फैराडे का प्रथम नियम

  1. फैराडे के विद्युत अपघटन के नियम , फैराडे का विद्युत अपघटन का प्रथम , द्वितीय नियम (faraday’s law of electrolysis in hindi) – 11th , 12th notes In hindi
  2. विद्युत अपघट्य तथा अनअपघट्य क्या है ? इसके प्रकार
  3. फैराडे का विद्युत अपघटन का नियम
  4. फैराडे का नियम तथा लेंज का नियम
  5. फैराडे के विद्युत चुंबकीय प्रेरण के नियम, प्रथम व द्वितीय नियम क्या हैं Physics
  6. फैराडे के विद्युत अपघटन के नियम बताइये, प्रथम तथा द्वितीय..
  7. विद्युत अपघट्य तथा अनअपघट्य क्या है ? इसके प्रकार
  8. फैराडे का नियम तथा लेंज का नियम
  9. फैराडे के विद्युत अपघटन के नियम बताइये, प्रथम तथा द्वितीय..
  10. फैराडे का विद्युत अपघटन का नियम


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फैराडे के विद्युत अपघटन के नियम , फैराडे का विद्युत अपघटन का प्रथम , द्वितीय नियम (faraday’s law of electrolysis in hindi) – 11th , 12th notes In hindi

(faraday’s law of electrolysis in hindi) फैराडे के विद्युत अपघटन के नियम , फैराडे का विद्युत अपघटन का प्रथम , द्वितीय नियम :फैराडे का नियम पढने से पहले हम कुछ विद्युत अपघटन के बारे में पढ़ लेते है , जब किसी विद्युत अपघट्य को उदाहरण : जब विद्युत अपघट्य जैसे धातु सल्फेट को जल में घोला जाता है तो यह धनात्मक और ऋणात्मक आयन में टूट जाता है , इस अपघट्य के धनावेशित कण या धन आयन उस इलेक्ट्रोड क तरफ गति करते है जो बैट्री के ऋण सिरे से जुडा है जहाँ ये धनात्मक आयन इससे SO 4 में परिवर्तित हो जाते है। हालाँकि यह SO 4 विद्युत उदासीन अवस्था में नहीं पाया जाता है इसलिए यह धात्विक धनात्मक इलेक्ट्रोड पर आक्रमण करता है और दोबारा पानी में घुल जाता है। फैराडे ने विद्युत अपघटन से सम्बंधित दो नियम दिए जो निम्न प्रकार है – 1. फैराडे का विद्युत अपघटन का प्रथम नियम : किसी विद्युत अपघटन के दौरान किसी इलेक्ट्रोड से मुक्त हुई पदार्थ की मात्रा , प्रवाहित होने वाली माना किसी विद्युत अपघटन के दौरान किसी इलेक्ट्रोड से w ग्राम पदार्थ मुक्त हो रहा है तथा Q कुलाम धारा प्रवाहित हो रही है तो फैराडे के नियम के अनुसार W का मान Q के समानुपाती होता है – W ∝ Q इसे ही फैराडे का प्रथम नियम कहते है। W = ZQ यहाँ Z एक नियतांक है जिसे मुक्त हुए आयन का विद्युत रासायनिक तुल्यांक कहते है। 2. फैराडे का विद्युत अपघटन का द्वितीय नियम : इस नियम के अनुसार अलग अलग विद्युत अपघट्यो के विलयन में समान विद्युत धारा , समान समय के लिए प्रवाहित करने पर , इलेक्ट्रोडो से मुक्त हुए पदार्थ की मात्रायें , उनके तुल्यंकी भार के समानुपाती होती है। फैराडे के प्रथम से नियम से – W = ZQ

विद्युत अपघट्य तथा अनअपघट्य क्या है ? इसके प्रकार

( 2) विद्युत अपघट्य तथा विद्युत अनअपघट्य क्या है । describe Electrolytic in hindi। इस पोस्ट मे विद्युत अपघट्य, विद्युत अनअपघट्य को हमारे द्वारा सरलता से आपको सम्पूर्ण जानकारी दि जायेगी। इस पोस्ट में इसके उदाहरण तथा प्रकारो की जानकारी मौजूद है यह पोस्ट वैद्युत रसायन का बेसिक है जो बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें पदार्थों की रासायनिक क्रिया से हम विद्युत ऊर्जा को जनरेट करने मे कौन कौन से विद्युत अपघट्य पदार्थो का प्रयोग होगा उसके बारे मे भी बताया जायेगा । विद्युत अपघट्य विद्युत अपघट्य वह पदार्थ जिसको हम जब जल में घोलते हैं तो वह ऋण आयन तथा धनायन में टूट जाता है अर्थात कुछ ऐसे भी पदार्थ होते हैं उसे जिसमें इलेक्ट्रॉन मुक्त होते हैं जो उस पदार्थ को विद्युत चालक बनाने का कार्य करते हैं । तो ऐसे पदार्थ को हम विद्युत अपघट्य ( Electrolytic ) कहते हैं विद्युत अपघट्य पदार्थ हमेशा अम्लों, क्षारों एवं लवणों के विलयन के रूप में पाए जाते हैं एवं ऐसी कुछ गैसे भी है जो विद्युत अपघट्य पदार्थ के भांति कार्य करती है । जैसे, सोडियम क्लोराइड ( Nacl ) , पोटेशियम क्लोराइड ( Kcl ), डीएनए(DNA), पॉलीपेप्टाइड्स एंव पॉलीस्टरीन सल्फोनेट इनके विलयनो को भी विद्युत अपघट्य करते हैं। विद्युत अपघट्य मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं । प्रबल विद्युत अपघट्य वह विद्युत अपघट्य जिनको हम जब जल मे घोलते हैं तो वहां पूरी तरह से वे ऋण आयन तथा धनायन में टूट जाते हैं इस प्रकार के विद्युत अपघट्य को हम प्रबल विद्युत अपघट्य कहते हैं। प्रबल विद्युत अपघट्य के जलीय विलयन की विद्युत चालकता का मान अधिक होता हैं जैसे सोडियम क्लोराइड( Nacl ) पोटेशियम क्लोराइड( KCl ) HCl NaOH NaCl NH 4Cl CH 3COONa आदि ये सभी प्रबल विद्युत अपघट...

फैराडे का विद्युत अपघटन का नियम

Table of Contents • • फैराडे का प्रथम नियम – Faraday’s first law in Hindi: जब किसी विद्युत अपघट्य के विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो इलेक्ट्रोडो पर निक्षेपित (इकठ्ठा ) होने वाले पदार्थ की मात्रा W आवेश की मात्रा Q के समानुपाती होती हैं। अर्थात W ∝ Q आवेश की मात्रा = धारा x समय Q = I x t अतः W ∝ I x t W = ZIt यहाँ Z एक स्थिरांक है जिसे विधुत रासायनिक तुल्यांक कहते है इसे निम्न प्रकार से परिभाषित किया जाता हैं। यदि I = 1 ऐम्पियर तथा t = 1 सेकण्ड है तो W = Z अतः जब किसी विधुत अपघट्य के विलयन में 1 एम्पियर की धारा 1 सेकंड तक प्रवाहित की जाती है तो निक्षेपित (इक्क्ठे) पदार्थ की मात्रा को विधुत रासायनिक तुल्यांक कहते है। फैराडे का द्वितीय नियम – Faraday’s second law in Hindi : जब दो या दो से अधिक विधुत अपघट्य के विलयन में समान मात्रा की विधुत धारा प्रवाहित की जाती है तो इलेक्ट्रोड पर निक्षेपित होने वाले पदार्थ की मात्रा W उनके रासायनिक तुल्यांक (E) के समानुपाती होती हैं। अर्थात W ∝ E प्रथम विधुत अपघट्य के लिए W1 ∝ E1 द्वितीय विधुत अपघट्य के लिए W2 ∝ E2

फैराडे का नियम तथा लेंज का नियम

नमस्कार दोस्तों क्या आप फैराडे का नियम (faraday law in Hindi) तथा लेंज का नियम (Lenz’s law in Hindi) खोज रहे हैं तो यह आपके लिए एकदम सही पोस्ट है. इस पोस्ट के माध्यम से आप लेंज का नियम और फैराडे का विद्युत चुंबकीय प्रेरण नियम जान सकते हैं 12th फिजिक्स के विद्युत चुंबकीय प्रेरण पाठ में हमें फैराडे का नियम पढ़ने को मिलता है. यह बोर्ड परीक्षाओं के लिए काफी उपयोगी प्रश्न है 12वीं के विद्यार्थियों के लिए यह जानकारी उपयोगी है तो आइए जानते हैं लेंज का नियम – Lenz’s law in Hindi फैराडे का विद्युत चुंबकीय प्रेरण नियम फैराडे के विद्युत चुंबकीय प्रेरण के प्रयोगों के परिणामों को 2 नियमों द्वारा व्यक्त किया गया जिन्हें की फैराडे के विद्युत चुंबकीय प्रेरण के नियम कहा जाता है. दोस्तों यह पोस्ट 12वीं में फिजिक्स के विद्यार्थियों के लिए तैयार की गई है जो कि बोर्ड परीक्षाओं के लिए काफी उपयोगी है फैराडे का विद्युत चुंबकीय प्रेरण का प्रथम नियम “जब किसी परिपथ से बद्ध चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन हो रहा होता है तो परिपथ में एक प्रेरित विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है जिसका परिमाण चुंबकीय फ्लक्स के परिवर्तन के ऋणात्मक दर के बराबर होता है “ इसे न्यूमैन का नियम भी कहा जाता है फैराडे का विद्युत चुंबकीय प्रेरण का द्वितीय नियम “किसी परिपथ में प्रेरित विद्युत वाहक बल अथवा प्रेरित धारा की दिशा सदैव ऐसी होती है कि यह उस कारण का विरोध करती है जिससे कि स्वयं उत्पन्न होती है ” इसे लेंज का नियम भी कहा जाता है लेंज का नियम – Lenz’s law in Hindi लेंज के नियम के अनुसार – “किसी परिपथ में प्रेरित विद्युत वाहक बल अथवा प्रेरित धारा की दिशा सदैव ऐसी होती है कि यह उस कारण का विरोध करती है जिससे कि स्वयं उत्पन्न होत...

फैराडे के विद्युत चुंबकीय प्रेरण के नियम, प्रथम व द्वितीय नियम क्या हैं Physics

विषय सूची • • • • • फैराडे के विद्युत चुंबकीय प्रेरण के नियम प्रायोगिक प्रेक्षणों के आधार पर वैज्ञानिक माइकल फैराडे ने दो नियमों का प्रतिपादन किया, जिन्हें फैराडे के विद्युत चुंबकीय प्रेरण के नियम (Faraday’s law of electromagnetic induction in hindi) कहते हैं। 1. फैराडे का प्रथम नियम किसी विद्युत परिपथ में विद्युत वाहक बल तब प्रेरित होता है। जब परिपथ द्वारा परिबद्ध चुंबकीय फ्लक्स में समय के साथ परिवर्तन होता है तब प्रेरित विद्युत वाहक बल का परिमाण, चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन की ऋणात्मक दर के बराबर होता है। फैराडे के प्रथम नियम (Faraday first law in Hindi) को न्यूमैन का नियम भी कहते हैं। माना ∆t समयांतराल में किसी परिपथ द्वारा परिबद्ध चुंबकीय फ्लक्स में ∆Φ का परिवर्तन होता है। तब परिपथ में प्रेरित विद्युत वाहक बल ε है तो \footnotesize \boxed अतः इस प्रकार स्पष्ट होता है कि चुंबकीय फ्लक्स का मात्रक वेबर तथा विद्युत वाहक बल का मात्रक वोल्ट परस्पर इस प्रकार संबंधित हैं। 1 वोल्ट = 1 वेबर/सेकेंड यदि परिपथ एक कुंडली है। एवं जिसमें तार के N फेरे हैं। तब प्रेरित विद्युत वाहक बल ε = -N \frac अतः धारा i = 2 × 10 3 एम्पीयर = 2 मिलीएम्पीयर पढ़ें… पढ़ें… 2. फैराडे का द्वितीय नियम किसी परिपथ में प्रेरित विद्युत वाहक बल अथवा प्रेरित धारा की दिशा सदैव इस प्रकार होती है कि यह उस कारक का विरोध करती है। जिसके कारण यह स्वयं उत्पन्न होती है। फैराडे के द्वितीय नियम (Faraday second law in Hindi) को लेंज का नियम भी कहते हैं। लेंज का नियम ऊर्जा संरक्षण के सिद्धांत का पालन करता है। फैराडे के नियम संबंधित प्रश्न उत्तर

फैराडे के विद्युत अपघटन के नियम बताइये, प्रथम तथा द्वितीय..

विद्युत अपघटन (Electrolysis) वह प्रक्रिया जिसमें किसी विद्युत अपघट्य पर विद्युत धारा प्रवाहित करने पर वह अपघटित हो जाता है उसे विद्युत अपघटन कहते हैं। फैराडे के विद्युत अपघटन के नियम (Faradays Laws of Electrolysis) वैज्ञानिक माइकल फैराडे के विद्युत अपघटन से संबंधित दो नियमों का प्रतिपादन किया। जिसे फैराडे के विद्युत अपघटन नियम (Faraday’s laws of electrolysis in hindi) कहते हैं। 1. फैराडे का विद्युत अपघटन का प्रथम नियम (Faradays First Laws) इस नियम के अनुसार, जब किसी विद्युत अपघट्य के विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो इलेक्ट्रॉडो पर मुक्त पदार्थ की मात्रा, विद्युत अपघटन में प्रवाहित विद्युत धारा की मात्रा के समानुपाती होती है। यह फैराडे का पेड़ विद्युत अपघटन का प्रथम नियम है यदि मुक्त पदार्थ की मात्रा W तथा धारा की मात्रा Q हो तो W ∝ Q या W = ZQ जहां Z एक नियतांक है जिसे विद्युत रासायनिक तुल्यांक कहते हैं। इसका मात्रक ग्राम/कूलाम होता है तो W = Z × Q चूंकि Q = it होता है तब [ W= Z× i× t]​ जहां i = विद्युत धारा , ,t = समय है। यदि i = 1 एम्पीयर तथा ‌t = 1 सेकंड है तो [ W= Z]​ अर्थात् जब 1 एंपियर धारा 1 सेकंड तक प्रवाहित की जाती है। तो पदार्थ की मात्रा उसके विद्युत रासायनिक तुल्यांक के बराबर होती है। 2. फैराडे का विद्युत अपघटन का द्वितीय नियम (Faradays Second Laws) इस नियम के अनुसार, जब किसी विद्युत अपघट्यों के विलयनों में समान विद्युत की मात्रा प्रवाहित की जाती है। तो इलेक्ट्रोडो पर मुक्त पदार्थों का द्रव्यमान उनके तुल्यांकी भारों के समानुपाती होता है। यह फैराडे का विद्युत अपघटन का द्वितीय नियम है अर्थात् W ∝ E दो‌ विलयनों के लिए W 1 ∝ E 1 » W 1 = kE 1 W 2 ∝ E 2 »...

विद्युत अपघट्य तथा अनअपघट्य क्या है ? इसके प्रकार

( 2) विद्युत अपघट्य तथा विद्युत अनअपघट्य क्या है । describe Electrolytic in hindi। इस पोस्ट मे विद्युत अपघट्य, विद्युत अनअपघट्य को हमारे द्वारा सरलता से आपको सम्पूर्ण जानकारी दि जायेगी। इस पोस्ट में इसके उदाहरण तथा प्रकारो की जानकारी मौजूद है यह पोस्ट वैद्युत रसायन का बेसिक है जो बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें पदार्थों की रासायनिक क्रिया से हम विद्युत ऊर्जा को जनरेट करने मे कौन कौन से विद्युत अपघट्य पदार्थो का प्रयोग होगा उसके बारे मे भी बताया जायेगा । विद्युत अपघट्य विद्युत अपघट्य वह पदार्थ जिसको हम जब जल में घोलते हैं तो वह ऋण आयन तथा धनायन में टूट जाता है अर्थात कुछ ऐसे भी पदार्थ होते हैं उसे जिसमें इलेक्ट्रॉन मुक्त होते हैं जो उस पदार्थ को विद्युत चालक बनाने का कार्य करते हैं । तो ऐसे पदार्थ को हम विद्युत अपघट्य ( Electrolytic ) कहते हैं विद्युत अपघट्य पदार्थ हमेशा अम्लों, क्षारों एवं लवणों के विलयन के रूप में पाए जाते हैं एवं ऐसी कुछ गैसे भी है जो विद्युत अपघट्य पदार्थ के भांति कार्य करती है । जैसे, सोडियम क्लोराइड ( Nacl ) , पोटेशियम क्लोराइड ( Kcl ), डीएनए(DNA), पॉलीपेप्टाइड्स एंव पॉलीस्टरीन सल्फोनेट इनके विलयनो को भी विद्युत अपघट्य करते हैं। विद्युत अपघट्य मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं । प्रबल विद्युत अपघट्य वह विद्युत अपघट्य जिनको हम जब जल मे घोलते हैं तो वहां पूरी तरह से वे ऋण आयन तथा धनायन में टूट जाते हैं इस प्रकार के विद्युत अपघट्य को हम प्रबल विद्युत अपघट्य कहते हैं। प्रबल विद्युत अपघट्य के जलीय विलयन की विद्युत चालकता का मान अधिक होता हैं जैसे सोडियम क्लोराइड( Nacl ) पोटेशियम क्लोराइड( KCl ) HCl NaOH NaCl NH 4Cl CH 3COONa आदि ये सभी प्रबल विद्युत अपघट...

फैराडे का नियम तथा लेंज का नियम

नमस्कार दोस्तों क्या आप फैराडे का नियम (faraday law in Hindi) तथा लेंज का नियम (Lenz’s law in Hindi) खोज रहे हैं तो यह आपके लिए एकदम सही पोस्ट है. इस पोस्ट के माध्यम से आप लेंज का नियम और फैराडे का विद्युत चुंबकीय प्रेरण नियम जान सकते हैं 12th फिजिक्स के विद्युत चुंबकीय प्रेरण पाठ में हमें फैराडे का नियम पढ़ने को मिलता है. यह बोर्ड परीक्षाओं के लिए काफी उपयोगी प्रश्न है 12वीं के विद्यार्थियों के लिए यह जानकारी उपयोगी है तो आइए जानते हैं लेंज का नियम – Lenz’s law in Hindi फैराडे का विद्युत चुंबकीय प्रेरण नियम फैराडे के विद्युत चुंबकीय प्रेरण के प्रयोगों के परिणामों को 2 नियमों द्वारा व्यक्त किया गया जिन्हें की फैराडे के विद्युत चुंबकीय प्रेरण के नियम कहा जाता है. दोस्तों यह पोस्ट 12वीं में फिजिक्स के विद्यार्थियों के लिए तैयार की गई है जो कि बोर्ड परीक्षाओं के लिए काफी उपयोगी है फैराडे का विद्युत चुंबकीय प्रेरण का प्रथम नियम “जब किसी परिपथ से बद्ध चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन हो रहा होता है तो परिपथ में एक प्रेरित विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है जिसका परिमाण चुंबकीय फ्लक्स के परिवर्तन के ऋणात्मक दर के बराबर होता है “ इसे न्यूमैन का नियम भी कहा जाता है फैराडे का विद्युत चुंबकीय प्रेरण का द्वितीय नियम “किसी परिपथ में प्रेरित विद्युत वाहक बल अथवा प्रेरित धारा की दिशा सदैव ऐसी होती है कि यह उस कारण का विरोध करती है जिससे कि स्वयं उत्पन्न होती है ” इसे लेंज का नियम भी कहा जाता है लेंज का नियम – Lenz’s law in Hindi लेंज के नियम के अनुसार – “किसी परिपथ में प्रेरित विद्युत वाहक बल अथवा प्रेरित धारा की दिशा सदैव ऐसी होती है कि यह उस कारण का विरोध करती है जिससे कि स्वयं उत्पन्न होत...

फैराडे के विद्युत अपघटन के नियम बताइये, प्रथम तथा द्वितीय..

विद्युत अपघटन (Electrolysis) वह प्रक्रिया जिसमें किसी विद्युत अपघट्य पर विद्युत धारा प्रवाहित करने पर वह अपघटित हो जाता है उसे विद्युत अपघटन कहते हैं। फैराडे के विद्युत अपघटन के नियम (Faradays Laws of Electrolysis) वैज्ञानिक माइकल फैराडे के विद्युत अपघटन से संबंधित दो नियमों का प्रतिपादन किया। जिसे फैराडे के विद्युत अपघटन नियम (Faraday’s laws of electrolysis in hindi) कहते हैं। 1. फैराडे का विद्युत अपघटन का प्रथम नियम (Faradays First Laws) इस नियम के अनुसार, जब किसी विद्युत अपघट्य के विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो इलेक्ट्रॉडो पर मुक्त पदार्थ की मात्रा, विद्युत अपघटन में प्रवाहित विद्युत धारा की मात्रा के समानुपाती होती है। यह फैराडे का पेड़ विद्युत अपघटन का प्रथम नियम है यदि मुक्त पदार्थ की मात्रा W तथा धारा की मात्रा Q हो तो W ∝ Q या W = ZQ जहां Z एक नियतांक है जिसे विद्युत रासायनिक तुल्यांक कहते हैं। इसका मात्रक ग्राम/कूलाम होता है तो W = Z × Q चूंकि Q = it होता है तब [ W= Z× i× t]​ जहां i = विद्युत धारा , ,t = समय है। यदि i = 1 एम्पीयर तथा ‌t = 1 सेकंड है तो [ W= Z]​ अर्थात् जब 1 एंपियर धारा 1 सेकंड तक प्रवाहित की जाती है। तो पदार्थ की मात्रा उसके विद्युत रासायनिक तुल्यांक के बराबर होती है। 2. फैराडे का विद्युत अपघटन का द्वितीय नियम (Faradays Second Laws) इस नियम के अनुसार, जब किसी विद्युत अपघट्यों के विलयनों में समान विद्युत की मात्रा प्रवाहित की जाती है। तो इलेक्ट्रोडो पर मुक्त पदार्थों का द्रव्यमान उनके तुल्यांकी भारों के समानुपाती होता है। यह फैराडे का विद्युत अपघटन का द्वितीय नियम है अर्थात् W ∝ E दो‌ विलयनों के लिए W 1 ∝ E 1 » W 1 = kE 1 W 2 ∝ E 2 »...

फैराडे का विद्युत अपघटन का नियम

Table of Contents • • फैराडे का प्रथम नियम – Faraday’s first law in Hindi: जब किसी विद्युत अपघट्य के विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो इलेक्ट्रोडो पर निक्षेपित (इकठ्ठा ) होने वाले पदार्थ की मात्रा W आवेश की मात्रा Q के समानुपाती होती हैं। अर्थात W ∝ Q आवेश की मात्रा = धारा x समय Q = I x t अतः W ∝ I x t W = ZIt यहाँ Z एक स्थिरांक है जिसे विधुत रासायनिक तुल्यांक कहते है इसे निम्न प्रकार से परिभाषित किया जाता हैं। यदि I = 1 ऐम्पियर तथा t = 1 सेकण्ड है तो W = Z अतः जब किसी विधुत अपघट्य के विलयन में 1 एम्पियर की धारा 1 सेकंड तक प्रवाहित की जाती है तो निक्षेपित (इक्क्ठे) पदार्थ की मात्रा को विधुत रासायनिक तुल्यांक कहते है। फैराडे का द्वितीय नियम – Faraday’s second law in Hindi : जब दो या दो से अधिक विधुत अपघट्य के विलयन में समान मात्रा की विधुत धारा प्रवाहित की जाती है तो इलेक्ट्रोड पर निक्षेपित होने वाले पदार्थ की मात्रा W उनके रासायनिक तुल्यांक (E) के समानुपाती होती हैं। अर्थात W ∝ E प्रथम विधुत अपघट्य के लिए W1 ∝ E1 द्वितीय विधुत अपघट्य के लिए W2 ∝ E2