पंचराम मिर्झा का छत्तीसगढ़ी गाना

  1. छत्तीसगढ़ी गाना ददरिया
  2. जस गीत
  3. पंचराम मिर्झा


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छत्तीसगढ़ी गाना ददरिया

छत्तीसगढ़ का ददरिया गीत क्या है ददरिया गीत को छत्तीसगढ़ के लोक गीतों का राजा भी कहते है, ददरिया गीत सवाल – जवाब शैली पर आधारित है, ददरिया गीत को फसल बोते समय युवक युवतियों द्वारा अपने मन की बात को बताने के लिए गाया जाता है, यह श्रृगार प्रधान है ददरिया गीत को प्रेम गीत के नाम से भी जाना जाता है इसे प्राय: बैगा जनजाति के लोक गाते है साथ में नृत्य भी करते है ददरिया गीत छत्तीसगढ़ी लोक जीवन ओर साहित्य में प्रेम को काव्य के रूप में है इसके कलाकार है दिलीप षडंगी केदार यादव इसे भी पढ़े • • जुडी लेख 👀 👀 👀 👀 👀

सुरता

पुरखा के सुरता देश के कोना कोना मा छत्तीसगढ़ी भाखा ला प्रचारित करने वाला, तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. #इंदिरा_गांधी जी ला #छत्तीसगढ़ी गाना सुना के जिनगी के सार बता वाहवाही बटोरने वाला, #छत्तीसगढ़ी_राजभाषा_आयोग के पूर्व सदस्य, छत्तीसगढ़ी संस्कृति के प्रचार बर #आकाशवाणी_रायपुर अउ #भिलाई_स्टील_प्लांट के परमानेंट नौकरी छोड़ने वाला, छत्तीसगढ़ के सुप्रशिद्ध लेखक, गायक, कहानीकार, संगीतकार, रेडियो TV, आकाशवाणी अउ दूरदर्शन कलाकार छत्तीसगढ़ महतारी के रतन बेटा स्व. श्री #पंचराम_मिर्झा जी के पुण्यतिथि मा सत-सत नमन हे स्व. पंचराम मिर्झा जी जन्म 15/12/1952 ग्राम तुलसी, विकासखंड तिल्दा नेवरा, जिला रायपुर मध्यप्रदेश (वर्तमान छत्तीसगढ़) मा होइस, पिता सुखीराम माता बिरोजो बाई रिहिन, स्व. मिर्झा जी 4 बहन अउ 2 भाई मा सबले छोटे रिहिस, मिर्झा जी के पैतृक ग्राम सिर्वे, तिल्दा नेवरा आय, 9 वर्ष के आयु तक बोले मा सक्षम नही रिहिस तेकर सती घर मे ओला बचपन मे कोन्दा बोले फेर जब बोलना सिखिस तो अपन आवाज से छत्तीसगढ़ ही नही पूरा भारत मा छत्तीसगढ़ी के डंका बजा। स्व. मिर्झा जी करीब 4000 गाना के रचना करिस, अउ ओला अपन आवाज दिस, वही तीजहारीन, कांदा वाला, किरायादार जइशन कई नाटक भी लिखिन । कैसा रेल बनाया बनाने वाला, मोर छत्तीसगढ़ के तिहार, मोर भारत माता के छाती ये छत्तीसगढ़ के माटी, बारी के गाना, तय कइसे उड़ाए रे मैना, तय मोर सावन भादो, कर्मा नाचे बर आबे, दरोगा बाबू, ग़दर मताही, गाड़ी टेशन मा आबे जइसे सैकड़ो मिर्झा जी के यादगार गीत रिहिस गायन के सुरवात स्व. मिर्झा जी मानस मंडली मा जसगीत गाके करिस अउ अपन आजीविका बर रायपुर कूकरी तालाब गुढ़ियारी में जूता रिपेयरिंग के दुकान चलाये, रायपुर मा स्व. मिर्झा जी के जसगीत के जादू अइसे चलीस के...

जस गीत

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पंचराम मिर्झा

ए दे बारी के सुन लेहु गाना जी संगी बारी के सुन लेहु गाना ए दे बारी के सुन लेहु गाना जी ए दे बारी के सुन लेहु गाना ए दे बारी के सुन लेहु गाना जी संगी बारी के सुन लेहु गाना ए दे बारी के सुन लेहु गाना जी ए दे बारी के सुन लेहु गाना हां~~~ ए दे बारी के सुन लेहु गाना जी संगी बारी के सुन लेहु गाना ए दे बारी के सुन लेहु गाना जी ए दे बारी के सुन लेहु गाना तुमा~ बिचारी परजाता सहि~ वो ह छानही में जा के उंडत हे~~ तुमा~ बिचारी परजाता सहि~ वो ह छानही में जा के उंडत हे~~ एती ओती ओलंड घोलंड के~~ उतरे के बेरा जोहत हे चना दार के निचट दीवाना जी बारी के सुन लेहु गाना चना दार के निचट दीवाना जी बारी के सुन लेहु गाना हे चना दार के निचट दीवाना जी बारी के सुन लेहु गाना ए दे बारी के सुन लेहु गाना जी बारी के सुन लेहु गाना ए दे बारी के सुन लेहु गाना जी संगी बारी के सुन लेहु गाना ए दे बारी के सुन लेहु गाना जी बारी के सुन लेहु गाना पताल फरे लाल लाल ओकर गुण हावय भारी~ पताल फरे लाल लाल ओकर गुण हावय भारी~ कांही साग तैं~ रांध ले सबके~ संग बनथे संगवारी वो मिठाथे सही मनमाना जी ए दे बारी के सुन लेहु गाना वो मिठाथे सही मनमाना जी ए दे बारी के सुन लेहु गाना ए दे बारी के सुन लेहु गाना जी भैया बारी के सुन लेहु गाना ए दे बारी के सुन लेहु गाना जी ए दे बारी के सुन लेहु गाना ढेकरा ऊपर सेमी खेखसी पड़ोरा नार ह चढ़े हे~~ ढेकरा ऊपर सेमी खेखसी पड़ोरा नार ह चढ़े हे~~ झूलत हावय~ झूलना झूले कस~ बहुंते सबो फरे हे तोड़ के सगा पहुना खवाना जी बारी के सुन लेहु गाना तोड़ के सगा पहुना खवाना जी बारी के सुन लेहु गाना ए तोड़ के सगा पहुना खवाना जी बारी के सुन लेहु गाना ए दे बारी के सुन लेहु गाना जी बारी के सुन लेहु गाना हां ए दे बारी के सुन ले...