पंचतंत्र की शिक्षाप्रद कहानियां

  1. Panchtantra stories in hindi: पंचतंत्र की शिक्षाप्रद कहानियां।
  2. पंचतन्त्र की सात मुख्य कहानियाँ Panchatantra In Hindi
  3. बेवकूफ गधे की कहानी
  4. 78 पंचतंत्र की कहानियां
  5. सिंह और चूहा
  6. पंचतन्त्र की शिक्षाप्रद कहानियां
  7. पंचतंत्र की कहानियां हिंदी में


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Panchtantra stories in hindi: पंचतंत्र की शिक्षाप्रद कहानियां।

1) पंचतंत्र की कहानी: जादुई पतीला, Magical Pot hindi story सालों पहले पीतल नगर में किशन नाम का एक किसान रहता था। वह गाँव के एक ज़मींदार के खेत पर काम करके किसी तरह अपना घर चला रहा था। पहले किशन के भी खेत थे, लेकिन उसके पिता के बीमार होने के कारण उसे अपने सारे खेत बेचने पड़े। मज़दूरी में मिलने वाले पैसों से पिता का इलाज कराना और घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा था। वो हर दिन सोचता कि कैसे घर की स्थिति को बेहतर किया जाए। आज भी इसी सोच के साथ किशन सुबह-सुबह ज़मींदार के खेत पर काम करने के लिए निकला। खुदाई करते समय उसकी कुदाल किसी धातु से टकराई और तेज़ आवाज़ हुई। किशन के मन में हुआ कि आखिर ऐसा क्या है यहाँ? उसने तुरंत उस हिस्से को खोदा तो वहाँ से एक बड़ा-सा पतीला निकला। पतीला देखकर किशन दुखी हो गया। किशन के मन में हुआ कि ये ज़ेवरात होते तो मेरे घर की हालत थोड़ी सुधर जाती। फिर किशन ने सोचा कि चलो, अब खाना ही खा लेता हूँ। किशन ने खाना खाने के लिए अपने हाथ की कुदाल उस पतीले में फेंक दी और हाथ-मुँह धोकर खाना खाने लगा। खाना खत्म करने के बाद किशन अपनी कुदाल उठाने के लिए उस पतीले के पास पहुँचा। वहाँ पहुँचते ही किशन हैरान हो गया। उस पतीले के अंदर एक नहीं, बल्कि बहुत सारे कुदाल थे। उसे कुछ समझ नहीं आया। तभी उसने अपने पास रखी एक टोकरी को भी उस पतीले में फेंक दिया। वो एक टोकरी भी पतीले के अंदर जाते ही बहुत सारी हो गईं। ये सब देखकर किशन खुश हो गया और उस जादुई पतीले को अपने साथ घर लेकर चला आया। वो हर दिन उस बर्तन में अपने कुछ औज़ार डालता और जब वो ज़्यादा हो जाते, तब उन्हें बाज़ार जाकर बेच आता। ऐसा करते-करते किशन के घर की हालत सुधरने लगी। उसने इस तरह से बहुत पैसा कमाया और अपने पिता का इलाज भी करवा...

पंचतन्त्र की सात मुख्य कहानियाँ Panchatantra In Hindi

Tales of Panchatantra 1. मगरमच्छ का व्यवहार-परिवर्तन : एक समुद्रतट के पास जामुन का एक बड़ा-सा सदाबहार पेड़ था। इस पेड़ पर रक्तमुख नामक एक वानर रहता था। एक बार करालमुख नामक एक समुद्री मगरमच्छ समुद्रतट पर आया तो वानर ने अतिथि समझ अपने साथ उसे भी मीठे-मीठे जामुन खिलाये क्योंकिः- 1. शास्त्रानुसार मित्र-शत्रु, पंडित-मूर्ख जो भी आये बलिवैष्वदेव (दिनचर्या में भूल-चूक से हुए पापों के प्रायष्चित्तस्वरूप भोजन से पूर्व पशु-पक्षियों, चींटियों के लिये एवं अन्य पात्रों के लिये कुछ अन्न अवश्य रखें) के समय आया हर व्यक्ति अतिथि है. 2. महर्षि मनु के अनुसार बलि (अर्थात् उपरोक्त बलिवैष्वदेव) के अन्त में अथवा श्राद्ध के समय आगत प्रत्येक व्यक्ति सम्मानित अतिथि है, उस समय उसके निवास, गोत्र, वंश अथवा विद्यादि किसी भी सन्दर्भ में पूछताछ नहीं करनी है. 3. लम्बे मार्ग पर चलने से थके व्यक्ति का भी यथोचित सम्मान किया जाना चाहिए। इस प्रकार पत्नी मोह से घिरा मगरमच्छ न चाहते हुए भी यह बात मन में लिये गया व छल करते हुए वानर से बोला कि मेरी पत्नी से मुझसे कहा है कि क्या मैं इतना स्वार्थी हूँ जो बारम्बार मीठे जामुन खाकर आ जाता हूँ परन्तु उस मित्र को घर आमंत्रित तक नहीं करता। मगरमच्छ वानर को पीठ पर बिठाकर ले जा रहा था एवं मार्ग में मन की वास्तविक बात बतायी कि वह तुम्हारे हृदय को खाना चाहती है। वानर चपलता से उछलकर बच निकला एवं मगरमच्छ की पत्नी का लोभ पूरा नहीं हो पाया। सीख : लालच बुरी बलाय, हर किसी को मित्र न समझें; परिजनों के प्रति अपना मोह मिटायें, बाहर वाले हों अथवा घर वाले किसी की अनुचित बात में न आयें, 2. जुलाहा एवं शीशम का वृक्ष : मंथर नामक एक जुलाहा था। औजार बनाने के लिये वह वन की ओर निकला। शीशम के पेड़ के ...

बेवकूफ गधे की कहानी

सूचना: दूसरे ब्लॉगर, Youtube चैनल और फेसबुक पेज वाले, कृपया बिना अनुमति हमारी रचनाएँ चोरी ना करे। हम कॉपीराइट क्लेम कर सकते है ( Murkh Gadhe Ki Kahani ) संस्कृत की नीतिकथाओं में पंचतंत्र का पहला स्थान है। इसके रचयिता आचार्य विष्णु शर्मा हैं। पंचतंत्र में मनुष्यों के साथ-साथ कई कहानियों में पशु-पक्षियों को भी कहानी का पात्र बनाया गया है। ये शिक्षाप्रद कहानियां हमारे जीवन में आगे बढ़ने के लिए बहुत ज्ञान भरी बातें सिखाती हैं। इसी पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां में से हम आपके लिए लेकर आये हैं एक बेवकूफ गधे की कहानी । जैसे दुनिया में कई लोग दूसरों की बातों में आ जाते हैं और अपना नुकसान करवा लेते हैं उसी तरह इस कहानी का एक पात्र गधा भी ऐसी ही परिस्थिति का शिकार होता है। आइये पढ़ते हैं पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां :- ” बेवकूफ गधे की कहानी ।” बेवकूफ गधे की कहानी एक जंगल में एक शेर रहता था। वो अब कुछ बूढा हो चुका था। वो अकेला ही रहता था। कहने को वो शेर था लेकिन उसमें शेर जैसी कोई बात ना थी। अपनी जवानी में वो सारे शेरों से लडाई में हार चुका था। अब उसके जीवन में उसका एक दोस्त एक गीदड़ ही था। वो गीदड़ अव्वल दर्जे का चापलूस था। शेर को ऐसे एक चमचे की जरुरत थी। जो उसके साथ रहता और गीदड़ को बिना मेहनत का खाना चाहिए था। एक बार शेर ने एक सांड पर हमला कर दिया। सांड भी गुस्से में आ गया। उसने शेर को उठा कर दूर पटक दिया। इस से शेर को काफी चोट आई। किसी तरह शेर अपनी जान बचा कर भागा। जान तो बच गयी लेकिन जख्म दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे थे। जख्मों और कमजोरी के कारण शेर कई दिन तक शिकार ना कर सका और अब भूख से शेर और गीदड़ की हालत ख़राब होने लगी। “देखो मैं जख्मी होने के कारण शिकार करने में असमर्थ हूँ। तुम जंगल में जाओ...

78 पंचतंत्र की कहानियां

पंचतंत्र की कहानियां बच्चों के कोमल मन में बातों को गहराई तक पहुंचाने का तरीका कहानियों से बेहतर और क्या हो सकता है। खासकर, पंचतंत्र की कहानियां, जिसमें बेहतर सीख, संस्कार व जीवन में अच्छी चीजों की ओर बढ़ने की प्रेरणा मौजूद होती है।पांच भागों में बंटी पंचतंत्र की कहानियां ही हैं, जो दोस्ती की अहमियत, व्यवहारिकता व नेतृत्व जैसी अहम बातों को सरल और आसान शब्दों में बच्चों तक पहुंचा कर उन पर गहरी छाप छोड़ जाती हैं। शायद यही वजह है कि अक्सर बचपन में सुनी कहानियां और उनकी सीख जीवन के अहम पड़ाव में मार्ग दर्शक के रूप में भी काम कर जाती हैं।हम कौआ-उल्लू के बीच का बैर, दोस्ती-दुश्मनी, दोस्तों के होने का लाभ, कर्म न करने से होने वाली हानि, हड़बड़ी में कदम उठाने से होने वाले नुकसान जैसी कई पंचतंत्र की कहानियां आप तक इस प्लेटफॉर्म के जरिए लेकर आ रहे हैं। आप इन कहानियों के माध्यम से बच्चों को खुशी देने और उनका मन बहलाने के साथ ही उनके अंदर नैतिकता व सदाचार के भाव को पहुंचा सकते हैं। तो देर किस बात की, अपने बच्चों को ये शिक्षाप्रद कहानियां सुनाते हुए अपने बचपन में खो जाइए।

सिंह और चूहा

Advertisement सिंह ने मुस्कराते हुए उस छोट से चूहे पर नजर डाली और बोला- ”इसमें शक नहीं कि तुम एक अत्यन्त दुर्बल और छोटे से जीव हो। मगर हो बड़े वाचाल। तुम मेरे जैसे शक्तिशाली के भला क्या काम आओगे? फिर भी चिन्ता मत करो। मैं तुम्हें नहीं मारूंगा, मगर याद रखो, फिर कभी इस गुफा में कदम मत रखना।“ यह कहकर शेर ने उसे छोड़ दिया। ”महाराज! मैं आपका कृतज्ञ हूं।“ कहकर चूहे ने हाथ जोड़ दिए। वह तो अभी भी भय से कांप रहा था। Advertisement चूहा गुफा से निकलकर सिर पर पैर रखकर भाग गया। वैसे मन ही मन वह सिंह का बहुत एहसानमंद था। एक दिन की घटना है कि किसी शिकारी ने जंगल में जाल डाला हुआ था। सिंह शिकार की तलाश में भटक रहा था कि शिकारी के जाल में फंस गया। बेचारा अभी कुछ समझ पाता कि उसका शरीर बुरी तरह जाल में लिपट गया। यह सब इतना अचानक हुआ था कि बेचारे सिंह को संभलने का अवसर ही नहीं मिला। घबराकर वह गरजने लगा। मगर जाल बहुत मजबूत था। बेचारे सिंह की एक न चली। जाल तोड़ना उसके लिए संभव नहीं था। असहाय सिंह की गर्जना उस चूहे ने सुन ली, जिसे सिंह ने एक बार जीवनदान दिया था। वह समझ गया कि सिंह किसी कष्ट में है। वह अपने बिल से बाहर आया। भागता हुआ सिंह के पास पहुंचा और सिंह के प्रति अपनी संवेदना जताई, बोला- ”महाराज! चिन्ता मत कीजिए, धैर्य रखें। मैं इस जाल को काट देता हूं। आप अगले कुछ क्षणों में ही स्वतंत्र हो जाएंगे।“ Advertisement और सचमुच देखते ही देखते उस छोटे से चूहे ने उस कठोर जाल को सैकड़ों स्थानों से कुतर दिया। अब क्या था, दूसरे ही क्षण सिंह जाल से आजाद हो गया। जाल से बाहर आते ही सिंह ने चूहे का आभार व्यक्त किया। उसे धन्यवाद दिया। चूहा भी बहुत प्रसन्न था कि आखिर वह सिंह के लिए कुछ तो कर सका। शिक्षा – जर...

पंचतन्त्र की शिक्षाप्रद कहानियां

बहुत पुरानी बात है महिल्यारोप नामक नगर में अमर शक्ति नामक राजा राज्य करते थे। राजा बहुत ही योग्य वीर और प्रतापी था। अमर शक्ति के तीन पुत्र थे किंतु तीनों मैं राजा बनने के गुण नहीं थे। राजा ने उन्हें अच्छी शिक्षा देने के बहुत प्रयत्न किए परंतु वह असफल रहा। तभी राजा को उनके एक मंत्री ने आचार्य विष्णु शर्मा के बारे में बतलाया। राजा आचार्य विष्णु शर्मा के पास गए और राजकुमारों को शिक्षा देने का निवेदन किया। आचार्य विष्णु शर्मा ने राजा की बात मान ली और तीनों राजकुमारों को अपने आश्रम लाकर उन्हें शिक्षित करने के लिए कई प्रकार की कहानियों की रचना की। इन कहानियों को मनुष्य और जंगल के जानवरों के पात्रों के माध्यम से मनोरंजक बनाया गया। आचार्य विष्णु शर्मा द्वारा रची गई कहानियों और उनके द्वारा प्रदान की गई शिक्षा के कारण तीनों राजकुमार जल्द ही कुशल राजनैतिज्ञ बन गए। पंचतंत्र की कहानियों की रचना आचार्य विष्णु शर्मा द्वारा लगभग 2000 साल वर्ष पूर्व की गई थी। पंपंचतंत्र की कहानी की रचना पांच भागों में की गई थी किंतु अब इसके मूल भाग उपलब्ध नहीं है। चतंत्र की कहानियों को पांच खंडों में बंटे होने के कारण होने के कारण पंचतंत्र कहा जाता है। आईये हम कुछ प्रमुख पंचतन्त्र की कहानियों के बारे में जानते हैं - बन्दर और मगरमच्छ की कहानी पंचतन्त्र की सबसे प्रमुख और शिक्षाप्रद कहानियों में से एक है जो सदियों से कही और सुनी जा रही है | बहुत पुरानी बात है एक तालाब के किनारे जामुन का पेड़ था उस पेड़ पर एक बंदर रहता था | बंदर की दोस्ती एक मगरमच्छ से थी मगरमच्छ उसी तालाब में रहता था | बंदर जब भी जामुन के फल खाता था तो उसमें से कुछ पल अपने दोस्त मगरमच्छ को भी खिलाता था | इस तरह दोनों की दोस्ती बड़े मजे से कट ...

पंचतंत्र की कहानियां हिंदी में

नीति शास्त्र के इस अद्भुत ग्रंथ को आप सभी के सामने रखते हुए हमें बहुत प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। पढ़ें पंचतंत्र की कहानियां हिंदी में (Panchtantra stories in Hindi)– Panchtantra Ki Kahaniyan – Panchtantra Stories In Hindi • भूमिका • 1. पंचतंत्र का पहला तंत्र – मित्र-भेद Panchatantra Ka Pehla Tantra: Mitra-Bheda • • • • • • • • • • • • • 2. पंचतंत्र का दूसरा तंत्र – मित्र-सम्प्राप्ति Panchatantra Ka Dusra Tantra: Mitra-Samprapti • • धन की शक्ति • बिना कारण त्याग नहीं • लालच बुरी बला • नसीब बलवान है 3. पंचतंत्र का तीसरा तंत्र – काकोलूकीय Panchtantra Ka Teesra Tantra: Kakolukiya • युद्ध की नींव • बड़ों के नाम से लाभ • पापी का फैसला • ठगों की चाल • बहुमत की शक्ति • लालची बेटा • प्यार को प्यार दो • त्याग से स्वर्ग • सदा भलाई करो • फूट से लाभ • अपना भेद किसी को मत दो • जाति प्रेम • मूर्ख ही मूर्ख • बोलती गुफा • राजनीति से शत्रु को मारो 4. पंचतंत्र का चौथा तंत्र – लब्धप्रणाश Panchatantra Ka Chautha Tantra: Labdhapranash • धोखेबाज • पापी मित्र • केवल एक बार • वंश की वीरता • ब्राह्मणी और पंगु • नन्द और वररुची की कहानी • गधा और धोबी • खेतिहर की स्त्री, धूर्त और सियारिन • घंटे और ऊंट की कथा • सियार और सिंह • कुत्ते की कहानी 5. पंचतंत्र का पाँचवाँ तंत्र – अपरीक्षितकारक Panchatantra Ka Panchva Tantra: Apareekshitkarak • ब्राह्मण और नेवला • चक्रधर की कथा • सिंह को जिलाने की कहानी • मूर्ख पंडित • मच्छ की कथा • गवैया गधा और सियार • मंथर बुनकर • हवाई किले बांधने वाला सोमशर्मा • बंदरों का दल • राक्षस और बंदर • राजकन्या • राक्षसे ने पकड़ लिया • भारुंड पक्षी की कहानी • ब्राह्मण और केंकड़ा Read...