पाषाण काल drishti ias

  1. अध्याय
  2. ताम्रपाषाण युग, नवपाषाण काल,कांस्य युग,लौह युग के बारे में जानकारी, विशेषता
  3. ताम्रपाषाण काल Chalcolithic Age UPSC notes in Hindi
  4. भारतीय पाषाण युग
  5. पाषाण काल (Pashan kal) meaning in English


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अध्याय

• सामुदायिक जीवन का विकास उत्तर पुरा पाषाण काल में अधिक सुदृढ़ हुआ। अनेक व्यक्ति समूहों या कुलों में रहते थे जिससे परिवार जैसी संस्था के उदय का मार्ग प्रशस्त हुआ। इस काल में लैंगिक आधार पर भ्रम विभाजन प्रारंभ हो चुका था। गुफाओं के अतिरिक्त झोपड़ियों का उपयोग आवास के रूप में किया गया। गुफा चित्रकला से ज्ञात होता है कि लोग पशु चर्म का उपयोग वस्त्र के रूप में करते थे। विश्वस्तरीय संदर्भ में नवपाषाण काल 9000 ई. पू. में आरंभ होता है किंतु भारतीय उपमहाद्वीप में नवपाषाण काल की एक ऐसी बस्ती मिली है जिसका आरंभ 7000 ई. पू. माना। जाता है। यह पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में अवस्थित मेहरगढ़ है। यद्यपि मेहरगढ़ में | Tolsa नवपाषाण काल, ताम्रपाषाण काल और कांस्ययुगीन संस्कृतियों के साक्ष्य मिलते हैं। (च) बर्तन (Pots): नवपाषाण-कालीन मानव को भोजन पकाने, खाने और पीने के लिए पात्रों की आवश्यकता हुई, अतः कुम्भकारी सबसे पहले इसी अवस्था में दिखाई देती है। आरंभ में हाथ से बने बर्तनों के साक्ष्य मिलते हैं, बाद में मिट्टी के बर्तन चाक पर बनने लगे। इन बर्तनों में पालिशदार काला मृदभाँड, धूसर मृदभाँड और चटाई की छाप वाले मृदभाँड शामिल हैं। 2. आर्थिक क्षेत्र में परिवर्तन (Change in Economic Sector) नवपाषाण काल में कृषि और पशुपालन बड़े पैमाने पर होने लगा था, लेकिन व्यापार से संबंधित ऐसी कोई जानकारी नहीं मिलती है जिससे कहा जा सके कि इस समय हड़प्पा सभ्यता जैसा व्यापार होता था। इस समय आर्थिक गतिविधि अथवा आदान-प्रदान विनिमय प्रणाली के माध्यम से होती रही होगी। इस काल में अलग-अलग व्यवसायिक वर्ग यथा कुम्हार, बढ़ई, कृषक इत्यादि थे। व्यक्तिगत संपत्ति की भावना का विकास हुआ जिसने सामाजिक आर्थिक असमानता को जन्म दि...

ताम्रपाषाण युग, नवपाषाण काल,कांस्य युग,लौह युग के बारे में जानकारी, विशेषता

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ताम्रपाषाण काल Chalcolithic Age UPSC notes in Hindi

ताम्रपाषाण काल प्राचीन भारत इतिहास (Chalcolithic Age Ancient Indian History) एक एक अंश है। यह भाग UPSC, SSC, Bank exam व कई अन्य परीक्षाओं के लिए अत्यंत महत्यपूर्ण है। इस पोस्ट में ताम्रपाषाण काल के बारे में विस्तार में वर्णन किया गया है। यह पोस्ट Ancient History notes in Hindi व UPSC notes in Hindi को ध्यान में रखकर बनायीं गयी है। आप किस अन्य टॉपिक पर पोस्ट चाहते है उस बारे में भी हमे कमेंट करके बता सकते है। खानाबदोश जिंदगी व्यतीत करने वाले लोग अब सरकंडे के आयताकार और वृत्ताकार घर में रहते थे,पशुओं और मवेशियों को पालतेथे।हालांकि एक जगह में नव पाषाणयुग के लोगों ने मिट्टी के ईटोंसे बने घरों का प्रयोगकिया। मनुष्य पहले भेड़और बकरी का पालन करना सीखा फिर अन्य जानवरों और मवेशियोंका पालन भी किया।प्रथम पालाजाने वाला जानवर बकरी थी।नव पाषाणकालीन लोगोंने भारतीय उपमहाद्वीप के नवदाटोली नामक जगह में पहली बार गोशाला का प्रयोग किया। हिम युगका अंत होने के बाद कृषिकरने योग्य भूमि का विकास हुआ जिससे पशुपालन का मार्ग प्रशस्त हुआ।कृषि के विकास से शिकार करने की प्रवृत्तिमें कमी हुई। प्रथम उत्पादित अनाज गेंहू था हालांकि चावल के उत्पादन के भी साक्ष्य मिले थे।नवपाषाण युग समाप्त होते होते मानव को धातु का ज्ञान हो चुका था। नव पाषाण युगके अंत के बाद ताम्रपाषाण युग आया।इसे ताम्रपाषाण काल इसलिए कहा जाता क्योंकि इस काल में मनुष्य ने पाषाण व ताम्र दोनों के ही उपकरण निर्मित किए।ताम्र पाषाणकालके लोग ग्रामीणसमुदाय के निवासी थे और पहाड़ों और नदियोंके किनारे व्यापक रूपसे फैले थे। ताम्रपाषाण संस्कृति का विस्तार भारतीय उपमहाद्वीपमें ताम्र पाषाणसंस्कृति के साक्ष्य दक्षिण पूर्वी राजस्थान , मध्य प्रदेश के पश्चिमी ...

भारतीय पाषाण युग

Table of Contents • • • • • • • • • • • भारतीय पाषाण युग का परिचय पाषाण युग इतिहास का वह काल है जब मानव का जीवन पत्थरों पर अत्यधिक आश्रित था। इस समय में रहने वाले प्राचीन मानव पत्थर के औजार बनाकर और पत्थर से बनाई गई चीजें उपयोग में लाते थे जो उन स्थलों के आसपास पाई गई है। यह औजार उन्हें शिकार करने और अपनी भूख शांत करने के लिए खाद्य सामग्री इकट्ठी करने में मदद करते थे। चूँकि इस समय में लोगों द्वारा सबसे पहले उपयोग किये गए औजार पत्थरों से बनाये गए थे, इसलिए मानव विकास के इस चरण को पाषाण युग के नाम से जाना जाता है। इसके तीन चरण माने जाते हैं, पुरापाषाण काल, मध्यपाषाण काल एवं नवपाषाण काल जो मानव इतिहास के आरम्भ (25 लाख साल पूर्व) से लेकर काँस्य युग तक फैला हुआ है। इतिहास का वर्गीकरण मूल रूप से, प्रारंभिक भारतीय इतिहास को तीन अवधियों में विभाजित किया जा सकता है: प्रागैतिहासिक, आद्य -ऐतिहासिक और ऐतिहासिक । • पूर्व-ऐतिहासिक काल के लिए हमारे पास पुरातात्विक स्रोत हैं लेकिन कोई लिखित रिकॉर्ड नहीं है। • आद्य-ऐतिहासिक काल के लिए हमें फिर से पुरातात्विक स्रोतों पर भरोसा करना होगा, हालांकि हमारे पास लिखित रिकॉर्ड हैं। लेकिन इन लिखित अभिलेखों को अभी तक डिक्रिप्ट नहीं किया गया है। उदाहरण: सिंधु घाटी सभ्यता। • ऐतिहासिक चरण के लिए हमारे पास पुरातात्विक संसाधनों के साथ-साथ लिखित अभिलेख भी हैं। • ऐसा माना जाता है कि मनुष्य ने लगभग 5000-8000 साल पहले नवपाषाण काल ​​में ही लिखना सीखा था। • भारत में, ऐतिहासिक युग की शुरुआत 1500 ईसा पूर्व में आर्यों के आगमन के साथ हुई थी। मानव का विकास • पहला महत्वपूर्ण होमो या मानव था होमो हैबिलिस जो लगभग 2-1.5 मिलियन वर्ष पहले पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका में पाया...

पाषाण काल (Pashan kal) meaning in English

Information provided about पाषाण काल ( Pashan kal ): पाषाण काल (Pashan kal) meaning in English (इंग्लिश मे मीनिंग) is STONE AGE (पाषाण काल ka matlab english me STONE AGE hai). Get meaning and translation of Pashan kal in English language with grammar, synonyms and antonyms by ShabdKhoj. Know the answer of question : what is meaning of Pashan kal in English? पाषाण काल (Pashan kal) ka matalab Angrezi me kya hai ( पाषाण काल का अंग्रेजी में मतलब, इंग्लिश में अर्थ जाने) Tags: English meaning of पाषाण काल , पाषाण काल meaning in english, पाषाण काल translation and definition in English. English meaning of Pashan kal , Pashan kal meaning in english, Pashan kal translation and definition in English language by ShabdKhoj (From HinKhoj Group). पाषाण काल का मतलब (मीनिंग) अंग्रेजी (इंग्लिश) में जाने |