पीएम मोदी के समाचार

  1. Human Rights Groups Screen Controversial BBC Documentary On PM Narendra Modi In Washington Before His USA Visit
  2. Senthil Balaji: पीएम मोदी के इस बयान के तुरंत बाद एक्शन में ED, 24 घंटे के भीतर गिरफ्त में सेंथिल बालाजी
  3. पापुआ न्यू गिनी के पीएम जेम्स मारापे कौन हैं? जिन्होंने PM मोदी के पैर छूकर लिया आशीर्वाद.. ऐसा क्यों किया?


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Human Rights Groups Screen Controversial BBC Documentary On PM Narendra Modi In Washington Before His USA Visit

BBC Controversy: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 21 जून को होने वाले अमेरिकी दौरे से पहले एक बार फिर बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' सुर्खियों में आ गई है. अमेरिका में दो मानवाधिकार संगठनों ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने का ऐलान किया है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ये स्क्रीनिंग अमेरिका के वॉशिंगटन में की जाएगी. दो हिस्सों में आई ये डॉक्यूमेंट्री 2002 में हुए गुजरात दंगों के जांच का दावा करती है. इस डॉक्यूमेंट्री में गुजरात के तत्कालीन सीएम रहे भारत में बैन करने के खिलाफ होगी स्क्रीनिंग- ह्यूमन राइट्स वॉच अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, ह्यूमन राइट्स वॉच और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने 20 जून को एक प्राइवेट स्क्रीनिंग के आयोजन का ऐलान किया है. इस स्क्रीनिंग में अमेरिकी सांसद, पत्रकार और विश्लेषणकर्ता आमंत्रित किए गए हैं. ह्यूमन राइट्स वॉच ने सोमवार (12 जून) को स्क्रीनिंग का ऐलान करते हुए कहा कि वो चाहती कि लोगों को ये पता चले कि डॉक्यूमेंट्री को भारत में बैन कर दिया गया था. एजेंडा आधारित प्रोपेगेंडा है डॉक्यूमेंट्री- मोदी सरकार मोदी सरकार की ओर से बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री को एजेंडा आधारित प्रोपेगेंडा बताया गया था और देश में बैन कर दिया गया था. मोदी सरकार की ओर से कहा गया था कि जब देश के सर्वोच्च न्यायिक संस्थान सुप्रीम कोर्ट ने पीएम मोदी के खिलाफ सभी आरोपों को खारिज कर दिया है तो ये सरकार के खिलाफ प्रोपेगेंडा ही कहा जाएगा. केंद्र सरकार की ओर से यूट्यूब और ट्विटर को डॉक्यूमेंट्री के वीडियो से जुड़े लिंक हटाने के निर्देश दिए गए थे. इसके साथ ही कई यूनिवर्सिटियों के प्रशासन को इसकी स्क्रीनिंग की इजाजत न देने के आदेश दिए गए थे. ...

Senthil Balaji: पीएम मोदी के इस बयान के तुरंत बाद एक्शन में ED, 24 घंटे के भीतर गिरफ्त में सेंथिल बालाजी

नौकरी सरकारी चाहिए तो हर पद के लिए, जैसे होटल में आप खाना खाने जाए और हर चीज का रेट कार्ड होता है, वैसे ही हर पद के लिए रेट कार्ड है। रेट कार्ड बताया गया है ,रेट कार्ड भी कैसा है, छोटे-छोटे गरीबों को लूटा जा रहा है। अगर सफाईकर्मी की नौकरी चाहिए तो उसके लिए ये रेट रहेगा, भ्रष्टाचार में इतना देना पड़ेगा। अगर आपको ड्राइवर की नौकरी चाहिए तो ड्राइवर की नौकरी के लिए ये रेट रहेगा। अगर आपको क्लर्क की नौकरी चाहिए, टीचर की नौकरी चाहिए, नर्स की नौकरी चाहिए तो आपको ये रेट रहेगा। अब सोचिए हर पद के लिए उस राज्य में रेट कार्ड चला करता था। कट मनी का कारोबार चलता था। देश का नौजवान कहां जाएगा, ये स्वार्थी राजनीतिक दल जॉब्स के लिए रेटकार्ड बनाते हैं। कुछ दिन पहले एक और मामला सामने आया कि रेलवे के एक मंत्री ने जॉब के बदले में गरीब किसानों की जमीन लिखवा ली। यह केस भी सीबीआई और कोर्ट में चल रहा है।

पापुआ न्यू गिनी के पीएम जेम्स मारापे कौन हैं? जिन्होंने PM मोदी के पैर छूकर लिया आशीर्वाद.. ऐसा क्यों किया?

पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे एयरपोर्ट पर भारतीय प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए पहुंचे थे और और जब पीएम मोदी फ्लाइट से उतरे, तो दोनों नेता गले लगे। लेकिन, इसके बाद मारापे ने नीचे झुककर पीएम मोदी के पैर छू लिए। ये राजनीतिक शिष्टाचार से काफी दूर की बात है और किसी देश के प्रधानमंत्री का पैर छूना, ये आश्चर्य से परे है, जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। लेकिन, पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री का भारतीय प्रधानमंत्री का पैर छूना बताता है, कि पापुआ न्यू गिनी और प्रशांत क्षेत्र के देश, भारत को किस नजरिए से देखते हैं और भारत से उन्हें क्या उम्मीदे हैं और पीएम मोदी का पैर छूना बताता है, कि इस क्षेत्र में भारत के लिए असीमित अवसर हैं और चीन को पैर जमाने से पहले ही भारत के पास एक बड़ा मौका है। 2. 52 साल के मारापे ने किसी देश के प्रधानमंत्री का पैर छूकर एक उदाहरण बना दिया है, और दुनिया के किसी अन्य नेता के लिए ऐसा नहीं किया है। 3. जेम्स मारापे ने साल 1993 में पापुआ न्यू गिनी विश्वविद्यालय से कला में स्नातक की डिग्री हासिल की। 4. उनके पास पर्यावरण विज्ञान में स्नातकोत्तर ऑनर्स और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री भी है। 5. वह पापुआ न्यू गिनी द्वीप राष्ट्र के 8वें प्रधान मंत्री हैं और अतीत में सरकारों में कई महत्वपूर्ण कैबिनेट पदों पर रहे हैं। 6. उन्होंने पापुआ न्यू गिनी में परिवहन विभाग के लिए संसदीय सचिव के रूप में भी काम किया है, और वो अंतर-सरकारी संबंधों पर संसदीय रेफरल समिति का हिस्सा रहे हैं। 7. उन्होंने 2019 में पीपुल्स नेशनल कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया और फिर पंगु पाटी में शामिल हो गए। 8. गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2020 में, अविश्वास प्रस्ताव के ...