पेरियार के अनमोल विचार

  1. भारतीय महापुरुषों के अनमोल विचार
  2. बहुजन नायक ललई सिंह यादव, जो उत्तर भारत के 'पेरियार' कहलाए...
  3. डॉ बी.आर अम्बेडक के अनमोल विचार
  4. E.V. Ramasamy
  5. 25 Periyar Quotes in Hindi and English
  6. भगवान गौतम बुद्ध के 60 अनमोल विचार
  7. [50+] ई. वी. रामासाम्य पेरियार कोट्स प्रेरक कथन अनमोल विचार E. V. Ramasamy Periyar Quotes in hindi
  8. पेरियार के प्रतिनिधि विचार
  9. महान विचार
  10. पढ़ें, पेरियार के नारीवादी विचार


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भारतीय महापुरुषों के अनमोल विचार

हर व्यक्ति जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए या जीवन में आगे बढने और सफलता प्राप्त करने के लिए किसी न किसी से प्रेरित जरुर होता है जीवन में प्रेरणा देने वाली कही गयी बाते उर्जा का संचार करती है जैसे सूर्य के उदय होने से सम्पूर्ण जगत में प्रकाश और जीवन की एक नई आशा का संचार होता है ठीक वैसे ही महान लोगो के महान विचार और कही गयी बाते हम सभी के जीवन में उर्जा का संचार करती है और यही प्रेरक बाते हमे अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने के आगे बढ़ने को प्रेरित करती है तो आईये जानते है महान पुरुषो के कहे गये महान विचार | Mahapurushon Ke Vichar जिनसे हमे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है. क्या आपको लगता है कि आप सोच सकते हैं की कोई भी कार्य आप नहीं कर सकते, अगर लगता है की आप नही कर सकते है तो क्या आप सही हैं – हेनरी फोर्ड Henry Ford 6 – पहले आपको खुद बदलना होना पड़ेगा जैसा की आप दुनिया में देखना चाहते है – महात्मा गाँधी Mahatma Gandhi 7 – अपने लक्ष्य को प्राप्त करने से से जो आपको मिलता है वह इतना महत्वपूर्ण नही है जितना की आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के द्वारा बनते है – गेटे Goethe 8 – आप जीवन में जो कुछ भी चाहते है वे प्राप्त कर सकते है बस आप दुसरे लोगो की मदद करना शुरू कर दे – जिग जिगलरZig Ziglar 9 – जो भी आप आप अपने जीवन में कुछ भी करते है एकदिन वह जरुर खत्म हो जायेगा लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है की आप कुछ करते तो है – महात्मा गाँधी Mahatma Gandhi 10 – इच्छा सभी उपलब्धियों का प्रारंभिक बिंदु है, न कि एक आशा है, न कि इच्छा, बल्कि एक गहरी धड़कन वाली इच्छा जो सब कुछ से परे है – नेपोलियन हिल Napoleon Hill 11 – असफलता वह मसाला है जो सफलता का स्वाद देता है – ट्रूमैन कैपोट Truman Capote 12...

बहुजन नायक ललई सिंह यादव, जो उत्तर भारत के 'पेरियार' कहलाए...

ब्राह्मणवाद (Brahminism) के खिलाफ आजीवन संघर्ष करने वाले ‘पेरियार’ ललई सिंह (Periyar Lalai Singh Yadav) को आज उनके जन्‍मदिवस (इनका जन्‍म 1 सितम्बर 1911 को हुआ था) पर श्रद्धांजलि देते हुए बहुजन नायक पेरियार ललई सिंह (Bahujan Nayak Periyar Lalai Singh) का जन्म 1 सितम्बर 1911 को कानपुर देहात के झींझक रेलवे स्टेशन के पास कठारा गांव में हुआ. 1933 में वह मध्‍यप्रदेश के ग्वालियर के सशस्त्र पुलिस बल में सिपाही के रुप में भर्ती हुए, लेकिन कांग्रेस के स्वराज का समर्थन करने के कारण, जिसे ब्रिटिश हुकूमत में जुर्म माना जाता था, उन्‍हें दो साल बाद बर्खास्त कर दिया गया. हालांकि अपील पर उन्‍हें बहाल कर दिया गया. उन्होंने ग्वालियर में 1946 में ‘नान-गजेटेड मुलाजिमान पुलिस एण्ड आर्मी संघ’ की स्थापना की, जिसका मकसद उच्च अधिकारियों से लड़ते हुए पुलिसकर्मियों की समस्याएं उठाना था. ललई सिंह ने साल 1946 में ‘सिपाही की तबाही’ नामक एक किताब लिखी. हालांकि यह प्रकाशित तो नहीं हो पाई, लेकिन उसे टाइप करते हुए सिपाहियों में बांट दिया गया. हालांकि सेना इंस्पेक्टर जनरल को जैसे ही इस किताब के बारे में पता चला तो उनकी ओर से उसे जब्त कर लिया गया. करीब एक साल बाद ललई सिंह ने ग्वालियर पुलिस और आर्मी में हड़ताल करा दी, जिसके चलते उन्‍हें 29 मार्च 1947 को गिरफ्तार कर लिया गया. उन पर मुकदमा चलाया गया और उन्हें 5 साल की सश्रम सजा सुनाई गई. वह 9 महीने तक जेल में रहे. भारत के आजाद होने पर ग्वालियर स्टेट के भारत गणराज्य में विलय के बाद वह 12 जनवरी 1948 को जेल से रिहा कर दिए गए. साल 1950 में सरकारी सेवा से मुक्त होने के बाद ललई सिंह ने अपना जीवन पूरी तरह बहुजन समाज की मुक्ति के लिए समर्पित कर दिया. उन्हें इसका आभास हो...

डॉ बी.आर अम्बेडक के अनमोल विचार

Dr Babasaheb Ambedkar / डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर भारतीय के शिल्पकार और आज़ाद भारत के पहले न्याय मंत्री थे। सामाजिक भेदभाव के विरोध में कार्य करने वाले सबसे प्रभावशाली लोगो में से एक डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर थे। विशेषतः बाबासाहेब आंबेडकर – भारतीय न्यायविद, अर्थशास्त्री, राजनेता और समाज सुधारक के नाम से जाने जाते है। आइये जाने डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के अनमोल विचार… डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का संक्षिप्त परिचय – Babasaheb Bhimrao Ambedkar पूरा नाम बाबासाहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर (Babasaheb Bhimrao Ambedkar) जन्म तिथि 14 अप्रैल, 1891. मऊ, मध्य प्रदेश मृत्यु तिथि 6 दिसंबर, 1956. दिल्ली अभिभावक पिता- रामजी मालोजी सकपाल, माता- भीमाबाई मुरबादकर पत्नी रमाबाई राष्ट्रीयता भारतीय शिक्षा एम.ए. (अर्थशास्त्र), पी एच. डी., एम. एस. सी., बार-एट-लॉ भाषा हिंदी, अंग्रेज़ी राजनैतिक पार्टी भारतीय रिपब्लिकन पार्टी प्रसिद्धि के कारण आम्बेडकर विधि विशेषज्ञ, अर्थशास्त्री, इतिहास विवेचक और धर्म और दर्शन के विद्वान् थे। पुरस्कार-उपाधि भारत रत्न डॉ बी.आर अम्बेडक के अनमोल विचार – Dr Bhimrao Ambedkar Quotes & Thoughts in Hindi #1) Hindi : “इतिहास बताता है कि जहाँ नैतिकता और अर्थशाश्त्र के बीच संघर्ष होता है वहां जीत हमेशा अर्थशाश्त्र की होती है। निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल ना लगाया गया हो। “ English : “History shows that where ethics and economics come in conflict, victory is always with economics. Vested interests have never been known to have willingly divested themselves unless there was sufficient force to compel them. “ #3) Hindi : “यदि मुझे लगा कि...

E.V. Ramasamy

कट्टर नास्तिक पेरियार का जन्म 17 सितंबर 1879 में तमिलनाडु में हुआ था. इनका पूरा नाम ईवी रामास्वामी नायकर था ये महात्मा गांधी जी से भी प्रभावित थे . आजादी से पहले और इसके बाद के तमिलनाडु में पेरियार का गहरा प्रभाव रहा है और राज्य के लोग इनका कही अधिक सम्मान करते हैं . उनके अनुयायियों ने वैवाहिक अनुष्ठानों को चुनौती दी , शादी के निशान के रुप में मंगलसूत्र पहनने का विरोध किया. उन्हें एक महिला सम्मेलन में ही पेरियार की उपाधि प्रदान की गई. पेरियार ब्राह्मणों के वर्चस्व को तोड़ना और जाति प्रथा ,ऊंच नीच को खत्म करना चाहते थे. हिंदु धर्म में अंधविश्वास और भेदभाव की वैदिक जड़ों को कटना ही उनका उद्देश्य था . E.V. Ramasamy - Periyar Quotes : ई.वी .रामस्वामी ( पेरियार ) के अनमोल विचार#पेरियार के अनमोल वचन#पेरियार के अनमोल विचार#पेरियार के प्रसिद्ध विचार#पेरियार के अनमोल कथन#पेरियार के सुविचार#पेरियार के सुंदर विचार आइए जानते हैं कट्टर नास्तिक Periyar के अनमोल विचारों के बारे में. Periyar ke Anmol Vichar ; Periyar Quotes In Hindi. इल्तुतमिश ने" इत्ता प्रथा" 1226 ई० में प्रारम्भ की इत्ता का अर्थ होता है धन के स्थान पर तनख्वाह के रुप में भूमि प्रदान करना . इत्ता प्रथा के अंतर्गत सैनिकों / राज्य आधिकारियों और कर्मचारियोंं को वेतन में रुपये, पैसों की जगह भूमि दी जाती थी . इक्ता प्रथा का अंत अलाउद्दीन खिलजी ने किया तथा फिर से राज्य कर्मचारियों को वेतन के रुप में नगद भुगतान फिर से शुरु किया. इक्ता प्रथा क्या है , कब और किसने शुरु की #इक्ता प्रथा का अर्थ#मुगल काल की इक्ता प्रथा#इक्ता प्रथा का मतलब. इल्तुतमिश का इतिहास - इल्तुतमिश दिल्ली सल्तनत का वास्तविक संस्थापक था . इल्तुतमिश का शासन काल 121...

25 Periyar Quotes in Hindi and English

25 Periyar Quotes in Hindi and English: रामास्वामी नायकर पेरियार (जन्म- 17 सितंबर, 1879, इरोड, तमिलनाडु; मृत्यु- 1973) द्रविड़ आंदोलन के प्रमुख नेता थे और ब्राह्मण होते हुए भी हिंदुत्व विरोधी थे। दलित और पिछड़े वर्गों की इस दशा के लिए ब्राह्मण प्रधान और मनुस्मृति पर आधारित हिंदू धर्म की संस्कृति को जिम्मेदार माना। इन विचारों को लेकर उनको विशेषकर उत्तर भारत में विरोध का सामना करना पड़ा था। Table of Contents • • • • • • Periyar Ramaswamy Nayakar kaun the हिंदुत्व विरोधी और द्रविड़ आंदोलन के प्रमुख नेता ई.वी. रामास्वामी नायकर का जन्म 17 सितंबर 1879 को तमिलनाडु के इरोड नामक शहर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वे बचपन से ही विद्रोही प्रवृत्ति के थे। जब अध्यापकों ने उन्हें स्कूल में पढ़ने के अयोग्य घोषित कर दिया तो पिता ने उन्हें व्यवसाय में लगा दिया। सार्वजनिक जीवन के आरंभ में रामास्वामी राजगोपालाचारी की प्रेरणा से कांग्रेस में सम्मिलित हुए। 1920 के असहयोग आंदोलन में वे जेल भी गए। परंतु अपने विचारों की उपेक्षा देखकर उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और ‘आत्म सम्मान’ नामक संगठन बनाया। रूस की यात्रा से वे इस नतीजे पर पहुंचे कि धार्मिकता से नहीं भौतिक समृद्धि से ही पिछ्ड़ों की स्थिति सुधर सकती है। उनके मन में दलित और पिछड़े वर्गों की दशा के प्रति बेहद लगाव था और इस दशा को दूर करने के लिए संघर्ष किया। रामास्वामी नायकर उत्तर भारत भी आए और हिंदू धर्म ग्रंथों का आलोचनात्मक अध्ययन करने पर उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि दलित और पिछड़े वर्गों की दशा के लिए ब्राह्मण प्रधान और मनुस्मृति पर आधारित हिंदू धर्म की व्यवस्था जिम्मेदार है। वे हिंदू लोकाचार विरोधी और हिंदी विरोधी हो गए। हिंदी विरोध के कार...

भगवान गौतम बुद्ध के 60 अनमोल विचार

Gautam Buddha Anmol Vichar :-5 इसी कड़ी में बौद्ध धर्म के प्रवर्तक भगवान गौतम बुद्ध का नाम भी आता है जिन्होंने सत्य और अहिंसा के पाठ के जरिये पूरी मानवता को जीने की एक नई राह दिखाई थी. तो चलिए आज हम सभी भगवान गौतम बुद्ध के अनमोल विचारो, उनके कहे गये अनमोल वचन, Gautam Buddha Quotes, Gautam Buddha Updesh, Gautam Buddha Anmol Vichar, गौतम बुद्ध के अनमोल विचार और मानवता के उपदेशो को जानते है. क्रोध के लिए सजा नही मिलती बल्कि अपने क्रोध से की गयी गलती के लिए सजा मिलती है. • Gautam Buddha Anmol Vichar :-5 घृणा को घृणा से खत्म नही किया जा सकता है बल्कि इसे प्रेम से ही खत्म किया जा सकता है जो की एक प्राकृतिक सत्य है Quote:-6 जो बीत गया उसमे नही उलझना चाहिए और ना ही भविष्य को लेकर ज्यादा चिंतित रहना चाहिए बल्कि हमे वर्तमान में ही जीना चाहिए यही ख़ुशी से जीने का रास्ता है. Quote:-7 तीन चीजे कभी छुप नही सकती है – सूर्य चंद्रमा और सत्य Quote:-8 हजार शब्दों से वह शब्द अच्छा है जो शांति लेकर आता है Quote:-9 हजारो लड़ाई लड़ने के बजाय खुद पर विजय प्राप्त करना चाहिए फिर जीत हमेसा खुद की होगी जिसे कोई छीन नही सकता है Quote:-10 जैसा सोचोगे वैसा ही बनोगे. Quote:-11 जैसे बिना आग के मोमबत्ती नही जल सकती है ठीक उसी तरह बिना आध्यात्मिक ज्ञान के इन्सान नही रह सकता है Quote:-12 शांति हमारे अंदर ही छिपी हुई है इसे बाहर ढूढना व्यर्थ है. • Quote:-13 समुद्र भी बूंद बूंद से भरता है Quote:-14 हमारा दिमाग ही हमारा दोस्त और हमारा दुश्मन है. Quote:-15 दुसरो पर निर्भर रहने के बजाय अपना काम खुद से करना चाहिए Quote:-16 अच्छा स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा उपहार है संतोष होना सबसे बड़ा धन है और वफ़ादारी सबसे बड़ा सम्बन्ध है Qu...

[50+] ई. वी. रामासाम्य पेरियार कोट्स प्रेरक कथन अनमोल विचार E. V. Ramasamy Periyar Quotes in hindi

सामान्य तमिल के लिए पेरियार आज एक विश्वास प्रणाली है। वह एक विधायी मुद्दों का प्रतिनिधित्व करता है जो सामाजिक एकरूपता, आत्मविश्वास और व्युत्पत्ति संबंधी गौरव को आगे बढ़ाता है। एक समाज सुधारक के रूप में, उन्होंने मैत्रीपूर्ण, सामाजिक और यौन असंतुलन पर ध्यान दिया, और उनकी परिवर्तन योजना ने आत्मविश्वास, लिंग और रीति-रिवाजों के मुद्दों को संबोधित किया। उन्होंने अनुरोध किया कि व्यक्ति अपने जीवन के फैसलों में सामान्य रहें। उन्होंने तर्क दिया कि महिलाओं को स्वतंत्र होना चाहिए था, न कि साधारण बच्चे के वाहक, और मांग की कि उन्हें काम में समान प्रस्ताव की अनुमति दी जाए। आत्म सम्मान आंदोलन उन्होंने समारोहों के बिना उन्नत शादियों को चलाया, और महिलाओं के लिए अलगाव विशेषाधिकारों के रूप में अधिकृत संपत्ति। उन्होंने लोगों को उनके नाम पर स्थायी जोड़ जमा करने और पद का उल्लेख न करने के लिए नियुक्त किया। उन्होंने 1930 के दशक के दौरान खुली सभाओं में दलितों द्वारा तैयार किए गए भोजन के साथ भोज की शुरुआत की। ▶"ब्राह्मण हमेशा के लिए एक उच्च और श्रेष्ठ स्थिति का दावा करने की उम्मीद नहीं कर सकते। समय बदल रहा है। उन्हें नीचे आना है। तभी वे गरिमा के साथ जीवित रह सकते थे। अन्यथा वे एक दिन अपने उच्च पद से हाथ धो बैठेंगे। यह बल से नहीं होगा। यह सिर्फ देश और लोगों के कानून होंगे।” - पेरियार ई.वी. रामासाम्य, E. V. Periyar ▶"हमें यह समझाने की आवश्यकता नहीं है कि आर्यों ने द्रविड़ देश में कैसे प्रवेश किया और कैसे बस गए, और द्रविड़ों को वश में कर लिया और उन पर अत्याचार किया। न ही हमें यह समझाने की जरूरत है कि आर्यों के द्रविड़ देश में प्रवेश करने से पहले, द्रविड़ देश में उच्चतम श्रेणी की सभ्यता और कलाएँ थीं।” ...

पेरियार के प्रतिनिधि विचार

Editor(s): Date: Group(s): Subject(s): Social justice, Caste, Caste-based discrimination, Democracy, Progressivism in literature, Indian mythology, Hinduism and politics, Dalits, Rāmacāmi, Ī. Ve., Tantai Periyār, 1878-1973, Indians--Politics and government Item Type: Tag(s): Permanent URL: Abstract: हिंदी में पेरियार का मूल लेखन और जीवनी उपलब्ध नहीं थी। सामाजिक आंदोलनों व अकादमियों में जो नई हिंदी भाषी पीढ़ी आई है, वह 'नास्तिक पेरियार' से तो खूब परिचित है और उनके प्रति उसमें जबर्दस्त आकर्षण भी है, लेकिन यह पीढ़ी उनके विचारों के बारे में कुछ सुनी-सुनाई, आधी-अधूरी बातें ही जानती है। वस्तुतः उसने पेरियार को पढ़ा नहीं है। उनकी 'द रामायण: अ ट्रू रीडिंग' का हिंदी अनुवाद 'सच्ची रामायण' शीर्षक से 1968 में 'अर्जक संघ' से जुड़े ललई सिंह ने प्रकाशित किया था, जिसे दिसंबर, 1969 में उतर प्रदेश सर्कार ने धार्मिक भावनाओं को आहट करने का आरोप लगाकर प्रतिबंधित कर दिया और इसकी सभी प्रतियाँ जब्त कर ली। 1995 में प्रदेश में पेरियार को अपने प्रमुख आदर्शों में गिनने वाले कांशीराम की 'बहुजन समाज पार्टी' सत्ता में आई, तब जाकर प्रतिबंध हटा। इसके बावजूद आज तक इस चर्चित किताब को प्रकाशित करने का साहस किसी प्रकाशक ने नहीं दिखाया तो इसके पीछे उत्तर भारत में प्रभाव शाली ब्राह्मणवादी ताकतों का भय, पेरियार के हिंदी विरोधी व कथित अलगाववाद के प्रति नासमझी व कई अन्य अंतर्निहित कारण रहे हैं। Notes: यह किताब दक्षिण भारत के महान दार्शनिक, विचारक और चिन्तक पेरियार के नाम से तो सब परिचित हैं लेकिन उत्तर भारत के हिन्दी क्षेत्र में उनके बारे में गंभीर और गहरी जानकारी की कमी दिखाई देती है। पेरियार पर हिन्दी में लिखित ...

महान विचार

आज हम जानेंगे महान लोगों के महान विचारों को ‘Anmol Vachan in Hindi’ प्रेरणादायक अनमोल वचन जो हमारे जीवन के लिए प्रेरणा का स्त्रोत (Source of Inspiration for Our Lives) होंगे. हर एक वचन आपके जीवन में ज्ञान, उत्साह एवं हौसला पैदा करेगा… हर एक विचार ‘Anmol Vachan in Hindi’ को ध्यान से पढ़िए और विचार कीजिये, निश्चय ही यह वचन आपकी लाइफ में एक बड़ा बदलाव और ख़ुशी लाएंगे। आइये जानते हैं 101 अनमोल विचारों को – Great Thoughts | 101 Anmol Vachan in Hindi 1- जिसके पास उम्मीद है, वह हार कर भी नहीं हारता – अज्ञात | 2- श्रेष्ठ होना कोई कार्य नही बल्कि यह हमारी एक आदत है जिसे हम बार बार करते है। – अरस्तु 3- विजेता बोलते हैं कि मुझे कुछ करना चाहिए, जबकि हारने वाले बोलते हैं कि कुछ होना चाहिए – 4- मैं हर कदम पर हारा हूँ, पर जन्मा केवल जीत के लिए हूँ। – एमर्सन 5- बड़ा सोचो, जल्दी सोचो, आगे की सोचो क्योंकि विचारों पर किसी का एकाधिकार नहीं है – 6- मैं कर सकता हूँ, यह विश्वाश है. केवल मैं ही कर सकता हूँ, यह अंधविश्वास है – अज्ञात Anmol Vachan in Hindi 7- बिना विश्वास के कोई काम हो ही नहीं सकता – नारायणदास 8- जब तक तुम स्वयं पर विश्वाश नहीं करते, परमात्मा में विश्वास कर ही नहीं सकते – 9- यदि हम समाधान का हिस्सा नहीं हैं तो इसका मतलब यही है की हम खुद समस्या हैं – कहावत 10- प्राण देकर भी मित्र के प्राण की रक्षा करनी चाहिए। – बाणभट्ट 11- जो काम पड़ने पर सहायक होता है, वही मित्र है – दीर्घनिकाय 12- अभागों के मित्र नहीं होते। एमर्सन Anmol Vachan in Hindi 13- मित्र को प्रकृति की उत्कृष्ट कृति माना जा सकता है –अमरसन 14- लोहे के गर्म होने का इन्तजार मत करो बल्कि अपनी तपन द्वारा इसे गर्म बनाओ यानि समय का इन्...

पढ़ें, पेरियार के नारीवादी विचार

जब भी आप दक्षिण भारत के समाज सुधारकों, नेताओं के बारे में सोचेंगे तो नेताओं की इस सूची में पेरियार ब्राह्मणवाद के धुर विरोधी थे मतलब ब्राह्मणवाद से जुड़ी हर व्यवस्था, तंत्र के विरोधी थे। जाति व्यवस्था और लैंगिक भेदभाव के खिलाफ वह उम्र भर लड़ते रहे। साल 1925 में यह देखते हुए कि कांग्रेस सिर्फ ब्राह्मणों के बारे में सोचती है उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद तमिलनाडु में एस रामनाथन के बुलावे पर उन्होंने सेल्फ रेस्पेक्ट मूवमेंट यानि आत्मसम्मान आंदोलन की कमान संभाली। आंदोलन के शुरुआती दौर में इसके सिद्धांत ईश्वर, धर्म, कर्मकांडो और जाति को नकारना था लेकिन पेरियार ने आंदोलन से जुड़ने पर एक और सिद्धांत इसमें जोड़ा जो था पितृसत्तात्मकता का नकार क्योंकि आंदोलन जाति व्यवस्था की सभी संरचनाओं के विरुद्ध था इसीलिए पेरियार ने दो संरचनाओं में हिंदू धर्म और ब्राह्मणवादी पितृसत्ता को रखा, उसके खिलाफ़ लड़े। और पढ़ें : पेरियार और आत्मसम्मान आंदोलन आत्मसम्मान आंदोलन के शुरू होने के बाद पेरियार का नारीवादी होना मुखर रूप से सामने आता है क्योंकि वह जगह-जगह सभाएं संबोधित कर रहे थे जिसमें महिलाएं भी बड़े पैमाने पर शामिल हो रही थीं। पेरियार ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी आंदोलन में महिलाओं की भूमिका सबसे अहम है क्योंकि वे समाज का बराबर हिस्सा हैं, आंदोलन को आवाज़, विविधता और व्यापकता देती हैं। पेरियार को सिर्फ दक्षिण की राजनीति तक सीमित करना उनकी उस सोच, विचारधारा को भी सीमित करना होगा। पेरियार समाज सुधारक, द्रविडियन मूवमेंट के सूत्रधार, राजनीतिक नेता तो थे ही, वह एक नारीवादी भी थे। वह उस दौर में नारीवादी थे जब महिलाओं के संघर्ष और उनकी शोषण से मुक्ति को लेकर बहुत कम ही नेता मौलिक रूप ...