पंचतंत्र की नई कहानियां

  1. पंचतंत्र की कहानी
  2. Panchatantra short stories in hindi with moral
  3. Inspiring Panchatantra Stories In Hindi
  4. 101 पंचतंत्र की कहानियां 101 Panchatantra Stories Hindi [PDF] Download
  5. पंचतंत्र की 5 बेस्ट कहानियाँ Best 5 panchatantra Stories In HIndi
  6. पंचतंत्र की 101 कहानियां
  7. 78 पंचतंत्र की कहानियां
  8. 60+ Complete Panchatantra Stories In Hindi


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पंचतंत्र की कहानी

पंचतंत्र की कहानी - जैसे को तैसा | Panchatantra Story in Hindi बहुत समय पहले नादुक नाम का एक धनी व्यापारी रहता था। कुछ समय बाद उसे व्यापार में घाटा पड़ गया और वह कर्ज में डूब गया। नादुक के दुख के दिन थे। हाथ पर हाथ रखकर बैठने से कोई लाभ नहीं, यह सोचकर उसने विदेश जाकर धन कमाने का निश्चय किया। अपना सब कुछ बेचकर नादुक ने सारा कर्ज चुका दिया। सब कुछ बेचने के बाद उसके पास एक लोहे की भारी छड़ रह गई । यात्रा पर जाने से पहले नादुक अपने मित्र लक्ष्मण के घर गया। नादुक की कहानी सुनकर "मित्र लक्ष्मण को बहुत दुख हुआ। उसने कहा, मेरे योग्य कोई सेवा हो तो बताओ ।" नादुक ने कहा, "दोस्त मेरे पास लोहे की एक भारी छड़ है। अगर तुम्हें कोई मुश्किल न हो तो, मेरे वापस आने तक उसे अपने पास रख लो।" "बस, इतनी सी बात ? भला इसमें क्या है ? तुम अपनी चीज नि:संकोच मेरे पास रख सकते हो। तुम जब भी उसे वापस मांगोगे मिल जायेगी।" नादूक ने अपने मित्र को धन्यवाद दिया और उसका आभार मानते हुए अपने घर चला गया। लोहे की छड़ को लक्ष्मण के घर छोड़कर नादूक विदेश-यात्रा पर चला गया। कई वर्षों तक नादुक ने देश-विदेश की यात्रा की और जगह-जगह जाकर व्यापार किया। उसका भाग्य अच्छा था। व्यापार चल निकला और कुछ ही समय में वह फिर धनवान हो गया। धनवान होने के बाद, अपनी सारी दौलत लेकर वह घर वापस लौट आया। उसने एक नया मकान खरीदा और एक बार फिर ठाठबाठ से अपना कारोबार चलाने लगा। कुछ समय बाद वह अपने मित्र लक्ष्मण से मिलने गया। नादुक को देखकर लक्ष्मण बहुत प्रसन्न हुआ और उसे प्रेमपूर्वक बैठाया। नादुक ने उसे अपनी यात्रा और व्यापार के हालचाल सुनाये। चलते समय उसने लक्ष्मण से कहा, "दोस्त, अब मैं यहां आ ही गया हूं तो सोचता हूं, कि अपनी लोहे की छड़ भी ले...

Panchatantra short stories in hindi with moral

पंचतंत्र में सबसे अच्छी कहानी अभी तक की 8 कहानिया है जो की निचे दिए गए है। • दोस्ती का महत्व (Dosti Ka Mahatva) - The Importance of Friendship • समझदार शेर (Samajhdar Sher) - The Wise Lion • बैल और किसान (The Farmer and the Ox) • बंदरों का गुरू (The Monkey's Teacher) • बदला लेने की सीख (The Lesson of Taking Revenge) • दोस्ती का रंग - The Color of Friendship • बूढ़ा साधू और चोर की कहानी • बंदरों का विवाद Recent Posts • 99+ Beti Papa Quotes in Hindi – पिता और बेटी पर शानदार शायरी • Hindi bf Shayari Hindi Mai | बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड के लिए सबसे भेत्रिन शायरी • 199+ Good Morning Quotes In Hindi | सुप्रभात सुविचार • Class 2 Short Moral Stories in Hindi | बच्चों के लिए कहानियाँ [2023] • 199+ Mothers day quotes in hindi | माँ पे Special शायरी Images 2023 • • • • • • • • •

Inspiring Panchatantra Stories In Hindi

प्रणाम मित्रों .. शिक्षाप्रद एवं मनोरंजक कहानियों की श्रृंखला को एक कदम आगे बढ़ाते हुए , प्रस्तुत है आप सभी के सम्मुख रचयिता Panchatantra Stories in Hindi , Panchatantra Stories in Hindi , Panchatantra Stories in Hindi , Panchatantra Stories in Hindi , Panchatantra Stories in HindiPanchtantra ki Kahani Panchtantra ki Kahani Panchatantra Stories in Hindi 7 . सुंदरपुर की कहानी | Panch Tantra ki kahaniyan 1 . दो मित्र हाथी और खरगोश | Panchtantra ki Kahani Panchtantra ki Kahani एक समय की बात है जब एक जंगल में सोनू नाम का एक हाथी रहता था और सोनू खरगोश उसका मित्र था । दोनों ही काफी अच्छे मित्र थे । दोनों जंगल की सैर एक साथ ही किया करते थे । इन दोनों की दोस्ती की चर्चा हर जगह होती रहती थी । फिर एक दिन की बात है जब मौसम काफी अच्छा था । हर तरफ हरी – हरी घास और पेड़ पौधे लहरा रहें थे । उस दिन खरगोश और हाथी काफी पेट भर के खाना खाए । वही दोनों का आराम करते – करते खेलने का मन होता है । जिसके पश्चात दोनों ने योजना बनाई और खेलने की शुरुआत कर दिया । लेकिन इन दोनों को कोई नया गेम खेलने का मन हो रहा था । बस इसी पर सोनू ने कहा की हम कोई नया खेल खेलेंगे , जो पुराने खेल से अच्छा होगा । फिर सोनू ने खेल के बारे में अपने मित्र को समझाया की पहले मैं बैठ जाऊंगा और तुमको मेरे ऊपर से उछल कर दूसरी ओर कूदना है जिसके बार तुम बैठोगे तो मैं कूदूंगा । एक बात और ध्यान रहे हमें एक दूसरे से बिना स्पर्श हुए ही कूदना है । खेल का नियम सुन सोनू का मित्र तनिक घबरा रहा था लेकिन मित्र का मन रखने के लिए सोनू ने हां कह दी । उसके बाद हाथी नीचे बैठ गया और खरगोश बड़ी आसानी से कूदकर दूसरी तरफ चला गया । उसके बाद अब खरगोश जब...

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पंचतंत्र की 5 बेस्ट कहानियाँ Best 5 panchatantra Stories In HIndi

पंचतंत्र की पांच प्रसिद्ध कहानियाँ Best 5 panchatantra Stories In Hindi Best 5 panchatantra Stories In Hindi दोस्तों ! आपने बचपन में पंचतंत्र की कहानियाँ जरुर पढ़ी होगी. मैंने तो बहुत पढ़ी, मैं बचपन में बहुत कहानियाँ पढ़ता था. जो Knowledge देने के साथ – साथ मेरा मनोरंजन भी करती थी. आज मैं आपके साथ अपने बचपन की पंचतंत्र की 5 प्रसिद्ध कहानियाँ शेयर कर रहा हूँ जो मुझे बहुत पसंद है. इन कहानियों को पढने से न सिर्फ आपको मजा आएगा बल्कि आपको ज्ञान भी मिलेगा. Panchatantra Story No. 1 – पानी और प्यासा कौआ (A Thirsty crow) गर्मियों के दिन थे. दोपहर के समय बहुत ही सख्त गर्मी पड़ रही थी. एक वहां उसने देखा कि घड़े में थोड़ा पानी है. वह पानी पीने के लिए नीचे झुका लेकिन उसकी चोंच पानी तक न पहुँच सकी. ऐसा इसलिए हो रहा था क्योंकि घड़े में पानी बहुत कम था. परन्तु वह कौआ हताश नहीं हुआ बल्कि पानी पीने के लिए उपाय सोचने लगा. तभी उसे एक उपाय सूझा. उसने आस – पास बिखरे हुए कंकर उठाकर घड़े में डालने शुरू कर दिए. लगातार पानी में कंकड़ डालने से पानी ऊपर आ गया. फिर उसने आराम से पानी पिया और उड़ गया. इस कहानी से शिक्षा : दोस्तों जहाँ चाह होती है वहीँ राह होती है. कौवे को पानी की बहुत ज्यादा प्यास लगी थी. उसे पानी की बहुत आवश्यकता थी. जब उसे हमें भी इस कहानी से यह जरुर सीखना चाहिए कि अगर हमें भी कुछ पाना है या हमें भी अगर हम सफल होने के लिए अपने कदम बढ़ाएंगे तो हमें सफलता प्राप्त करने के रास्ते आसानी से मिलने लगेंगे. जहाँ चाह वहां राह और आवश्यकता ही हमेशा अविष्कार की जननी होती है. Story No. 2 – एक चालाक लोमड़ी (A Clever Fox) एक लोमड़ी बहुत भूखी थी. वह अपनी भूख मिटने के लिए भोजन की खोज में इधर – उधर घूमने लगी. जब उसे...

पंचतंत्र की 101 कहानियां

पंचतंत्र की 101 कहानियां पंचतंत्र की 101 कहानियां – विष्णु शर्मा | 101 Panchatantra Stories in Hindi S. No Panchtantra Stories 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 Reference Categories

78 पंचतंत्र की कहानियां

पंचतंत्र की कहानियां बच्चों के कोमल मन में बातों को गहराई तक पहुंचाने का तरीका कहानियों से बेहतर और क्या हो सकता है। खासकर, पंचतंत्र की कहानियां, जिसमें बेहतर सीख, संस्कार व जीवन में अच्छी चीजों की ओर बढ़ने की प्रेरणा मौजूद होती है।पांच भागों में बंटी पंचतंत्र की कहानियां ही हैं, जो दोस्ती की अहमियत, व्यवहारिकता व नेतृत्व जैसी अहम बातों को सरल और आसान शब्दों में बच्चों तक पहुंचा कर उन पर गहरी छाप छोड़ जाती हैं। शायद यही वजह है कि अक्सर बचपन में सुनी कहानियां और उनकी सीख जीवन के अहम पड़ाव में मार्ग दर्शक के रूप में भी काम कर जाती हैं।हम कौआ-उल्लू के बीच का बैर, दोस्ती-दुश्मनी, दोस्तों के होने का लाभ, कर्म न करने से होने वाली हानि, हड़बड़ी में कदम उठाने से होने वाले नुकसान जैसी कई पंचतंत्र की कहानियां आप तक इस प्लेटफॉर्म के जरिए लेकर आ रहे हैं। आप इन कहानियों के माध्यम से बच्चों को खुशी देने और उनका मन बहलाने के साथ ही उनके अंदर नैतिकता व सदाचार के भाव को पहुंचा सकते हैं। तो देर किस बात की, अपने बच्चों को ये शिक्षाप्रद कहानियां सुनाते हुए अपने बचपन में खो जाइए।

60+ Complete Panchatantra Stories In Hindi

Table of Contents • • • • • • • • भूमिका पंचतंत्र पंडित विष्णुशर्मा द्वारा रचित ग्रन्थ/कथा-संग्रह है, जिसे संस्कृत नीति-कथाओं में प्रथम स्थान प्राप्त है. इसकी रचना तिथि तीसरी शताब्दी के आस-पास मानी जाती है. यद्यपि यह बात दावे के साथ नहीं कही जा सकती, क्योंकि इसका मूल संस्कृत संस्करण उपलब्ध नहीं है. इसके विभिन्न अनुवाद इस कथा-संग्रह को आमजन के लिए सुलभ बनाते हैं. अब तक विश्व की लगभग 50 भाषाओँ में इसका अनुवाद किया जा चुका है. इसके 200 संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं. पहलवी भाषा में उपलब्ध अनुवाद ‘करकटदमनक’ इसका प्राचीनतम अनुवाद माना जाता है. विश्व साहित्य में पंचतंत्र को उच्च स्थान प्राप्त है. जर्मन साहित्य के अतिरिक्त ग्रीक साहित्य की ईसप की कहानियों तथा अरब साहित्य की ‘अरेबियन नाइट्स’ की कहानियों का मूल पंचतंत्र ही है. पंचतंत्र की कहानियाँ पाँच तंत्रों में विभाजित है और बड़े ही सरल और रोचक ढंग से प्रस्तुत की गई है. कहानियों में मानव पात्रों के साथ ही पशु-पक्षियों के पात्र भी चित्रित किये गए हैं. सभी कहानियाँ मनो-विज्ञान, व्यावहारिकता और राजकाज के सिद्धांतों को प्रस्तुत कर लोक-व्यवहार की सीख देती है और नेतृत्व क्षमता का विकास करती है. दक्षिण भारत के एक जनपद में महिलारोप्य नामक नगर था, जहाँ अमरशक्ति नाम के राजा का शासन था. वह बड़ा ही वीर, पराक्रमी और दयालु होने के साथ-साथ नीतिज्ञ, विद्वान और समस्त कलाओं में पारंगत था. किंतु उसके तीन पुत्र बहुत्शक्ति, उग्रशक्ति तथा अनंतशक्ति अज्ञानी, अविवेकी और अहंकारी थे. राजा अपने पुत्रों को लेकर सदा चिंतित रहा करता था. एक दिन मंत्रणा करते हुए वो अपने मंत्रियों से बोला, “ऐसे अज्ञानी और अहंकारी पुत्रों से निःसंतान होना भला है. ऐसे पुत्र जीवन भर क...