पीली सरसों के तांत्रिक प्रयोग

  1. सरसों की खेती कैसे करे
  2. सरसों
  3. घर के पूजा
  4. रात में सोने से पहले घर में जला लें पीली सरसो, 24 घंटों में दिखेगा चमत्कार » Youth Trend
  5. सरसों के बीज के 8 फायदे और नुकसान
  6. Astrology astrology tricks related to mustard seeds 24547 राहू के प्रकोप से बचाता है पीली सरसों का यह टोटका, जाने और उपाय
  7. सरसों
  8. सरसों के बीज के 8 फायदे और नुकसान
  9. घर के पूजा
  10. सरसों की खेती कैसे करे


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सरसों की खेती कैसे करे

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • सरसों की खेती (Mustard Plant Farming) से सम्बंधित जानकारी सरसों एवं राई की फसल प्रमुख तिलहनी (मूंगफली, सरसों, सोयाबीन) फसलों के रूप में की जाती है | सरसों की फसल को कम लागत में अधिक मुनाफा देने के लिए जाना जाता है | सरसों की खेती को मुख्य रूप से राजस्थान के माधवपुर, भरतपुर सवई, कोटा, जयपुर, अलवर, करोली आदि जिलों में की जाती है | सरसों का उपयोग उसके दानो से तेल निकालकर किया जाता है | हमारे देश में सरसों के तेल का इस्तेमाल अधिक मात्रा में होता है | सरसों के बीजो से तेल के अलावा खली भी निकलती है | जिसे पशु आहार के रूप में इस्तेमाल करते है | इसकी खली में तक़रीबन 2.5 प्रतिशत फास्फोरस, 1.5 प्रतिशत पोटाश तथा 4 से 9 प्रतिशत नत्रजन की मात्रा उपस्थित होती है | जिस वजह से इसे बाहरी देशो में खाद के रूप में भी इस्तेमाल करते है, किन्तु भारत इसे सिर्फ पशु आहार के रूप में उपयोग में लाते है | सरसों के दानो में केवल 30 से 48 प्रतिशत तक तेल पाया जाता है, तथा इसके सूखे तनो को ईंधन के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते है | इस पोस्ट में आपको सरसों की खेती से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है| सरसों के प्रकार ( Mustard Types in Hindi) भारत में मुख्यतः सरसों दो प्रकार की पायी जाती हैं, जो काली सरसों और पीली सरसों के नामों से जानी जाती है, जिसकी किसान भाई मिटटी और मौसम के अनुसार खेत में बुवाई करते है, और अच्छी पैदावार कर सके | अगर सही मायने में देखा जाए तो ज्यादातर किसान काली और भूरी सरसो की खेती करना अधिक पसंद करते है| जिनकी विस्तृत जानकारी इस प्रकार है:- काली सरसो ( Black Mustard) काली सरसों (Black Mustard) गोल आकार के कड़े और पीली सरसों की तुलना में...

सरसों

अनुक्रम • 1 महत्त्व • 2 सरसों की खेती • 2.1 खेत का चुनाव व तैयारी • 2.2 उन्नत किस्में • 2.2.1 समय पर बुआई वाली सिंचित क्षेत्र की किस्में • 2.2.2 संकर किस्में • 2.2.3 असिंचिंत क्षेत्र के लिए किस्में • 2.2.4 अगेती बुआई तथा कम समय में पकने वाली किस्में • 2.2.5 देर से बोई जाने वाली किस्में • 2.2.6 लवणीय मृदा की किस्में • 2.3 उर्वरकों का उपयोग • 2.3.1 थायो युरिया का प्रयोग • 2.3.2 जैविक खाद • 2.4 पौधें का विरलीकरण • 2.5 जल प्रबंधन • 2.6 खरपतवार नियंत्रण • 2.7 कीट एवं रोग प्रबंधन • 2.7.1 सरसों के प्रमुख कीट • 2.8 फसल कटाई • 2.9 फसल मड़ाई (गहाई) • 3 चित्र दीर्घा • 4 सन्दर्भ • 5 बाहरी कड़ियाँ महत्त्व [ ] सरसों के बीज से सरसों की खेती [ ] भारत में खेत का चुनाव व तैयारी [ ] सरसों की अच्छी उपज के लिए समतल एवं अच्छे जल निकास वाली बलुई दोमट से दोमट मिट्टी उपयुक्त रहती है, लेकिन यह लवणीय एवं क्षारीयता से मुक्त हो। उन्नत किस्में [ ] बीज की मात्रा, बीजोपचार एवं बुआई बुआई में देरी होने के उपज और तेल की मात्रा दोनों में कमी आती है। बुआई का उचित समय किस्म के अनुसार सितम्बर मध्य से लेकर अंत तक है। बीज की मात्रा प्रति हेक्टेयर 4-5 किलो ग्राम पर्याप्त होती है। बुआई से पहले बीजों को उपचारित करके बोना चाहिए। बीजोपचार के लिए कार्बेण्डाजिम (बॉविस्टीन) 2 ग्राम अथवा एप्रोन (एस.डी. 35) 6 ग्राम कवकनाशक दवाई प्रति किलो ग्राम बीज की दर से बीजोपचार करने से फसल पर लगने वाले रोगों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। बीज को पौधे से पौधे की दूरी 10 सें.मी. रखते हुय कतारों में 5 सें.मी. गहरा बोयें। कतार के कतार की दूरी 45 सें.मी. रखें। बरानी क्षेत्रों में बीज की गहराई मृदा नमी के अनुसार करें। समय पर बुआई वाली सि...

घर के पूजा

पीली सरसों और कपूर के चमत्कारी उपाय: शास्त्रों और पुराणों के अनुसार घर में सुगंधित धुंआ करना बेहद पवित्र माना गया है। घर के पूजा-मंदिर में पीली सरसों से किया गया खास प्रयोग धन लाभ के लिए बेहद खास माना गया है। ईष्ट देवता को प्रसन्न करने के लिए अधिकांश घरों में आज भी धूपबत्ती, अगरबत्ती या कपूर का धुंआ किया जाता है। पूजन सामग्री का एक आवश्यक अंग कपूर नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए भी उपयोग में लिया जाता है। इसे भी पढ़ें: लेकिन क्या आप जानते हैं कि कपूर और पीली सरसों से किया गया उपाय आपके घर को धन से भर देगा? इनमें से कोई एक उपाय करने से आपके घर धन वर्षा होगी और कभी धन की कमी नहीं होगी।

रात में सोने से पहले घर में जला लें पीली सरसो, 24 घंटों में दिखेगा चमत्कार » Youth Trend

कई बार ऐसा भी होता है जब बैचनी होती है, घर में हस्ते मुस्कुराते आते हैं लेकिन मूड खराब आ हो जाता है। घर में जितनी भी चीजें हैं वो खराब होने लगती हैं। पूजा पाठ करने बैठते हैं तो मन नहीं लगता। तनाव हमेशा बना रहता है, घर में कलह का वातावरण बना रहता है। ऐसे में इसका अर्थ है कि घर में पीली सरसो के अचूक उपाय आपने देखा होगा कि घर में लोग कपूर जलाते हैं। अगर आप इसी कपूर के साथ पीली सरसों जलाएंगे तो आपके घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएगी। आपके घर में धन की दिक्कत नहीं होगी। पीली सरसों का उपयोग शास्त्रों में भी बताया गया है लेकिन आपको ये बात ध्यान रखनी है कि आपको इस चीज का प्रयोग किसी के बुरे के लिए नहीं करना है। अगर किसी को नजर लग गयी है या किसी के ऊपर भूत प्रेत का साया है तो आपको उस शख्स के ऊपर पीली सरसों जलानी चाहिए। इससे बुरी नजर दूर हो जाती है। अगर किसी छोटे बच्चे को नजर लगी है तो आप किसी मिट्टी के बर्तन में लाल मिर्च, अजवाइन, पीली सरसों वार दीजिए और फिर उसे जलाकर उसके धुएं तो छोटे बच्चे को दिखाइए आपकी समस्या दूर हो जाएगी। अगर आपको ग्रहों की परेशानी है तो आपको इसका उपाय करना होगा। आपको अपने राहु ग्रह को ठीक करना है तो आप अपने राहु ग्रह के ऊपर पीली सरसों 7 बार वार करके उसे नदी में यानी कि बहते हुए जल में प्रवाहित कर दीजिए आपको लाभ होगा। सरसो का यह उपाय भी है बेहद असरदार अगर आपका कोई सरकारी काम बहुत देर से नहीं हो रहा है तो इसके लिए भी आप पीली सरसों का उपयोग कर सकते हैं। आप आवडे के दूध में पीली सरसों मिलाकर हवन करना चाहिए इससे आपको मंगल की प्राप्ति होगी। आपको शुभ समाचार मिल सकता है। आपको आज के दिन का खास उपाय भी बता देते हैं। आपको दक्षिण दिशा की ओर मुख करके और हनुमान जी की प्रति...

सरसों के बीज के 8 फायदे और नुकसान

• Facebook • Twitter • Copy Link Mustard Seeds in Hindi — सरसों के नाम से आप सभी अच्छी तरह से वाकिफ होंगे। इसका नाम लेते ही सबसे पहले आपके मन में क्या आता है क्या आप सरसों के तेल के बारे में सोच रहे हैं या फिर सरसों के साग के बारे में। जो भी हो आज हम इस लेख में आपकेा सरसों की बीज अर्थात Mustard Seeds के बारे में बताने जा रहे हैं। सरसों के भारतीय रसोई में बहुत सारे उपयोग होते हैं इसका उपयोग तड़का लगाने, रायता बनाने के साथ ही कई अन्य कामों के लिए भी किया जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि सरसों हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक भी हो सकती है तो जवाब है हाँ। जब इस लेख में आपको सरसों से जुड़ी पूरी जानकारी देने जा रहे हैं जैसे — सरसों के बीज के फायदे, सरसों के बीज क्या हैं, सरसों के बीज के नुकसान, सरसों के बीज के उपयोग, सरसों के उपयोग, सरसों के बीज के फायदे, उपयोग और नुकसान राई के फायदे, सरसों क्या है? Mustard Seeds in Hindi आदि। तो आइये शुरू करते हैं इस लेख को। • • • • • • • • • • • • • • सरसों बीज क्या है? — What is M ustard Seed? सरसों Cruciferae or Brassicaceae परिवार का पौधा है। इसका वैज्ञानिक नाम ब्रेसिका कैंपेस्ट्रिस (Brassica campestris) है। जिसका आकार 1 फुट से करीब 2.8 फुट तक हो सकता है। इसमें पीले रंग के फुल लगते हैं जो बाद में एक फली के रूप बदल जाती है और उसके अन्दर काले—भूरे रंग के बीज होते हैं जिन्हें ही सरसों के बीज या Mustard Seed कहते हैं। इसके बीज से तेज निकालने के अलावा इसकी पत्तियों से सब्जी अर्थात साग बनाया जाता है। सरसों के बीज का उपयोग मसले की तरह भी किया जाता है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी है। इसके बीज के साथ ही इनकी पत्तियां एवं फूल हमारे लिए ...

Astrology astrology tricks related to mustard seeds 24547 राहू के प्रकोप से बचाता है पीली सरसों का यह टोटका, जाने और उपाय

पीली सरसों एक बहुत ही आम चीज हैं लेकिन तंत्र में इसे विशेष स्थान दिया गया है। प्राचीन तंत्र शास्त्रों में पीली सरसों के कुछ ऐसे प्रयोग बताए गए हैं जो अचूक होते हैं और करते ही तुरंत असर दिखाते हैं। हालांकि इन उपायों को कभी भी किसी का बुरा करने के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। तांत्रिक प्रयोगों में अनेकों पदार्थ से अनेक प्रयोग किये जाते हैं। यह अच्छे अथवा बुरे दोनों ही भावनाओं को लेकर हो सकते हैं। अनर्थ करने वाले प्रयोगों से सदैव अपने को बचाकर रखना ही बौद्धिकता है। क्योंकि अनर्थ करने वाला कभी न कभी फल अवश्य भोगता है अपने किये दुष्कर्म का। पीली सरसों का तंत्र में प्रायः प्रयोग किया जाता है। कुछ सरल से उपाय पीली सरसों के बताये जा रहे हैं। अपने बुद्धि और विवेक से सत्क्रर्मों में इनका सदुप्रयोग करें। * अगर किसी व्यक्ति पर भूत, प्रेत आदि हैं तो सरसों के कुछ दाने उसके ऊपर से उसार (वार) कर जला दें, सभी नकारात्मक शक्तियों का असर खत्म हो जाएगा। * तीन अलग-अलग छोटे बर्तनों में तिल, साबुत धनिया तथा साबुत नमक मिलाकर अपने व्यापार स्थल पर रख दें। इससे व्यापार में वृद्धि होने लगेगी और ग्राहकी में साफ असर दिखने लगेगा। * राहु के नक्षत्र में पीली सरसों अपने ऊपर से सात बार वारकर बहते हुए पानी में प्रवाह कर दें। * सरसों के तेल का दीपक जलाकर बैठ जाएँ और ऊँ हौं जूं सःमंत्र की एक माला जप करें। यह नियम चालीस दिन तक दोहराते रहें यदि रोगों में किसी भी दवा का प्रभाव नहीं हो रहा है तो उसे उन्हीं दवाओं से लाभ होने लगेगा। * अगर कोई प्रबल शत्रु आपको बहुत परेशान कर रहा है तो पीली सरसों तथा तेल के दीपक में हल्दी डालकर उसके सामने बैठकर ऊँ बगलायै नमः मंत्र का जप करें। ऐसा लगातार कुछ दिनों तक करने से बड़े से बड...

सरसों

अनुक्रम • 1 महत्त्व • 2 सरसों की खेती • 2.1 खेत का चुनाव व तैयारी • 2.2 उन्नत किस्में • 2.2.1 समय पर बुआई वाली सिंचित क्षेत्र की किस्में • 2.2.2 संकर किस्में • 2.2.3 असिंचिंत क्षेत्र के लिए किस्में • 2.2.4 अगेती बुआई तथा कम समय में पकने वाली किस्में • 2.2.5 देर से बोई जाने वाली किस्में • 2.2.6 लवणीय मृदा की किस्में • 2.3 उर्वरकों का उपयोग • 2.3.1 थायो युरिया का प्रयोग • 2.3.2 जैविक खाद • 2.4 पौधें का विरलीकरण • 2.5 जल प्रबंधन • 2.6 खरपतवार नियंत्रण • 2.7 कीट एवं रोग प्रबंधन • 2.7.1 सरसों के प्रमुख कीट • 2.8 फसल कटाई • 2.9 फसल मड़ाई (गहाई) • 3 चित्र दीर्घा • 4 सन्दर्भ • 5 बाहरी कड़ियाँ महत्त्व [ ] सरसों के बीज से सरसों की खेती [ ] भारत में खेत का चुनाव व तैयारी [ ] सरसों की अच्छी उपज के लिए समतल एवं अच्छे जल निकास वाली बलुई दोमट से दोमट मिट्टी उपयुक्त रहती है, लेकिन यह लवणीय एवं क्षारीयता से मुक्त हो। उन्नत किस्में [ ] बीज की मात्रा, बीजोपचार एवं बुआई बुआई में देरी होने के उपज और तेल की मात्रा दोनों में कमी आती है। बुआई का उचित समय किस्म के अनुसार सितम्बर मध्य से लेकर अंत तक है। बीज की मात्रा प्रति हेक्टेयर 4-5 किलो ग्राम पर्याप्त होती है। बुआई से पहले बीजों को उपचारित करके बोना चाहिए। बीजोपचार के लिए कार्बेण्डाजिम (बॉविस्टीन) 2 ग्राम अथवा एप्रोन (एस.डी. 35) 6 ग्राम कवकनाशक दवाई प्रति किलो ग्राम बीज की दर से बीजोपचार करने से फसल पर लगने वाले रोगों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। बीज को पौधे से पौधे की दूरी 10 सें.मी. रखते हुय कतारों में 5 सें.मी. गहरा बोयें। कतार के कतार की दूरी 45 सें.मी. रखें। बरानी क्षेत्रों में बीज की गहराई मृदा नमी के अनुसार करें। समय पर बुआई वाली सि...

सरसों के बीज के 8 फायदे और नुकसान

• Facebook • Twitter • Copy Link Mustard Seeds in Hindi — सरसों के नाम से आप सभी अच्छी तरह से वाकिफ होंगे। इसका नाम लेते ही सबसे पहले आपके मन में क्या आता है क्या आप सरसों के तेल के बारे में सोच रहे हैं या फिर सरसों के साग के बारे में। जो भी हो आज हम इस लेख में आपकेा सरसों की बीज अर्थात Mustard Seeds के बारे में बताने जा रहे हैं। सरसों के भारतीय रसोई में बहुत सारे उपयोग होते हैं इसका उपयोग तड़का लगाने, रायता बनाने के साथ ही कई अन्य कामों के लिए भी किया जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि सरसों हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक भी हो सकती है तो जवाब है हाँ। जब इस लेख में आपको सरसों से जुड़ी पूरी जानकारी देने जा रहे हैं जैसे — सरसों के बीज के फायदे, सरसों के बीज क्या हैं, सरसों के बीज के नुकसान, सरसों के बीज के उपयोग, सरसों के उपयोग, सरसों के बीज के फायदे, उपयोग और नुकसान राई के फायदे, सरसों क्या है? Mustard Seeds in Hindi आदि। तो आइये शुरू करते हैं इस लेख को। • • • • • • • • • • • • • • सरसों बीज क्या है? — What is M ustard Seed? सरसों Cruciferae or Brassicaceae परिवार का पौधा है। इसका वैज्ञानिक नाम ब्रेसिका कैंपेस्ट्रिस (Brassica campestris) है। जिसका आकार 1 फुट से करीब 2.8 फुट तक हो सकता है। इसमें पीले रंग के फुल लगते हैं जो बाद में एक फली के रूप बदल जाती है और उसके अन्दर काले—भूरे रंग के बीज होते हैं जिन्हें ही सरसों के बीज या Mustard Seed कहते हैं। इसके बीज से तेज निकालने के अलावा इसकी पत्तियों से सब्जी अर्थात साग बनाया जाता है। सरसों के बीज का उपयोग मसले की तरह भी किया जाता है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी है। इसके बीज के साथ ही इनकी पत्तियां एवं फूल हमारे लिए ...

घर के पूजा

पीली सरसों और कपूर के चमत्कारी उपाय: शास्त्रों और पुराणों के अनुसार घर में सुगंधित धुंआ करना बेहद पवित्र माना गया है। घर के पूजा-मंदिर में पीली सरसों से किया गया खास प्रयोग धन लाभ के लिए बेहद खास माना गया है। ईष्ट देवता को प्रसन्न करने के लिए अधिकांश घरों में आज भी धूपबत्ती, अगरबत्ती या कपूर का धुंआ किया जाता है। पूजन सामग्री का एक आवश्यक अंग कपूर नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए भी उपयोग में लिया जाता है। इसे भी पढ़ें: लेकिन क्या आप जानते हैं कि कपूर और पीली सरसों से किया गया उपाय आपके घर को धन से भर देगा? इनमें से कोई एक उपाय करने से आपके घर धन वर्षा होगी और कभी धन की कमी नहीं होगी।

सरसों की खेती कैसे करे

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • सरसों की खेती (Mustard Plant Farming) से सम्बंधित जानकारी सरसों एवं राई की फसल प्रमुख तिलहनी (मूंगफली, सरसों, सोयाबीन) फसलों के रूप में की जाती है | सरसों की फसल को कम लागत में अधिक मुनाफा देने के लिए जाना जाता है | सरसों की खेती को मुख्य रूप से राजस्थान के माधवपुर, भरतपुर सवई, कोटा, जयपुर, अलवर, करोली आदि जिलों में की जाती है | सरसों का उपयोग उसके दानो से तेल निकालकर किया जाता है | हमारे देश में सरसों के तेल का इस्तेमाल अधिक मात्रा में होता है | सरसों के बीजो से तेल के अलावा खली भी निकलती है | जिसे पशु आहार के रूप में इस्तेमाल करते है | इसकी खली में तक़रीबन 2.5 प्रतिशत फास्फोरस, 1.5 प्रतिशत पोटाश तथा 4 से 9 प्रतिशत नत्रजन की मात्रा उपस्थित होती है | जिस वजह से इसे बाहरी देशो में खाद के रूप में भी इस्तेमाल करते है, किन्तु भारत इसे सिर्फ पशु आहार के रूप में उपयोग में लाते है | सरसों के दानो में केवल 30 से 48 प्रतिशत तक तेल पाया जाता है, तथा इसके सूखे तनो को ईंधन के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते है | इस पोस्ट में आपको सरसों की खेती से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है| सरसों के प्रकार ( Mustard Types in Hindi) भारत में मुख्यतः सरसों दो प्रकार की पायी जाती हैं, जो काली सरसों और पीली सरसों के नामों से जानी जाती है, जिसकी किसान भाई मिटटी और मौसम के अनुसार खेत में बुवाई करते है, और अच्छी पैदावार कर सके | अगर सही मायने में देखा जाए तो ज्यादातर किसान काली और भूरी सरसो की खेती करना अधिक पसंद करते है| जिनकी विस्तृत जानकारी इस प्रकार है:- काली सरसो ( Black Mustard) काली सरसों (Black Mustard) गोल आकार के कड़े और पीली सरसों की तुलना में...