Paryavaran pradushan drawing

  1. पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के उपाय/सुझाव
  2. पर्यावरण प्रदूषण किसे कहते है, कितने प्रकार का होता है, प्रदूषण से नुकसान सहित जानकारी


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पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के उपाय/सुझाव

पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के उपाय/सुझाव paryavaran pradushan ko rokne ke upay;पर्यावरण को निर्मल और शुद्ध रखना आज समय की मांग है, जिसे इसपर देश को ध्यान देना चाहिए। आज का मशीनी इंसान अपनी नासमझ या स्वार्थ के कारण पर्यावरण संसाधनों को नष्ट करता जा रहा है। पिछले लगभग 30 वर्षों में वैज्ञानिकों ने यह समझने और समझाने की बहुत कोशिश की है कि समय और स्थान विशेष की सीमाओं में हमारे संसाधन सीमित नहीं है। अति उपयोगी सभ्यता, औद्योगिक उत्पादन, प्राकृतिक संसाधनों और ऊर्जा स्रोतों भंडारों पर आधारित है जो दोनों निश्चय ही तेजी से खत्म होते जा रहे हैं। इस प्रक्रिया में संस्थानों द्वारा ही निर्मित जीवपोशी तंत्र संकीर्ण, दूषित अथवा विषाक्त होता जा रहा है। आज विज्ञान ने हमें विकल्पों के चौराहे पर खड़ा कर दिया है। एक तो विवेक मितव्ययी और नैतिकता का लंबा रास्ता है। दूसरा भोग-विलास का जिस पर पर्यावरण तथा मानव जाति का शीघ्र ही सर्वनाश निश्चित है। इससे बचने का एक ही तरीका है कि मानव अपने नैतिक कर्तव्य को समझकर प्रकृति को समुचित सुरक्षा प्रदान करें और साथ ही उसके सीमित संसाधनों को नष्ट होने से बचाएं। इसके लिए यह बहुत जरूरी है कि प्रगति को भली-भांति समझे और अपने भौतिक विकास के लिए प्रकृति से तालमेल बिठाए। 1. भूमि, जल, वन, वायु इत्यादि के अनियंत्रित दोहन पर रोक लगनी चाहिए ताकि पर्यावरण बच सके। 2. सरकार की आय का बहुत बड़ा भाग जंगल है। सरकार वनों को काटने हेतु ठेके देती है। ठेकेदार जंगलों को बेरहमी से काटते है। वनों के कटने से भूमि का क्षरण, अवर्षा की स्थिति उत्पन्न होती है। अतः जंगलों की कटाई पर रोक लगाना चाहिए। 3. तकनीक विकास के साथ-साथ उद्योगों की भी संख्या मे तीव्र वृद्धि हुई है ये उद्योग उत्पादन पर...

पर्यावरण प्रदूषण किसे कहते है, कितने प्रकार का होता है, प्रदूषण से नुकसान सहित जानकारी

पर्यावरण प्रदूषण - आज की इस पोस्ट में पर्यावरण प्रदूषण क्या है, कितने प्रकार का होता है, जल प्रदूषण किसे कहते, वायु प्रदूषण किसे कहते, ध्वनि प्रदूषण किसे कहते है, प्रदूषण सेहानियां, पर्यावरण प्रदूषण के कारक, पर्यावरण प्रदूषण के दुष्प्रभाव, पर्यावरण प्रदूषण Trick PDF Downloadआदि से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य दिए गए है। पर्यावरण प्रदूषण पर्यावरण प्रदूषण के प्रकार प्रदूषण किसे कहते है? वायु प्रदूषण की परिभाषा- औद्योगिकीकरण, जनसंख्या वृद्धि तथा वृक्षों की कटाई के कारण वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। हाइड्रोकार्बन, नाइट्रस ऑक्साइड, कार्बनडाइऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड,सल्फर डाइ ऑक्साइड आदि गैसें वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है। वायु प्रदूषकों के कारण पादपों के साथ-साथमनुष्य (सजीव प्राणियों) में भी अनेक बीमारियाँ उत्पन्न होती है, जिनमें कार्बन मोनो ऑक्साइड से हाइपोक्सिया, नाइट्रोजन यौगिक से फेफड़ों में सूजन व जलशोध रोग, सल्फर डाई ऑक्साइड से कैंसर व त्वचा रोगतथा फ्लोराइड यौगिकों से फ्लोरोसिस नामक रोग हो जाता है। सल्फर डाइ ऑक्साइड वायुमण्डल में स्थित जलवाष्प से क्रिया करके सल्फ्यूरिक अम्ल और नाइट्रोजन ऑक्साइड वायुमण्डल में स्थित जलवाष्प से क्रिया करके नाइट्रिक अम्ल बनाते हैं, जो वर्षा जल के साथ भूमि पर बरसते हैं, इस अम्ल युक्त वर्षा को अम्ल वर्षा कहते हैं। स्वचालित वाहनों तथा औद्योगिक गतिविधियों से उत्पन्न धुएँ व गैसों पर नियन्त्रक करके तथा अधिक से अधिक वृक्षारोपण करके वायु प्रदूषण को कम किया जा सकता है। • भूमि प्रदूषण का मुख्य कारण औद्योगिक कचरा, घरेलू कचरा,प्रवाहित मल, जल, औद्योगिक उत्सर्जित जल, खनिज धातु तथा अनेक गैसें है। • रासायनिक उर्वरक, रसायन, प्लास्टिक, कीटनाशक, विभिन्न धात...