौ अवतारों की अराधना की जाती है. पूरा भारत इन दिनों नवरात्रि का उत्सव मना रहा है. हर दिन का अपना एक महत्व है. नवरात्रि का छठे दिन को पष्ठी भी कहा जाता है. कोलकाता में पष्ठी वाले दिन से दुर्गा पूजा की भी शुरुआत होती है, जहां दुर्गा पूजा की एक अलग ही रौनक देखने को मिलती है. पष्ठी वाले दिन से दुर्गा पूजा के लिए बड़े बड़े पंडाल लगाएं जाते है जहां आपको मां दुर्गा की बेहद ही सुंदर मूर्तियां देखने को मिलती है. लोग भारी संख्या में मां दुर्गा के दर्शन के लिए इन पंडालो में जाते हैं. यह भी पढ़ें • गुरुग्राम: ऑनलाइन ऐप के माध्यम से लोगों को हनी ट्रैप में फंसाकर पैसा ऐंठने वाली महिला और उसका सहयोगी गिरफ्तार • सोने से पहले शहद में मिलाकर खा लिया लहसुन तो ये 4 बड़ी परेशानियां हो जाएंगी दूर, मिलेंगे ये बेहतरीन फायदे • शहद को चेहरे पर लगाकर देखें इन 4 तरीकों से, निखर उठेगी त्वचा और गाल हो जाएंगे मुलायम नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है, ऐसा माना जाता है की ऋषि कात्यायन के घर में इन्होंने पुत्री के रूप में जन्म लिया था जिस कारण इनका नाम कात्यायनी पड़ा. मां कात्यायनी का स्वरूप बेहद तेज भरा होता है. शेर पर सवार मां कात्यायनी की चार भुजाएं हैं जिनमें से उनके एक हाथ में कमल और दूसरे हाथ में तलवार हैं. हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी कात्यायनी ने महिषासुर नामक दानव का संहार किया था. मां कात्यायनी की पूजा करने से विवाह में आने वाली बांधा दूर हो जाती है. भक्त देवी कात्यायनी को प्रसाद के रूप में शहद चढ़ाते हैं. कहा जाता है देवी कात्यानी के आशीर्वाद से आपकी सभी समस्याएं समाप्त हो जाती है और जीवन में मधुरता आती है. शहद चढ़ाने के अलावा कई चीजों ...

chaitra navratri 2023 6th day maa katyayani puja vidhi aarti katha bhog mantra

Navratri 6th Day: नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की होगी पूजा, नोट कर लें पूजन विधि, मंत्र, आरती, भोग और कथा chaitra navratri 2023 इस साल 22 मार्च 2023 से नवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत हुई। यह पर्व नौ दिनों तक बड़े ही धूम- धाम से मनाया जाता है। नवरात्रि के दौरान मां के नौ रूपों की पूजा- अर्चना की जाती है। 27 मार्च, 2023कोनवरात्रि का छठा दिन है। इस साल 22मार्च 2023सेनवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत हुई। यह पर्व नौ दिनों तक बड़े ही धूम- धाम से मनाया जाता है। नवरात्रि के दौरान मां के नौ रूपों की पूजा- अर्चना की जाती है। नवरात्रि के छठे दिन मां के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा- अर्चना की जाती है। मां कात्यायनी का स्वरूप अंत्यत भव्य और चमकीला है। मां की चार भुजाएं हैं और मां का वाहन सिंह है। आइए जानते हैं मां कात्यायनी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, महत्व, भोग औरआरती मां कात्यायनी पूजा विधि... • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं और फिर साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें। • मां की प्रतिमा को शुद्ध जल या गंगाजल से स्नान कराएं। • मां को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें। • मां को स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें। • मां को रोली कुमकुम लगाएं। • मां को पांच प्रकार के फल और मिष्ठान का भोग लगाएं। • मां कात्यायनी को शहद का भोग अवश्य लगाएं। • मां कात्यायनी का अधिक से अधिक ध्यान करें। • मां की आरती भी करें। मां कात्यायनी की पूजा का महत्व • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां कात्यायनी की पूजा- अर्चना करने से विवाह में आ रही परेशानियां दूर हो जाती हैं। • मां कात्यायनी की पूजा करने से कुंडली में बृहस्पति मजबूत होता है। • मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाने से सुंदर रूप की प्राप्ति होती...