पहले गणेश जी की आरती

  1. आरती
  2. गणेश जी की आरती
  3. आरती: श्री गणेश जी
  4. आरती कुंज बिहारी की… इस आरती से पहले भगवान गणेश की आरती को करना न भूलें
  5. Shri Ganesh Aarti Lyrics श्री गणेश आरती
  6. आरती
  7. Shri Ganesh Aarti Lyrics श्री गणेश आरती
  8. आरती: श्री गणेश जी
  9. आरती कुंज बिहारी की… इस आरती से पहले भगवान गणेश की आरती को करना न भूलें
  10. गणेश जी की आरती


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आरती

• • • Ganesh ji ki aarti hindi जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ एक दन्त दयावंत, चार भुजाधारी । मास्तक सिंदूर सोहे, मुसे की सवारी ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ पान चढ़े फूल चढ़े, और चढ़े मेवा । लड्डूअन का भोग लगे, संत करे सेवा ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ अन्धन को आँख देत, कोढ़िन को काया । बान्झन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ सुर श्याम शरण आये, सफल कीजये सेवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ Ganesh ji ki aarti english Jai ganesh jai ganesh, Jai ganesh deva । Mata jaki parwati, Pita mahadeva ॥ Ek dant daya want, Char bhuuja dhari । Mathe sindor shoye, Muse ki sawari ॥ Jai ganesh jai ganesh, Jai ganesh deva । Mata jaki parwati, Pita mahadeva ॥ Pan chadhe phool chadhe, Aur chadhe mewa । Laduan ka bhog lage, Sant kare sewa ॥ Jai ganesh jai ganesh, Jai ganesh deva । Mata jaki parwati, Pita maha deva ॥ Andhan ko aankh det, Kodhin ko kaya । Banjhan ko putra det, Nirdhan ko maya ॥ Jai ganesh jai ganesh, Jai ganesh deva । Mata jaki parwati, Pita mahadeva ॥ Shur shyam sharan aaye, Safal ki jye sewa । Mata jaki parwati, Pita mahadeva ॥ Jai ganesh jai ganesh, Jai ganesh deva । Mata jaki parwati, Pita mahadeva ॥

गणेश जी की आरती

जब हम सभी लोग पूजा करते हैं तो सबसे पहले हम गणेश जी की पूजा करते हैं ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी सर्वश्रेष्ठ है। हर पूजा में गणेश जी की आरती किया जाता है जिस तरह दीपावली में लक्ष्मी जी और गणेश जी की पूजा होती है और उसके साथ लक्ष्मी जी और गणेश जी की आरती भी पूजा समाप्त होने के बाद किया जाता है। गणेश जी की आरती जो कोई भी करता उनके सभी कष्ट गणेश जी हर लेते हैं इसीलिए सभी व्यक्ति को पूजा के समाप्त होने के बाद गणेश जी की आरती करना चाहिए । गणेश जी की आरती जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी । माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा । लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया । बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ ‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी । कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ जब हम सभी लोग पूजा करते हैं तो सबसे पहले हम गणेश जी की पूजा करते हैं ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी सर्वश्रेष्ठ है। हर पूजा में गणेश जी की आरती किया जाता है जिस तरह दीपावली में लक्ष्मी जी और गणेश जी की पूजा होती है और उसके साथ लक्ष्मी जी और गणेश जी की आरती भी पूजा समाप्त होने के बाद किया जाता है। गणेश जी की आ...

आरती: श्री गणेश जी

Read in English जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी । माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा । लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया । बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ 'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ ----- Additional ----- दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी । कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

आरती कुंज बिहारी की… इस आरती से पहले भगवान गणेश की आरती को करना न भूलें

हिंदू धर्म में कोई भी पूजा बिना गणेश जी की आरती को किए अधूरी मानी जाती है। पौराणिक कथाओं अनुसार श्री गणेश को प्रथम पूज्य देवता की उपाधि प्राप्त है। इसलिए किसी भी पूजा की शुरुआत से पहले इन्हें जरूर याद किया जाता है। अब चाहे बात जन्माष्टमी की हो इस दिन भी भगवान कृष्ण की आरती से पहले गणपति की आरती का गान करना जरूरी है। इस साल जन्माष्टमी 23 और 24 अगस्त को मनाई जा रही है। इस दिन भगवान कृष्ण की आधी रात को पूजा की जाती है। भगवान के भजन गाये जाते हैं और विधि विधान पूजा कर उनकी आरती की जाती है। लेकिन पूजा में इस गणेश आरती का गान करना न भूलें… गणेश भगवान की आरती: जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ जय… जन्माष्टमी पर शुभ संयोग: ज्योतिष गणना के अनुसार साल 2019 में भगवान कृष्ण का 5245वां जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार विक्रम संवत 2076 चल रहा है। माना जाता है कि भगवान कृष्ण द्वापर युग के वर्ष 8,60,931 में जन्में थे। भगवान कान्हा के जन्म दिवस को पूरे भारत में आज भी बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग व्रत रखकर कान्हा के जन्म का इंतजार करते हैं। इस व्रत को कुछ लोग फलाहारी तो बहुत से भक्त निर्जला रखते हैं जिसमें मध्यरात्रि में भगवान की पूजा करने के बाद ही जल और फल ग्रहण किया जाता है। मध्यरात्रि में कान्हा की पूजा की जाती है।

Shri Ganesh Aarti Lyrics श्री गणेश आरती

Shri Ganesh Aarti Lyrics श्री गणेश आरती - सभी शुभ कार्यों में सबसे पहले पूजे जाने वाले देव हैं श्री गणेश। किसी भी दिन और किसी भी देवता की अगर पूजा करनी हो तो सबसे पहले गणेश जी को पूजा जाती है और गणेश जी आरती सबसे पहले की जाती है। रोज बुधवार को गणेश जी की आरती करने से आपके सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सफलता मिलती है। Shri Ganesh Aarti Lyrics श्री गणेश आरती माँ दुर्गा की नौवीं शक्ति स्वरुप को माता सिद्धिदात्री कहते हैं। नवरात्रि के नवमी तिथि को माता सिद्धिदात्री की पूजा आराधना की जाती है। इस ब्रहमांड की समस्त सिद्धियों को प्रदान करने वाली सिद्धिदात्री माता ही है। सिद्धिदात्री आठ सिद्धियां प्रदान करने वाली है। जो कोई भी मनुष्य पुरे श्रद्धा से सिद्धिदात्री माता की पूजा आराधना करता है। उसे सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। मार्कंडेय पुराण में आठ सिद्धियां बताई गई है जो निम्नानुसार है: अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, और वशित्व। माँ सिद्धिदात्री ने आठ सिद्धियां हनुमान जी को वरदान स्वरुप प्रदान की थी। पुराणों के अनुसार भगवान भोलेनाथ ने भी सिद्धिदात्री की कृपा से ही समस्त सिद्धियों को प्राप्त किया था। इसी कारण वे जगत में अर्धनारीश्वर नाम से प्रसिद्ध हुए। केतु ग्रह पर माता सिद्धिदात्री का सम्पूर्ण प्रभाव है। इस कारण जिन लोगों को केतु गृह के कारण से जीवन में किसी भी तरीके की परेशानी आ रही हो या कोई कष्ट हो या कोई परेशानी हो तो उन्हें सिद्धिदात्री माता की सम्पूर्ण ह्रदय से पूजा आराधना करनी चाहिए। सिद्धिदात्री माता के सभ शिव चालीसा अवधी में लिखा गया एक भक्ति स्त्रोत है जो भगवन शिव जी को समर्पित है, शिव चालीसा के रचयिता श्री अयोध्यादास जी है। शिव चालीसा...

आरती

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Shri Ganesh Aarti Lyrics श्री गणेश आरती

Shri Ganesh Aarti Lyrics श्री गणेश आरती - सभी शुभ कार्यों में सबसे पहले पूजे जाने वाले देव हैं श्री गणेश। किसी भी दिन और किसी भी देवता की अगर पूजा करनी हो तो सबसे पहले गणेश जी को पूजा जाती है और गणेश जी आरती सबसे पहले की जाती है। रोज बुधवार को गणेश जी की आरती करने से आपके सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सफलता मिलती है। Shri Ganesh Aarti Lyrics श्री गणेश आरती माँ दुर्गा की नौवीं शक्ति स्वरुप को माता सिद्धिदात्री कहते हैं। नवरात्रि के नवमी तिथि को माता सिद्धिदात्री की पूजा आराधना की जाती है। इस ब्रहमांड की समस्त सिद्धियों को प्रदान करने वाली सिद्धिदात्री माता ही है। सिद्धिदात्री आठ सिद्धियां प्रदान करने वाली है। जो कोई भी मनुष्य पुरे श्रद्धा से सिद्धिदात्री माता की पूजा आराधना करता है। उसे सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। मार्कंडेय पुराण में आठ सिद्धियां बताई गई है जो निम्नानुसार है: अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, और वशित्व। माँ सिद्धिदात्री ने आठ सिद्धियां हनुमान जी को वरदान स्वरुप प्रदान की थी। पुराणों के अनुसार भगवान भोलेनाथ ने भी सिद्धिदात्री की कृपा से ही समस्त सिद्धियों को प्राप्त किया था। इसी कारण वे जगत में अर्धनारीश्वर नाम से प्रसिद्ध हुए। केतु ग्रह पर माता सिद्धिदात्री का सम्पूर्ण प्रभाव है। इस कारण जिन लोगों को केतु गृह के कारण से जीवन में किसी भी तरीके की परेशानी आ रही हो या कोई कष्ट हो या कोई परेशानी हो तो उन्हें सिद्धिदात्री माता की सम्पूर्ण ह्रदय से पूजा आराधना करनी चाहिए। सिद्धिदात्री माता के सभ शिव चालीसा अवधी में लिखा गया एक भक्ति स्त्रोत है जो भगवन शिव जी को समर्पित है, शिव चालीसा के रचयिता श्री अयोध्यादास जी है। शिव चालीसा...

आरती: श्री गणेश जी

Read in English जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी । माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा । लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया । बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ 'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ ----- Additional ----- दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी । कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

आरती कुंज बिहारी की… इस आरती से पहले भगवान गणेश की आरती को करना न भूलें

हिंदू धर्म में कोई भी पूजा बिना गणेश जी की आरती को किए अधूरी मानी जाती है। पौराणिक कथाओं अनुसार श्री गणेश को प्रथम पूज्य देवता की उपाधि प्राप्त है। इसलिए किसी भी पूजा की शुरुआत से पहले इन्हें जरूर याद किया जाता है। अब चाहे बात जन्माष्टमी की हो इस दिन भी भगवान कृष्ण की आरती से पहले गणपति की आरती का गान करना जरूरी है। इस साल जन्माष्टमी 23 और 24 अगस्त को मनाई जा रही है। इस दिन भगवान कृष्ण की आधी रात को पूजा की जाती है। भगवान के भजन गाये जाते हैं और विधि विधान पूजा कर उनकी आरती की जाती है। लेकिन पूजा में इस गणेश आरती का गान करना न भूलें… गणेश भगवान की आरती: जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ जय… जन्माष्टमी पर शुभ संयोग: ज्योतिष गणना के अनुसार साल 2019 में भगवान कृष्ण का 5245वां जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार विक्रम संवत 2076 चल रहा है। माना जाता है कि भगवान कृष्ण द्वापर युग के वर्ष 8,60,931 में जन्में थे। भगवान कान्हा के जन्म दिवस को पूरे भारत में आज भी बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग व्रत रखकर कान्हा के जन्म का इंतजार करते हैं। इस व्रत को कुछ लोग फलाहारी तो बहुत से भक्त निर्जला रखते हैं जिसमें मध्यरात्रि में भगवान की पूजा करने के बाद ही जल और फल ग्रहण किया जाता है। मध्यरात्रि में कान्हा की पूजा की जाती है।

गणेश जी की आरती

जब हम सभी लोग पूजा करते हैं तो सबसे पहले हम गणेश जी की पूजा करते हैं ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी सर्वश्रेष्ठ है। हर पूजा में गणेश जी की आरती किया जाता है जिस तरह दीपावली में लक्ष्मी जी और गणेश जी की पूजा होती है और उसके साथ लक्ष्मी जी और गणेश जी की आरती भी पूजा समाप्त होने के बाद किया जाता है। गणेश जी की आरती जो कोई भी करता उनके सभी कष्ट गणेश जी हर लेते हैं इसीलिए सभी व्यक्ति को पूजा के समाप्त होने के बाद गणेश जी की आरती करना चाहिए । गणेश जी की आरती जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी । माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा । लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया । बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ ‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी । कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ जब हम सभी लोग पूजा करते हैं तो सबसे पहले हम गणेश जी की पूजा करते हैं ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी सर्वश्रेष्ठ है। हर पूजा में गणेश जी की आरती किया जाता है जिस तरह दीपावली में लक्ष्मी जी और गणेश जी की पूजा होती है और उसके साथ लक्ष्मी जी और गणेश जी की आरती भी पूजा समाप्त होने के बाद किया जाता है। गणेश जी की आ...