पद्मावत के लेखक हैं?

  1. पंचतंत्र के लेखक कौन हैं? » Panchatantra Ke Lekhak Kaun Hain
  2. भारत के प्रसिद्ध लेखक एवं उनकी प्रसिद्ध पुस्तकें
  3. प्रेमाश्रयी काव्यधारा की विशेषताएँ
  4. पद्मावत
  5. [Solved] ‘पद्मावत’ उपन्यास किसने लिखा था?
  6. पद्मावत के लेखक कौन है


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पंचतंत्र के लेखक कौन हैं? » Panchatantra Ke Lekhak Kaun Hain

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। सुसंस्कार प्रिंस कुमार गोयल फिर आपके क्वेश्चन का जवाब देने के लिए पंचतंत्र के लेखक कौन है दोस्तों पंचतंत्र बहुत अच्छी किताब है महिला 941 संत्रास के अंदर बहुत अच्छी कहानियां एक कहानी खत्म होती दूसरे गाने स्टार्ट होगी जिसमें शर्मा जी ने उसको देखा और दोस्तों एक बात किताब को मैंने मिरर इमेज में लिखा है और दुनिया की पहली किताब है बहुत अच्छी किताबें पड़े हैं इसको एक बार बहुत सारी कहानियां सीखने को मिलेगा तो पंचतंत्र के लेखक विष्णु दत्त शर्मा ठेकेदार ओपन एक्सप्रेस susanskar prince kumar goyal phir aapke question ka jawab dene ke liye panchatantra ke lekhak kaun hai doston panchatantra bahut achi kitab hai mahila 941 santras ke andar bahut achi kahaniya ek kahani khatam hoti dusre gaane start hogi jisme sharma ji ne usko dekha aur doston ek baat kitab ko maine mirror image mein likha hai aur duniya ki pehli kitab hai bahut achi kitaben pade hain isko ek baar bahut saree kahaniya sikhne ko milega toh panchatantra ke lekhak vishnu dutt sharma thekedaar open express सुसंस्कार प्रिंस कुमार गोयल फिर आपके क्वेश्चन का जवाब देने के लिए पंचतंत्र के लेखक कौन है

भारत के प्रसिद्ध लेखक एवं उनकी प्रसिद्ध पुस्तकें

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प्रेमाश्रयी काव्यधारा की विशेषताएँ

अनुक्रम (Contents) • • • • प्रेमाश्रयी काव्यधारा की विशेषताएँ | जायसी और उसके पद्मावत का स्थान एवं महत्त्व सूफी काव्य-परम्परा- सूफी कवियों की प्रेमगाथाएँ हिन्दी-जगत् की अनुपम देन हैं। उनमें जायसी के ‘पद्मावत’ का शीर्ष स्थान है। सूफी-काव्य-परम्परा प्रेम-पीर को लेकर आई। यह परम्परा हिन्दी में शताब्दियों तक चलती रही। बंगाल के शासक हुसैनशाह के अनुरोध से जिसमें ‘सत्यपीर’ की कथा लिखी गई। कुतुबन मियाँ एक ऐसी कहानी लेकर जनता के सामने आए, जिनके द्वारा उन्होंने मुसलमान होते हुए भी अपने मनुष्य होने का परिचय दिया। कुतुबन चिस्ती वंश के शेख बुरहान के शिष्य थे। उन्होंने ‘मृगावती’ नामक एक प्रेमाख्यान काव्य 909 हिजरी में लिखा। जायसी ने अपने से पूर्व की कुछ प्रेम कहानियों का उल्लेख इस प्रकार किया है- प्रेमावति कहँ सुरपुर साधा। ऊषा लगि अनरुध वर बाँधा ।। विक्रमादित्य और ऊषा- अनिरुद्ध की प्रमुख कथाओं को छोड़ देने से जायसी के पूर्व जो प्रेमाख्यान लिखे हुए पाये जाते हैं उनमें कुतुबन की ‘मृगावती’, मंझन की ‘मधुमालती’, ‘मुग्धावती’ और ‘प्रेमावती’ है। ‘मुग्धावती’ और ‘प्रेमावती’ का पता अभी तक नहीं लगा है। ‘मृगावती’ की एक प्रति का पता ‘नागरी प्रचारिणी सभा काशी’ को लग चुका है। ‘माधुमालती’ भी प्राप्त हो चुकी है। कुतुबन की मृगावती-‘मृगावती’ में चन्द्रगिरि के राजा गनपति देव के पुत्र और कंचन नगर के राजा रूपमुरारि की कन्या मृगावती के प्रेम का वर्णन है। राजकुमार अनेक कष्टों को सहन करता हुआ मृगावति के पास पहुँचता है। मृगावती उड़ने की विद्या जानती थी, वह एक दिन उड़ जाती है। राजकुमार उसकी खोज में योगी बनकर निकल पड़ता है। वह समुद्र से घिरी हुई एक पहाड़ी पर पहुँचता है और वहाँ रुक्मणी नाम की सुन्दरी का उद्धार करता ह...

पद्मावत

१७५० ई की पद्मावत की एक पाण्डुलिपि पद्मावत हिन्दी साहित्य के अन्तर्गत सूफी परम्परा का प्रसिद्ध महाकाव्य है। इसके रचनाकार मलिक मोहम्मद जायसी हैं। दोहा और चौपाई छन्द में लिखे गए इस महाकाव्य की भाषा अवधी है। यह हिन्दी की अवधी बोली में है और चौपाई, दोहों में लिखी गई है। चौपाई की प्रत्येक सात अर्धालियों के बाद दोहा आता है और इस प्रकार आए हुए दोहों की संख्या 653 है। इसकी रचना सन् 947 हिजरी. 21 संबंधों: 'पद्मावत' एक भारतीय ऐतिहासिक फ़िल्म है जिसका निर्देशन संजय लीला भंसाली ने किया है और निर्माण भंसाली प्रोडक्शन्स और वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स ने किया है। फ़िल्म में मुख्य भूमिका में दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह हैं। पहले यह फ़िल्म 1 दिसम्बर 2017 को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने वाली थी; परंतु फिर कुछ लोगों के विरोध और सुप्रीम कोर्ट में चली कानूनी कार्यवाही के बाद यह २५ जनवरी २०१८ को रिलीज हुई। इस फ़िल्म में चित्तौड़ की प्रसिद्द राजपूत रानी पद्मिनी का वर्णन किया गया है जो रावल रतन सिंह की पत्नी थीं। यह फ़िल्म दिल्ली सल्तनत के तुर्की शासक अलाउद्दीन खिलजी का १३०३ ई. में चित्तौड़गढ़ के दुर्ग पर आक्रमण को भी दर्शाती है। पद्मावत के अनुसार, चित्तौड़ पर अलाउद्दीन के आक्रमण का कारण रानी पद्मिनी के अनुपन सौन्दर्य के प्रति उसका आकर्षण था। अन्ततः 28 जनवरी 1303 ई. को सुल्तान चित्तौड़ के क़िले पर अधिकार करने में सफल हुआ। राणा रतन सिंह युद्ध में शहीद हुये और उनकी पत्नी रानी पद्मिनी ने अन्य स्त्रियों के साथ आत्म-सम्मान और गौरव को मृत्यु से ऊपर रखते हुए जौहर कर लिया। . नई!!: पद्मावती शब्द का प्रयोग विभिन्न-विभिन्न सन्दर्भ में होता है:– . नई!!: पद्मावती या पद्मिनी चित्तौड़ के राजा रत्नसिंह...

[Solved] ‘पद्मावत’ उपन्यास किसने लिखा था?

सही उत्तर है मलिक मुहम्मद जायसी । Key Points • पद्मावत मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा लिखी गई है। • मलिक मुहम्मद जायसीहिंदी साहित्य के भक्ति युग की निर्गुण प्रेमाश्रयी धाराके कवि हैं। • वह उत्तर प्रदेश के जैस के रहने वाले थे। • उनके नाम में जायसी शब्द का प्रयोगउनके उपनाम के रूप में किया जाता है। • उनकी 21 रचनाओं काउल्लेख मिलता है जिनमें पद्मावत, अखरदान, आखिरी कलाम, कहरनामा, चित्ररेखा आदि प्रमुख हैं। • लेकिन उन्हें पद्मावत ग्रंथ सेप्रसिद्धि मिली। • इसकी भाषा अवधी हैऔर इसकी रचना शैली दोहा चौपाईपद्धति ने प्राचीन काल के कवियों को प्रभावित किया है।

पद्मावत के लेखक कौन है

पद्मावत हिन्दी साहित्य के अन्तर्गत सूफी परम्परा का प्रसिद्ध महाकाव्य है। इसके रचनाकार मलिक मोहम्मद जायसी हैं। दोहा और चौपाई छन्द में लिखे गए इस महाकाव्य की भाषा अवधी है। यह हिन्दी की अवधी बोली में है और चौपाई, दोहों में लिखी गई है। चौपाई की प्रत्येक सात अर्धालियों के बाद दोहा आता है और इस प्रकार आए हुए दोहों की संख्या 653 है। इसकी रचना सन् 947 हिजरी. (संवत् 1540) में हुई थी। इसकी कुछ प्रतियों में रचनातिथि 927 हि. मिलती है, किंतु वह असंभव है। अन्य कारणों के अतिरिक्त इस असंभावना का सबसे बड़ा कारण यह है कि मलिक साहब का जन्म ही 900 या 906 हिजरी में हुआ था। ग्रंथ के प्रारंभ में शाहेवक्त के रूप में शेरशाह की प्रशंसा है, यह तथ्य भी 947 हि. को ही रचनातिथि प्रमाणित करता है। 927 हि. में शेरशाह का इतिहास में कोई स्थान नहीं था। • 1 परिचय • 2 सन्दर्भ ग्रन्थ • 3 सन्दर्भ • 4 बाहरी कड़ियाँ परिचय जायसी सूफी संत थे और इस रचना में उन्होंने नायक रतनसेन और नायिका पद्मिनी की प्रेमकथा को विस्तारपूर्वक कहते हुए प्रेम की साधना का संदेश दिया है। रतनसेन ऐतिहासिक व्यक्ति है, वह चित्तौड़ का राजा है, पदमावती उसकी वह रानी है जिसके सौंदर्य की प्रशंसा सुनकर तत्कालीन सुल्तान अलाउद्दीन उसे प्राप्त करने के लिये चित्तौड़ पर आक्रमण करता है और यद्यपि युद्ध में विजय प्राप्त करता है तथापि पदमावती के जल मरने के कारण उसे नहीं प्राप्त कर पाता है। इसी ऐतिहासिक अर्ध ऐतिहासिक कथा के पूर्व रतनसेन द्वारा पदमावती के प्राप्त किए जाने की व्यवस्था जोड़ी गई है, जिसका आधार अवधी क्षेत्र में प्रचलित हीरामन सुग्गे की एक लोककथा है। कथा संक्षेप में इस प्रकार है : हीरामन की कथा सिंहल द्वीप (श्रीलंका) का राजा गंधर्वसेन था, जिसकी कन्य...