Paryavaran sanrakshan

  1. 10 Lines On Paryavaran Sanrakshan in Hindi And English (पर्यावरण संरक्षण)
  2. पर्यावरण संरक्षण के 27 उपाय निबंध
  3. पर्यावरण संरक्षण के उपाय
  4. पर्यावरण वृक्षारोपण पर संस्कृत श्लोक with Hindi Meaning
  5. पर्यावरण संरक्षण करणाऱ्या संस्था आणि त्यांच्या कामाबद्दल माहिती. प्रकल्प


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10 Lines On Paryavaran Sanrakshan in Hindi And English (पर्यावरण संरक्षण)

नमस्ते दोस्तों आज हम पर्यावरण संरक्षण पर 10 पंक्तियाँ हिंदी और इंग्लिश में (10 Lines On Paryavaran Sanrakshan In Hindi And English Language) लिखेंगे दोस्तों यह 10 पॉइंट (Kids) class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और College के विद्यार्थियों के लिए लिखे गए है। हमारी Website पर आप बड़े ( Essay) निबंध भी पढ़ सकते है। इस 10 Lines ( Paryavaran Sanrakshan) का वीडियो जल्द ही उपलब्ध हो जायेगा वेबसाइट के सभी लेखो के विडियो देखने के लिए हमारे YouTube Channel पर जाये। आपसे निवेदन है की हमारे Channel को पर्यावरण आज संरक्षण आज पूरी दुनिया का सबसे बड़ा मुद्दा है । जिस पर्यावरण मानव ने सुख सुविधाए प्राप्त की है । आज मानव की लापरवाही के कारण पर्यावरण भी संकट में पड़ गया है । जिसका सबसे बड़ा कारन पढता प्रदूषण है । आज हम पर्यावरण संरक्षण 10 पंक्तियाँ हिंदी और इंग्लिश में पढेंगे। 10 Lines On Paryavaran Sanrakshan In Hindi • पर्यावरण का अर्थ है हमारे चारों और पाए जाने वाले आवरण जैसे: जल, वायु, मिट्टी, पेड़-पौधे और जीव -जंतु इन सब से बने आवरण को पर्यावरण कहते है। • पर्यावरण अमूल्य धरोहर है। इससे हमें प्राणवायु, खाने के लिए अन्न, रहने के लिए घर, पीने के लिए शुद्ध जल और कई प्रकार की अमूल्य चीज मिलती है। • पर्यावरण और प्रकृति एक दूसरे के बिना अधूरे है। पर्यावरण और प्रकृति इन दोनो के सहयोग से जीवन प्रणाली कार्य करती है। • मनुष्य पर्यावरण के साधनों से नए नए आविष्कार कर अपने जीवन को सुखमय बनाने में इतना अंधा हो गया है की वो पर्यावरण के भले-बुरे के बारे में सोचना भूल गया है। • आज मानव प्रकृति के संसाधनों का स्वार्थपूर्ण दोहन कर रहा है, जिससे प्रदूषण फ़ैल रहा है इससे प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया है। •...

पर्यावरण संरक्षण के 27 उपाय निबंध

Table of Contents • • • • • • पर्यावरण संरक्षण के कारण और उपाय | Essay on Paryavaran Sanrakshan in hindi इस पर्यावरण संरक्षण के निबंध में हम पर्यावरण की सुरक्षा के उपाय जानेंगे जिसे हर कोई अपना सकता है। पर्यावरण प्रदूषण के सबसे मुख्य कारण तेल, कोयला जैसे ईंधन जलनेसे निकले पदार्थ, कारखाने व इंडस्ट्रीज़ से निकला कचरा, जंगलों की आग, प्लास्टिक कचरा, बढ़ता शहरीकरण, न्यूक्लियर वेस्ट, केमिकल खाद व कीटनाशक, घटतेजंगल, गाड़ियों का धुआँ, खनन (mining) आदि हैं। प्रकृति या पर्यावरण संरक्षण के सरल उपाय | Paryavaran ko Bachane ke upay • घर की खाली जमीन, बालकनी, छत पर पौधे लगायें • ऑर्गैनिक खाद, गोबर खाद या जैविक खाद का उपयोग करें • कपड़े के बने झोले-थैले लेकर निकलें, पॉलिथीन-प्लास्टिक न लें • खिड़की से पर्दे हटायें, दिन में सूरज की रोशनी से काम चलायें • सोलर पैनल लगवायें, सोलर कुकर में खाना बनायें • लीक हो रहे नल ठीक करवायें। शॉवर लेने की बजाय बाल्टी से नहायें • बल्ब की जगह पर सीएफ़एल या एलईडी बल्ब लगायें • आस-पास जाने के लिए बाइक की बजाय साइकिल, पैदल जायें • लोगों को बर्थडे, त्योहार पर पौधे गिफ्ट करें • कमरे से निकलने पर टीवी, लाइट, फैन, एसी बंद कर दें • कपड़ा धोने से बचे पानी को पौधों में डाल दें या जमीन धोएं • प्लास्टिक बोतल की जगह कांच, स्टील या तांबे की बॉटल प्रयोग करें • शाकाहारी बनें, मांसाहार का सेवन कम करें या बंद करें • मंजन या शेविंग करते समय मग में पानी लें, नल न चलायें • बिना उपयोग मोबाईल, लैपटॉप चार्जर को प्लग में न लगे रहने दें • प्लास्टिक कप, प्लेट की जगह मिट्टी के कुल्हड़, कागज या पत्ते के बने प्लेट अपनायें • प्लास्टिक के खाली डब्बों में सामान रखें या • गाड़ी के पहिये में हवा चेक ...

पर्यावरण संरक्षण के उपाय

पर्यावरण व्यापक शब्द है जिसका सामान्य अर्थ प्रकृति द्वारा प्रदान किया गया समस्त भौतिक और सामाजिक वातावरण आता है। इसके अंतर्गत जल, वायु, पेड़, पौधे, पर्वत, प्राकृतिक संपदा आदि सभी आते हैं। आज पर्यावरण का ध्यान रखना हर व्यक्ति का कर्त्तव्य और जिम्मेदारी है। पर्यावरण प्रदूषण के कुछ दूरगामी दुष्प्रभाव हैं, जो अति घातक हैं, जैसे आणविक विस्फोटों से उत्पन्न रेडियोधर्मिता का आनुवांशिक प्रभाव, वायुमण्डल का तापमान बढ़ना, ओजोन परत की हानि, भूक्षरण आदि। प्रत्यक्ष दुष्प्रभाव के रूप में जल, वायु तथा परिवेश का दूषित होना एवं वनस्पतियों का विनष्ट होना, मानव का अनेक नये रोगों से आक्रान्त होना आदि देखे जा रहे हैं। जल प्रदूषण, वायु और ध्वनि प्रदूषण तीनों ही मनुष्य व अन्य जीवों के स्वास्थ्य को चौपट कर रहे हैं। ऋतुचक्र का परिवर्तन, कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा का बढ़ना हिमखंड को पिघला रहा है। सुनामी, बाढ़, सूखा, अतिवृष्टि या अनावृष्टि जैसे दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं, जिन्हें देखते हुए अपने बेहतर कल के लिए ‘5 जून’ को प्रतिवर्ष समस्त विश्व में ‘पर्यावरण दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। प्रदूषण की समस्याओं से बचने के लिए लिए जरूरी है कि पर्यावरण को स्वास्थ्य व स्वच्छ रखा है। इसके लिए हम निम्नलिखित लिखित उपाय कर सकते हैं। जिससे कि हमारा आने वाला कल उज्ज्वल और स्वास्थ्य हो। पर्यावरण संरक्षण के प्रमुख उपाय जैव विविधता को संरक्षण प्रदान करके जनता को जागरूक करना। जलीय संसाधनों की सुरक्षा के उपाय करके जनता को जागरूक करना। खनिज संसाधनों की सुरक्षा के उपाय करके जनता को जागरूक करना। वन विनाश की समस्या से निपटना, भूक्षरण, मरुस्थलीकरण तथा सूखे के बचावों के प्रस्तावों को जनता के समक्ष रखना। गरीबी की निवारण तथा ...

पर्यावरण वृक्षारोपण पर संस्कृत श्लोक with Hindi Meaning

• Home • संस्कृत श्लोक सुभाषित संग्रह हिंदी अंग्रेजी अर्थ सहित | Collection of Sanskrit Shloka with Meaning • संस्कृत श्लोक का संग्रह हिंदी अर्थ सहित | Collection of Sanskrit Shlokas on Various Topics • पर्यावरण वृक्षारोपण प्रकृति पर संस्कृत श्लोक | Sanskrit slokas on environment nature with meaning in Hindi पर्यावरण वृक्षारोपण पर संस्कृत श्लोक with Hindi Meaning Sanskrit slokas on environment with meaning in Hindi श्रीमद्भागवत में श्रीकृष्ण युधिष्ठिर को वृक्षों का महत्त्व बताते हुये कहते हैं; पश्यैतान् महाभागान् पराबैंकान्तजीवितान्। वातवर्षातपहिमान् सहन्तरे वारयन्ति नः॥ वृक्ष इतने महान् होते हैं कि परोपकार के लिये ही जीते हैं। ये आँधी, वर्षा और शीत को स्वयं सहन करते हैं। अहो एषां वरं जन्म सर्वप्राण्युपजीवनम्। सुजनस्यैव येषां वै विमुखा यान्ति नार्थिनः॥ इनका जन्म बहुत अच्छा है क्योंकि इन्हीं के कारण सभी प्राणी जीवित हैं। जिस प्रकार किसी सज्जन के सामने से कोई याचक खाली हाथ नहीं जाते उसी प्रकार इन वृक्षों के पास से भी कोई खाली हाथ नहीं जाता। पुत्रपुष्यफलच्छाया मूलवल्कलदारुभिः। गन्धनिर्यासभस्मास्थितौस्मैः कामान् वितन्वते॥ ये हमें पत्र, पुष्प, फल, छाया, मूल, बल्कल, इमारती और जलाऊ लकड़ी, सुगंध, राख, गुठली और अंकुर प्रदान करके हमारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। एतावज्जन्मसाफल्यं देहिनामिह देहिषु। प्राणैरर्थधिया वाचा श्रेय एवाचरेत् सहा॥’ हर प्राणी का कर्तव्य है कि वह अपने प्राण, धन, बुद्धि तथा वाणी से अन्यों के लाभ हेतु कल्याणकारी कर्म करे। sanskrit shlok on nature ईशा वास्यमिदं सर्वं यत्किञ्च जगत्यां जगत्‌। तेन त्यक्तेन भुञ्जीथा मा गृधः कस्यस्विद्धनम्‌ ॥ इस वैश्व गति में, इस अत्यन्त...

पर्यावरण संरक्षण करणाऱ्या संस्था आणि त्यांच्या कामाबद्दल माहिती. प्रकल्प

पर्यावरण संरक्षण करणाऱ्या संस्था आणि त्यांच्या कामाबद्दल माहिती . मित्रांनो आज आपण ‘ पर्यावरण संरक्षण करणाऱ्या संस्था आणि त्यांच्या कामाबद्दल माहिती .’ या विषयावरील सविस्तर माहिती पाहणार आहोत. सदर माहितीचा उपयोग हा ९ ते १२वी च्या विद्यार्थ्यांना पर्यावरण विषयाचा प्रकल्प करताना होणार आहे. ११वी १२ वी च्या सुधारित अभ्यासक्रमातील पर्यावरण या विषयाच्या प्रकल्पाच्या मुद्द्यांनुसार आम्ही येथे माहिती दिली आहे. विद्यार्थ्यांना प्रकल्प करणे सहज व्हावे व त्यांना प्रकल्प कसा करावा ही कल्पना यावी म्हणून EDUCATIONAL MARATHI खास विद्यार्थ्यांसाठी सौर उर्जा वापर काळाची गरज या विषयावरील माहिती प्रकल्प स्वरुपात खाली दिली आहे. (पर्यावरण प्रकल्प ९वी ते १२वी साठी.) पर्यावरण संरक्षण करणाऱ्या संस्था आणि त्यांच्या कामाबद्दल माहिती . प्रकल्प प्रस्तावना माणसाच्या सर्व गरजा या निसर्गामुळे पूर्ण होतात. निसर्ग मानवाला देत नाही अशी कोणतीही गोष्ट नाही सर्व गोष्टी या निसर्गाकडूनच मानवाला मिळत असतात. परंतु एकविसाव्या शतकातील धकाधकीच्या जीवनात सुखसोयींच्या मागे धावत असतात माणूस हा आपल्या गरजा पुरवणाऱ्या पर्यावरणाची काळजी घेणे विसरूनच जातो. पर्यावरणाचा होत असलेला ऱ्हास त्याला जरासुद्धा दिसत नाही. जर अशीच पर्यावरणाची हानी होत राहिली तर सारी सजीव सृष्टी धोक्यात येईल. आणि मानवाला जगणे मुश्कील होऊन जाईल. पर्यावरणाचे रक्षण व्हावे व लोकांमध्ये पर्यावरणाच्या रक्षणाबाबत जागरुकता निर्माण व्हावी म्हणून राष्ट्रीय तसेच आंतरराष्ट्रीय स्तरावर अनेक संस्था स्थापन करण्यात आल्या. ज्या पर्यावरणाचे रक्षण करण्यासाठी विविध योजना राबवत असतात, आणि जनजागृती करत असतात. आज आपण या प्रकल्पाच्या माध्यमातून अशाच पर्यावरणासाठी कार्यरत असण...