पहली

  1. AFG vs BAN: निजत मसूद ने डेब्यू टेस्ट की पहली गेंद पर रचा इतिहास, बने ऐसा करने वाले पहले अफगानी गेंदबाज
  2. मिलिए विराली मोदी से, जो भारत की पहली व्हीलचेयर मॉडल होने के साथ
  3. Simran Met Rahul Radhe Got Injured These Railway Stations Are The First Choice Of Bollywood Filmmakers For Shooting
  4. पहली Blog Post कैसे लिखें जो Google पर Rank करें
  5. लड़की ने शादी से पहले सेक्स किया है या नहीं जानने का आसन तरीका
  6. #FilmyFriday: भारतीय सिनेमा की पहली स्टार एक्ट्रेस थीं देविका रानी, जानिए क्यों कहा जाता है इन्हें ड्रैगन लेडी
  7. पहली पीढ़ी के कंप्यूटर (First Generation of Computer In Hindi)
  8. पहली Blog Post कैसे लिखें जो Google पर Rank करें
  9. पहली पीढ़ी के कंप्यूटर (First Generation of Computer In Hindi)
  10. #FilmyFriday: भारतीय सिनेमा की पहली स्टार एक्ट्रेस थीं देविका रानी, जानिए क्यों कहा जाता है इन्हें ड्रैगन लेडी


Download: पहली
Size: 73.31 MB

AFG vs BAN: निजत मसूद ने डेब्यू टेस्ट की पहली गेंद पर रचा इतिहास, बने ऐसा करने वाले पहले अफगानी गेंदबाज

Bangladesh vs Afghanistan: बांग्लादेश और अफगानिस्तान के बीच एकमात्र टेस्ट मैच खेला जा रह है। ये मुकाबला मीरपुर के शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में हो रहा है। मैच भारतीय समयानुसार सुबह 9:30 बजे से शुरू हो चुका है। इस हाई-वोल्टेज मैच में अफगानिस्तानी गेंदबाज निजत मसूद ने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में ही साबित कर दिया है कि उनके अंदर कितनी काबिलियत है। उन्होंने अपने ओवर की पहली ही गेंद पर बल्लेबाज को पवेलियन भेजकर इतिहास रच दिया है। निजत मसूद ने पहले टेस्ट डेब्यू में किया कमाल दरअसल, बांग्लादेश बनाम अफगानिस्तान का इकलौता टेस्ट शुरू हुआ है। इस टेस्ट में अफगानिस्तान ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। हालांकि, सभी की निगाहें राशिद खान पर थीं, लेकिन उन्हें आराम दिया गया है, जिसकी अपनी एक अलग वजह हो सकती है। दिग्गज गेंदबाज के न होने पर भी टीम में निजत मसूद को डेब्यू करने का मौका मिला जोकि आते ही छा गए। निजत मसूद ने पहली गेंद पर जाकिर हसन को किया आउट युवा गेंदबाज ने अपने टेस्ट करियर की पहली ही गेंद पर बांग्लादेश के बल्लेबाज जाकिर हसन को आउट कर दिया। निजत की गेंद पर शॉट खेलने की कोशिश में बल्ले से टच होती हुई गेंद सीधी विकेटकीपर के हाथों में पहुंच गई। हालांकि इसके बाद अंपायर ने जाकिर को आउट नहीं किया। निजत मसूद ऐसा करने वाले पहले अफगानी गेंदबाज तेज गेंदबाज निजत मसूद अपने डेब्यू मैच में पहली गेंद पर विकेट लेने वाले पहले अफगानी खिलाड़ी बने हैं और ओवरऑल लिस्ट में उनका स्थान 22वां हैं। डेब्यू में पहली गेंद पर विकेट लेने वाले पहले खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया टॉम होरान टेस्ट हैं, जिन्होंने सिडनी टेस्ट (1882-83 ) में ये रिकॉर्ड अपने नाम किया था।

मिलिए विराली मोदी से, जो भारत की पहली व्हीलचेयर मॉडल होने के साथ

नई दिल्ली: अधिक समावेशी और सुलभ समाज के निर्माण के लिए संवेदनशीलता और जागरूकता महत्वपूर्ण हैं. ये विकलांगता से जुड़ी रूढ़ियों और मिथकों को तोड़ने में मदद करते हैं. इनसे एक ऐसे समाज का निर्माण होता है जहां विकलांग लोगों के महत्व और योगदान को हर कोई पहचानता है. विराली मोदी, एक विकलांगता अधिकार कार्यकर्ता और व्हीलचेयर का इस्तेमाल करने वाली भारत की पहली मॉडल हैं. वह एक ऐसे समाज के निर्माण में मदद करने के लिए काम कर रही हैं, जो विविधता का सम्मान और समर्थन करता है. दिव्यांग कहने पर विराली मोदी ने कहा, क्या मैं आपको एक बात बोल सकती हूं? कृपया आप मुझे ‘विशेष रूप से सक्षम (Specially Abled)’ न कहें, चाहें तो आप मुझे विकलांग कह सकते हैं. विराली की सकारात्मकता ने ही उन्हें अपने जीवन के कठिन दौर से निकाला है. एनडीटीवी टीम से बात करते हुए, उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहती कि उनको कोई खास दर्जा दिया जाए और यह उनकी लड़ाई है, एक सरल लक्ष्य के साथ सीधी सी लड़ाई. जिसमें वह चाहती हैं कि कोई उन्हें अलग तरीके से न देखे और न ही उनके साथ ऐसा बर्ताव करे. विराली इस बात की पुरजोर वकालत करती हैं कि सबको सम्मिलित करने वाले सुरक्षित समाज बनाने की जिम्मेदारी केवल विकलांगों की नहीं बल्कि सभी की होनी चाहिए. ठीक इसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए उनका अभियान #MyTrainToo भी है. रेल यात्रा सबकी पहुंच में हो, इस लक्ष्य को पाने के लिए उनकी याचिका पर छह लाख से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं. इसे भी पढ़ें: अपने अभियान #MyTrainToo के बारे में बात करते हुए विराली ने कहा, मैंने ये अभियान #MyTrainToo 2017 में शुरू किया था और कारण यह था कि जब मैं 2008 में भारत आई थी, तो ट्रेन में चढ़ते समय कुलियों ने मेरे साथ बुरा बर्ताव ...

Simran Met Rahul Radhe Got Injured These Railway Stations Are The First Choice Of Bollywood Filmmakers For Shooting

शूटिंग के लिए ये रेलवे स्टेशन हैं बॉलीवुड फिल्ममेकर्स की पहली पसंद, कहीं राहुल से मिली सिमरन तो कहीं राधे का फूटा सिर ट्रेनें हमेशा से फिल्मों का हिस्सा रही हैं. यही वजह से कि कुछ स्टेशन्स और ट्रेनें फिल्मों की शूटिंग के लिए पसंदीदा रहे हैं. इन सब का फायदे रेलवे को भी खूब होता है. रेलवे इन फिल्मों की शूटिंग से एक साल में करोड़ों रुपए की कमाई करती है. नई दिल्ली : कभी हीरोइन दौड़ते हुए स्टेशन पर पहुंचती है और हीरो ट्रेन की गेट पर हाथ बढ़ाए उसका इंतजार कर रहा होता है, फिर चलती ट्रेन में उसे खींचता है. तो कभी हीरो-हीरोइन ट्रेन की सफर में ही पहली बार मिलते हैं और प्यार हो जाता है. वहीं कभी-कभी तो पूरी की पूरी फिल्म भी एक ट्रेन के अंदर बन जाती है. हिंदी सिनेमा और ट्रेन का पुराना नाता रहा है. हीरो गांव छोड़ कर मुंबई जा रहा हो या फिर लंबे इंतजार के बाद हीरो-हीरोइन एक हो रहे हों, ट्रेनें हमेशा से फिल्मों का हिस्सा रही हैं. यही वजह से कि कुछ स्टेशन्स और ट्रेनें फिल्मों की शूटिंग के लिए पसंदीदा रहे हैं. इन सब का फायदे रेलवे को भी खूब होता है. रेलवे इन फिल्मों की शूटिंग से एक साल में करोड़ों रुपए की कमाई करती है. आइए जानते हैं कि वो कौन से स्टेशन्स हैं, जो फिल्मों के लिए हमेशा पसंद किए जाते रहे हैं. यह भी पढ़ें • Odisha Train Accident: IRCTC सिर्फ 35 पैसे के प्रीमियम पर दे रहा 10 लाख का इंश्योरेंस, जानें किसे मिलेगा लाभ • कांग्रेस का दावा- ओडिशा हादसे के बाद रद्द हुए 'हजारों टिकट', रेलवे ने कहा, ' ये तथ्यात्मक रूप से गलत' • गोविंदा के गाने पर महिला ने रेलवे स्टेशन पर झूमकर किया ऐसा डांस, देखने वालों की छूट गई ट्रेन शूटिंग के लिए कौन से हैं फेवरेट स्पॉट रिपोर्ट्स के अनुसार वेस्टर्न रेल...

पहली Blog Post कैसे लिखें जो Google पर Rank करें

13.2 सम्बंधित लेख हिंदी में ब्लॉग का एक ऐसी वेबसाइट है जो लोगों के लिए एक डिजिटल किताब की तरह होती हैं और ब्लॉग पर लिखने वाला Blogger कहलाता है जो अपनेअनुभव, अपने विचारोंऔर जानकारियों को Text, image, विडियो आदि के साथ Online ब्लॉग के माध्यम से लोगों के साथ लेख के रूप में साझा करते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता देते है की ब्लॉग को शुरुआती दिनों में वेबलॉग कहा जाता था. यदि आपको ब्लॉग बनाना है तो आप फ्री में Blog बना सकते है. Blog Post क्या होती है – Blog Post Kya Hai ब्लॉग बनाने के बाद उस पर लिखें गयेकंटेंट यानि Article को Blog Post कहा जाता है. जो एक Blogger लिखता है. उदाहरण के लिए आप जिस लेख को पढ़ रहे है वह एक Blog Post ही है और यह Blog Post कैसे करें – Blog Post Kaise Kare Blog Post करने के लिए आपको सबसे पहले एक ब्लॉग बनाना होता है इसके बाद आपको इस ब्लॉग को सही से Design कर उस पर आसानी से ब्लॉग पोस्ट कर सकते है. ब्लॉग बनाने के लिए आप Blogger पर आसानी से ब्लॉग बना सकते है. ब्लॉगर पर ब्लॉग बनाने के पैसे नही लगते हैं. यदि आप Wordpress पर अपना ब्लॉग बनाना चाहते है WordPress पर ब्लॉग बनाने के पैसे लगते है. यदि आपको वर्डप्रेस पर अपना ब्लॉग बनावें. ब्लॉग लिखने से पहले क्या करें – Blog Likhne Se Pahle Kya kare ब्लॉग लिखने से पहले क्या करना चाहिए यह हम आपको Step By Step बताते है और इन्ही बातों को हम भी ब्लॉग लिखने से पहले Follow करते है. सही Topic का चुनाव करें ब्लॉग लिखने से पहले आप यह निर्णय लेवें की आपको किस Niche या Topic पर लिखना है. अगर आपको उस Topic का ज्ञान है तो आप भी उसी Topic पर आसानी से लिख सकते है. आप दूसरों को देख कर अपने लेख का topic चुनाव बिलकुल न करें. यदि आपको उस...

लड़की ने शादी से पहले सेक्स किया है या नहीं जानने का आसन तरीका

इस लेख में बताया गया है कि कैसे पता लगाया जाए कि किसी लड़की ने शादी से पहले सेक्स किया है या नहीं। विशेषज्ञ भी इस बात से सहमत हैं कि पहली बार, ज्यादातर लड़कियां सेक्स करने से घबराती हैं। यदि आपकी पार्टनर या गर्लफ्रेंड आपके साथ पहली बार सेक्स करते समय थोड़ी घबरायी हुयी है, तो आप समझ सकते हैं कि वह अभी भी वर्जिन है। ऐसें ही कई संकेत होते हिं जिसकी मदद से यह पता लगाया जाए कि किसी लड़की ने शादी से पहले सेक्स किया है या नहीं। सबसे पहले, आपको यह समझना चाहिए कि किसी लड़के या लड़की के कौमार्य का कोई मेडिकल परीक्षण नहीं है। इसका मतलब है कि किसी लड़के या लड़की ने किसी के साथ सेक्स किया है या नहीं, इसका पता मेडिकल टेस्ट से नहीं लगाया जा सकता है। आजकल यंग लड़के लड़कियों में सेक्स आम बात है, इसलिए जो लोग नए-नए शादीशुदा हैं या शादी करने वाले हैं, वे जानना चाहते हैं कि क्या वह जिस लड़की से शादी कर रहा है, उसने पहले किसी के साथ सेक्स किया है या नहीं। क्योंकि कई बार होता है जब हम लड़कियों के मामले में, वर्जिनिटी आमतौर पर एक झिल्ली या हाइमन से जुड़ा होता है। यह माना जाता है कि जिसका यह आमतौर पर योनि के पास एक छेद के रूप में देखा जाता है। जन्म के समय लगभग 10-15 प्रतिशत लड़कियों के शरीर में हाइमन नहीं होता है। इसलिए हाइमन टूटने और कौमार्य खोने का कोई सवाल ही नहीं है। दूसरा, हाइमन संभोग के बिना भी टूट सकती है। असल में, यह इन आसान तरीकों से जानें लड़की ने शादी से पहले सेक्स किया है या नहीं – How to find out if a girl had sex before marriage in hindi हम इक्कीसवीं सदी में पहुंच चुके हैं लेकिन अभी भी भारतीय समाज में लड़कियों की वर्जिनिटी को लेकर खुलापन नहीं आया है। लड़की का वर्जिन नहीं होना एक सामाजिक क...

#FilmyFriday: भारतीय सिनेमा की पहली स्टार एक्ट्रेस थीं देविका रानी, जानिए क्यों कहा जाता है इन्हें ड्रैगन लेडी

यह बॉम्बे टॉकीज ही था जिसने दिलीप कुमार, अशोक कुमार और मधुबाला जैसे अभिनेताओं को लॉन्च किया. बॉम्बे टॉकीज वह स्टूडियो भी था जिसने भारत को अंतर्राष्ट्रीय फिल्म निर्माण तकनीक से परिचित कराया. इसके संस्थापक थे देविका राय और उनके पति हिमांशु राय, जिनकी एक ही प्रेरणा थी- भारतीय फिल्मों को वेस्टर्न फिल्मों के बराबर लाना. देविका रानी को भारतीय सिनेमा की फर्स्ट लेडी भी कहा जाता है. और यह न केवल सिनेमा में उनके अविश्वसनीय योगदान के कारण है, बल्कि उनके बोल्ड, आत्मविश्वासी और मुखर व्यक्तित्व के कारण भी है. देविका 1930 के दशक में सबसे लोकप्रिय नामों में से एक थी. बड़े घराने की बेटी थीं देविका देविका रानी का जन्म 1908 में कर्नल डॉ. मन्मथनाथ चौधरी और लीला देवी चौधरी के एक समृद्ध बंगाली परिवार में हुआ था. उनके माता-पिता अच्छे पढ़े-लिखे और समृद्ध थे और इस कारण उन्होंने अपनी बेटी देविका को बंदिशों में रखने की बजाय उन्हें एक नई उड़ान दी. स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद देविका ने लंदन में रॉयल एकेडमी ऑफ ड्रामेटिक आर्ट और रॉयल एकेडमी ऑफ म्यूजिक में दाखिला लिया. “Though popularly known for featuring the first on screen kiss in Indian cinema, it was the first Indian talkie with English dialogue which set all London talking" (1933) Devika Rani in ‘Karma’ कला और सौंदर्य की दुनिया से उन्हें उतना प्यार था कि उन्होंने आर्किटेक्चर से लेकर टेक्सटाइल डिजाइन तक के अन्य कोर्सेज में दाखिला लिया. साल 1928 में, देविका अपने होने वाले पति हिमांशु राय से मिलीं, जिनके जरिए उन्होंने भारतीय सिनेमा में कदम रखा. देविका ने सबसे पहले कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग और कला निर्देशन जैसी फिल्म मेकिंग प्रोसेस में हिमांशु राय की मदद ...

पहली पीढ़ी के कंप्यूटर (First Generation of Computer In Hindi)

आज हम विस्तार से जानेगे कि पहली पीढ़ी के कंप्यूटर क्या है? (First Generation of Computer In Hindi) उनकी क्या विशेषताएं थी (Features of First Generation of Computer In Hindi) और उनके क्या फायदे व क्या नुकसान थे? (Advantages and Disadvantages of First Generation of Computer In Hindi) तो आइये बिना समय गवाए जानते है फर्स्ट जनरेशन कंप्यूटर (First Generation of Computer In Hindi) के बारे में | 7 Conclusion पहली पीढ़ी के कंप्यूटर (First Generation of Computer In Hindi) 1946-1959 के बिच के कंप्यूटर प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर (First Generation of Computer) कहलाते हैं | प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर के आज के कंप्यूटरों से बहुत अलग थे। उस समय के कम्प्यूटर्स batch processing operating system पर आधारित थे और उनमे प्रोसेसर के रूप में vacuum tube का उपयोग किया गया था | वैक्यूम ट्यूब कांच की एक नाली होती थी जिसे की आप ऊपर चित्र में देख सकते है | वैक्यूम ट्यूब का आविष्कार 1906 में Lee De Forest ने किया था। चूँकि पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों में बड़ी संख्या में वैक्यूम ट्यूबों का इस्तेमाल किया था इसलिए ये कंप्यूटर काफी हीट उत्पन्न करते थे। इनका आकर एक बहुत बड़े कमरे जितना हुवा करता था, साथ ही ये बहुत अधिक बिजली की खपत करते थे इसलिए उन्हें संचालित करना भी महंगा था | प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर को ऑपरेट करने के लिए कई लोगो की जरुरत होती थी और मशीनों में बार-बार खराबी आने की संभावना रहती थी इसलिए उन्हें लगातार रखरखाव की आवश्यकता होती थी। वर्तमान में, हमारे कार्यों को सरल बनाने के लिए हजारों programming languages जैसे C/C++, Java, Python, आदि उपलब्ध हैं, लेकिन पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के समय प्रोग्रामिंग लैंग्वेज...

पहली Blog Post कैसे लिखें जो Google पर Rank करें

13.2 सम्बंधित लेख हिंदी में ब्लॉग का एक ऐसी वेबसाइट है जो लोगों के लिए एक डिजिटल किताब की तरह होती हैं और ब्लॉग पर लिखने वाला Blogger कहलाता है जो अपनेअनुभव, अपने विचारोंऔर जानकारियों को Text, image, विडियो आदि के साथ Online ब्लॉग के माध्यम से लोगों के साथ लेख के रूप में साझा करते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता देते है की ब्लॉग को शुरुआती दिनों में वेबलॉग कहा जाता था. यदि आपको ब्लॉग बनाना है तो आप फ्री में Blog बना सकते है. Blog Post क्या होती है – Blog Post Kya Hai ब्लॉग बनाने के बाद उस पर लिखें गयेकंटेंट यानि Article को Blog Post कहा जाता है. जो एक Blogger लिखता है. उदाहरण के लिए आप जिस लेख को पढ़ रहे है वह एक Blog Post ही है और यह Blog Post कैसे करें – Blog Post Kaise Kare Blog Post करने के लिए आपको सबसे पहले एक ब्लॉग बनाना होता है इसके बाद आपको इस ब्लॉग को सही से Design कर उस पर आसानी से ब्लॉग पोस्ट कर सकते है. ब्लॉग बनाने के लिए आप Blogger पर आसानी से ब्लॉग बना सकते है. ब्लॉगर पर ब्लॉग बनाने के पैसे नही लगते हैं. यदि आप Wordpress पर अपना ब्लॉग बनाना चाहते है WordPress पर ब्लॉग बनाने के पैसे लगते है. यदि आपको वर्डप्रेस पर अपना ब्लॉग बनावें. ब्लॉग लिखने से पहले क्या करें – Blog Likhne Se Pahle Kya kare ब्लॉग लिखने से पहले क्या करना चाहिए यह हम आपको Step By Step बताते है और इन्ही बातों को हम भी ब्लॉग लिखने से पहले Follow करते है. सही Topic का चुनाव करें ब्लॉग लिखने से पहले आप यह निर्णय लेवें की आपको किस Niche या Topic पर लिखना है. अगर आपको उस Topic का ज्ञान है तो आप भी उसी Topic पर आसानी से लिख सकते है. आप दूसरों को देख कर अपने लेख का topic चुनाव बिलकुल न करें. यदि आपको उस...

पहली पीढ़ी के कंप्यूटर (First Generation of Computer In Hindi)

आज हम विस्तार से जानेगे कि पहली पीढ़ी के कंप्यूटर क्या है? (First Generation of Computer In Hindi) उनकी क्या विशेषताएं थी (Features of First Generation of Computer In Hindi) और उनके क्या फायदे व क्या नुकसान थे? (Advantages and Disadvantages of First Generation of Computer In Hindi) तो आइये बिना समय गवाए जानते है फर्स्ट जनरेशन कंप्यूटर (First Generation of Computer In Hindi) के बारे में | 7 Conclusion पहली पीढ़ी के कंप्यूटर (First Generation of Computer In Hindi) 1946-1959 के बिच के कंप्यूटर प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर (First Generation of Computer) कहलाते हैं | प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर के आज के कंप्यूटरों से बहुत अलग थे। उस समय के कम्प्यूटर्स batch processing operating system पर आधारित थे और उनमे प्रोसेसर के रूप में vacuum tube का उपयोग किया गया था | वैक्यूम ट्यूब कांच की एक नाली होती थी जिसे की आप ऊपर चित्र में देख सकते है | वैक्यूम ट्यूब का आविष्कार 1906 में Lee De Forest ने किया था। चूँकि पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों में बड़ी संख्या में वैक्यूम ट्यूबों का इस्तेमाल किया था इसलिए ये कंप्यूटर काफी हीट उत्पन्न करते थे। इनका आकर एक बहुत बड़े कमरे जितना हुवा करता था, साथ ही ये बहुत अधिक बिजली की खपत करते थे इसलिए उन्हें संचालित करना भी महंगा था | प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर को ऑपरेट करने के लिए कई लोगो की जरुरत होती थी और मशीनों में बार-बार खराबी आने की संभावना रहती थी इसलिए उन्हें लगातार रखरखाव की आवश्यकता होती थी। वर्तमान में, हमारे कार्यों को सरल बनाने के लिए हजारों programming languages जैसे C/C++, Java, Python, आदि उपलब्ध हैं, लेकिन पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के समय प्रोग्रामिंग लैंग्वेज...

#FilmyFriday: भारतीय सिनेमा की पहली स्टार एक्ट्रेस थीं देविका रानी, जानिए क्यों कहा जाता है इन्हें ड्रैगन लेडी

यह बॉम्बे टॉकीज ही था जिसने दिलीप कुमार, अशोक कुमार और मधुबाला जैसे अभिनेताओं को लॉन्च किया. बॉम्बे टॉकीज वह स्टूडियो भी था जिसने भारत को अंतर्राष्ट्रीय फिल्म निर्माण तकनीक से परिचित कराया. इसके संस्थापक थे देविका राय और उनके पति हिमांशु राय, जिनकी एक ही प्रेरणा थी- भारतीय फिल्मों को वेस्टर्न फिल्मों के बराबर लाना. देविका रानी को भारतीय सिनेमा की फर्स्ट लेडी भी कहा जाता है. और यह न केवल सिनेमा में उनके अविश्वसनीय योगदान के कारण है, बल्कि उनके बोल्ड, आत्मविश्वासी और मुखर व्यक्तित्व के कारण भी है. देविका 1930 के दशक में सबसे लोकप्रिय नामों में से एक थी. बड़े घराने की बेटी थीं देविका देविका रानी का जन्म 1908 में कर्नल डॉ. मन्मथनाथ चौधरी और लीला देवी चौधरी के एक समृद्ध बंगाली परिवार में हुआ था. उनके माता-पिता अच्छे पढ़े-लिखे और समृद्ध थे और इस कारण उन्होंने अपनी बेटी देविका को बंदिशों में रखने की बजाय उन्हें एक नई उड़ान दी. स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद देविका ने लंदन में रॉयल एकेडमी ऑफ ड्रामेटिक आर्ट और रॉयल एकेडमी ऑफ म्यूजिक में दाखिला लिया. “Though popularly known for featuring the first on screen kiss in Indian cinema, it was the first Indian talkie with English dialogue which set all London talking" (1933) Devika Rani in ‘Karma’ कला और सौंदर्य की दुनिया से उन्हें उतना प्यार था कि उन्होंने आर्किटेक्चर से लेकर टेक्सटाइल डिजाइन तक के अन्य कोर्सेज में दाखिला लिया. साल 1928 में, देविका अपने होने वाले पति हिमांशु राय से मिलीं, जिनके जरिए उन्होंने भारतीय सिनेमा में कदम रखा. देविका ने सबसे पहले कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग और कला निर्देशन जैसी फिल्म मेकिंग प्रोसेस में हिमांशु राय की मदद ...