पृथ्वी

  1. पृथ्वी के Core के पास मिली एवरेस्ट से भी ऊंची पर्वत श्रृंखला, यहां देखें पूरी डिटेल्स
  2. आज पृथ्वी से टकरा सकता है G1
  3. पृथ्वी
  4. अन्तरिक्षमा ५२ वटा स्टारलिंक स्याटेलाइट छाडेर ८ मिनेटमै पृथ्वी फर्कियो फाल्कोन
  5. विश्व का भौतिक भूगोल


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पृथ्वी के Core के पास मिली एवरेस्ट से भी ऊंची पर्वत श्रृंखला, यहां देखें पूरी डिटेल्स

भू-वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका में पृथ्वी के अन्दर माउंट एवरेस्ट से तीन से चार गुना ऊंची चोटियों का पता लगाया है, जिन्हे पृथ्वी के कोर के पास होने का दावा किया गया है. शोधकर्ताओं ने 25 भूकंपों से उत्पन्न भूकंपीय तरंगों का गहन अध्ययन करने के बाद इस बात का दावा किया है. इस अध्ययन में भू-वैज्ञानिकों ने पाया कि ये तरंगें कोर-मेंटल बाउंड्री पर पहुंचने के बाद धीमी हो गईं थी. कितना विशालकाय है यह पर्वत श्रृंखला: शोधकर्ताओं ने अपने शोध के दौरान पाया कि यह पर्वत श्रृंखला काफी बड़ी हो सकती है साथ ही यह अत्यधिक परिवर्तनशील भी है. शोधकर्ताओं ने दावा किया कि कुछ चोटियाँ 40 किमी (24.8 मील) तक फैली हुई है जो एवरेस्ट की ऊंचाई के 4.5 गुना के बराबर है. अन्य चोटियाँ 3 किमी (1.7 मील) ऊंची है. शोधकर्ताओं ने क्या किया दावा: शोधकर्ताओं के अनुसार, ये पहाड़ निचले मेंटल का भाग है जो पृथ्वी के जो पृथ्वी के कोर के निकट होने के कारण अत्यधिक गर्म रहते है. हालांकि मेंटल a तापमान 3,700C (6,692F) तक पहुंच सकता है जबकि कोर 5,500C (9,932F) के स्तर तक पहुंच सकता है. कैसी है इस पर्वत की संरचना: शोधकर्ताओं द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि ये पहाड़ प्राचीन समुद्री क्रस्ट के अवशेष हो सकते है. रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि पृथ्वी की गहराई में बने पहाड़ों को सूक्ष्म रूप से भिन्न पदार्थों से लेकर आसपास के मेंटल तक बनाया जा सकता है. पृथ्वी की गहराई में पाए जाने वाले पर्वत की संरचना रहस्यमयी होती है. ये विशाल बूँदों या लार्ज लो-शियर वेलोसिटी प्रोविन्सस (LVPs) वाली संरचना के होते है. अफ्रीका के नीचे "टूज़ो" नामक एक आकारहीन माउंटेन नॉट है. प्रशांत के नीचे "जेसन" नाम की भी एक ऐसी ही माउंटेन नॉट है जो अरबों वर्ष पुरा...

आज पृथ्वी से टकरा सकता है G1

June 12, 2023 | 11:24 am 1 मिनट में पढ़ें सौर तूफान से सैटेलाइटों को नुकसान पहुंच सकता है (तस्वीर: नासा) सूर्य पर मौजूद नेशनल ओसियन एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के वैज्ञानिकों ने CME क्लाउड के प्रभाव को लेकर अलर्ट जारी किया है। स्पेस वेदर के अनुसार, 9 जून को सनस्पॉट विस्फोट के कारण M-श्रेणी का सोलर फ्लेयर उत्पन्न हुआ और अब आज या कल (12 जून या 13 जून) के बीच कभी भी G1-श्रेणी का सौर तूफान पृथ्वी से टकरा सकता है। क्या है खतरा? अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने अगले कुछ घंटों में पृथ्वी पर आने वाला सौर तूफान G1 श्रेणी का होगा, जिससे नुकसान की संभावना काफी कम है। हालांकि, किसी कारण से अगर यह सौर तूफान G3 या उससे ऊपर के श्रेणी में बदल जाता है, तो इससे पृथ्वी पर मौजूद वायरलेस संचार व्यवस्था बाधित हो सकती है और पावर ग्रिड फेल हो सकते हैं।

पृथ्वी

Contents • 1 Bhojpuri • 1.1 Etymology • 1.2 Noun • 2 Hindi • 2.1 Etymology • 2.2 Pronunciation • 2.3 Noun • 2.3.1 Declension • 2.3.2 Synonyms • 2.4 See also • 2.4.1 Derivatives • 2.5 Proper noun • 2.5.1 Declension • 2.6 References • 3 Marathi • 3.1 Etymology • 3.2 Pronunciation • 3.3 Noun • 3.3.1 Declension • 3.4 See also • 3.5 References • 4 Nepali • 4.1 Pronunciation • 4.2 Noun • 4.3 See also • 5 Sanskrit • 5.1 Alternative forms • 5.2 Alternative scripts • 5.3 Etymology • 5.4 Pronunciation • 5.5 Noun • 5.5.1 Declension • 5.5.2 References Bhojpuri [ ] Etymology [ ] ( pṛthvī ). Noun [ ] पृथ्वी ( pŕthvī) f ( Kaithi • • • Hindi [ ] Etymology [ ] ( pṛthvī́ ). Pronunciation [ ] • ( Delhi Hindi ) ( /pɾɪt̪ʰ.ʋiː/ Noun [ ] पृथ्वी pŕthvī) f ( Urdu spelling • • ( the third ) • singular plural direct पृथ्वी pŕthvī pŕthviyā̃ oblique पृथ्वी pŕthvī pŕthviyõ vocative पृथ्वी pŕthvī pŕthviyo Synonyms [ ] • ( Earth ) : ( dhartī ), ( duniyā ) • ( ground ) : ( zamīn ), ( bhūmi ) See also [ ] Solar System in Hindi · ( sūrya-maṇḍal ) ( Star ( sūrya ), ( sūraj ) IAU planets and notable dwarf planets ( budh ) ( śukra ) ( bhūmi ), पृथ्वी ( pŕthvī ) ( maṅgal ) ( bŕhaspati ) ( śani ) ( aruṇ ) ( varuṇ ) ( yam ) Notable moons — — ( cā̃d ), ( candra ) — Derivatives [ ] • • • Proper noun [ ] पृथ्वी pŕthvī) f • ( , ) Declension [ ] singular direct पृथ्वी pŕthvī oblique पृथ्वी pŕthvī vocative पृथ्वी pŕthvī References [ ] • Siksarthi Hindi-Angrejhi Sabdakosa[ Learners' Hindi-English Dictionary], Delhi: Raj...

अन्तरिक्षमा ५२ वटा स्टारलिंक स्याटेलाइट छाडेर ८ मिनेटमै पृथ्वी फर्कियो फाल्कोन

• शीर्षक • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • इ-पत्रिका • • Language • English Set language to English (Except News) • नेपाली सबै सुचना तथा लिंक नेपालीमा हेर्नुहोस् • सम्पर्क ठेगाना • कान्तिपुर पब्लिकेशन्स् लि. सेन्ट्रल बिजनेस पार्क, थापाथली काठमाडौं, नेपाल +977-01-5135000 +977-01-5135001 • लन्च भएको ८ मिनेट ३० सेकेन्डमा फाल्कोन-९ को बुस्टर पुनः पृथ्वी फर्किएको थियो। बुस्टर स्पेस एक्सको एट्लान्टिक महासगरमा रहेको अवतरण स्थलमा फर्किएको थियो। यस वर्ष उक्त बुस्टर रकेटको ९ औं प्रक्षेपण र अवतरण हो। रकेटको माथिल्लो भागमा रहेको स्टारलिंकका ५२ वटा स्याटेलाइटहरू पृथ्वीको तल्लो कक्षमा छाडिएको थियो। प्रक्षेपण भएको ६५औं मिनेटमा ती स्याटेलाइटहरूलाई पृथ्वीको तल्लो कक्षमा छाडिएको थियो। हालसम्म स्पेस एक्सले ४ हजार ५ सयभन्दा बढी स्टारलिंक स्याटेलाइट अर्बिटमा राखिसकेको छ। तीमध्ये ४ हजार २ सय वटा सञ्चालनमा रहेको खगोलशास्त्री जोनाथलन म्याडेवलले बताएका छन्। अहिलेको सत्तारुढ गठबन्धनमा उनको दल साझेदार छ। उनी यौन, भ्रष्टाचार र कर छली लगायतका भ्रष्टाचार काण्डमा मुछिएका थिए। सन् १९३६ मा मध्यवर्गीय परिवारमा जन्मिएका बर्लुस्कोनीले आफ्नो व्यावसायिक जीवनको सुरुवात भने घर र जग्गा कारोवारीको रुपमा गरेका थिए। पछि उनले इटलीको सबैभन्दा ठूलो सञ्चार माध्यमको स्थापना गरे। सन् १९८६ देखि सन् २०१७ सम्म उनी इटलीको ठूलो क्लब एसीमिलानको मालिक थिए। सन् १९९३ मा फोर्जा इटली नामको राजनीतिक दल स्थापना गरेका बर्लुस्कोनी त्यसको एक वर्षमै प्रधानमन्त्री बनेका थिए। त्यसअघिसम्म बर्लुस्कोनीले अन्य सरकारी पद सम्हालेका थिएनन्। दोस्रो कार्यकाल सन् २००१ देखि सन् २००६ सम्म रह्यो। दोस्रो विश्वयुद्धपछि निरन्तर लामो कार्यका...

विश्व का भौतिक भूगोल

महत्वपूर्ण बिंदु - • • • • • • • • • • • • पृथ्वी का आकार | World Physical Geography In Hindi • पृथ्वी पूरी तरह से गोल नहीं है ध्रुवों पर चपटी हुई है और भूमध्य क्षेत्र में मोटी है अर्थात पृथ्वी का आकार भूआभ / गोलाभ (Geoid) है, क्योंकि परिभ्रमण के कारण केंद्र दूरी से बाहर की ओर अपकेंद्रीय बल लगता है, जिसके कारण पृथ्वी का विषुवत रेखीय क्षेत्र में अधिक प्रसार हो जाता है जबकि ध्रुवीय क्षेत्र में चपटी हो जाती हैं | इसी कारण से पृथ्वी की विषुवत रेखा पर त्रिज्या ध्रुवों की त्रिज्या से ज्यादा है | • विषुवत रेखा क्षेत्र में पृथ्वी का आकार बड़ा होने के कारण यह चुंबकीय क्षेत्र से ज्यादा दूर होती हैं और इसीलिए गुरुत्वाकर्षण बल ध्रुवीय क्षेत्रों में अधिक होता है, जबकि विषुवत रेखा क्षेत्रों में गुरुत्वाकर्षण बल कम होता है | • गुरुत्वाकर्षण बल कम होने के कारण ज्यादातर रॉकेट प्रक्षेपण केंद्र महाद्वीपों के पूर्वी तट पर विषुवत रेखा के समीप स्थापित किए जाते हैं | जैसे कि फ्रेंच गुयाना प्रक्षेपित केंद्र, आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केंद्र | पृथ्वी का अक्ष • वह काल्पनिक रेखा, जिसके चारों ओर पृथ्वी परिभ्रमण करती हैं, उसे पृथ्वी की दूरी कहा जाता है | • पृथ्वी की दूरी लंबवत नहीं होती हैं बल्कि 23½° डिग्री के कोण पर झुकी हुई होती हैं | • इसी कारण से पृथ्वी की दूरी कक्षीय तल से 66½° का कोण बनाती है | • पृथ्वी की दूरी का यह झुकाव अक्षीय झुकाव कहलाता है पृथ्वी की कक्षा • पृथ्वी की कक्षा का वह पथ हैं, जिसमें धरती सूर्य के चारों ओर चक्र लगाते हैं इसे पृथ्वी की कक्षा कहते हैं | • पृथ्वी की कक्षा दीर्घ वृत्ताकार हैं और इस कारण सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी बदलती रहती हैं | • पृथ्वी और सूर्य क...